भारत में डिजिटल मीडिया आचार संहिता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अनुकूल : विक्रम सहाय, संयुक्त सचिव,सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,भारत सरकार
भारत में डिजिटल मीडिया आचार संहिता लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अनुकूल है। इसका उद्देश्य विविधताओं से भरे लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखते हुए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली सामग्री की गुणवत्ता के स्तर को बनाये रखना है। यह कहना है विक्रम सहाय, संयुक्त सचिव , सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार का। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा डिजिटल मीडिया आचार संहिता 2021 जारी की गई है।
एमपी पोस्ट को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सभी को समान रूप से अधिकार है। किसी भी प्रकार के समाचार प्रसारित और प्रसारण करने वाले मीडिया संस्थान जैसे समाचार पत्र न्यूज पोर्टल,न्यूज वेबसाइट या अन्य माध्यम जो इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी ( मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता ) नियम 2021 अधिसूचित किए है। उसके लिए कोई प्री-क्वॉलिफिकेशन – पूर्व अर्हता नहीं रखता है।
विक्रम सहाय, संयुक्त सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के मुताबिक़ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों द्वारा भारत में कारोबार करने का स्वागत है, लेकिन उन्हें भारत के संविधान और कानूनों का पालन करना होगा,सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल निश्चित तौर पर सवाल पूछने और आलोचना करने के लिए किया जा सकता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों ने आम उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया है, लेकिन इसका दुरुपयोग होने और गलत लाभ उठाने पर वे अवश्य जवाबदेह होंगे।
क्या हैं नए नियम?
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नए नियमों ने सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया है और इनमें उनकी शिकायतों के निवारण व समय पर समाधान के लिए उपयुक्त व्यवस्था है।
डिजिटल मीडिया और ओटीटी से जुड़े नियमों में आतंरिक एवं स्व-नियमन प्रणाली पर अधिक फोकस किया गया है जिसमें पत्रकारिता व रचनात्मक स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए एक मजबूत शिकायत निवारण व्यवस्था की गई है।
प्रस्तावित रूपरेखा प्रगतिशील, उदार और समसामयिक है इसमें रचनात्मकता और अपने विचार व्यक्त करने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के बारे में किसी भी गलतफहमी को दूर करते हुए लोगों की विभिन्न चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया गया है।
इंटरनेट पर कोई सामग्री देखने और किसी थिएटर एवं टेलीविजन के दर्शक के बीच अंतर को ध्यान में रखते हुए ही दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं।
विक्रम सहाय ने आचार संहिता के भाग 3 से जुड़े प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आचार संहिता का उद्देश्य किसी को दंडित करना नही है।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षो में डिजिटल मीडिया की भूमिका काफी बढ़ी है और पिछले 6 वर्षो में इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल 43 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। उन्होने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की जाने वाली सामग्री को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले कॉन्टेंट को लेकर देश के अनेक मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, सांसद और विधायकों के अलावा आम नागरिकों से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके मद्देनजर डिजिटल मीडिया आचार संहिता बनायी गयी है। इसके तहत न्यूज पोर्टल, न्यूज वेबसाइट या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर काम कर रहे लोगों के बारे में उनके मीडिया संस्थान से जुडी सामान्य जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एकत्रित कर रहा है।
विक्रम सहाय ने बताया कि इन प्लेटफॉर्म्स पर भी देश के मौजूदा कानून लागू होंगे और इसका उद्देश्य ऐसी सामग्री के प्रसारण पर रोक लगाना है जो मौजूदा कानूनों को उल्लंघन करने के साथ-साथ महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक और बच्चों के लिए नुकसानदेह हैं, इसके लिए समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्लेटफॉर्म और कार्यक्रम प्रसारकों को अपने यहां एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और इन शिकायतों की जानकारी भी प्रदर्शित करनी होगी। इसके साथ ही समाचार प्रकाशकों को एक नियामक संस्था का सदस्य भी बनना होगा ताकि कार्यक्रम से संबंधित शिकायतों का निपटारा हो सके। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एक अन्तर मंत्रालय समिति का गठन करेगा जो समाचार प्रकाशक या नियामक संस्था द्वारा न सुझायी गयी शिकायतों का निपटारा करेगा।
इस समिति मे महिला एवं बाल विकास, गृह, कानून, सूचना प्रद्यौगिकी, विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ डोमेन एक्सपर्ट भी शामिल होंगे। श्री सहाय ने बताया कि अब तक 1500 से अधिक समाचार प्रकाशकों ने मंत्रालय को अपने बारे में सूचना दी है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय किसी भी न्यूज पोर्टल, न्यूज वेबसाइट या ओटीटी पोर्टल का पंजीकरण नही कर रहा है बल्कि इनके बारे में जानकारी जुटाने का उद्देश्य यह है कि कॉन्टेंट और कार्यक्रम के बारे में कोई शिकायत मिलने पर उनसे सम्पर्क किया जा सके। उन्होने कहा कि इससे छोटे और मझोले स्तर के समाचार पोर्टल पर कोई विपरीत प्रभाव नही पड़ेगा।
श्री सहाय ने कहा कि इस आचार संहिता का उद्देश्य समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्रस्तुतकर्ताओं को उन नियमों और मर्यादाओं के बारे में जागरूक करना है, जिनके पालन से देश की एकता, अखंडता एवं सौहार्द कायम रह सके।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार संयुक्त सचिव ने कहा है की डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए लोग स्वेक्षा से अपने न्यूज पोर्टल और न्यूज वेबसाइट से संबंधित जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार को भेजें। उन्होंने बताया की सोशल मीडिया,न्यूज पोर्टल और वेबसाइट का डोमेन नेम उपलब्ध कराने वाली कंपनियों से जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसलिये हासिल नहीं की क्योंकि यह प्राइवेसी से जुड़ा विषय है।