GIS- ग्लोबल इन्वेस्टर समिट – मध्यप्रदेश में आईटी सेक्टर में निवेश के लिए लगभग 20,000 करोड़ से अधिक राशि के प्रस्ताव आये

लगभग 1 लाख 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा - डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश

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एमपीपोस्ट भोपाल : फरवरी 21 , 2025, । वैश्विक स्तर की देश और दुनिया की अनेक आईटी कंपनियों ने मध्यप्रदेश में निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई है।
एमपीपोस्ट को मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को 34 आईटी कंपनियों के GIS- ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए आईटी सेक्टर के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के आशय के लगभग 20,000 करोड़ से अधिक राशि के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

आईटी,आईटीईएस के लिए लगभग 5000 करोड़ के 13 कंपनियों ने लगभग 01 लाख लोगों को रोजगार देने के प्रस्ताव दिए हैं। इस तरह ईएसडीएम के लिए 12,000 करोड़ के 08 कंपनियों ने लगभग 11,000 से अधिक लोगों को, डाटा सेंटर के लिए 05 कंपनियों ने 2500 करोड़ के 800 से अधिक लोगों को, ड्रोन सेक्टर में 160 करोड़ के 02 कंपनियों ने 25,000 से अधिक लोगों को, जीसीसी के लिए 02 कंपनियों ने 700 करोड़ के 40,000 से अधिक लोगों को और एवीजीसी-एक्सआर के लिए 04 कंपनियों ने 100 करोड़ के 3000 से अधिक लोगों को रोजगार देने के प्रस्ताव दिए हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एमपीपोस्ट को बताया की मध्यप्रदेश में आईटी सेक्टर में होने वाले लगभग 20,000 करोड़ से अधिक राशि के निवेश से लगभग 1 लाख 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
राज्य में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हों इसीलिए राज्य मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में आईटी,आईटीईएस, ईएसडीएम, डाटा सेंटर क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश आईटी, आईटीईएस एवं ईएसडीएम निवेश संवर्धन नीति-2023 में संशोधन किया हैं । इससे निवेशक इकाइयों को मध्यप्रदेश आईटी, आईटीईएस एवं ईएसडीएम निवेश संवर्धन नीति-2023 का लाभ प्राप्त हो सकेगा। निवेशक इकाइयों को सिंगल विण्डो क्लियरेंस, केपिटल एक्सेपेंडीचर और किराये में सहयोग, सस्ती दरों पर भूमि, स्टॉम्प ड्यूटी और रजिस्ट्ररी में छूट, मार्केटिंग और क्वालिटी कंट्रोल में सहयोग इस नीति के तहत प्राप्त हो सकेग।

राज्य को ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए हाल ही में ” मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ को मंजूरी दी गई है। संबंधित विभागों और एजेंसियों से को ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का ईको सिस्टम बनाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने को कहा है ताकि ड्रोन के सुरक्षित और कुशलतम उपयोग के माध्यम से नवाचार, आर्थिक संपन्नता और रोजगार को बढ़ावा मिल सके।

“मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025″,मध्यप्रदेश ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) पॉलिसी 2025” बनाई है जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने और राज्य को एक डिजिटल एवं तकनीकी हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया विजन को गति देने में यह नीति एक मील का पत्थर साबित होगी।

मध्यप्रदेश सरकार ने क्रिएटिव इकोनॉमी को नए आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी एवीजीसी-एक्सआर नीति 2025 के लॉन्च के साथ राज्य ने इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025, को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का सबसे बड़ा मंच मिलने जा रहा है । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी समिट का 24 फरवरी को शुभारंभ करेंगे, जिससे मध्यप्रदेश का निवेश परिदृश्य और भी मजबूत होगा।

अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सामान्य प्रशासन विभाग, मध्यप्रदेश शासन,श्री संजय दुबे के अनुसार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान टेक इन्वेस्टमेंट सेशन में जीसीसी, सेमीकॉन ,इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्टरिंगस, ड्रोन एंड स्पेस टेक मध्यप्रदेश, इमर्जिंग एवीजीसी इकोसिस्टम पर पैनल डिस्कशन होगा। राज्य के विकास, सरकार की जन हितैषी सेवाओं, नवाचार, उत्कृष्टता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे हो इसके लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तत्पर है। GIS- ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में सभी स्टेक होल्डर और एक्सपर्ट आईटी आधारित टेक्नोलॉजी के व्यापक अनुप्रयोगों पर पैनल डिस्कशन करेंगे।

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