अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव से एमपी के सभी विज्ञान महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक और आईटीआई को जोड़ा जाए –

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आठवें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की तैयारियों की जानकारी ली
21 से 24 जनवरी तक मैनिट भोपाल में होगा महोत्सव
विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आम जनता तक पहुँचाना और विज्ञान को
उत्सव के रूप में मनाना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल में हो रहे आठवें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उपयोग प्रदेश के विद्यार्थियों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में किया जाए। महोत्सव से बड़ी संख्या में स्कूली तथा महाविद्यलायीन स्तर के विद्यार्थियों को जोड़ा जाए। वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने तथा विज्ञान के नये रूझानों की ओर युवाओं को आकर्षित करने में इस आयोजन से सहायता मिलेगी। प्रयास यह हो की विद्यार्थियों को इस आयोजन से प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त हो। महोत्सव में भारत के प्राचीन वैज्ञानिक योगदान और दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान 21 जनवरी को मैनिट भोपाल में होने वाले आठवें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। समत्व भवन में हुई बैठक में प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री निकुंज श्रीवास्तव सहित केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान भारती संस्था के पदाधिकारी उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश के युवाओं द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों का प्रचार हो

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग कर मध्यप्रदेश के युवाओं द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों का प्रचार किया जाए। महोत्सव में होने वाली विभिन्न गतिविधियों से प्रदेश के सभी विज्ञान महाविद्यायल, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आईटीआई आदि को वर्चुअली जोड़ा जाए। महोत्सव में अद्वैत वेदांत को विज्ञान से संबद्ध करते हुए प्रस्तुत करें। युवा पीढ़ी को यह बताने की आवश्यकता है कि धर्म और विज्ञान एक दूसरे के विरोधी नहीं अपितु पूरक हैं।

 

मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद कर रही है स्थानीय स्तर पर समन्वय

जानकारी दी गई कि आठवां अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 21 से 24 जनवरी तक मेनिट भोपाल में किया जा रहा है। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा विज्ञान भारती द्वारा किये जा रहे इस कार्यक्रम का स्थानीय स्तर पर मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा समन्वय किया जा रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित कर आम जनता तक पहुँचाना और विज्ञान को उत्सव के रूप में मनाना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे और केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए स्कूली बच्चे भी महोत्सव में सम्मिलित होंगे।

जन-सामान्य को विज्ञान से जोड़ने के लिए कार्यक्रम के होंगे 15 प्रमुख घटक

कार्यक्रम के 15 प्रमुख घटक होंगे। इसमें भारतीय कारीगरों की प्रौद्योगिकी पर केंद्रित आर्टिंसंस टेक्नोलॉजी विलेज-वोकल फॉर -लोकल, शोधकर्ताओं के बीच वैचारिक आदान-प्रदान के लिए फेस टू फेस विथ न्यू फ्रांटियर्स इन साइंस, गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स, इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया, मेगा साइंस एंड टेक्नालॉजी एग्जीबिशन, नेशनल सोशल ऑर्गनाइजेशन एंड इंस्टीट्यूशंस मीट, न्यू एज टेक्नॉलॉजी शो, साइंस थ्रू गेम्स एंड ट्वाइज, स्टार्टअप कॉनक्लेव, स्टेट साइंस एंड टेक्नालॉजी कांउसिल्स कॉनक्लेव, स्टूडेंट इनोवेशन फेस्टिवल, स्टूडेन्ट्स साइंस विलेज, वैज्ञानिका-साइंस लिटरेचर फेस्टिवल, यंग साइंटिस्ट कॉन्फ्रेंस, मेंटरिंग एंड कॉउंसिलिंग साइंटिफिक डिस्कशन सम्मिलित हैं।

विभागीय प्रदर्शनी और सांस्कृतिक आयोजन होंगे आकर्षण का केन्द्र

अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान महोत्सव में इसरो के चेयरमेन श्री एस. सोमनाथ, भारत बॉयोटेक के सीएमडी श्री कृष्णा एल्ला सहित कई वैज्ञानिक सम्मिलित होंगे। समारोह में मध्यप्रदेश पर्यटन, संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, जनजातीय कल्याण, स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष, स्वास्थ्य, पर्यावरण, नगरीय विकास एवं आवास, खनिज, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, कृषि, वन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण तथा जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदर्शिनी लगाई जाएगी। महोत्सव में 21 जनवरी की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम में पार्श्व गायक श्री कैलाश खेर, 22 जनवरी को मध्यप्रदेश के कलाकार और 23 जनवरी को इंडियन ओशन रॉक बैंड प्रस्तुतियाँ देंगे। महोत्सव में विद्यार्थियों की प्रत्यक्ष सहभागिता की व्यवस्था रखी गई है।

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