– श्रीमती रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन
मध्यप्रदेश की प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने कहा कि मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने और आत्म-निर्भर बनाने के लिए “हाई स्किल-हाई वेज” को बढ़ावा देना आवश्यक है। प्रदेश ने कुछ वर्षों में आर्थिक विकास किया है, खासकर कृषि क्षेत्र में अपार विकास हुआ है। इसी क्रम में शिक्षा और कौशल विकास में बहुत काम करने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश अभी आकांक्षी राज्य की श्रेणी में है। श्रीमती शमी ने यह बात विकास में सहभागिता और अनुभवों को साझा करने के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं के सम्मेलन सत्र “शिक्षा, कौशल विकास और आजीविका” की अध्यक्षता करते हुए कही।
प्रमुख सचिव श्रीमती शमी ने कहा कि समाज इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। सीमित क्षेत्र में काम करने से ज्यादा और गुणवत्तापूर्ण कार्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाएँ हर क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं। श्रीमती शमी ने कहा कि वर्तमान में स्कूली शिक्षा के साथ कौशल को जोड़ना होगा। कौशल विकास और आजीविका एक-दूसरे के पर्याय हैं। कौशल विकास आज की आवश्यकता है। बच्चों को इससे जोड़ना होगा और इसके प्रति आकर्षण पैदा करना होगा। श्रीमती शमी ने कहा कि कोविड के बाद यह देखने में आया कि बच्चों में मानसिक तनाव बढ़ा है। यह चिंतन का विषय है। इसमें न सिर्फ माता-पिता और शिक्षक के साथ समाज को भी आगे आकर सहायता करनी होगी।
समाज सेवी संस्थान समर्थन के डॉ. योगेश कुमार ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा रोजगार परख होनी चाहिए। जब किसी कार्य में व्यवहारिक और सैद्धान्तिक गुणों का समावेश होता है तो उसे गुणवत्तापूर्ण माना जाता है। शिक्षा का लाभ छात्रों को मिले, जिससे वे रोजगार पा सके अथवा कौशल उन्नयन कर उन्हें आजीविका से जोड़ा जा सके। शिक्षा तभी सार्थक मानी जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चिन्तन और सीखने से संबंधित प्रक्रिया के सिद्धांतों पर आधारित है।