जीआईजेएन का कोविड संबंधी खरीदी पर इनवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग के लिए वेबिनार 24 मार्च,को शाम 6 बजे से
पूरी दुनिया की तरह दक्षिण एशिया ने भी कोविड-19 के गंभीर दुष्परिणाम देखे हैं। 2019 के आखिरी महीनों से आरंभ हुई इस महामारी ने करोड़ों लोगों को बीमार किया है। लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
महामारी के पिछले दो वर्षों में सरकारों के स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। सरकारों ने अपने स्वास्थ्य बजट का बहुत बड़ा हिस्सा वैक्सीन खरीदने में लगाया। इसके पहले सैनिटेशन मशीनरी, अस्थाई आइसोलेशन सेंटर, नए ऑक्सीजन प्लांट और इमरजेंसी सेवाओं पर भी बेतहाशा खर्च किया गया है। महामारी से निपटने के लिए काफी बड़ी राशि के कॉन्ट्रैक्ट या टेंडर रातों-रात आवंटित किए गए।
सरकारी धन के व्यय में पारदर्शिता और जवाबदेही होना मूलभूत आवश्यकता है। महामारी के उत्तरार्द्ध में भी सरकारों के स्वास्थ्य बजट में काफी इज़ाफ़ा हुआ है। लिहाजा, पूरी दुनिया के ‘वॉचडॉग’ खासकर खोजी पत्रकारों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उनसे अपेक्षा है कि इस क्षेत्र में यदि कोई अनियमितता अथवा भ्रष्टाचार हो तो उसकी जांच करके समाज के सामने लाएं।
24 मार्च 2022, गुरुवार को शाम 6 बजे से को जीआईजेएन वेबिनार के माध्यम से दुनिया के तीन वरिष्ठ पत्रकार अपने अनुभव साझा करेंगे। बताएंगे कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग किस तरह की जाए। स्वास्थ्य क्षेत्र में अनियमितताओं के भंडाफोड़ के तरीके भी बताएंगे। चूंकि सरकारें स्वास्थ्य मामलों में समुचित पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाती हैं, इसलिए इस पर रिपोर्टिंग काफी चुनौतीपूर्ण है।
क्रिसी जाइल्स: यूनाइटेड किंगडम की ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज़्म में ग्लोबल हेल्थ एडिटर हैं। इसके पहले वे विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य फाउंडेशन Wellcome में Mosaic प्रकाशन की संपादक थीं। विश्वविद्यालय स्तर पर उन्होंने बायोकेमिस्ट्री का अध्ययन किया है। वह इंपीरियल कॉलेज लंदन से विज्ञान संचार में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर चुकी हैं।
सुप्रिया शर्मा: भारत के प्रमुख डिजिटल समाचार प्लेटफार्म scroll.in की कार्यकारी संपादक और इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टर हैं। उन्होंने अपनी खोजी खबरों के माध्यम से पत्रकारिता जगत में ख्याति अर्जित की है। वह एनडीटीवी और टाइम्स ऑफ इंडिया में काम कर चुकी हैं। भारत के प्रतिष्ठित “रामनाथ गोयनका अवार्ड” और “चमेली देवी जैन पत्रकारिता पुरुस्कार” उन्हें मिल चुके हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के रायटर्स इंस्टीट्यूट फॉर स्टडी ऑफ जर्नलिज्म की अध्येता रही हैं।
रजनीश भंडारी: नेपाल इन्वेस्टिगेटिव मल्टीमीडिया जर्नलिज्म नेटवर्क के संस्थापक और मुख्य संपादक हैं। वे काठमांडू के जाने-माने खोजी रिपोर्टर, फिल्मकार और पत्रकारिता शिक्षक हैं। समय-समय पर उनके मल्टीमीडिया संबंधित कार्य न्यूयॉर्क टाइम्स, नेशनल ज्योग्राफिक, अल जजीरा, बीबीसी इत्यादि में आते रहे हैं। वे यूरोपियन जर्नलिज़्म सेंटर समर्थित वेबसाइट और जर्नलिस्ट फॉर ट्रांसपेरेंसी में मल्टीमीडिया एडिटर रहे हैं।
वेबिनार के सूत्रधार,दीपक तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल, जीआईजेएन (हिंदी) के संपादक हैं ।