मध्यप्रदेश में साल 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 40 हजार 583 रूपए होने का तथ्य मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 के जरिये सामने आया है। वर्ष 2011-12 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ कर 38 हजार 497 रूपये हुई थी। इसके पहले वर्ष 2001-02 में मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 11 हजार 718 रूपए थी। ऋण और जीएसडीपी अनुपात की चर्चा करें, तो इस क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश का प्रदर्शन अच्छा है। ताजा आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि वर्ष 2005 में जो ऋण जीएसडीपी अनुपात 39.5 प्रतिशत था वह वर्ष 2020-21 में 22.6 प्रतिशत रहा। मध्यप्रदेश का का पूँजीगत व्यय 37 हजार 89 से बढ़ कर अब 45 हजार 685 करोड़ रूपये हो गया है। यह वृद्धि 23.18 प्रतिशत है । पिछले तीन वर्ष में प्रतिवर्ष 7.94 प्रतिशत के कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ा है। राजकोषीय समेकन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में निरंतर राजस्व बढ़ाने का कार्य हुआ है। प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग के विस्तार का कार्य भी हुआ है।
मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 के अनुसार किसानों को ऋण में 13.41 प्रतिशत और एमएसएमई क्षेत्र में 30.22 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2001-02 में कृषि विकास दर सिर्फ तीन प्रतिशत थी, जो अब 19 प्रतिशत हो गई है। राज्य ने वर्ष 2013-14 में 174.8 लाख टन की तुलना में वर्ष 2022-23 के अग्रिम अनुमान में 352.7 लाख टन गेहूँ उत्पादन की सफलता और गेहूँ के निर्यात में मध्यप्रदेश की 46 प्रतिशत भागीदारी की उपलब्धि भी अर्जित की है। धान की पैदावार 53.2 लाख से बढ़ कर 131.8 लाख टन हो गई है।