मध्यप्रदेशवासी आनंद और उत्साह से मनाएं होली का त्यौहार

 

गौ-काष्ठ के उपयोग से लकड़ी बचेगी और गौ-शालाएँ स्वावलंबी होंगी – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
होली गौ-काष्ठ से ही जलाएं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीं होली की शुभकामनाएं :
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने होलिका दहन के लिए गौ-काष्ठ खरीदी
मुख्यमंत्री निवास पर भी गौ-काष्ठ से जलेगी होली

 

एमपीपोस्ट, 17 मार्च 2022 ,भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेशवासी आनंद के वातावरण में उत्साह से होली मनाएं, पर आग्रह है कि होलिका दहन गोबर से बनी गौ-काष्ठ से ही करें। “मैं भी मुख्यमंत्री निवास पर गौ-काष्ठ से ही होली जलाऊंगा। हमें पेड़ों को कटने से बचाना है। गौ-काष्ठ के उपयोग से वातावरण शुद्ध होगा, पर्यावरण की रक्षा होगी और गौ-शालाओं की आय भी बढ़ेगी।” मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज भोपाल में माता मंदिर के पास लगे गौ-काष्ठ केन्द्र पहुँचकर, होलिका दहन के लिए गौ-काष्ठ खरीदा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित जन-समुदाय को पेड़ नहीं काटने और गौ-काष्ठ से ही होलिका दहन करने का संकल्प दिलाया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। गत दो वर्ष से कोविड के प्रभाव के कारण पर्व बहुत सावधानियों के साथ मनाना पड़ा। अब कोरोना पर नियंत्रण है। किसानों की फसलें पककर तैयार हैं और उनकी कीमतें भी सही हैं। गरीबों के कोविड काल के बिजली के बिलों का भुगतान भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। कृषकों को फसल बीमा योजना की राशि भी प्राप्त हो रही है। कर्मचारियों को 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते की सौगात मिली है। अत: इस आनंद के वातावरण में प्रदेशवासी उत्साह से होली मनाएं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि होली रंगों का त्यौहार है, यह भाई-चारे, प्रेम और सद्भाव का भी त्यौहार है। पेड़ लगाना, जीवन रोपने के समान है, यह काटने की वस्तु नहीं है। होलिका दहन के लिए प्राय: हरे-भरे पेड़ काटकर उन्हें जला दिया जाता है। हमें पेड़ नहीं काटने का संकल्प लेना होगा। गौ-काष्ठ से ही होलिका दहन किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस दिशा में कार्य कर रही गौ-काष्ठ समिति की प्रशंसा करते हुए संस्था द्वारा होलिका दहन के अलावा अंतिम संस्कार में गौ-काष्ठ के उपयोग के लिए संचालित अभियान को अभिनंदनीय पहल बताया। इससे एक ओर लकड़ी बचेगी साथ ही गौ-शालाएँ भी स्वावलंबी बनेंगी। गोबर और गौ-मूत्र का अधिक प्रभावी रूप से उपयोग करने के लिए राज्य सरकार, गंभीरता से प्रयास कर रही है। इस प्रयास में समितियों को भी सहभागी बनाया जा रहा है। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि गाय रखना आर्थिक रूप से लाभकारी हो, व्यक्तियों और संस्थाओं को केवल दूध ही नहीं गोबर और गौ-मूत्र से भी आय प्राप्त हो।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गौ-काष्ठ खरीदने के साथ ही लोगों को गौ-काष्ठ लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्र पर गौ-काष्ठ लेने आई सुश्री रूपाली ठाकुर, श्री दिलीप और श्री सुनील कुशवाह की गौ-काष्ठ क्रय की रसीदें भी काटी। केन्द्र पर दस रूपए किलो की दर से गौ-कोष्ठ उपलब्ध कराया गया।

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