मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 25 दिसंबर को इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के प्रायोरिटी कॉरिडोर के 16 मेट्रो स्टेशन एवं 11 कि.मी. वायाडक्ट के कार्य का भूमि पूजन करेंगे। इस दौरान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
इंदौर में मेट्रो कॉरिडोर एक रिंग के रूप में एयरपोर्ट से प्रारंभ होकर गांधीनगर, सुपरकॉरिडोर, एमआर10, आईएसबीटी, विजय नगर चौराहा, रेडिसन चौराहा, बंगाली चौराहा, हाईकोर्ट, रेलवे स्टेशन, बड़ा गणपति, बीएसएफ से होते हुए इंदौर एयरपोर्ट पर लगभग 31.5 कि.मी. का निर्माण किया जा रहा है। इसकी कुल लागत 7500.80 करोड़ रूपये है। परियोजना संबंधित लगभग सभी वांछित भूमि का आरक्षण कर लिया गया है। गांधीनगर मेट्रो डिपो डिजाईन का कार्य पूरा कर लिया गया है एवं इसके ई-टेंडर भी हो गये हैं।
सभी 16 एलीवेटेड मेट्रो स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त होंगे। स्टेशनों का स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आर्किटेक्ट द्वारा तैयार किया गया है। इनमें से 4 स्टेशन, रेडिसन चौराहा, विजय नगर चौराहा, सुपर कॉरिडोर-3 एवं भंवरसला स्टेशन आइकॉनिक डिजाईन के होंगे। IGBC की प्लेटिनम रेटिंग के हरित भवन के मानकों के अनुसार ऊर्जा संरक्षण के लिये सभी स्टेशनों पर एलईडी लाइट एवं सोलर पेनल की व्यवस्था होगी। सभी स्टेशनों पर मॉल की तरह सेंट्रल एयर कॉनकोर्स होगा। इसमें एटीएम, खाद्य आउट्लेट, कैफे, मोबाईल रिचार्ज आदि जैसी सेवाएँ उपलब्ध होंगी। सभी स्टेशनों पर आपातकाल में अग्रिम चेतावनी के साथ एक परिष्कृत अग्रिशमन प्रणाली होगी। सभी स्टेशनों पर मल्टीमॉडल एकीकरण होगा जिसके अंतर्गत शहर के अन्य आवागमन के साधनों के साथ जैसे ई रिक्शा, सिटी बस, पिक एण्ड ड्रॉप एवं पब्लिक बाइक शेयरिंग आदि की प्लानिंग की गई है। निकट भविष्य में प्रस्तावित केबल कार से मेट्रो रेल स्टेशन को जोड़ने का भी प्रावधान किया जा रहा है। सभी स्टेशन लिफ्ट एवं एसक्लेटर से सुसज्जित होंगे तथा साथ ही पावर बैकअप भी होगा। सभी स्टेशनों पर अत्याधुनिक ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम होगा। सभी स्टेशनों पर सुरक्षा के लिये पूर्णकालिक CCTV, मेटल डिटेक्टर एवं अन्य सुरक्षा के आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। इससे विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों को सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी। सभी स्टेशनों के परिसर में यात्रियों के लिये चिन्हित सुरक्षित फुटपाथ बनाए जाएंगे। स्टेशन क्षेत्र का हरित विकास किया जाएगा। साथ ही प्रभावित वृक्षों की प्रतिपूर्ति के लिए चार गुना वृक्षों का अग्रिम रोपण किया गया है। सभी स्टेशनों पर पर्यावरण के संरक्षण के लिये वाटर हार्वेस्टिंग की जाएगी।