एमपीपोस्ट, 04 मार्च 2022 ,भोपाल। हम ऊर्जा की जितनी अधिक बचत करेंगे, पर्यावरण संरक्षण में उतना ही अधिक योगदान दे सकेंगे। ऊर्जा संरक्षण के उपायों को अपनाकर हम पैसों की बचत तो कर ही सकते हैं प्रदूषण को भी बढ़ने से रोक सकते हैं। यह बात ‘‘ऊर्जा दक्षता एवं ऊर्जा संरक्षण’’ विषय पर आयोजित निःशुल्क वेबिनार में वक्ताओं ने कही।
मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के सहयोग से उद्यमिता विकास केन्द्र मध्यप्रदेश (सेडमैप) द्वारा भोपाल संभाग के पांच जिलों के कृषकों हेतु आयोजित वेबिनार का शुभारंभ सेडमैप की कार्यकारी संचालक श्रीमती अनुराधा सिंघई ने किया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण की दिशा में ये वेबिनार निश्चित ही जागरूकता का संचार करेगा और ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को कम करने में सहायक सिद्ध होगा।
वेबिनार में भारतीय पेट्रोलियम संरक्षण, अनुसंधान संस्थान के एनर्जी ऑडिटर और एक्सपर्ट विनीत कौशिक ने बताया कि जहां ऊर्जा का संरक्षण समाप्त होता है वहीं से प्रदूषण प्रारंभ हो जाता है इसलिए हमें ऊर्जा संरक्षण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि खेती-किसानी के कामों में हम ऊर्जा के वैकल्पिक एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में योगदान दे सकते हैं।
वेबिनार में किसानों को सोलर पंप, सोलर कृषि उपकरणों का उपयोग करने का सुझाव दिया गया। बताया गया कि पराली और अन्य कृषि अवशिष्ट को जलाने की बजाय उनके ब्रिकेट्स बनाना खेती को लाभदायक बनायेगा। इस अवसर पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ एनर्जी मैनेजमेंट प्रोफेशनल के सचिव सुनील सूद ने बताया कि छोटे-छोटे स्तर पर ऊर्जा संरक्षण के लिए कदम उठाकर भी हम बड़ी मात्रा में ऊर्जा संरक्षण कर सकते हैं। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहां वर्षभर सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि हम वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर गंभीरता से विचार करते हुए ऊर्जा बचत के लिए जरूरी उपाय अपनायें। ऊर्जा की बचत के बगैर हम विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का सपना साकार नहीं कर सकते।
केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक पी.सी. बरगले ने कहा कि हमें ऐसे कृषि उपकरणों को बढ़ावा देने और अपनाने की आवश्यकता है जिनसे ऊर्जा संरक्षण के लिए चलाए जा रहे अभियान को बल मिल सके। इस काम में हम एक-दूसरे को जागरूक करके अपनी भागीदारी निभा सकते हैं। वेबिनार में अधीक्षण यंत्री डॉ. सुरेन्द्र वाजपेई ने केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रहीं शासकीय योजनाओं कुसुम-ए, कुसुम-बी और सी के बारे में जानकारी दी और श्रोताओं की शंकाओं का समाधान भी किया।
वक्ताओं ने कहा कि किसी भी देश की तरक्की का रास्ता ऊर्जा से ही होकर जाता है। ग्लोबल वार्मिंग तथा जलवायु परिवर्तन से बचाव के लिए हमें अक्षय ऊर्जा संसाधनों को प्रोत्साहित करना और इनके महत्व के बारे में आपस में चर्चा करना जरूरी है। ऊर्जा चाहे किसी भी रूप में हो, वह उसे व्यर्थ में नष्ट न करें।
कोई तीन घंटे तक चले वेबिनार में सेडमैप इन्क्यूवेशन सेंटर के प्रमुख डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि ग्वालियर संभाग के कृषकों के लिए 04 मार्च को भी एक वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए सेडमैप की वेबसाइट अथवा मोबाइल नंबर 9425386409 पर संपर्क किया जा सकता है।