बीमारी के प्रकोप की जल्द पहचान कर जीवन बचाने गुना और भोपाल में नागरिक केंद्रित सामुदायिक निगरानी
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े
- मध्यप्रदेश सरकार ने बीमारी से जीवन बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल कर नागरिक केंद्रित सामुदायिक निगरानी मॉडल "स्वास्थ्य कवच" को गुना जिले के दो विकासखण्ड और भोपाल शहर की तीन शहरी मलिन बस्तियों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने की मंजूरी दी है। स्टेट आईडीएसपी इस पहल को यू.एस.ए.आई.डी. (इंटीग्रेटेड डिजीजेज सर्विलांस प्रोग्राम) और जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी से संबद्ध कर कार्यान्वित किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार ने बीमारी से जीवन बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल कर नागरिक केंद्रित सामुदायिक निगरानी मॉडल “स्वास्थ्य कवच” को गुना जिले के दो विकासखण्ड और भोपाल शहर की तीन शहरी मलिन बस्तियों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने की मंजूरी दी है। स्टेट आईडीएसपी इस पहल को यू.एस.ए.आई.डी. (इंटीग्रेटेड डिजीजेज सर्विलांस प्रोग्राम) और जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी से संबद्ध कर कार्यान्वित किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने आज राज्य स्तरीय प्रशिक्षण में “स्वास्थ्य कवच” की जानकारी दी और इसके महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कवच का उद्देश्य बीमारी के प्रकोप की पहचान और प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करना है। इस पहल से मिली सीख का अध्ययन किया जाएगा और राज्य के अन्य जिलों में इसे बढ़ाने की संभावना तलाशी जायेगी।
“स्वास्थ्य कवच” का मोबाइल एप्लीकेशन (स्मार्ट फोन उपयोगकर्ताओं के लिए) और इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (गैर-स्मार्ट फोन उपयोगकर्ताओं) के लिए उपयोगी होगा। इसमें आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में पदस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य स्थितियों की सूचना प्राप्त करेंगे। साथ ही कोई गंभीर स्थिति होने पर तुरंत स्वास्थ्य प्रतिक्रिया शुरू करने में सक्षम होंगे। सूचना डेडिकेटेड पोर्टल के माध्यम से ब्लॉक, जिला और राज्य की स्वास्थ्य टीमों को भी दिखाई देगी। समुदाय में किसी भी प्रकार का मामला अथवा किसी विशेष बीमारी के सम्भावित प्रकोप की प्रारंभिक अवस्था में पहचान की जा सकेगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय पर स्वास्थ्य संबंधी कार्रवाई शुरू की जाएगी।