इंटरनेशनल टोमेटो कॉन्क्लेव एमपी के भोपाल में 17 मई को
17 मई की सुबह 11 बजे होटल आमेर ग्रीन, भोपाल में "इन्टरनेशनल टोमेटो कॉन्क्लेव-2022
- मध्यप्रदेश में टमाटर के क्षेत्र में और अधिक कार्य किये जाने की संभावना को देखते हुए उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग पहली बार नीदरलैण्ड ऐंबेसी एवं सॉलीडरीडाड के सहयोग से 17 मई की सुबह 11 बजे होटल आमेर ग्रीन, भोपाल में "इन्टरनेशनल टोमेटो कॉन्क्लेव-2022" किया जा रहा है। कान्क्लेव में टमाटर से संबंधित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात वैज्ञानिक, निर्यातक, प्र-संस्करणकर्ता आदि को आमंत्रित किया जाकर उन्नत बीज, सिंचाई, भण्डारण एवं प्र-संस्करण ब्राण्डिंग, निर्यात आदि की नई से नई तकनीकों की जानकारी देने स्टॉल भी लगाये जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में टमाटर के क्षेत्र में और अधिक कार्य किये जाने की संभावना को देखते हुए उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग पहली बार नीदरलैण्ड ऐंबेसी एवं सॉलीडरीडाड के सहयोग से 17 मई की सुबह 11 बजे होटल आमेर ग्रीन, भोपाल में “इन्टरनेशनल टोमेटो कॉन्क्लेव-2022” किया जा रहा है। कान्क्लेव में टमाटर से संबंधित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात वैज्ञानिक, निर्यातक, प्र-संस्करणकर्ता आदि को आमंत्रित किया जाकर उन्नत बीज, सिंचाई, भण्डारण एवं प्र-संस्करण ब्राण्डिंग, निर्यात आदि की नई से नई तकनीकों की जानकारी देने स्टॉल भी लगाये जा रहे हैं।
आयुक्त उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी डॉ. ई. रमेश कुमार ने बताया कि पीएम-एफएमई योजनान्तर्गत “एक जिला-एक उत्पाद” में प्रदेश के प्रमुख 11 जिले अशोक नगर, दमोह, झाबुआ, कटनी, रायसेन, सागर, सतना, शिवपुरी, दलिया, सिंगरौली एवं अनूपपुर को चयनित किया गया है। इन जिलों में टमाटर उत्पादन क्षेत्र विस्तार के साथ उत्पादन एवं उत्पादकता वृद्धि एवं निर्यात को बढ़ावा दिये जाने और प्र-संस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए विशेष कार्य किये जा रहे हैं। विछले वर्ष 15 टमाटर आधारित इकाइयों की स्थापना के लिए निवेशकों द्वारा रुचि प्रदर्शित की गई। वर्तमान तक 6 इकाइयाँ स्थापित कराई जाकर अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।।
मध्यप्रदेश टमाटर उत्पादन के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान रखता है। लगभग 90 हजार 971 हेक्टेयर में 26 लाख 55 हजार मी. टन का उत्पादन लिया जा रहा है। आवश्यकता है कि जलवायु की अनुकूलता होने से प्रदेश के किसानों को टमाटर उत्पादन से सीमित क्षेत्र में अधिक आय प्राप्त होती है। आय में और अधिक वृद्धि की संभावनाएँ हेतु मूल्य संवर्धन से उत्पादकों को अवगत कराना ही इस कान्क्लेव का उद्देश्य है।