आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य में वाणिज्यिक कर विभाग की अहम भूमिका
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य को पाने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग की अहम भूमिका है। अन्य क्षेत्रों में कार्य के साथ ही राजस्व वृद्धि भी आवश्यक है जिसके लिए उपाय खोजे। कर अपवंचन पर प्रभावी नियंत्रण, अवैध मदिरा के मामलों में निरंतर कार्यवाही, नियमों के सरलीकरण, विभागीय कम्प्यूटराइजेशन, समस्त प्रकार के लायसेंसों के आवेदन प्राप्त करने और उनके निराकरण के लिए पोर्टल के उपयोग, शासकीय कर्मियों को आई.टी. में दक्ष बनाने, आंतरिक ऑडिट प्रणाली को मजबूत करने, विभाग की प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण के माध्यम से राजस्व वृद्धि के ठोस प्रयास करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वाणिज्यिक कर विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्रीमती दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव और आयुक्त जनसंपर्क श्री राघवेन्द्र सिंह और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भामा शाह योजना के क्रियान्वयन, व्यवसायियों को मित्र बनाकर उन्हें प्रदेश के विकास में पार्टनर बनाने और अन्य राज्यों के श्रेष्ठ नवाचार अपनाने पर ध्यान दिया जाए। जिन मदों में राजस्व कम प्राप्त हो रहा है, उन्हें चिन्हित कर राजस्व प्राप्ति के प्रयास बढ़ाए जाएँ। व्यापार और उपभोक्ता संघ से सुझाव प्राप्त कर उन पर अमल किया जाए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था के संकल्प में भी राज्य के योगदान को बढ़ाने का प्रयास हो।
बैठक में डिण्डौरी और अलीराजपुर जिलों में जनजातीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से दो पायलेट डिस्टिलरी की स्थापना, जनजातीय युवाओं को उद्यमियों के लिए मास्टर ट्रेनर बनाने की योजना और अन्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण योजनाओं पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में आबकारी से करीब सात हजार करोड़ रूपए की आय हुई है। विभाग की 39 सेवाएँ लोक सेवा गारंटी अधिनियम में पंजीकृत हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। सुशासन के अंतर्गत ई-आबकारी के लिये यूजर मैन्युल एवं वीडियो मॉड्यूल से ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित हो रहे हैं। विभाग में मैप आईटी से विकसित विभागीय जाँच पोर्टल पर कार्य प्रारंभ किया गया है। आरटीआई के आवेदन भी ऑनलाइन प्राप्त करने की व्यवस्था की जा रही है। पेंशन प्रकरणों की नियमित समीक्षा और गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने एवं वार्षिक अचल संपत्ति पत्रक की प्रक्रिया एनआईसी पोर्टल से प्रारंभ की गई है। विभाग के दीर्घकालीन लक्ष्यों में राजस्व संग्रहण में वृद्धि के साथ मदिरा ड्यूटी के युक्तियुक्तकरण, अवैध मदिरा संग्रहण, परिवहन और विक्रय पर भी अंकुश लगाने के कार्य शामिल हैं। वर्ष 2022-23 के लिए बजट अनुमान में आबकारी राजस्व का लक्ष्य करीब 12 हजार करोड़ का रखा गया है। ई-आबकारी में पाँच क्रिटिकल मॉड्यूल का कस्टमाइजेशन किया गया है। हेरिटेज पॉलिसी से जनजातीय क्षेत्रों में रोजगार सृजन पर ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रमुख निर्देश
जीएसटी संग्रहण में वृद्धि के प्रयास हों।
प्रस्तावित संपदा पोर्टल का उपयोग बढ़ाएँ।
ई-वे-बिल व्यवस्था अभी लगभग 50 वस्तुओं के लिए लागू है। इसे अन्य वस्तुओं के लिए लागू करने का निर्णय लें।
आवश्यकतानुसार पदों की पूर्ति की जाए।
सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग हो, जिससे राजस्व संग्रहण में इसका लाभ मिले।
फेसलेस रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की दिशा में आगे बढ़ें।
जाँच कार्यों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग हो।
रिटर्न फाइलिंग की समीक्षा समय पर हो।