एमपीपोस्ट, 19 मार्च 2022 ,भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने हितानंद शर्मा को मध्यप्रदेश का नया संगठन महामंत्री नियुक्त किया है। हितानंद शर्मा के बारे में लोग बताते हैं वे सरल और सहज स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए विशेष माना जा रहा है। शर्मा को मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी उपचुनाव से पहले भाजपा का सह-संगठन मंत्री नियुक्त किया गया था. इससे पहले हितानंद शर्मा विद्या भारती का काम देख रहे थे।
संघ का काम 1995 से कर रहे हैं
संघ की विद्यालयीन महाविद्यालयीन शाखाएं प्रभात भाग सहित अपने नगर के स्थानीय दायित्वों का हितानंद शर्मा ने सकुशल निर्वहन किया और स्थानीय स्तर पर संघ कार्य को बढ़ाया. 1995 में उन्होंने खुद को संघ का समर्पित कर दिया और अशोकनगर के विस्तारक के रूप में काम शुरू किया. इसके बाद वो चंदेरी, चांचौड़ा और कुंभराज में नगर प्रचारक भी रहे. साल 2002 में श्योपुर जिला प्रचारक, फिर 2007 में शिवपुरी विभाग प्रचारक, 2011 में विदिशा विभाग प्रचारक बनाकर भेजे गए.
विस्तारक बना संगठन को विस्तार दिया
हितानंद शर्मा ने संगठन और विचारधारा को विस्तार दिया. उन्हें संगठन में एक इंजीनियर के रूप में भी जाने जाता है. हितानंद शर्मा जहां-जहां रहे वहां वहां उनके नेतृत्व में संघ कार्यालयों के निर्माण सम्पन्न हुए. 20 साल तक संघ में कार्य करते हुए वो साल 2015 में विद्याभारती के प्रांत संगठन मंत्री का दायित्व तक पहुंचे. ये उनके लिए एक नया कार्यक्षेत्र था, लेकिन वो यहां भी संघ के विश्वास पर खरे उतरे. उनके कार्यकाल में विद्याभारती मध्यभारत ने नई ऊंचाइयों प्राप्त किया.
मध्यप्रदेश में उपचुनाव जीत में योगदान रहा
संघ ने उन्हें चुनौतियों से भरा मध्य प्रदेश भाजपा का दायित्व सौंपा. जब उनके लिए नए दायित्व की घोषणा हुई थी, ठीक उसी समय वह कोरोना की चपेट में थे. उन्होंने स्वस्थ्य होते ही सबसे पहले कोरोना से लड़ने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया. उनके नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोरोना से पीड़ित दुखियों के लिए सतत सेवा कार्य किए. दूसरी ओर 28 विधानसभा उपचुनाव भी उनके प्रतिनिधित्व में सम्पन्न हुए, जहां भाजपा ने ऐतिहासिक विजय प्राप्त की.
1 साल में किया आधेमध्यप्रदेश का किया दौरा
इसके साथ ही उन्होने सतत प्रवास कार्य प्रारंभ किए. मात्र 1 साल में हितानंद शर्मा ने प्रदेश के 50% मंडलों का प्रवास कर जमीनी कार्यकर्ताओं से संपर्क साधा. उनका मौन, उनकी स्मरण शक्ति, बाल मुस्कान उनकी गजब ऊर्जाशक्ति उनके व्यक्तित्व से परिचित कराती हैं. किसी भी तहसील/कस्बे से लेकर प्रदेश स्तर तक के कार्यकर्ता को वह नाम से जानते हैं. उनका यह व्यक्तित्व उन्हें सीधे कार्यकर्ता के हृदय से जोड़ता है. अपने जमीनी/मेहनती कार्यकर्ता के सुख-दुःख का उन्हें बखूबी मालूम होता है.
हितानंद के हवाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में थी जिम्मेदारी
उत्तरप्रदेश में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में अवध क्षेत्रों का दायित्व उन्हें सौंपा गया था।