मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस 2022-23 में लार्जेस्ट कलेक्टिव रीडिंग-सिंगलथीम-मल्टीपल वेन्यू के कीर्तिमान में मध्यप्रदेश का नाम दर्ज होने पर उत्कृष्ट योगदान देने वाले 6 अधिकारियों को आज राजभवन में सम्मानित किया। राज्यपाल अधिकारियों को प्रशंसा-पत्र और लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस द्वारा जारी प्रमाण-पत्र की प्रति भेंट की गई। सम्मानित होने वाले अधिकारियों में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री के.सी. गुप्ता, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, राज्यपाल के तत्कालीन सचिव श्री मनोहर दुबे, राज्यपाल के प्रेस अधिकारी श्री अजय वर्मा और राजभवन के पुस्तकालयाध्यक्ष श्री अमित दीक्षित शामिल थे। तत्कालीन राज्यपाल के अपर सचिव श्री अभय वर्मा मुख्यालय से बाहर होने के कारण कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुए थे।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि सामाजिक प्रदूषण को रोकने के प्रयास जरूरी है। इस दिशा में भावी पीढ़ी और युवाओं को गांधी जयंती की 150 वीं वर्षगाँठ पर गांधी साहित्य का वाचन कराना समयानुकूल सराहनीय पहल थी। उन्होंने मध्यप्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल स्व. लालजी टंडन का स्मरण करते हुए कहा कि उनकी पहल का कीर्तिमान बनने पर उनकी आत्मा को भी संतोष मिला होगा। गांधी साहित्य के अध्ययन से छात्र-छात्राएँ गांधी चिंतन के आदर्श और व्यवहारिक उपयोगिता से परिचित और प्रेरित हुए होंगे। उन्होंने कहा कि गांधी जी के विचारों को नई पीढ़ी में प्रसारित करने की पहल का कीर्तिमान बनना अधिकारियों की दृढ़ इच्छा-शक्ति, समन्वय और लगन के साथ किए गए प्रयासों की उपलब्धि है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने कार्यक्रम आयोजन संबंधी व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा विमर्श पोर्टल का उपयोग कर कक्षावार, छात्रवार नाम और हस्ताक्षरित जानकारियाँ संधारित की गई थी। पुस्तक अध्ययन के पेजवार विवरण और फोटो भी दर्ज किए गए थे। इन जानकारियों का शाला के प्रधान द्वारा व्यवस्थित स्वरूप में अभिलेखन भी किया गया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया था।
उल्लेखनीय है कि लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस-2022 में वर्ष 2019 में गांधी जयंती के 150 वें वर्ष के प्रसंग में तत्कालीन राज्यपाल श्री लालजी टंडन के निर्देशन में प्रदेश के 51 जिलों के 5 लाख 48 हज़ार विद्यार्थियों द्वारा महात्मा गांधी की पुस्तकों “हिन्द स्वराज” और “सत्य के साथ मेरे प्रयोग” का 25 सितंबर से 2 अक्टूबर की अवधि में एक विषय का अनेक स्थानों पर सर्वाधिक सामूहिक वाचन को कीर्तिमान में दर्ज किया गया है।