ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश की क्षमताओं से रू-ब-रू होंगे निवेशक

इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 11-12 जनवरी को

 

 

भारत का दिल मध्यप्रदेश, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से संभावित निवेशकों के लिए राज्य की क्षमताओं का विकास, निवेश के माहौल और बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने और अपनी क्षमताओं का प्रदर्शित करने के लिए विकास का एक नया युग लिखने के लिए तैयार है।राज्य के सबसे स्वच्छ शहर एवं वाणिज्यिक राजधानी इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 11-12 जनवरी को आयोजित की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री ने समिट में राज्य में निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए दिल्ली, मुंबई, पुणे और बैंगलुरू में रोड शो किए। उद्योगपतियों से नियमित रूप से वन-टू-वन चर्चा एवं प्रति सप्ताह उद्योगपतियों से अपने निवास पर भेंट भी की। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न देशों के संभावित निवेशकों के साथ भी बातचीत की। यूके और यूएस ने वस्तुतः शिखर सम्मेलन के लिए अपना निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री के इन्हीं प्रयासों से जीआइएस राज्य के लिए गेम-चेंजर बनेगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मील का पत्थर साबित होगी।

“मध्यप्रदेश- भविष्य के लिए तैयार राज्य” थीम पर होने जा रही इस समिट में पर्यावरण-संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है। यह कार्यक्रम “कार्बन न्यूट्रल” और “जीरो वेस्ट” पर आधारित होगा। प्रदेश में देश और विदेश के निवेशकों को राज्य में लाने के लिए राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का प्रदर्शन किया जायेगा। समिट का उद्देश्य राज्य की नीतियों को बढ़ावा देना, उद्योग अनुकूल नीतियाँ बनाने के लिए औद्योगिक संगठनों के साथ परामर्श कर प्रदेश में निवेशक फ्रेंडली वातावरण बनाना, सहयोग के अवसर और निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना है।

‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ मध्यप्रदेश का प्रमुख द्विवार्षिक निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रम है। वर्ष 2007 में संकल्पित, मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट दुनिया भर के निवेशकों और व्यापार समुदाय के लिए बहुत बड़ा सुअवसर बना। इस बार भी जीआईएस एक ऐसा मंच होगा जहाँ वैश्विक नेता, उद्योगपति और विशेषज्ञ उभरते बाजारों/प्रवृत्तियों पर अपने आख्यान साझा करने, निवेश क्षमता का दोहन करने और फ्यूचर रेडी, मध्यप्रदेश की सफलता की कहानी का हिस्सा बनने के लिए एक साथ आएंगे।

6 हजार से अधिक राष्ट्र प्रमुख एवं उद्योगपति करेंगे शिरकत

इस बार की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 65 से अधिक देशों के प्रतिनिधि-मंडल भाग लेंगे। इसमें 20 से अधिक देशों के राजदूत/उच्चायुक्त/महावाणिज्य दूतावास/राजनयिक भाग लेंगे। जीआइएस के अंतर्राष्ट्रीय मंडप में, 9 भागीदार देश और 14 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन अपने देशों के विभिन्न पहलुओं का प्रदर्शन करेंगे। समिट के माध्यम से राज्य के निर्यातकों को संभावित विदेशी खरीददार से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।

अभी तक 6 हजार से अधिक उद्योगपतियों और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने जीआइएस के लिए पंजीकरण कराया है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों के साथ आमने-सामने की बैठक के लिए अग्रणी उद्योगों से 450 से अधिक अनुरोध प्राप्त हुए हैं। सर्वश्री कुमार मंगलम बिड़ला, नोएल टाटा, नादिर गोदरेज, पुनीत डालमिया और अजय पीरामल सहित भारत के 500 से अधिक प्रमुख उद्योगपति जीआइएस में भाग लेंगे। कार्यक्रम में फार्मा, आईटी, ऑटोमोबाइल, कपड़ा, वस्त्र, रसायन, सीमेंट, खाद्य प्र-संस्करण, रसद, पेट्रोकेमिकल, पर्यटन, नवकरणीय ऊर्जा, सेवाओं आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपतियों की भागीदारी होगी।

जीआइएस के प्रमुख आकर्षण

जीआइएस समिटबिजनेस-टू-बिजनेस मीटिंग, उद्योगों को सहयोग, व्यापार से संबंधित साझेदारी, उत्पाद विनिमय, विभिन्न सेवाओं और संबंधित सूचनाओं के लिए एक मंच प्रदान करेगी। जी-2-बी बैठकों केमाध्यम से, निजी क्षेत्र के उद्योग सरकार के साथ विभिन्न अवसरों और सहयोग पर चर्चा कर सकेंगे।

क्रेता-विक्रेता बैठक और विक्रेता विकास कार्यक्रम

समिट के दौरान राज्य के एमएसएमई को वैश्विक बाजार तक पहुँचाने और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्रेता-विक्रेता मीट का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से यूएसए, कनाडा, इंग्लैंड, जापान, इजराइल, नीदरलैंड, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के खरीदार शामिल हैं। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों जैसे फार्मास्युटिकल, टेक्सटाईल, इंजीनियरिंग, कृषि और आईटी सेवाओं के 1500 से अधिक निर्यातक सहभागिता करेंगे।

19 क्षेत्र विशिष्ट सत्र

दो दिवसीय जीआइएस के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग प्रमुखों के साथ 19 अलग-अलग क्षेत्र-विशिष्ट सत्र होंगे। इन सत्रों में उद्योगपतियों, भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। सत्रों में भाग लेने के लिए विभागों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के संभावित निवेशकों को भी आमंत्रित किया गया है।

प्रदर्शनी

प्रदर्शनी में एक समर्पित मध्यप्रदेश पवेलियन होगा, जो औद्योगिक बुनियादी ढाँचे, मौजूदा और आगामी औद्योगिक पार्कों, प्रमुख निवेश परियोजनाओं को प्रदर्शित करेगा। राज्य के विभिन्न पहलुओं जैसे विरासत, संस्कृति, वन्य-जीवन आदि को भी कवर करेगा। प्रमुख कंपनियाँ फार्मा, आईटी, ऑटोमोबाइल्स, टेक्सटाईल्स, गारमेंट्स, केमिकल्स, सीमेंट, फूड प्रोसेसिंग आदि विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी।

डिजिटल प्रदर्शनी: डिजिटल प्रदर्शनी को आकर्षक बनाने के लिए डिजिटल और बहु-संवेदी उपकरण लगाए गए हैं। “स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों की भूमिका” पर आधारित एक डिजिटल प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी। प्रदर्शनी 900 वर्ग मीटर में फैली होगी, जिसे 20 मिनट की इंटरएक्टिव वॉक द्वारा देखा जा सकेगा।

औद्योगिक प्रदर्शनी: एक लाख वर्ग फुट में फैले विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों को प्रदर्शित करने के लिए 100 से अधिक उद्योगों द्वारा स्टॉल लगाए जाएंगे और प्रतिभागियों को सूचित करने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) रोबोट भी होंगे। राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करने के लिए एक “सांस्कृतिक क्षेत्र” भी बनाया जाएगा, जिसमें स्थानीय एवं जनजातीय कला जैसे गोंड पेंटिंग, भील पेंटिंग, जरी-जरदोजी, जूट, बाग प्रिंट, बाटिक प्रिंट, गुड़िया, बाँस कला, घंटी कारीगरों द्वारा धातु शिल्प और हथकरघा जैसे चंदेरी और माहेश्वरी वस्त्रों आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।

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