मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्यप्रदेश विधानसभा में आज 02 मार्च 2021 को राज्य का बजट प्रस्तुत किया, बजट का संपूर्ण मूल पाठ :
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— Jagdish Devda (@JagdishDevdaBJP) March 2, 2021
बजट भाषण
वर्ष 2021-22
मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्यप्रदेश विधानसभा में आज 02 मार्च 2021 को बजट प्रस्तुत किया।
(एमपीपोस्ट, भोपाल,02 मार्च 2021 )
1. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा सर्वप्रथम, मैं माननीय सदन को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। प्रदेश सरकार के बजट को सदन में प्रस्तुत करने के मिले इस सुअवसर के लिये मैं मंदसौर में विराजित भगवान पशुपतिनाथ के श्री चरणों का स्मरण करता हूँ। कामना करता हूँ कि यह बजट रूपी वृक्ष ‘कल्पवृक्ष’ का रूप लेकर प्रदेश की उन्नति का माध्यम बने। मैं प्रदेश की जनता को नमन करता हूँ जिनका सहयोग व विश्वास हमें संबल, ऊर्जा व उत्साह प्रदान करता है।
2. जगदीश देवड़ा ने कहा हमारी सरकार के बजट प्रस्तावों में प्रदेश को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनाने, जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने, जनसाधारण की आकांक्षाओं को मूर्त रूप देने, योजनाओं व कार्यक्रमों को धरातल पर आकार देने तथा श्रेष्ठ जनशक्ति तैयार करने की व्यवस्था व प्रतिबद्धता समाहित है। हमारी सरकार सोद्देश्यपूर्ण, सामाजिक समरसता व समग्र विकास की व्यूह रचना के साथ आगे बढ़ते हुये प्रदेश की जनता के जीवन में समृद्धि लाने के लिये कटिबद्ध है।
3. जगदीश देवड़ा ने कहा हमारी सरकार को मार्च 2020 में पुन: राज्य की जनता की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ। उस समय हमें एक ओर विरासत में खाली खजाना मिला, और दूसरी ओर कोविड-19 की विश्वव्यापी आपदा की चुनौती हमारे सामने खड़ी थी। इस आपदा से देश व प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां कम हुईं तथा राज्य शासन की राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
4. इन चुनौतियों के बीच हमने दृढ़ता, परिश्रम एवं आशावादिता के साथ कार्य करते हुए कोविड महामारी को नियंत्रित किया एवं अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये अनेक कदम उठाए।
कोविड नियंत्रण
5. जगदीश देवड़ा ने कहा कोविड के रूप में आये अनदेखे, अनजाने संकट ने संपूर्ण दुनिया को हतप्रभ कर दिया था। जन-जीवन व शासन-प्रशासन तंत्र किंकत्र्वयविमूढ़ हो गया था। ऐसी विषम परिस्थितियों में हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री जी द्वारा तत्परता से निर्णय लिये गये। हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री जी ने कार्यभार सम्हालने के साथ ही कोविड महामारी की आपदा में प्रदेश के हर वर्ग, चाहे वे कृषक हो, व्यवसायी हो, श्रमिक हो, गरीब हो, सभी के जीवन-यापन में हुई कठिनाई को कम करने की दिशा में अनेक कार्य किए। प्रतिकूल वित्तीय स्थिति के बावजूद जरूरतमंद वर्ग की सहायता के लिये राशि की कमी आड़े नहीं आने दी गई। उदाहरण के तौर पर किसानों के लिये:
फसल बीमा राशि का भुगतान
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ
खरीफ-2020 की फसलों के नुकसान पर राहत
शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण
गेहूँ, धान, ज्वार, बाजरा, चना, सरसों एवं अन्य फसलों का उपार्जन
बिजली कनेक्शन में अनुदान
अनुसूचित जाति/जनजाति के छोटे कृषकों को निःशुल्क बिजली
आदि योजनाओं में रूपये 86 हजार करोड़ से अधिक का हितलाभ उपलब्ध कराये गये। इसके अतिरिक्त समाज के अन्य वर्गों को भी अनेक योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया गया, जैसे :
विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशनों का अग्रिम भुगतान
प्रवासी श्रमिकों का आवागमन प्रबंधन
प्रवासी मजदूर सहायता योजना
मजदूरों का मनरेगा में पंजीयन तथा रोजगार प्रदान करना
बिजली के बिलों में राहत
स्व-सहायता समूहों को 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण
स्कूल छात्र-छात्राओं को मध्यान्ह भोजन हेतु खाद्य सुरक्षा भत्ता
छात्रवृत्ति भुगतान
प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्त का भुगतान
तेंदूपत्ता संग्राहकों को राशि भुगतान
बैगा, सहारिया एवं भारिया महिलाओं को आहार अनुदान
उक्त योजनाओं में कुल लगभग रुपये 32 हजार करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई।
इस प्रकार इस अवधि में लगभग रुपये 1 लाख 18 हजार करोड़ के हितलाभ विभिन्न योजनाओं में प्रदाय किये गये।
6. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कोविड महामारी का विपरीत प्रभाव आर्थिक क्षेत्र के साथ-साथ जन स्वास्थ्य, सामाजिक एवं व्यक्तिगत जीवन पर भी पड़ा है। हमारी सरकार ने प्रदेश में विकसित स्वास्थ्य तंत्र व सक्षम प्रशासनिक तंत्र के मनोबल व आत्मविश्वास को बनाये रखा। विकट महामारी के नियंत्रण व उपचार के चुनौती एवं जोखिमपूर्ण कर्तव्यों के निर्वहन में हमारे सम्पूर्ण तंत्र ने अपनी श्रेष्ठ सेवायें समर्पित की हैं। मैं इस सदन के माध्यम से उनका आभार व्यक्त करता हूँ।
रुपये 10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था
7. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रेरणादायी नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। मघ्यप्रदेश इसमें अपना समुचित योगदान देगा। मुझे सदन को यह अवगत कराते हुए खुशी है कि कोविड की चुनौती के उपरांत भी हमारी सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों तथा नीतियों के परिणामस्वरुप वर्ष 2021-22 में प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 10 ट्रिलियन रुपए के पार पहुँचने का विश्वास है। यह एक नया कीर्तिमान होगा।
8. हमारी सरकार का मानना है कि ‘बजट’ मात्र आय-व्यय का दस्तावेज नहीं है। यह सरकार की सोच, नीयत, निष्ठा, परिश्रम, समर्पण, इच्छाशक्ति तथा प्रदेश के सर्र्वांगीण विकास की व्याकुलता का प्रतिबिम्ब है। साथ ही यह जनता की आकांक्षाओं एवं सपनों को स्वरूप देता है। अत: हमारी सरकार ने नवाचार कर प्रदेश के बजट को तैयार करने में आम जनता, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों एवं विषय विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त किए तथा बजट निर्माण की प्रक्रिया के दौरान उन पर गंभीरतापूर्वक विचार किया।
9. कोविड से उत्पन्न परिस्थितियों में अर्थव्यवस्था को संबल देने तथा राज्यों के कर एवं गैर-कर राजस्व में कमी की स्थिति पर विचार कर भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना तथा 3 आत्म निर्भर पैकेज की स्वीकृति दी गई। अन्य कदमों के अतिरिक्त इन पैकेज के अंतर्गत राज्य सरकार को प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद के एक प्रतिशत की अतिरिक्त ऋण सीमा प्रदान की गई। साथ ही यह प्रावधान किया गया कि जिन राज्यों में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, व्यवसाय प्रक्रिया का सरलीकरण, नगरीय क्षेत्र सुविधाओं में सुधार तथा उर्जा क्षेत्र में निर्धारित सुधार किये जाते हैं, उन्हें प्रत्येक सुधार के लिए सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण प्राप्त होगा। इस प्रकार इन 4 सुधारों को पूर्ण करने पर राज्य सरकार सकल राज्य घरेलू उत्पाद के एक प्रतिशत की अतिरिक्त ऋण सीमा प्राप्त कर सकती है। इसके अतिरिक्त पूंजीगत कार्यों के लिये रुपए 660 करोड़ की विशेष केन्द्रीय सहायता का प्रावधान किया गया।
10. वित्त मंत्री ने कहा माननीय मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारे खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग एवं ऊर्जा विभाग द्वारा त्वरित रुप से आवश्यक कदम उठाते हुये अपेक्षित सुधार किए गए, जिसके फलस्वरूप हमारी सरकार ने सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 0.90 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण की स्वीकृति प्राप्त की है। हर्ष का विषय है कि दिसम्बर, 2020 तक मध्यप्रदेश के अलावा केवल एक राज्य ने तीन या तीन से अधिक सुधार पूर्ण किये। इसके फलस्वरुप मध्यप्रदेश को पूंजीगत कार्यों के लिए प्रोत्साहन स्वरुप विशेष केन्द्रीय सहायता में पुनः रुपए 660 करोड़ स्वीकृत किये गये। इस प्रकार विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत पूंजीगत कार्यो के लिये मध्यप्रदेश ने कुल रुपए 1 हजार 320 करोड़ के ऋण की स्वीकृति प्राप्त की है। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के लियेे लगभग रुपए 19 हजार 353 करोड़ के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन का प्रावधान किया है।
आत्म निर्भर मध्यप्रदेश
11. माननीय प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत का आव्हान किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु हमारे दूरदर्शी मुख्यमंत्री जी ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की संकल्पना की है। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से हमारी सरकार के माननीय मुख्यमंत्री जी तथा माननीय विभागीय मंत्रिगणों ने वेबिनार के माध्यम से देश व प्रदेश के नीति निर्धारकों, वरिष्ठ प्रशासकों व प्रदेशवासियों से विचार-विमर्श कर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया है।
12. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का ताना-बाना 4 स्तंभों के इर्द-गिर्द बुना गया है। ये स्तम्भ हैं : –
भौतिक अधोसंरचना,
शिक्षा एवं स्वास्थ्य,
अर्थव्यवस्था एवं रोजगार, तथा
सुशासन
इन सभी क्षेत्रों में समय-सीमा में प्राप्त किये जाने वाले लक्ष्यों को आउटकम, आउटपुट, गतिविधियों एवं उप-गतिविधियों में वर्गीकृत किया गया है।
13. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के नियमित अनुश्रवण एवं समीक्षा के लिये आत्मनिर्भर पोर्टल का निर्माण किया गया है। इस प्रकार प्रदेश सरकार का समय, संसाधन, सेवायें – सभी अर्जुन के लिये आंख की भांति एक ही उद्देश्य, एक ही लक्ष्य की ओर केंद्रित हैं, वह है आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण।
14. चारों स्तंभों मे पृथक पृथक नये मिशन प्रारंभ किये जायेगें। इन मिशनों को प्रभावी रुप से समय सीमा में क्रियान्वित करने के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित किये जायेगें।
भौतिक अधोसंरचना
मिशन निर्माण
15. जगदीश देवड़ा वित्त मंत्री ने कहा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए अधोसंरचना का तेज गति से विकास आवश्यक है। अधोसंरचना विकास से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे तथा संतुलित क्षेत्रीय विकास संभव होगा। हमारी सरकार ने अधोसंरचना क्षेत्र में विकास के लिये ठोस लक्ष्य निर्धारित किये हैं।
16. ‘सड़कें’ विकास की गति को पहिये देती हैं। इस वित्तीय वर्ष के बजट प्रस्तावों में लगभग 2 हजार 441 किलो मीटर के नवीन सड़क कार्य तथा 65 नवीन पुल सम्मिलित हैं। रेल्वे क्रासिंग पर दुर्घटनाओं को कम करना एवं यातायात को सुगम बनाना हमारी प्राथमिकता है। इस हेतु आगामी 3 वर्षों में 1 लाख टी. व्ही. यू. (ट्रेन-व्हीकल यूनिट) से अधिक यातायात वाले समस्त रेल्वे फाटकों पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज बनाए जाने का लक्ष्य है। इन बजट प्रस्तावों में 105 रेल्वे ओव्हर ब्रिज सम्मिलित हैं। सड़कों का नियमित संधारण सुनिश्चित करने के लिये चयनित सड़कों को आपरेशन, मेन्टेंनेन्स एवं ट्रान्सफर पद्धति के अन्तर्गत लाया जाएगा।
17. हमारी सरकार द्वारा चंबल अंचल के विकास को द्रुत गति देने के लिये अटल प्रोग्रेस-वे बनाये जाने की कार्यवाही शुरू की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के पूर्वी एवं पश्चिमी क्षेत्रों को जोड़ने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। इन महापथों के दोनों ओर नवीन औद्योगिक व व्यावसायिक गतिविधियों के प्रारंभ होने से इन अंचलो के नागरिकों को स्थानीय रुप से रोजगार व व्यवसाय के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। लोक निर्माण विभाग के लिये वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान रुपए 6 हजार 866 करोड़ का है, जिसे 475 करोड़ से बढ़ाकर वर्ष 2021-22 के लिये रुपए 7 हजार 341 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
18. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा हमारी सरकार ने प्रदेश में सिंचित क्षेत्र का रकबा बढ़ाने की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किये हैं। हम सिंचाई के क्षेत्रफल को निरंतर बढ़ाते हुए आगामी वर्षों में 65 लाख हेक्टेयर तक किए जाने के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य कर रहे है। उपलब्ध जल का अधिकाधिक उपयोग हेतु माइक्रो सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता से क्रियांवित किया जा रहा है। शासन के प्रयासों एवं कुशल प्रबंधन से प्रदेश में निर्मित सिंचाई क्षमता का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। बजट प्रस्तावों में 1 लाख 27 हजार हेक्टेयर की 164 नवीन सिंचाई परियोजनायें सम्मिलित हैं। जल संसाधन विभाग के लिये वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान रुपए 6 हजार 64 करोड़ का है, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2021-22 के लिये रुपए 6 हजार 436 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
19. नर्मदा न्यायाधिकरण के अवार्ड अंतर्गत प्रदेश को आवंटित जल का इष्टतम उपयोग वर्ष 2024 तक किए जाने के प्रयास किए जायेंगें। इस महती कार्य हेतु विभिन्न स्त्रोतों से वित्तीय संसाधन प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट कम्पनी लिमिटेड को वित्तीय रुप से सशक्त करने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2021-22 में रुपए 300 करोड़ अंशपूंजी के रुप में प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है। नर्मदा घाटी विकास विभाग के लिये वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान रुपए 2 हजार 413 करोड़ का है, जिसे 1 हजार 267 करोड़ से बढ़ाकर वर्ष 2021-22 के लिये रुपए 3 हजार 680 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
जल क्रांति
20. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा ग्रामीण महिलाओं को घरेलू उपयोग के जल की व्यवस्था के लिए प्रायः लंबी दूरियां तय करनी पड़ती हैं, इसमें उनका समय व श्रम व्यर्थ होता है। जिस प्रकार हमारी सरकार ने पूर्व कार्यकाल में प्रत्येक ग्राम में बिजली उपलब्ध कराई, उसी प्रकार अब हमने जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रत्येक घर में नल कनेक्शन से जल पहुंचाने का महत्वाकांक्षी संकल्प लिया है। हमें एहसास है कि यह कार्य जटिल है परंतु,
मंजिलें भी जिद्दी हैं, रास्ते भी जिद्दी हैं
हम सफल होंगें क्योंकि हमारे हौसले भी जिद्दी हैं।
21. जल-जीवन मिशन के माध्यम से घरों में नल से जल आपूर्ति की व्यवस्था कर ग्रामीण महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया जायेगा।
22. ग्रामीण जल जीवन मिशन के अंतर्गत लगभग रुपए 5 हजार करोड़ लागत की लगभग 9 हजार 800 एकल ग्राम नलजल योजनाऐं तथा रुपए 6 हजार 128 करोड़ लागत की 4 हजार 428 ग्रामों के लिए 11 समूह नलजल योजनाऐं स्वीकृत की गई है। इन योजनाओं से वर्ष 2020-21 में लगभग 26 लाख तथा वर्ष 2021-22 में लगभग 33 लाख घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है।
23. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पेयजल की सुविधाओं के विस्तार के लिए जल जीवन मिशन (शहरी) प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है।
24. ग्रामीण एवं शहरी जल जीवन मिशन के लिये वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान में कुल रुपए 1 हजार 364 करोड़ का प्रावधान रखा गया था। अब इसे 337 प्रतिशत बढ़ाया जाकर रुपए 5 हजार 962 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
25. हमारी सरकार का यह प्रयास है कि छोटी ग्रामीण बसाहटों में सोलर पंप के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जाये। इस व्यवस्था से पंचायतों का विद्युत व्यय भार कम होगा।
26. अक्टूबर 2020 से हमनें स्कूल एवं आंगनवाड़ियों में नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल प्रदाय करने के लिए 100 दिवसीय अभियान चलाया। इस अभियान के तहत अब तक 15 हजार 700 से अधिक शालाओं और 8 हजार 300 से अधिक आंगनवाड़ियों में नल से जल उपलब्ध कराया जा रहा है।
विद्युत
27. जगदीश देवड़ा ने बताया हमारी सरकार द्वारा पूर्व कार्यकाल में किए गए प्रयासों से अब प्रदेश में विद्युत उपलब्ध क्षमता 21 हजार 361 मेगावॉट हो चुकी है। दिनांक 31 दिसम्बर 2020 को इतिहास में सर्वाधिक 15 हजार 425 मेगावॉट की शीर्ष मांग की पूर्ति की गई। ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा रही है।
28. ऊर्जा विभाग की विभिन्न योजनायें – यथा उपपारेषण प्रणाली सुदृढ़ीकरण, स्मार्ट मीटर, बंद/खराब मीटर को बदला जाना, कृषि प्रधान वितरण ट्रांसफार्मरों का मीटरीकरण, वितरण ट्रांसफार्मरों के फेल होने की दर को कम करना आदि के लिये वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 5 हजार 728 करोड़ का निवेश का कार्यक्रम तैयार किया गया है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा
29.जगदीश देवड़ा ने कहा मुझे सदन को यह अवगत कराते हुये हर्ष है कि विश्व की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में से एक, रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना, में पूर्ण क्षमता से उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। इस उत्पादित ऊर्जा का उपयोग दिल्ली मेट्रो के संचालन में भी हो रहा है। नीमच, शाजापुर, आगर, छतरपुर एवं मुरैना जिलों में 4 हजार 500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क विकसित किए जाने की योजना है। इसके अतिरिक्त ओंकारेश्वर में 600 मेगावाट की विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट विकसित करने की दिशा में कार्यवाही की जा रही है।
30. अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु इस बजट में विशेष ध्यान दिया गया है। पूंजीगत कार्यों के लिये वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान को रुपए 14 हजार 265 करोड़ बढ़ाया जाकर वर्ष 2021-22 में रुपए 44 हजार 152 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य
मिशन बोधि
31.जगदीश देवड़ा ने कहा माननीय अध्यक्ष महोदय, स्कूल शिक्षा, शिक्षा की प्रथम सीढ़ी है एवं जीवन मूल्यों की आधारशिला है। आज की आवश्यकता है कि हमारे विद्यालयों में सर्व सुविधायुक्त अधोसंरचना हो तथा पर्याप्त एवं दक्ष शिक्षक हों। 21वीं सदी के लिये आवश्यक कौशल सभी विद्यार्थी अर्जित कर सकें, इस हेतु स्मार्ट कक्षाऐं, डिजीटल लर्निंग, कंप्यूटर लैब, प्रयोगशाला, व्यावसायिक प्रयोगशाला विद्यालयों में अपेक्षित हैं। साथ ही विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु कला, संगीत, खेलकूद आदि व्यवस्थाएं उपलब्ध होना चाहिए। विद्यालयों से दूर निवासरत विद्यार्थियों के लिये सुरक्षित परिवहन व्यवस्था भी सुनिश्चित होना चाहिए।
32. इसी अवधारणा से हमारी सरकार सी. एम. राइज योजना संचालित करेगी। इस योजना के अंतर्गत 9 हजार 200 विद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। प्रत्येक बसाहट के 15 कि.मी. की परिधि में ऐसा एक विद्यालय उपलब्ध होगा। सी. एम. राइज योजना के प्रथम चरण में 350 विद्यालयों का विकास किया जा रहा है, जिसके लिये वर्ष 2021-22 में रुपए 1 हजार 500 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
33. विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु वर्ष 2021-22 में लगभग 24 हजार 200 पदों पर शिक्षकों की नवीन भर्ती की जाएगी।
34. स्ट्रेंथनिंग टीचिंग लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स (STARS) योजना अंतर्गत पूर्व प्राथमिक शिक्षा कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त योजना में राज्य स्तर पर असेसमेन्ट सेल की स्थापना, स्कूल नेतृत्व प्रशासनिक सुधार, शैक्षिक प्रबंधन एवं स्कूल टू वर्क के कार्यक्रम जो उद्यमशीलता को बढ़ावा देते है, आरंभ किए जाएगें। इस योजना के लिये वर्ष 2021-22 में रुपए 26 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
35. शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु भारत के प्रतिष्ठित संस्थान, जैसे भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) इन्दौर तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गांधी नगर, में स्त्रोत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
36. ग्रामीण विद्यालयों का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण आगामी तीन वर्षों में मिशन मोड में पूर्ण कर लिया जायेगा। सभी हायर सेकेण्डरी एवं हाई स्कूलों में आवश्यक फर्नीचर की पूर्ति आगामी तीन वर्षों में करने का लक्ष्य है। विद्यालयों के संधारण, विद्युतीकरण एवं फर्नीचर प्रदाय के लिये वर्ष 2021-22 में ₹ 319 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
अनुसूचित जनजाति कल्याण
37. वित्त मंत्री ने बताया प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग का कल्याण हमारी सरकार की प्राथमिकता है। जनजाति वर्ग की शैक्षणिक आवश्यकताओं पर हमारी सरकार का विशेष ध्यान है। इस हेतु कन्या साक्षरता योजना, आदिवासी बालिका विज्ञान योजना, विद्यार्थी कल्याण योजना, सैनिक स्कूल में प्रवेश, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, सिविल सेवाओं की परीक्षा हेतु निजी संस्थाओं द्वारा कोचिंग आदि योजनाऐं संचालित है।
38. 33 विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में सुसज्जित कम्प्यूटर लैब तैयार किए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर सूचना प्रौद्योगिकी का ज्ञान हो सके। 24 कन्या परिसरों एवं 04 गुरूकुलम आवासीय विद्यालयों का एकलव्य विद्यालयों में अपग्रेड किया जाकर सी.बी.एस.ई. बोर्ड से संबद्धता की जाएगी।
39. अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के लाभ हेतु विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाईन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अब तक 9 लाख 88 हजार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं।
40. विद्यार्थियों के लिये कक्षा 9वीं से 12वीं की शिक्षा सुलभ करने के उद्देश्य से उनके घर से विद्यालय तक परिवहन व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ की जाना प्रस्तावित है। आगामी सत्र में विकास खण्ड आरुपए नेर जिला बैतूल, पाली जिला उमरिया, बिरसा जिला बालाघाट, झाबुआ जिला झाबुआ, धरमपुरी जिला धार में पायलट योजना को लागू किया जाएगा।
41. ऐसे जिले जिनमें बैगा, सहरिया, भारिया जनजाति समूह निवासरत हैं, उनकी 38 आश्रम शालाओं में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्री-प्रायमरी कक्षाओं का संचालन किया जाएगा।
42. आदिवासी क्षेत्रों की बालिकाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 65 आवासीय कन्या शिक्षा परिसरों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 22 भवनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, शेष 43 भवनों का निर्माण शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा।
43. जनजाति वर्ग के लिये 15 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भवन, 8 क्रीड़ा परिसर, 4 गुरूकुलम विद्यालय, 20 संयुक्त छात्रावास भवन, 202 अन्य छात्रावास भवन तथा 118 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। अब तक लगभग आधे कार्य पूर्ण हो चुके हैं, शेष को शीघ्र पूर्ण किया जाएगा।
44. विशेष पिछड़ी जन जाति के 250 सीट्स के 3 संयुक्त कन्या एवं बालक छात्रावास भवनों का निर्माण किया जा रहा है जिन्हें शीघ्र पूर्ण किया जाएगा। इस वर्ग के लियेे 50 सामुदायिक भवन एवं 5 कौशल विकास केन्द्र का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाएगा।
अनुसूचित जाति कल्याण
45. राज्य के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिये हमारी सरकार निरन्तर प्रयासरत है। अनुसूचित जाति वर्ग की शैक्षणिक आवश्यकताओं के लिए हमारी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन प्रशिक्षण योजना, विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति, परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण, पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, सिविल सेवाओं की तैयारी हेतु दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित संस्थाओं में कोचिंग, ज्ञानोदय विद्यालय आदि योजनाएं निरन्तर संचालित कर रही है। ज्ञानोदय विद्यालयों को सी.बी.एस.ई मापदण्डों के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण
46. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा प्रदेश के पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग के उत्थान के लिये हमारी सरकार प्रतिबध्द है। पिछड़े वर्ग के लिये विभिन्न शिक्षा संबंधी योजनाएं संचालित हैं जैसे राज्य प्री एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, विदेश अध्ययन, संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा प्रोत्साहन योजना, रोजगार प्रशिक्षण, मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार एवं रोजगार प्रशिक्षण।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अध्र्दघुमक्कड़ जाति कल्याण
47. प्रदेश में 51 जातियां विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अद्र्धघुमक्कड़ वर्ग के रूप में घोषित हैं, इन वर्गों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने एवं इनके आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने हेतु शिक्षा, प्रोत्साहन, रोजगार, कौशल विकास, अधोसंरचना निर्माण आदि से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं को निरंतर रखा गया है।
उच्च शिक्षा
48. उच्च शिक्षा को सुलभ, गुणवत्ता-मूलक एवं रोजगार-उन्मुखी बनाना हमारी सरकार का उद्देश्य है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ प्रदेश की उच्च शिक्षण संस्थाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही वोकेशनल और निजी क्षेत्र की इस क्षेत्र में भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। हमारा यह लक्ष्य है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों को नैक (( NAAC) मूल्यांकन में श्रेष्ठ ग्रेड प्राप्त हो सके।
49. शासकीय महाविद्यालयों की अधोसंरचना के उन्नयन हेतु वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान को दो गुना कर वर्ष 2021-22 में रुपए 879 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
50. प्रदेश में खगोल विज्ञान के प्रचार-प्रसार हेतु उज्जैन में क्षेत्रीय विज्ञान उप-केन्द्र कार्य कर रहा है एवं जबलपुर में नया क्षेत्रीय विज्ञान उप-केन्द्र स्थापित किया जायेगा।
51. शिक्षा एवं संबद्ध क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के लिये वर्ष 2021-22 में रुपए 40 हजार 958 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
खेल एवं युवा कल्याण
52. यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि वर्ष 2022 के खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी मध्यप्रदेश को दिए जाने के संबंध में भारत सरकार की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो गई है। खेलो इंडिया अंतर्गत भोपाल में शूटिंग व रोइंग तथा ग्वालियर में हॉकी के लिये सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा देने की स्वीकृति दी गई है।
53. प्रदेश में 18 खेलों के लिये खेल अकादमियां संचालित हैं। हमारी अकादमियों के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक अर्जित कर देश एवं प्रदेश का नाम गौरवान्वित किया है।
54. टोक्यो में आयोजित होने जा रहे ओलम्पिक गेम्स के लिए हमारी शूटिंग खेल अकादमी से 2 खिलाड़ियों ने भारत को ओलम्पिक में कोटा दिलाया है। इसके अतिरिक्त राज्य की खेल अकादमियों के 25 खिलाड़ी ओलम्पिक क्वालिफायर कैम्प में शामिल हैं।
पोषण
55. जगदीश देवड़ा ने कहा माननीय अध्यक्ष महोदय, प्रदेश से कुपोषण को मिटाने और हर किशोरी बालिका, माता और शिशु के लिए पोषण तंत्र को स्थापित करने के उद्देश्य से आवश्यक कार्य किए जा रहे हैं। कुपोषण के निदान के लिए राज्य पोषण नीति तैयार की जा रही है। सुपोषित मध्यप्रदेश की संकल्पना को मूर्तरूप देने हेतु पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं सतत निगरानी हेतु आमजन की भागीदारी में पोषण सरकार की अवधारणा को क्रियान्वित किया जा रहा है।
56. कुपोषण को खत्म करने के उद्देश्य से सामुदायिक सहभागिता के रूप में पोषण मटका कार्यक्रम में खाद्य सहयोग की अपील की गई है। समृद्ध परिवारों से सहयोग लेकर पोषण मटका के माध्यम से 178 टन खाद्य सामग्री जैसे अनाज, दाल, फल-सब्जी आदि, का संग्रहण कर अति-गंभीर कुपोषित बच्चों के परिवार को प्रदाय किया गया है।
57. सभी ग्राम/नगरीय क्षेत्रों में विशेषकर कुपोषित बच्चों के पोषण सुधार हेतु पोषण वाटिका की स्थापना की जा रही है। अब तक 65 हजार 500 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका की स्थापना की चुकी है।
58. हमारी सरकार ने समस्त आंगनबाड़ियों के लिये उपयुक्त भवन उपलब्ध कराने का निश्चय किया है। वर्ष 2021-22 में एक हजार भवनों का निर्माण प्रारंभ किये जाने का लक्ष्य है।
मिशन निरामय
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
59. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क वास करता है, इस अवधारणा के अनुरूप प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। कोविड महामारी को नियंत्रित करने में हमारा प्रदेश अग्रणी रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और प्रबंधन को विश्वस्तरीय गुणवत्ता तक पहुंचाने के लिए हमारी सरकार “”मिशन निरामय”” लागू करेगी।
60. प्रदेश के उप-स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेषज्ञ परामर्श हेतु “”हब एंड स्पोक मॉडल”” के माध्यम से टेलीमेडिसिन सेवाऐं उपलब्ध कराई जा रही है।
कोविड-19 वैक्सीन
61. हमारी सरकार ने कोविड टीकाकरण के कार्य को मिशन के रुप में लिया है। प्रदेश में भारत सरकार से कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन की लगातार आपूर्ति हो रही है। प्रथम चरण में माह जनवरी, 2021 से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का निःशुल्क टीकाकरण प्रारंभ किया जा चुका है। द्वितीय चरण में फ्रंट-लाइन वर्कर्स का नि:शुल्क टीकाकरण माह फरवरी, 2021 में प्रारंभ किया जा चुका है। तृतीय चरण का कार्य 1 मार्च 2021 से प्रारंभ हो चुका है।
चिकित्सा शिक्षा
62. प्रदेश में योग्य एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ाने हेतु विद्यमान चिकित्सा महाविद्यालयों में सीट वृद्धि की जा रही है। इंदौर, भोपाल एवं रीवा चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्ष 2020-21 में 165 एम.बी.बी.एस. सीट की वृद्धि हुई है। वर्तमान में उपलब्ध 2 हजार 35 एम.बी.बी.एस. सीटों को बढ़ाकर वर्ष 2022-23 तक 3 हजार 250 किया जायेगा। 6 नर्सिंग महाविद्यालयों में 390 बी.एस.सी. नर्सिंग सीटों को बढ़ाकर 810 किया जाएगा, तथा 50 एम.एस.सी. नर्सिंग सीटों को बढ़ाकर 320 किया जाएगा।
63. वर्ष 2003 तक प्रदेश में मात्र पांच चिकित्सा महाविद्यालय थे। हमारी सरकार द्वारा वर्ष 2009 में सागर महाविद्यालय प्रारंभ किया गया है। तदोपरांत कुल 7 नये शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय खोले गये हैं एवं 1 निर्माणाधीन है। इसके अतिरिक्त 9 नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय – श्योपुर, राजगढ़, मंडला, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर, दमोह, छतरपुर एवं सिवनी – खोले जाने प्रस्तावित हैं। शीघ्र ही प्रदेश में 23 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कार्यशील होंगे। इसके अतिरिक्त 9 अशासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भी संचालित हैं।
64. जगदीश देवड़ा ने कहा चिकित्सा शिक्षा की चयनित विधाओं जैसे पल्मोनरी मेडिसिन, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, पिडियाट्रिक, पिडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियक मेडिसिन एवं कार्डियक सर्जरी आदि में रीवा, इन्दौर, जबलपुर एवं ग्वालियर में सुपर स्पेशिलिटी विधाओं की स्थापना की जा चुकी है। रेस्पिरेटरी मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक्स एवं ऑप्थेल्मोलॉजी जैसी विधाओं में उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना का कार्य इंदौर, जबलपुर एवं भोपाल में प्रक्रियाधीन है।
65. जबलपुर में स्टेट कैंसर इंस्टीट्युट तथा ग्वालियर में टर्शरी कैंसर केयर शीघ्र कार्य करना प्रारंभ कर देंगे। कैंसर के उपचार हेतु 3 चिकित्सा महाविद्यालयों क्रमश: भोपाल, इंदौर एवं रीवा में लिनेक उपकरणों की पी.पी.पी. मोड पर स्थापना की जानी प्रस्तावित है।
66. चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल एवं ग्वालियर में क्षमता विस्तार कर क्रमशः 1 हजार 498 एवं 1 हजार बिस्तरीय चिकित्सालय का कार्य पूर्णता की ओर हैं। शिवपुरी चिकित्सा महाविद्यालय से संबंद्ध चिकित्सालय का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। भारत सरकार के प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में विशिष्ट चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु ₹ 316 करोड़ की योजना का कार्य प्रगतिरत है।
67. गैस पीड़ितों को प्रतिमाह दी जाने वाली केन्द्रीय पेंशन योजना समाप्त हो जाने पर अब राज्य सरकार स्वयं के स्रोतों से पेंशन उपलब्ध करायेगी। इस हेतु बजट में आवश्यक प्रावधान रखा गया है।
68. स्वास्थ्य एवं संबद्ध क्षेत्र के लिये वर्ष 2021-22 में ₹ 15 हजार 622 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
संस्कृति एवं अध्यात्म
69. वित्त मंत्री ने कहा माननीय मुख्यमंत्री जी का प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने तथा संवारने पर विशेष ध्यान है। वर्ष 2021-22 में संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिये विशेष प्रावधान रखे गये हैं। शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं उनमें नियुक्त पुजारियो एवं सेवादारों के मानदेय की योजनाओं को निरंतर रखा गया है। राम पथगमन अंचल के क्रियान्वयन संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना को पुनः संचालित किया जाएगा।
अर्थव्यवस्था एवं रोजगार
मिशन अर्थ
70. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा हमारी सरकार का यह दृढ़ विश्वास है कि सरकारी नीतियों का सृजन तथा कार्यक्रमों का क्रियान्वयन इस प्रकार किया जाना चाहिये जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़े, रोजगार के नए अवसर निर्मित हों और प्रत्येक नागरिक प्रदेश के विकास में भागीदार बनेे।
कृषि
71. कृषि हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कृषि उत्पादकता बढ़ाए जाने तथा कृषकों को उचित मूल्य दिलाये जाने पर सरकार का विशेष ध्यान है। सदन को यह अवगत कराते हुए मुझे गर्व है कि हमारे प्रदेश के किसानों के अथक प्रयासों से प्रदेश को गेहूँ एवं दलहन उत्पादन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये लगातार 7 बार ‘कृषि कर्मण अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। इस उपलब्धि के लिये मैं अपने किसान भाई-बहनों को बधाई देता हूँ।
72. हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश में किसान सम्मान निधि योजना लागू की है, जिसमें किसानों को वर्ष में ₹ 6 हजार प्राप्त हो रहे हैं। मध्यप्रदेश के लगभग 78 लाख किसानों को अब तक इस योजना में ₹ 8 हजार करोड़ से अधिक राशि प्राप्त हुई है।
73. हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस योजना को टॉप-अप करते हुये प्रदेश में किसान कल्याण योजना प्रारंभ की है, जिसमें किसानों को वर्ष में कुल ₹ 4 हजार प्राप्त होंगे। इस प्रकार दोनों योजनाओं को मिलाकर हमारी सरकार किसानों को वर्ष में रुपये 10 हजार प्रदान करेगी।
74. प्रदेश में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 57 लाख 50 हजार किसानों को ₹ 1 हजार 150 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। शेष किसानों को भी वित्तीय वर्ष 2020-21 में लगभग ₹ 400 करोड़ की राशि का भुगतान किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिये रुपए 3 हजार 200 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
75. कृषि कार्यों हेतु सुलभता से सस्ती ब्याज दर पर 25 लाख किसान क्रेडिट कार्डों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि आधारित उद्यमियों के लिये ऋण व ब्याज भुगतान की अवधि में वृद्धि की गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में निजी पूंजी निर्माण में सहायता हुई है।
76. हमारी सरकार द्वारा पूर्व से ही सहकारी बैंकों से कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में इस योजना के बजट अनुमान को चार गुना से अधिक कर वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिये रुपए 1 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
77. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की कार्ययोजना अनुसार कृषि क्षेत्र के अल्पकालीन कार्यक्रमों के अंतर्गत उथले और मध्यम खड्डों वाली 75 हजार हेक्टेयर भूमि के विकास हेतु विशेष प्रोजेक्ट बनाया जायेगा। फलदार वृक्षों एवं औषधीय पौधो के उत्पादन को बढ़ावा देना, प्रमाणित बीज पैकिंग पर होलोग्राम लगाना अनिवार्य करना, छोटे अनाजों के मूल्य संवर्धन के लिए विशेष योजना क्रियान्वित करना इत्यादि कार्य किये जायेंगे।
78. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर में मृदा एवं क्रियाशील फाइटोसेनेटरी प्रयोगशाला स्थापित की गयी है।
79. मध्यकालिक व दीर्घकालिक कार्यक्रमों के अंतर्गत राज्य स्तरीय कौशल उन्नयन केन्द्र को स्थापित करना, जी.आई.एस. एवं रिमोट सेंसिंग जैसी तकनीक का उपयोग करना, रैज्ड-बेड प्लांटर एवं रिज-फरो प्लांटर जैसे यंत्रों के सहयोग से 15 लाख हेक्टेयर भूमि में रैज्ड-पद्धति का विस्तार, 3 हजार एग्री क्लीनिक एवं एग्री सर्विस केन्द्रों की स्थापना, प्रमाणीकृत जैविक खेती के क्षेत्रफल को बढ़ाकर 4 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने आदि कार्य किये जाना लक्षित हैं।
80. हमारी सरकार ने कार्यभार संभालने के तुरंत पश्चात वर्ष 2018-19 की लंबित फसल बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान किया, जिसके फलस्वरूप लगभग 18 लाख 38 हजार किसानों को 3 हजार 262 करोड़ रूपये की बीमा राशि प्राप्त हो सकी।
81. खरीफ वर्ष 2019-20 के लिये 23 लाख 59 हजार 500 किसानों को रुपए 5 हजार 418 करोड़, की बीमा राशि का भुगतान किया गया। इस तरह हमारी सरकार द्वारा इस कार्यकाल में अब तक लगभग 43 लाख किसानों को ₹ 8 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान फसल बीमा योजना के अंतर्गत किया गया।
82. माननीय अध्यक्ष महोदय, मुझे गर्व है कि प्रदेश के अन्नदाताओं ने कोविड काल की विपरीत परिस्थितियों में भी रिकार्ड उत्पादन किया है। हमारे प्रदेश ने इस वर्ष देश में सर्वाधिक उपार्जन कर कीर्तिमान स्थापित किया है। हमने लगभग 15 लाख 81 हजार किसानों से 1 करोड़ 29 लाख 42 हजार मीट्रिक टन गेंहूॅ का उपार्जन किया। हमने प्रदेश के किसानों को ₹ 24 हजार 833 करोड़ का समय से भुगतान किया।
83. हमने लगभग 5 लाख 86 हजार किसानों से 37 लाख 26 हजार 446 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया, तथा ₹ 6 हजार 935 करोड़ का भुगतान किया। इसके अतिरिक्त लगभग 3 लाख किसानो को चना, सरसो, मसूर खरीदी के लिए लगभग ₹ 3 हजार 959 करोड़ का भुगतान किया गया।
84. किसानों की फसल का उपार्जन सुगमता से हो सके इस उद्देश्य से एक नई योजना – मुख्यमंत्री फसल उपार्जन सहायता योजना लागू करना प्रस्तावित है। इस योजना में राज्य की उपार्जन संस्थाओं, जैसे नागरिक आपूर्ति निगम तथा मार्कफेड को आवश्यकता अनुसार वित्तीय सहायता दी जायेगी। इस योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में रुपए 2 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
सहकारिता
85. राज्य के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के माध्यम से किसानों को फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
86. प्रदेश की लगभग 4 हजार 500 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं (पैक्स) का कम्यूटराईजेशन कराया जा रहा है, जिससे सदस्यों को सुगमता से आवश्यक बैंकिंग सेवाएं एवं समितियों द्वारा प्रदत्त अन्य सुविधायें प्राप्त हो सकेंगी। इससे सहकारी साख संस्थाओं की कार्य प्रणाली वाणिज्यिक बैंकिंग प्रणाली के समान सक्षम हो सकेगी। इस योजना के लिये रुपए 20 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण
87. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत उद्यानिकी नर्सरियों का सुदृढ़ीकरण एवं टिशुकल्चर लैेब सुविधा पर कार्य किया जायेगा। कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों हेतु जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया प्रोटोकॉल स्थापित करना, चिन्हित कृषि उपज मंडियों में फल, सब्जियों की सफाई/ग्रेडिंग/पैकेजिंग और कोल्ड स्टोरेज सुविधायें उपलब्ध कराना आदि कार्य भी किये जायेंगे।
88. प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को प्रोत्साहित करने का कार्य तथा मार्केट लिंकेज और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा विकसित की जायेगी।
पशुपालन
89. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा पशुपालकों के लिये कार्यशील पूंजी की व्यवस्था हेतु प्रदेश के बैंकों द्वारा लगभग 76 हजार किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए गए हैं। युवाओं को पशुपालन के क्षेत्र में आकर्षित करने हेतु नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा ज्ञान पोर्टल तैयार किया गया है।
90. भोपाल में स्थापित इनविट्रो-फर्टिलाइजेशन प्रयोगशाला का लाभ पशुपालकों को मिल रहा है। सार्टेड-सेक्स सीमन प्रयोगशाला से गौवंश के नर पशुओं की संख्या नियंत्रित करने में सहायता होगी। पशुपालकों के लिये घर पहुंच चिकित्सा सुविधा का विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश में प्रथम बार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से दूध एवं दुग्ध पदार्थ तकनीशियन का नया ट्रेड प्रारंभ किया गया है, जिससे डेयरी विकास में गति मिलेगी।
91. गौवंश के संरक्षण हेतु ग्राम पंचायतों के माध्यम से निराश्रित गौवंश के उचित व्यवस्थापन के लिये प्रदेश की 1 हजार ग्राम पंचायतों में 1 हजार गौशालायें स्थापित की जा रही है। इस वर्ष भी 2 हजार 300 से अधिक गौशालायें मनरेगा से स्वीकृत की गई हैं। गौशालायें आत्मनिर्भर बन सकें, इस उद्देश्य से गौ-काष्ठ, सालेज मशीन, पंचगव्य उत्पादन निर्माण हेतु उपकरण, वर्मी पिट, गमला बनाने की मशीन आदि प्रदाय की जा रही हैं। जिला आगर मालवा की तहसील सुसनेर, ग्राम सालरिया में गौ अभ्यारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र संचालित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 4 हजार गौ वंश का संरक्षण हो रहा है।
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास
92. प्रदेश में उपलब्ध 4 लाख 33 हजार हेक्टेयर जलक्षेत्र मे से लगभग 99 प्रतिशत क्षेत्र में मछली पालन किया जा रहा है। प्रदेश के लगभग 1 लाख 75 हजार मछुआरों को दुर्घटना बीमा योजना से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में मत्स्योत्पादन तथा मत्स्य पालकों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य है।
93. कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के कार्यों के लिये वर्ष 2021-22 में रुपए 35 हजार 353 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन
94. भारत सरकार की औद्योगिक नीति – मेक इन इंडिया – के अंतर्गत उद्योगों का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाना लक्षित है। इस दिशा में हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। राज्य में एक ओर छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे रोजगार निर्माण में गति मिले, दूसरी ओर बड़े उद्योगों के प्रदेश में निवेश के लिये सकारात्मक वातावरण तैयार किया जा रहा है।
95. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की परिभाषा को विस्तारित करते हुये क्रमशः रूपये 5 करोड़, रूपये 50 करोड़ एवं रुपए 250 करोड़ तक के टर्न-ओवर की ईकाइयों को इस श्रेणी में लाया गया है। इन ईकाइयों को आर्थिक मजबूती देने के उद्देश्य से ऑटोमेटिक ऋण, अधीनस्थ ऋण एवं मुद्रा ऋण की सुविधायें प्रदान की गई।
96. उद्योग निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से निवेशकों को उद्योग स्थापित करने के लिये किये गये पूंजीगत निवेश पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रोत्साहन राशि के लिये वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान रुपए 680 करोड़ को बढ़ाकर वर्ष 2021-22 के लिये रुपए 1 हजार 437 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
97. स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने एवं अंतराष्ट्रीय बाजार में उनकी ब्राडिंग तथा विपणन हेतु प्रदेश के प्रत्यके जिले का एक विशिष्ट उत्पाद चिन्हित किया गया है।
98. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाने एवं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के कार्यक्रम प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में क्रियान्वित है। स्मार्ट सिटी शहरों में युवाओं के कौशल विकास हेतु स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर का निर्माण किया गया है।
99. वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से युवाओं के लिये स्वरोजगार के नये अवसर सृजित करने के उद्देश्य से एक नवीन योजना – मुख्यमंत्री स्वरोजगार (ब्याज परिदान) योजना प्रारंभ की जाना प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस हेतु रुपए 112 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
100. औद्योगिक क्षेत्रों में सेक्टर विशिष्ट गतिविधियों के लिए औद्योगिक क्लस्टर चिन्हित कर विकसित किए जाऐंगें। औद्योगिक विकास हेतु उपयुक्त क्षेत्रों में भूमि प्रदान करने के लिए भूमि पूलिंग नीति के तहत अधिग्रहण किया जाना प्रारंभ किया गया है। इससे औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने में सुविधा होगी।
101. माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में औद्योगिकीकरण तथा उन्नत तकनीक को बढ़ावा देने के लिये कई कदम उठाये गये हैं। हर्ष का विषय है कि हमारे प्रयासों के फलस्वरुप प्रदेश ने “”ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग – 2019″” में चौथी रैंक अर्जित की है। स्टार्ट यूअर बिजनेस इन थर्टी डेज हमारा लक्ष्य है। इस उद्देश्य से शासकीय विभागों से आवश्यक सम्मतियां एवं अनुमतियां 30 दिवस के अन्दर प्रदान की जायेंगीं।
102. अटल प्रोगेस-वे के मार्ग में औद्योगिक विकास एवं निवेश क्षमता का आंकलन किया जा रहा है। इसी प्रकार नर्मदा एक्सप्रेस-वे से जुड़े क्षेत्रों में नये औद्योगिक पार्क विकसित किए जाने की योजना बनाई जा रही है।
विमानन
103. वित्त मंत्री ने बताया प्रदेश के नागरिकों को सस्ती विमानन सेवा उपलब्ध कराने तथा पर्यटन एवं औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत निजी वैमानिक संस्थाओं द्वारा प्रदेश के शहरों से देश के अन्य शहरों के लिये विमानन सेवायें संचालित की जा रही हैं।
104. प्रदेश की शासकीय हवाई पट्टियों पर पायलट प्रशिक्षण, एयरो स्पोटर्स तथा अन्य उड्डयन गतिविधियों को संचालित करने तथा एयरक्राफ्ट रिसाईकिलिंग, हेलीकॉप्टर अकादमी आदि सुविधायें विकसित करने की योजना है। उड्डयन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु रीवा, दतिया, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, छिन्दवाड़ा, उमरिया, बालाघाट, सागर, गुना एवं सिवनी हवाई पट्टियां निर्धरित शुल्क पर उपयोग करने की अनुमतियां प्रदान की गई है।
पर्यटन
105. मध्यप्रदेश के पर्यटन क्षेत्रों का चहुंमुखी विकास कर विश्व के मानचित्र में मध्यप्रदेश पर्यटन को अग्रणी स्थान दिलाने के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का अनुभव उपलब्ध कराने हेतु होम-स्टे एवं ग्राम-स्टे विकसित किये जा रहे हैं।
106. जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के माध्यम से सप्ताहांत पर्यटन एवं स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। सांस्कृतिक एवं पर्यटन उत्सवों के आयोजन तथा निजी निवेश से पर्यटन स्थलों के विकास एवं संचालन के लिए कार्य किया जा रहा है। पन्ना में डायमंड म्यूजियम स्थापित करने की कार्य योजना बनाई जा रही है।
107. ओरछा और ग्वालियर के ऐतिहासिक महत्व के परिप्रेक्ष्य में यूनेस्को द्वारा की गई ऐतिहासिक शहरी परिदृश्य की ग्लोबल रिकमेंडेशन को लागू करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
108. जटाशंकर, जिला छतरपुर में रोप-वे का निर्माण प्रस्तावित है।
मिशन दक्ष
109. माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत स्थानीय उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित करने हेतु वोकल फॉर लोकल ( Vocal for Local ) का आव्हान किया है। समय की आवश्यकता है कि हम स्थानीय उत्पादों को अपनायें। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को संबल मिलेगा तथा रोजगार के अतिरिक्त अवसर उत्पन्न होंगे। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अन्तर्गत इस भावना को मूर्तरूप दिया जा रहा है।
110. स्वरोजगार योजनाओं में वित्त पोषित ऐसी नवीन इकाइयां जो उपभोक्ता सामग्री का उत्पादन कर रही हों, को विन्ध्यावैली ब्रांड से जोड़े जाने का लक्ष्य है। दैनिक उपयोग के अनेक उत्पादों को सम्मिलित करते हुये विन्ध्यावैली ब्रांड को विस्तारित किया गया है। प्रदेश के हाथकरघा, हस्तशिल्प, कुटीर एवं परंपरागत ग्रामोद्योग के उत्पादों को ई-कामर्स प्लेटफार्म से जोड़ने हेतु विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। हाथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों के ब्रांड मृगनयनी, खादी एवं ग्रामोद्योगों के ब्रांड कबीरा एवं विन्ध्यावैली को ई-कामर्स प्लेटफार्म से जोड़ा गया है।
111. माननीय अध्यक्ष महोदय, कोविड महामारी ने शहरी पथ विक्रताओं के व्यवसाय को गंभीर क्षति पहुंचाई है। भारत सरकार ने ऐसे विक्रेताओं की सहायता हेतु प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना (पी.एम. स्वनिधि) प्रारंभ की है। इस योजना में रुपए 10 हजार के बैंक ऋण पर 7 प्रतिशत ब्याज भुगतान भारत सरकार द्वारा दिया जाता है। हमने निर्णय लिया है कि 7 प्रतिशत के ऊपर शेष ब्याज भुगतान, जो हितग्राही द्वारा किया जाना अपेक्षित है, का भुगतान हितग्राही के बजाय राज्य सरकार करेगी।
112. इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पथ विक्रेता व्यवसायियों की सहायता हेतु हमारी सरकार ने “मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ व्यवसायी उत्थान योजना” प्रारंभ की है। इस योजना के अन्तर्गत हितग्राहियों द्वारा देय संपूर्ण ब्याज की राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा।
113. प्रदेश में अब तक लगभग 2 लाख 69 हजार शहरी पथ विक्रेताओं तथा लगभग 1 लाख 31 हजार ग्रामीण पथ विक्रेताओं को लाभान्वित किया गया है। पी.एम. स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में हम देश में प्रथम तीन राज्यों में हैं।
तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार
114. वित्त मंत्री ने सदन को बताया की रोजगार सृजन की दृष्टि से कौशल विकास व तकनीकी शिक्षा हमारी प्राथमिकता है। मध्यप्रदेश कौशल विकास परियोजना अंतर्गत ग्लोबल स्किल्स पार्क का एक अंश सिटी कैंपस के रूप में गोविन्दपुरा भोपाल, में स्थापित किया गया है। इस पार्क में प्रीसिजन इंजीनियरिंग क्षेत्र में एक वर्षीय कोर्स संचालित किया जा रहा है। इसमें प्रतिवर्ष प्रदेश के आई.टी.आई., पोलीटेक्निक तथा इंजीनियरिंग कालेजों से उत्तीर्ण 240 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिये जाने का लक्ष्य है।
115. प्रदेश के 2 इंजीनियरिंग कॉलेज तथा 5 पॉलिटेक्निक कॉलेज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। भारत सरकार की स्ट्राईव योजनांतर्गत प्रदेश की 20 शासकीय आई.टी.आई. का चयन हुआ है। प्रदेश की 10 संभाग स्तर की आई.टी.आई. को मेगा आई.टी.आई. के रूप में संचालित करने के उद्देश्य से वृहद स्तर पर अधोसंरचनात्मक सुधार किया जायेगा।
खनिज
116. राजस्व वृद्धि के उद्देश्य से नवीन रेत नीति के अंतर्गत ई-टेण्डर प्रक्रिया से खदान आवंटन की पारदर्शी व्यवस्था संचालित की जा रही है। रेत खदानों के संचालन से रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे तथा निर्माण कार्यों के लिये रेत की उपलब्धता सुलभ हो सकेगी। इससे प्रदेश को प्रतिवर्ष लगभग ₹ 1 हजार 400 करोड़ का राजस्व भी प्राप्त होना अनुमानित है। हमारी सरकार ने गौण खनिज नियमों में संशोधन कर 31 गौण खनिजों के लिये निजी भूमि पर भूमि स्वामी अथवा उसके सहमति-धारक को अधिकतम 20 हेक्टेयर क्षेत्र का उत्खनन पट्टा आवेदन के आधार पर स्वीकृत करने का प्रावधान किया है।
ग्रामीण विकास
मिशन ग्रामोदय
117. वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा प्रदेश की लगभग 72 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च स्तर की अधोसंरचना उपलब्ध कराना तथा रोजगार के अवसर उत्पन्न कर ग्रामीण आमदनी को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सामान्य क्षेत्र के 500 एवं आदिवासी क्षेत्र के 250 से अधिक आबादी की बसाहटों जो सड़क मार्ग से जुड़ी हुई नहीं है, को बारहमासी डामरीकृत सड़कों से जोड़ा जाना लक्षित है। उल्लेखनीय है कि सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता एवं लंबाई की दृष्टि से देश में प्रदेश अग्रणी है। इस योजना में वर्ष 2020-21 में लगभग 2 हजार 92 किलोमीटर सड़क एवं 208 वृहद पुलों का निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में लगभग 5 हजार 200 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का निर्माण किये जाने का लक्ष्य है।
118. सामान्य क्षेत्र में 500 से कम एवं आदिवासी क्षेत्र के 250 से कम आबादी के ग्रामों की बारहमासी एकल सम्पर्कता की उपलब्धता के उद्देश्य से प्रारंभ मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में विश्व बैंक एवं एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक की सहायता से ग्रेवल मार्गों का डामरीकरण किया जा रहा है। इस वर्ष 1 हजार किलोमीटर से अधिक ग्रेवल सड़कों का डामरीकरण पूर्ण कराया जा रहा है। योजनान्तर्गत वर्ष 2021-22 में लगभग 800 किलोमीटर सड़क डामरीकरण एवं 250 किलोमीटर दोहरी संपर्कता के नवीन मार्गों के निर्माण का लक्ष्य है।
119. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में 3 लाख 80 हजार परिवारों को 33 हजार महिला स्व-सहायता समूह से जोड़ा गया है। जहां वर्ष 2019-20 में समूहों को बैंक से मात्र रुपए 297 करोड़ का वित्त पोषण किया गया, वहीं वर्ष 2020-21 में अब तक लगभग चार गुना बढ़ाकर रुपए 1 हजार 165 करोड़ का वित्त पोषण किया जा चुका है। 66 हजार 592 ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण एवं रोजगार मेलों के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं।
120. प्रदेश के सभी ग्रामों की ओ.डी.एफ. स्थिति को बनाये रखने के लिये स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण प्रारंभ किया गया है, जिसके तहत व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक स्वच्छता परिसर, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन आदि कार्य कराये जायेंगे।
121. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश में 18 लाख 18 हजार आवास निर्मित किये जा चुके हैं तथा 6 लाख आवास निर्माणाधीन हैं।
122. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में वर्ष 2019-20 में 8 लाख नये श्रमिकों को जोड़ा गया था। वर्ष 2020-21 में श्रम सिद्धि अभियान के अन्तर्गत 37 लाख नये श्रमिकों को जोड़ा गया। इस वर्ष 59 लाख 12 हजार जॉब कार्डधारी परिवारों द्वारा 31 करोड़ 44 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया, तथा मजदूरी एवं सामग्री मद में कुल रूपये 7 हजार 800 करोड़ से अधिक भुगतान किया गया।
नगरीय विकास एवं आवास
मिशन नगरोदय
123. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया की हमारी सरकार नगरीय क्षेत्र के विकास के लिये दृढ़-संकल्पित है। नगरीय निकायों को वर्ष 2020-21 में दी जा रही चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि को रुपए 560 करोड़ बढ़ाया जाकर वित्तीय वर्ष 2021-22 में रुपए 3 हजार 600 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
124. वित्तीय वर्ष 2021-22 में हाउसिंग फॉर ऑल योजना के लिये रुपए 1 हजार 500 करोड़, अमृत योजना अंतर्गत सीवरेज एवं जल प्रदाय कार्यों के लिये रुपए 1 हजार करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चयनित शहरों के विकास हेतु रुपए 900 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
125. भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना को गति देने के लिये वर्ष 2021-22 में रुपए 262 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
126. इन्दौर एवं भोपाल ने बेहतर नागरिक सुविधाएं प्रदान कर स्वच्छता के क्षेत्र में क्रमशः भारत के सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ शहर एवं सर्वश्रेष्ठ स्व-संवहनीय स्वच्छ राजधानी होने का गौरव प्राप्त किया है। अन्य नगरों द्वारा भी अच्छा प्रदर्शन किया गया, जिससे प्रदेश की समेकित रैंकिंग में सुधार आया है।
127. हमारी सरकार प्रदेश के नगरों में ए.डी.बी., विश्व बैंक, के.एफ.डब्ल्यू., यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक एवं न्यू डव्हल्पमेंट बैंक जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त कर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों अनुसार यातायात, पेयजल एवं सीवरेज जैसी अधोसंरचना उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है।
128. शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने हेतु अनेक नवाचार किये गये हैं, जैसे भूमिहीन परिवारों को आवास हेतु नगरीय निकायों को मिश्रित भू-उपयोग हेतु भूमि उपलब्ध कराना, नगरीय निकायों से समन्वय कर हितग्राहियों को सुगमतापूर्वक ऋण उपलब्ध कराना तथा गरीब निर्माण श्रमिकों को ₹ 1 लाख तक के अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था करना। हाउसिंग फॉर ऑल योजना के अंतर्गत इन्दौर में लाईट हाउस प्रोजेक्ट तैयार किया गया है जिसमें नवाचार तकनीक से आवासों का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 1 जनवरी, 2021 को किया गया है।
129. मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत प्रदेश के नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास के कार्य किये जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा जारी सिटी स्मार्ट रैंकिंग में हाल में भोपाल स्मार्ट सिटी को प्रथम स्थान तथा प्रदेश को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।
वन
130. वित्त मंत्री ने बताया प्रदेश में बिगड़े वनों का एक बड़ा क्षेत्रफल है जिसमे सुधार होने से न केवल वनवासियों की आय बढ़ेगी बल्कि हमारा हरित क्षेत्र भी बढ़ेगा। बिगड़े वनों के प्रबंधन मे समुदाय की भागीदारी आवश्यक है। इस हेतु लगभग 5 हजार संयुक्त वन प्रबंध समितियों को अगले तीन वर्षों में सक्रिय किया जाएगा। इन क्षेत्रों की सूक्ष्म वन प्रबंधन योजना तैयार की जाकर विदोहन के कार्य में हुये लाभ को इन समितियों से साझा किया जाएगा।
131. प्रदेश की अनुसूचित जनजाति आबादी के आय का एक प्रमुख जरिया महुआ, चिरोंजी जैसे लघु वनोपज है। संग्रहण कार्य में सीमित आय होती है। स्थानीय समाज को लघु वनोपज का बेहतर मूल्य मिले, इस हेतु उन्हें प्रसंस्करण गतिविधियों से जोड़ा जाना आवश्यक है। इस उद्देश्य से 13 जिलों में 86 स्थानों पर वन धन केन्द्र का विकास किया जा रहा है।
132. प्रदेश के वन्य प्राणी पर्यटन का देश में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसे और आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश के चार नेशनल पार्क – कान्हा, बांधवगढ़, पेंच ओर सतपुड़ा में बफर में सफर तथा नाईट सफारी की सुविधा प्रारंभ की गई हैं। इससे न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
सुशासन
मिशन जन-गण
133. राज्य के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सदन को बताया माननीय अध्यक्ष महोदय, आम जनता को नागरिक सेवाएं, संवेदनशीलता, पारदर्शिता एवं सहजता से समय-सीमा में प्राप्त हो जाएं, यही ‘सुशासन’ है। सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय का ध्येय हमारी सरकार के लिये सर्वोपरि है।
लोक सेवा प्रबंधन
134. मध्यप्रदेश, देश का प्रथम राज्य है जहां नागरिकों को अधिसूचित सेवाऐं प्रदाय करने की कानूनी गारंटी दी गई है। इस हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम प्रभावशील है। प्रदेश के सभी जिलों एवं तहसील स्तर पर कुल 426 लोक सेवा केन्द्र पी.पी.पी. मॉडल पर संचालित हैं। अधिनियम के अंतर्गत 550 सेवाऐं अधिसूचित की जा चुकी है। लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से 258 सेवाऐं ऑनलाईन प्रदाय की जा रहीं है। अब तक 7 करोड़ 27 लाख से अधिक आवेदनों का निराकरण किया गया है।
135. लोक सेवा गारंटी कानून में संशोधन कर “”मान्य-अनुमोदन (डीम्ड एप्रूवल)”” का प्रावधान किया गया है। अब चिन्हित सेवायें प्राप्त करने संबंधी आवेदन यदि तय समय-सीमा में निराकृत न हों तो नागरिकों को पोर्टल से स्वतः ऐसी सेवा/प्रमाण-पत्र प्राप्त हो जायेंगें।
136. माह दिसम्बर, 2020 में 181 सी.एम. जनसेवा योजना का शुभारंभ किया गया है। अब कोई भी नागरिक टोल फ्री नंबर 181 पर कॉल कर आय एवं मूल निवासी प्रमाण-पत्र, खसरा, खतौनी एवं नक्शा मोबाइल फोन के माध्यम से प्राप्त कर सकता है।
137. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तकनीक के बेहतर उपयोग से प्रदेश में नागरिक सेवाऐं प्रदान करने के लिए निरंतर अभिनव प्रयास किए जा रहे है। इसी क्रम में “एकत्व” कार्यक्रम के अंतर्गत एकल नागरिक डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे शासकीय सेवाओं के प्रदाय में बार-बार नागरिकों से दस्तावेज मांगने की आवश्यकता नहीं होगी। वर्ष 2021 के शासकीय कैलेण्डर एवं डायरी को डिजिटल रूप से जारी किया गया। ई-आफिस के माध्यम से कोविड की परिस्थितियों में शासकीय कार्य सुचारू रूप से संपन्न किया गया है। माननीय अध्यक्ष महोदय, यह बजट सदन में डिजिटल पद्धति से प्रस्तुत किया जा रहा है। मेरे संबोधन के पश्चात यह बजट एम.पी. शासकीय डायरी एप में भी उपलब्ध हो जायेगा। ये सभी प्रयास पेपरलेस सरकार की अवधारणा की ओर एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
138. “परिचय” कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त नागरिक सेवाओं को एकीकृत कर एक ही पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा।
सम्मान एवं मुस्कान अभियान
139. मंत्री श्री देवड़ा ने कहा प्रदेश की महिलाओं के लिये भयमुक्त वातावरण निर्मित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। अब इसे एक मिशन के रूप में क्रियान्वित करने का संकल्प है। इस दिशा में प्रत्येक जिले में एक महिला पुलिस थाना प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। सामाजिक जन चेतना के माध्यम से भी महिला अपराधों पर अंकुश लगाने का काम किया जाएगा, जिसके लिए सम्मान अभियान प्रारंभ किया गया है।
140. निर्भया फंड से महिलाओं के सम्मान एवं सुरक्षा के बारे में जागरूकता लाने के लिये सेफ सिटी कार्यक्रम के अन्तर्गत कार्य किया जा रहा है। इसकी वार्षिक थीम का विषय है -“”लड़कियों व महिलाओं के प्रति सम्मान पूर्वक नजरिये व व्यवहार को बढ़ावा देना तथा छेड़छाड़ मुक्त शहर का निर्माण करना””।
141. बच्चों का घर से लापता होना एक गंभीर चिंता का विषय है। हमारी सरकार ऐसे लापता बच्चों को उनके घर वापस लाने के लिए मुस्कान अभियान चला रही है।
कानून व्यवस्था
142. माननीय मुख्यमंत्री जी का दृढ़-संकल्प है कि माफियाओं से प्रदेश को मुक्त कराकर शांति व शुचिता का वातावरण बनाया जाये। इस हेतु प्रदेश में माफिया तत्वों के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है। भू-माफियाओं द्वारा गैर कानूनी रूप से किये गये कब्जे की लगभग 3 हजार 300 एकड़ से अधिक शासकीय भूमि मुक्त कराई गई है, जिसका अनुमानित मूल्य रूपये 8 हजार 800 करोड़ से अधिक है। यह अभियान निरंतर चलाया जायेगा।
143. हम प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द एवं सामाजिक सद्भाव का वातावरण सुनिश्चित करने के लिये दृढ़-संकल्पित हैं। हमारी सरकार द्वारा कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिये पुलिस बल को कानूनी एवं तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा रहा है। कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये आवश्यक मानव संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश में लगभग 4 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करना लक्षित है।
144. प्रदेश की जनता को आपातकालीन पुलिस सहायता तुरंत मिले, इस हेतु डायल 100 मोबाईल एप लांच किया गया है। डायल 100 कॉलसेंटर मे कॉलर्स की लोकेशन बेस्ड सिस्टम स्थापित किया गया है। समस्त डायल 100 वाहनों से संपर्क हेतु रेडियो ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल की स्थापना की गई है।
145. नागरिकों को त्वरित पुलिस सहायता पहुँचाने, उनकी बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने, राजमार्गों पर दुर्घटना प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता देने के उद्देश्य से डायल-100 तथा सी.सी.टी.व्ही. सर्विलेंस व्यवस्था को और प्रभावी किया जावेगा। अपराध एवं अपराधियों पर बेहतर नियंत्रण के लिये उपलब्ध तकनीकों-सी.सी.टी.एन.एस. एवं सी.सी.टी.व्ही. तथा डायल-100 को एकीकृत किया जावेगा। अपराध नियंत्रण में फेस रिकग्नीशन तथा व्हीकल डिटेक्शन तकनीकों का इस्तेमाल किया जावेगा।
146. देश के लिये एक ही इमरजेंसी नंबर, 112, निश्चित किया गया है। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का नंबर 108 एवं पुलिस आपातकालीन सेवा का डायल 100 का 112 से इंटीग्रेशन किया गया है। अग्निशमन सेवाओं का 112 से इंटीग्रेशन का कार्य प्रक्रियाधीन है।
147. अधोसंरचना कार्यों के अंतर्गत 34 शहरी थाने, 220 अद्र्धशहरी एवं ग्रामीण थाने एवं 199 नवीन पुलिस चौकियों के निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।
148. पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा उनके परिवार को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए भोपाल में पुलिस चिकित्सालय का निर्माण शीघ्र ही प्रारंभ किया जाएगा। पुलिस कर्मियों के उपचार संबंधी मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत चिकित्सा प्रतिपूर्ति मद में रुपये 20 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। पुलिस कर्मियों को उपयुक्त आवासीय व्यवस्था उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से 25 हजार आवास गृहों का निर्माण कार्य चरण बद्ध तरीके से कराया जा रहा है।
खाद्य सुरक्षा
149. वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने बताया की हमारी सरकार राशन कार्डधारियों को सहजता से राशन उपलब्ध कराने के लिये निरन्तर प्रयासरत है। इस दिशा में हमने प्रदेश में वन नेशन-वन राशनकार्ड व्यवस्था लागू की है। अब कोई भी पात्र हितग्राही प्रदेश की किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है। इसके साथ ही अब मध्यप्रदेश का कोई भी पात्र परिवार देश के 30 अन्य राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है।
150. आधार आधारित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (AePDS) के अंतर्गत पात्र परिवारों का बायोमेट्रिक सत्यापन की व्यवस्था है। इससे कई वृद्धजन एवं नि:शक्तजन को कठिनाई हो रही थी, जिसे ध्यान में रखते हुए उनके द्वारा अधिकृत व्यक्ति को राशन प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। वर्तमान में लगभग 3 लाख परिवार प्रतिमाह इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
151. उपभोक्ताओं को अपनी राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु अधिक दूरी तय न करना पड़े इस हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत पर उचित मूल्य की दुकान खोली जाना लक्षित है। नवीन दुकान आंवटन में एक तिहाई दुकानें महिला संस्थाओं को देने का प्रावधान है।
न्याय व्यवस्था
152. प्रदेश की जनता को सुगमता तथा समय से न्याय मिल सके इस हेतु अनेक कदम उठाये गये हैं। विधिक सेवा प्राधिकरण तथा लीगल क्लीनिक के माध्यम से प्रदेश के गरीब एवं असहाय नागरिकों को न्यायालयीन प्रकरणों में नि:शुल्क एवं उपयुक्त विधिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाए जाने के लिए ऑल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजोल्यूशन (ए.डी.आर.) केन्द्रों का उन्नयन किया जाएगा।
व्यवसायियों को राहत एवं प्रोत्साहन
153. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा वाणिज्यिक करों के लंबित विवादों से व्यवसायियों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बकाया समाधान योजना लागू की गई। इस योजना के अंतर्गत माह जनवरी, 2021 तक कुल 22 हजार 517 आवेदन प्राप्त हुए एवं रुपये 146 करोड़ 52 लाख की कर राशि जमा कर पात्र प्रकरणों में राहत दी गई।
154. डीजल, पेट्रोल के अनेक व्यवसायियों द्वारा जीएसटी के तहत पंजीयन करा लिया गया था, पंरतु भूलवश वैेट अधिनियम के तहत पंजीयन नहीं कराया, जिसके कारण दोहरे करारोपण की स्थिति निर्मित हुई । वैट अधिनियम में संशोधन कर यह सुनिश्चित किया गया कि उपभोक्ताओं पर दोहरा करारोपण न हो।
155. प्रदेश में पूर्व से प्रचलित भामाशाह योजना को जी.एस.टी. व्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में नये स्वरुप में लाया जाकर राजस्व संग्रहण में उल्लेखनीय योगदान करने वाले व्यवसायियों को प्रोत्साहित किया जायेगा।
पंजीयन
156. नगरीय क्षेत्रों में संपत्ति के नामांतरण सुगमता से हों, इसलिये संपदा साफ्टवेयर द्वारा नगरीय क्षेत्रों की संपत्ति के पंजीयन संबंधी दस्तावेजों की जानकारी प्रतिदिन नगरीय निकायो से ऑन-लाइन साझा की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित भूमि के पंजीयन की जानकारी पूर्व से ही राजस्व विभाग के पोर्टल से साझा कर नामांतरण की कार्यवाही की जा रही है।
वसुधा
157. वित्त मंत्री ने बताया प्रदेश के किसानों एवं अन्य खाताघारकों के लिये कुशल भू-अभिलेख प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। इस हेतु राजस्व प्रशासन में क्रांतिकारी सुधार किये जा रहे हैं। समय-सीमा तथा सुगमता से कार्य करने के लिये आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। भूमि का ऑन-लाइन डायवर्सन, वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने के लिये भूमि को बंधक रखे जाने की कार्यवाही, भू-अभिलेख की नकल, किसान एप के माध्यम से स्वयं किसानों द्वारा अपनी फसलों की प्रविष्टि तथा भू-अर्जन की कार्यवाही का आनलाईन संपादन आदि कार्य प्रारंभ किये गये हैं। सीमांकन प्रक्रिया को सरल एवं त्रुटिहीन करने के लिए संपूर्ण प्रदेश में कन्टीन्यूयस ऑपरेटिंग रिफ्रेंस स्टेशन (कॉर्स) नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
158. लगभग 3 करोड़ 5 लाख भू-अभिलेखों को डिजिटाइज कर ऑनलाईन किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में लगभग 15 करोड़ राजस्व दस्तावेजों को ऑनलाईन करने का कार्य प्रगतिरत है।
शासकीय सेवक कल्याण
159. हमारी सरकार सदैव कर्मचारी हितैषी रही है। शासकीय सेवकों को उनके सम्पूर्ण सेवाकाल में तीन उच्चतर वेतनमान प्राप्त करने के निश्चित अवसर प्रदान किये गये हैं। इसके अतिरिक्त कई कल्याणकारी योजनायें भी लागू की गई हैं।
160. हमारी सरकार ने शासकीय सेवकों के लिये सातवां वेतनमान लागू किया था। इस वेतनमान से संबंधित एरियर्स की तृतीय व अंतिम किस्त के भुगतान के लिये माह नवम्बर में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा एरियर्स की 25 प्रतिशत राशि जारी करने का आदेश दिया था। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया था कि शेष 75 प्रतिशत राशि का भुगतान वित्तीय वर्ष 2020-21 में किया जायेगा। इस संबंध में आदेश शीघ्र जारी किये जायेंगे।
161. राष्ट्रीय पेंशन योजना के अभिदाताओं द्वारा एवं राज्य शासन द्वारा, अभिदाताओं के मूल वेतन एवं मंहगाई भत्ते के योग का दस-दस प्रतिशत, इस प्रकार कुल 20 प्रतिशत राशि, अभिदाताओं के पेंशन योजना के खाते में जमा की जा रही है। भारत शासन द्वारा अपने कर्मचारियों के लिये नियोक्ता अंशदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया है। राज्य सरकार अपने नियोक्ता अंशदान की वृद्धि के संबंध में शीघ्र निर्णय लेगी।
मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट प्रस्तुत करते हुए सदन को अवगत कराया की
पुनरीक्षित अनुमान 2020-21 इस प्रकार है।
162.पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां रुपए 1 लाख 37 हजार 169 करोड़ तथा राजस्व व्यय रुपए 1 लाख 58 हजार 545 करोड़ अनुमानित है। इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण राज्य शासन की राजस्व प्राप्तियों में पिछले वर्षों की तुलना में भारी गिरावट देखी गई है, जिस कारण से राजस्व आधिक्य रखा जाना संभव नहीं है। राजस्व घाटे का पुनरीक्षित अनुमान रुपए 21 हजार 376 करोड़ अनुमानित है जो कि जी.एस.डी.पी. का 2.25 प्रतिशत होगा। राजस्व घाटा होने के संबंध में एफ.आर.बी.एम. अधिनियम की अपेक्षा अनुसार मैं एक वक्तव्य सदन के समक्ष पृथक से प्रस्तुत करूंगा।
163.वित्तीय संसाधनों की कमी को देखते हुये भारत सरकार द्वारा अतिरिक्त ऋण लेने की सीमा स्वीकृत की गई है, जिसमें प्रदेश शासन को राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा 3 प्रतिशत के ऊपर, विशेष केन्द्रीय सहायता के रुपए 1 हजार 320 करोड़ सहित कुल अतिरिक्त ऋण सीमा रुपए 19 हजार 353 करोड़ स्वीकृत की गई है।
164.उपरोक्त सीमा के अतिरिक्त जी. एस. टी. क्षतिपूर्ति के लिए सेस प्राप्ति में कमी होने को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार ने क्षतिपूर्ति अनुदान के एवज में रुपए 4 हजार 542 करोड़ की अतिरिक्त ऋण स्वीकृत करने की सहमति दी है। इस अतिरिक्त ऋण के मूल एवं ब्याज का पुर्नभुगतान, भविष्य के उपकर संग्रहण की प्राप्त होने वाली राशियों में से समायोजित होगा, परिणामतः राज्य के संसाधनों पर भार नहीं होगा।
165.राजकोषीय घाटे का पुनरीक्षित अनुमान रुपए 52 हजार 266 करोड़ है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 5.51 प्रतिशत है।
मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्यप्रदेश विधानसभा में आज 02 मार्च 2021 को बजट पेश करते हुए बताया की
बजट अनुमान 2021-22 इस प्रकार है।
राजस्व प्राप्तियां
166. वित्त मंत्री ने कहा की माननीय अध्यक्ष महोदय, 14वें वित्त आयोग द्वारा हॉरिजोन्टल डिवोल्यूशन के अंतर्गत राज्यों में बंटने वाले केन्द्रीय करों में से मध्यप्रदेश के लिये 7.548 प्रतिशत की हिस्सेदारी तय की गई थी। मध्यप्रदेश द्वारा 15वें वित्त आयोग को इस हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिये अपने मूल ज्ञापन तथा अतिरिक्त ज्ञापन में ठोस तर्क प्रस्तुत किये थे। मुझे सदन को अवगत कराते हुये हर्ष है कि 15वें वित्त आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2025-26 की अवधि के लिये हमारी हिस्सेदारी बढ़ाकर 7.85 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इस बढ़ोत्तरी से वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश को केन्द्रीय करों की लगभग रूपये 2 हजार करोड़ अतिरिक्त राशि प्राप्त होना अनुमानित है।
167. वर्ष 2021-22 में कुल राजस्व प्राप्तियों का बजट अनुमान रुपए 1 लाख 64 हजार 677 करोड़ है। राजस्व प्राप्तियों में राज्य करों से प्राप्तियां रुपए 64 हजार 914 करोड़ तथा केन्द्रीय करों में प्रदेश के हिस्से के अंतर्गत प्राप्तियां रुपए 52 हजार 247 करोड़ अनुमानित हैं। कर भिन्न राजस्व प्राप्तियां रुपए 11 हजार 742 करोड़ तथा केन्द्र सरकार से सहायक अनुदान अंतर्गत प्राप्तियां रुपए 35 हजार 774 करोड़ अनुमानित है।
168. कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित अनुमान अनुसार राज्य के स्वयं के कर एवं करेत्तर राजस्व में लगभग 5.05 प्रतिशत की कमी होना संभावित है। आशावादी दृष्टिकोण अपनाते हुये वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व एवं गैर कर-राजस्व में वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक होने का अनुमान है। इस बजट में कोई नवीन कर अधिरोपित करने अथवा किसी भी कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है।
मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्यप्रदेश विधानसभा में आज बजट प्रस्तुत कर बताया की कुल व्यय
169. वर्ष 2021-22 के लिये कुल विनियोग की राशि रुपए 2 लाख 41 हजार 375 करोड़, राजस्व व्यय अंतर्गत रुपए 1 लाख 72 हजार 971 करोड़ तथा पूंजीगत व्यय अंतर्गत रुपए 44 हजार 152 करोड़ प्रस्तावित है। सामाजिक आर्थिक उत्थान की योजनाओं के लिये वर्ष 2021-22 के लिये समग्र रूप से बजट अनुमान रुपए 1 लाख 12 हजार 521 करोड़ है।
शुद्ध लेन-देन
170. वर्ष 2021-22 की कुल प्राप्तियां रुपए 2 लाख 15 हजार 954 करोड़ तथा कुल व्यय रुपए 2 लाख 17 हजार 123 करोड़ अनुमानित होने से वर्ष का शुद्ध लेन-देन रुपए 1 हजार 169 करोड़ ऋणात्मक है एवं अंतिम शेष रुपए 5 हजार 465 करोड़ का अनुमान है।
मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट प्रस्तुत करते हुए
राजकोषीय स्थिति के बारे में सदन को अवगत कराया।
171. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा 4 प्रतिशत प्रस्तावित है एवं ऊर्जा क्षेत्र में अपेक्षित कतिपय सुधारों के करने पर अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत की सीमा स्वीकृत की जा सकेगी। हमें पूरा विश्वास है कि जो भी सुधार निर्धारित किये जायेंगे उसे हम पूरा कर यह अतिरिक्त सीमा की स्वीकृति प्राप्त करेंगे। उपरोक्त को ध्यान में रखकर बजट अनुमान तैयार किया गया है।
172. वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा रुपए 50 हजार 938 करोड़ अनुमानित है जो कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत अनुमानित है। इस वर्ष 8 हजार 293 करोड़ का राजस्व घाटा अनुमानित है। इस संबंध में एफ.आर.बी.एम. अधिनियम की अपेक्षा अनुसार मैं सदन के समक्ष पृथक से वक्तव्य प्रस्तुत करूंगा।
173. हमारे बजट प्रस्तावों में हमने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के विजन को मूर्तरूप देने हेतु आवश्यक प्रावधान किये हैं। साथ ही सभी जन हितैषी व विकासोन्मुखी योजनाओं को निरन्तर रखने के लिये आवश्यक प्रावधान रखे गये हैं।
174. मुझे यह स्वीकार करने में भी कतई संकोच नहीं है कि प्रदेश के विकास व समृद्धि के लिये बहुत कुछ करना शेष है। हमारी सरकार की यह प्रतिबद्धता है कि हम निरन्तर सकारात्मक रहते हुये अपना श्रेष्ठ देते रहें। मुझे पूर्ण विश्वास है कि जिस पुनीत कार्य के लिये जनता ने हमें अपना प्रतिनिधि बनाया है, उस कार्य को, हम सभी ईमानदारी व निष्ठा से पूर्ण करेंगे। बजट कह रहा है कि;
नित्य हूँ, निरन्तर हूँ, निराकार में साकार हूँ,
धर्म हूँ, कर्म हूँ, विकास का आधार हूँ।
जीवन-उमंग का तान हूँ, सर्वहारा का ध्यान हूँ,
शक्तिपति-शक्तिमान हूँ, सपनों का संसार हूँ।
युक्तियुक्त नियोजन का विचार हूँ,
राजकोष की पहचान हूँ।
175. मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट प्रस्तुत करते हुए अंत में कहा यह बजट पूरे वित्तीय वर्ष के लिये धरोहर है जो कि हमें, हमारे दायित्वों का निरन्तर बोध कराता रहेगा। यह बजट प्रदेश में खुशनुमा माहौल दे, खुशी दे, स्फूर्ति दे, स्वस्थ्य मन व तन दे, उर्वर ऊर्जा दे। इसी मंगल कामना के साथ प्रदेश की जनता को समर्पित है।
।। जय हिन्द जय मध्यप्रदेश।।