मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर की मंशानुरूप ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के अवसर पर आयोजित खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल की थीम देश भक्ति रखा गया है। पर्यटन, संस्कृति और जनसंपर्क विभाग मध्यप्रदेश शासन के प्रमुख सचिव ने बताया कि “खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल” का आयोजन 5 से 11 दिसम्बर, 2021 तक खजुराहो में होगा। देश भक्ति थीम पर आधारित देशभर के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशकों की 75 फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा। खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में फिल्मों के प्रदर्शन के दौरान देश के कई जाने-माने फिल्म अभिनेता, अभिनेत्रियां, निर्माता, निर्देशक और विशेषज्ञ भी उपस्थित रहेंगे।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि फेस्टिवल के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयार की गई फिल्में भी दिखायी जायेंगी और स्थानीय प्रतिभाओं को सशक्त मंच प्रदान किया जायेगा। पर्यटन और संस्कृति विभाग एवं बुंदेलखंड विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वधान में यह फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। फेस्टिवल के आयोजन से न सिर्फ देश-विदेश के पर्यटक और सैलानी प्रदेश की स्थानीय संस्कृति, पुरातात्विक धरोहर से परिचित होंगे बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने फिल्म, कला, संस्कृति और फिल्म पत्रकारिता से जुड़े या इसमें रूचि रखने वाले सभी लोगों और पर्यटको से फ़िल्म फेस्टिवल में शामिल होने के लिए सादर आमंत्रित किया है। उन्होंने सभी लोगों से आव्हान किया कि अधिक से अधिक संख्या में फ़िल्म फेस्टिवल में सहभागिता करें।
श्री शुक्ला ने बताया कि खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का यह 7वां संस्करण है। इससे पहले 6 संस्करणों में महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसी कई महत्वपूर्ण थीम पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन किया जा चुका है। पर्यटको में लोकप्रिय ग्रामीण परिवेश में निर्मित एक टपरा टाकीज में फिल्मों के प्रदर्शन से प्रारंभ हुए इस महोत्सव में इस वर्ष 11 टपरा टॉकीज में फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही खजुराहो में फिल्मों के प्रदर्शन के लिए लगभग 175 दर्शकों की क्षमता वाला एक स्थायी ऑडिटोरियम निर्मित किया जा चुका है। फेस्टिवल के दौरान प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जायेगा। सांस्कृतिक आयोजनों में स्थानीय कलाकारों को अवसर प्रदान किया जायेगा। फिल्म फेस्टिवल की एक और विशेषता कौशल हाट भी है, जिसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन भी किया जायेगा।
बुंदेलखंड विकास बोर्ड के अध्यक्ष और निदेशक एवं प्रसिध्द अभिनेता और निर्देशक राजा बुंदेला ने बताया कि फेस्टिवल में प्रसिद्ध अभिनेता गोविंदा, राखी सावंत, मल्लिका शेरावत, मनोज जोशी, अनीता नांगिया, श्री रोहिताश गौड़, कामना पाठक, मनोज तिवारी, पंकज धीर, गुलशन पांडे सहित कई फिल्मी सितारों के अलावा जाने-माने फाइट मास्टर रवि दीवान, डायरेक्टर दिलीप ताहिल, सुभाष घई, सुभाष कपूर, तिगमांशु धूलिया, अनीस बाज्मी, संजय चहल, विशाल भारद्वाज, राजकुमार संतोषी, प्रियदर्शन, लक्ष्मण उतरेकर के अलावा उद्योगपति दिलीप रघुवंशी, रमेश चंद्र वैज्ञानिक सहित कई और हस्तियां शिरकत करेंगीं। फेस्टिवल के दौरान बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थानीय युवाओं और कलाकारों का संवाद देश के जाने माने फिल्म निर्देशकों, लेखकों और पत्रकारों से कराया जायेगा। मास्टर क्लासेस भी आयोजित की जायेगी। इस वर्ष फिल्म से जुड़े विभिन्न विषयों पर संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जा रहा है। जिसमें देश के जाने-माने फिल्म पत्रकार, लेखक और विशेषज्ञ विचार-विमर्श करेंगे।
श्री बुंदेला ने बताया कि 7 दिवसीय खजुराहो फिल्म फेस्टिवल के दौरान स्थानीय नागरिकों के लिए हेल्थ कैम्प भी लगाये जा रहे हैं। कैम्प में आंख, किडनी और अन्य प्रमुख बीमारियों से संबंधित जांच कर उन्हें आवश्यक परामर्श दिया जायेगा। पिछले वर्षों में इस महोत्सव में शेखर कपूर, मनमोहन शेट्टी, रमेश सिप्पी, जैकी श्रॉफ, किरण कुमार, डॉ. चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, तनुजा, अनुपम खेर, राहुल रवैल, अनुराग बासु, बोनी कपूर, गोविन्द निहलानी, रमेश तौरानी, सुभाष घई और प्रहलाद कक्कड़ जैसी हस्तियां शिरकत कर चुकी हैं। मंदिरों के लिए प्रसिद्ध खजुराहो और पन्ना टाईगर रिजर्व को रेखांकित करते हुए शेखर कपूर ने खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए “टैम्पल टाईगर एण्ड टपरा टाकीज” टैग लाईन दी है।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि प्रारंभ में इस फेस्टिवल की शुरूआत 3 दिवसीय समारोह से हुई थी किन्तु जनता की सहभागिता और उत्साह को देखते हुए धीरे-धीरे विस्तार करते हुए अब यह महोत्सव 7 दिन के समारोह का स्वरूप ले चुका है। इस समारोह में प्रतिदिन 10 हजार से 15 हजार लोग शामिल होते हैं। पिछले 6 वर्षों के अपने सफर में खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल बुन्देलखण्ड क्षेत्र में फिल्मों की समझ को लेकर एक आंदोलन खड़ा करने में सफल रहा है। इस फेस्टिवल ने बड़ी संख्या में स्थानीय कलाकारों, लेखकों और प्रतिभाओं को अवसर प्रदान कर उन्हें न सिर्फ आगे बढ़ने में बल्कि बड़े मंचों तक पहुंचने में मदद की है।