मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा ने सरकार का वित्‍तीय वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्‍ताव पेश किया

उपमुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा का वर्ष 2024-25 बजट भाषण का मूल पाठ :-

 

मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा ने सरकार का वित्‍तीय वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्‍ताव पेश किया।
मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा ने आज, बुधवार 03 जुलाई 2024 को मध्यप्रदेश विधान सभा जैसे ही समवेत हुई परंपरानुसार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच थोड़ी बहस हुई उसके पश्चात उन्होंने अपना लिखित बजट भाषण प्रारंभ किया। 223 बिंदुओं पर केंद्रित बजट भाषण उपमुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा ने रोक टोक के बीच 11 बजकर 16 मिनट पर शुरू कर 12 बजकर 50 मिनट पर पूर्ण किया।
मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा ने सरकार का वित्‍तीय वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्‍ताव पेश किया
उपमुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा का वर्ष 2024-25 बजट भाषण का मूल पाठ

उपमुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा ने ने कहा सदन में विराजित महानुभावों का श्रद्धापूर्वक नमन। विगत फरवरी माह में इस सदन ने, मेरे माध्‍यम से हमारी सरकार के प्रस्‍तुत लेखानुदान को पारित किया था। यह लेखानुदान, माह अप्रैल, 2024 से जुलाई, 2024 तक की अवधि के आवश्‍यक व्‍ययों एवं पूर्व से चल रही योजनाओं व परियोजनाओं को निर्बाध रखे जाने के लिए रहा है। अध्‍यक्ष महोदय, आपकी अनुमति से मेरे माध्‍यम से आज हमारी सरकार का वित्‍तीय वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्‍ताव, माननीय सदन के सारगर्भित विमर्श व पारित किये जाने के लिए प्रस्‍तुत है।

प्रदेश के बजट तैयार करने की प्रक्रिया में यह भावना लगातार प्रबल रही है कि,
“सबल भुजाओं में लक्षित है, नौका भी पतवार,
चीर चलें सागर की छाती, पार करें मझधार।”
मैं विश्‍वास दिलाता हूँ कि, इस सदन द्वारा पारित की गई राशि का पूर्ण उपयोग, प्रदेश में विकास तथा जनता के जीवन में सहजता लाने के लिए होगा।
सरकार में हम सभी न्‍यासी के रूप में हैं और हमें अपने-अपने उत्‍तरदायित्‍व का निर्वाह नि:स्‍वार्थ भाव से करना होता है। जनकल्‍याण के उपाय भी तभी सार्थक होंगे, जब हम गरीब, निराश्रित, असहाय और मुख्‍यधारा से पिछड़ गई आम जनता की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा कर सकेंगे।
माननीय अध्‍यक्ष महोदय, हमारी सरकार का यह बजट, प्रदेश को सम्‍पूर्ण रूप से विकसित प्रदेश बनाने के हमारे सतत प्रयासों को और अधिक सफल व परिणामजनक बनाएगा। सदन के माध्‍यम से मैं, प्रदेश की जनता को यह विश्‍वास दिलाता हूँ कि, युवा व महिला सशक्तिकरण, सामाजिक उत्‍थान, शिक्षा व स्‍वास्‍थ्‍य, अधोसरंचनाओं का विस्‍तार, रोजगार-स्‍वरोजगार, औद्योगिक विकास आदि के साथ-साथ पर्यावरण उपयुक्‍त जीवन-शैली तथा प्रदेश की प्राचीन संस्‍कृति, सभ्‍यता, सरोकार और गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाने जैसे कार्यक्रमों के लिए आर्थिक संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। यह बजट असीमित संभावनाओं को समेटकर बनाया गया बजट है।
सदन को अवगत कराते हुए मुझे प्रसन्‍नता है कि, हमारे दल के संकल्‍प-पत्र को, राज्‍य सरकार ने ग्राह्य किया है। यह संकल्‍प-पत्र, हमारी सरकार के पूर्ण कार्यकाल में निरंतर बेहतर परिणाम देने के लिए प्रेरित करता रहेगा।
हमारी सरकार ने वर्ष 2022-23 के प्रदेश के बजट को तैयार करने में नवाचार करते हुए आम जनता, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों एवं विषय विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्‍त किये थे। हमने, इस परम्‍परा को वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के बजट को तैयार करने में भी कायम रखा है। आम जनता से प्राप्‍त 3 हजार से अधिक सुझावों में से महत्‍वपूर्ण सुझावों को बजट तैयार करते समय गंभीरता पूर्वक विचार में लिया गया है।
6. माननीय श्री नरेन्‍द्र मोदी जी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर प्रदेश की जनता की ओर से बधाई देता हूँ। मैं, प्रदेश के जनप्रिय मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी का भी आभार व्‍यक्‍त करता हूँ जिनके ऊर्जावान नेतृत्‍व व रणनीति के परिणामस्‍वरूप प्रदेश की संपूर्ण संसदीय सीटों पर हमारे दल के प्रतिनिधि निर्वाचित हुये। मैं, देश व प्रदेश की जनता का भी उनके सूझ-बूझ के निर्णय के लिए अभिनंदन करता हूँ, जिनके कारण हमारे दल को देश व प्रदेश में नेतृत्‍व करने का अवसर मिला है।

 

आर्थिक परिदृश्‍य
7. वैश्विक स्‍तर पर राजनैतिक एवं आर्थिक अस्थिरता के बावजूद भी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी के कुशल व दक्ष नेतृत्‍व में भारत की अर्थव्‍यवस्‍था में निरंतर वृद्धि हो रही है। अन्‍तर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष के द्वारा दिनांक 14 जून, 2024 की स्थिति में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्‍यवस्‍था का स्थान विश्‍व की सबसे बड़ी 5 अर्थव्‍यवस्‍थाओं में है।
8. माननीय प्रधानमंत्री जी का वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्‍ट्र बनाने का लक्ष्‍य है। हमारे कर्मठ व जुझारू मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के कुशल नेतृत्‍व में हमारी सरकार का प्रयास है कि आगामी 5 वर्षों में प्रदेश के वार्षिक बजट के आकार को दोगुना किया जाए। मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्‍नता है कि, इस कड़ी में वर्ष 2024-25 के लिये प्रस्‍तुत किए जा रहे बजट के आकार में वर्ष 2023-24 के बजट की तुलना में 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।

9. प्रदेश में निरंतर कुशल वित्‍तीय प्रबंधन एवं आर्थिक गतिविधियों के विस्‍तार से प्रदेश में प्रति व्‍यक्ति आय में निरंतर वृद्धि हो रही है। प्रचलित भावों पर वर्ष 2023-24 (अग्रिम अनुमान) अनुसार प्रति व्‍यक्ति आय 1 लाख 42 हजार 565 रूपये है। उल्‍लेखनीय है कि, वर्ष 2003-04 में प्रति व्‍यक्ति आय मात्र 13 हजार 465 रूपये थी, जो कि बढ़कर अब लगभग 11 गुना हो गई है।

10. नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा जनवरी, 2024 में जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013-14 से वर्ष 2022-23 की अवधि में मध्‍यप्रदेश के 2 करोड़ 30 लाख लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आये हैं।

अधोसंरचना विस्‍तार तथा संधारण
11. भौतिक अधोसंरचना का निर्माण एवं संधारण, आत्‍मनिर्भरता की आधारशिला है। हमारी सरकार, माननीय प्रधानमंत्री जी एवं माननीय वित्‍त मंत्री, भारत सरकार की आभारी है, जिनकी प्रगतिशील नीतियों के कारण पूरे देश में अधोसंरचना विकास के लिए वृहद स्तर पर निवेश हो रहा है। प्रदेश में किये जा रहे पूँजीगत व्‍यय से प्रदेश में सड़कों और पुलों का जाल बिछाने से न केवल यातायात सुगम हुआ है, बल्कि सिंचाई, पर्यटन, रोजगार/स्‍वरोजगार, औद्योगिकीकरण आदि के माध्‍यम से अर्थव्‍यवस्‍था को भी नई ऊर्जा, नई गति, नई ताकत, नई दिशा मिली है।
12. पूँजीगत कार्यों के लिये भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों की पूर्ति करने में प्रदेश सफल रहा है। विशेष केन्‍द्रीय सहायता योजना अंतर्गत प्रदेश को वर्ष 2023-24 में भारत सरकार से रूपये 8 हजार 808 करोड़ की राशि प्राप्‍त होनी थी, परन्‍तु हमारे कर्मनिष्ठ माननीय मुख्‍यमंत्री जी के विशेष प्रयासों के परिणामस्‍वरूप रूपये 3 हजार 829 करोड़ अतिरिक्‍त रूप से प्राप्‍त हुए हैं। इसी क्रम में इस योजना में वर्ष 2024-25 में भारत सरकार से रूपये 15 हजार करोड़ प्राप्त करने के प्रयास किये जायेंगे।
13. वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में पूँजीगत व्‍यय रूपये 60 हजार 689 करोड़ हुआ है, जो कि वित्‍तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में लगभग 29 प्रतिशत अधिक है। महोदय, मुझे सदन को यह अवगत कराते हुये गौरव की अनुभूति हो रही है कि, राज्‍य शासन द्वारा एक वित्‍तीय वर्ष में यह अब तक का सर्वाधिक पूँजीगत व्‍यय है, जो कि अपने आप में एक कीर्तिमान है।
सड़क एवं पुल
14. वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में 6 हजार 646 किलोमीटर सड़क निर्माण तथा उन्‍नयन, 4 हजार 708 किलोमीटर सड़क नवीनीकरण एवं 123 पुलों का निर्माण पूर्ण किया गया है। इसके अतिरिक्‍त, प्रदेश के चिन्हित रेल्‍वे क्रॉसिंग को समाप्‍त करने की दिशा में 116 रेल्‍वे ओव्‍हर ब्रिज के निर्माण की कार्यवाही प्रगतिरत है। प्रदेश में निर्माणाधीन रेल परियोजनाओं को और अधिक गति देने के उद्देश्य से भारत सरकार एवं राज्य सरकार के अन्य विभागों के साथ समन्वय के लिये लोक निर्माण विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
15. आगामी पाँच वर्षों में एक्‍सप्रेस-वे नेटवर्क के माध्‍यम से 299 किलोमीटर का अटल प्रगति पथ, 900 किलोमीटर का नर्मदा प्रगति पथ, 676 किलोमीटर के विंध्‍य एक्‍सप्रेस-वे, 450 किलोमीटर का मालवा-निमाड़ विकास पथ, 330 किलोमीटर का बुंदेलखण्‍ड विकास पथ एवं 746 किलोमीटर का मध्‍य भारत विकास पथ के कार्य प्रस्तावित हैं। इन मार्गों के दोनों ओर औद्योगिक कॉरीडोर विकसित किये जायेंगे, जिससे रोजगार व स्‍व-रोजगार के अवसर उपलब्‍ध होंगे। भोपाल, इन्‍दौर, जबलपुर एवं ग्‍वालियर में सुगम यातायात के लिये एलीवेटेड कॉरीडोर निर्माणाधीन हैं। सिंहस्‍थ-2028 के दृष्टिगत उज्‍जैन शहर में बायपास के साथ शहर में आने वाले सभी मार्गों को 4 लेन अथवा 8 लेन किया जाना प्रस्‍तावित है।
16. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 1 हजार किलो मीटर सड़क का निर्माण एवं लगभग 2 हजार किलो मीटर सड़कों के नवीनीकरण का लक्ष्‍य है। मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत अब तक 8 हजार 565 ग्रामों को 19 हजार 378 किलोमीटर लंबाई की 8 हजार 410 सड़कों से बारहमासी मार्ग से जोड़ा जा चुका है।
17. सड़क एवं पुल के निर्माण एवं संधारण के लिये वर्ष 2024-25 में लगभग रूपये 10 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
पेयजल
18. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी ने जल-जीवन मिशन प्रारंभ कर जल क्रांति को जन्‍म दिया है। हमारी सरकार का संकल्‍प है कि, प्रदेश के हर घर में नल से जल उपलब्‍ध कराया जाये। योजना प्रारंभ के वर्ष 2019 की स्थिति में 13 लाख 53 हजार 151 घरेलू नल कनेक्शन की संख्या बढ़कर अब 70 लाख 86 हजार 293 हो गई है।
19. लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी के लिए वर्ष 2024-25 में रूपये 10 हजार 279 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है।
ऊर्जा
20. मैनें अपने पिछले भाषण में सदन को यह अवगत कराया था कि प्रदेश, ऊर्जा उत्‍पादन में आत्‍मनिर्भर हो चुका है। सदन को पुनः अवगत कराते हुये खुशी है कि प्रदेश में विद्युत की पर्याप्‍त उपलब्‍धता बनाये रखी गई है। उद्योगों सहित सभी गैर-कृषि उपभोक्‍ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्‍ताओं को प्रतिदिन औसतन 10 घंटे विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है। दिनांक 26 जनवरी, 2024 को प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक 17 हजार 614 मेगावाट शीर्ष मांग की पूर्ति की गई।
21. वर्ष 2024-25 में अमरकंटक एवं सतपुडा ताप विद्युत गृहों में 660-660 मेगावाट की नई विस्‍तार इकाइयों का निर्माण कार्य, 603 सर्किट कि.मी. पारेषण लाईनों एवं 2 हजार 908 एम.व्‍ही.ए. क्षमता के अति उच्‍च दाब उपकेन्‍द्र के कार्य प्रस्‍तावित हैं। गुणवत्‍ता पूर्ण और विश्‍वसनीय विद्युत आपूर्ति के उद्देश्‍य की प्राप्ति के लिये रिवेम्‍प्‍ड डिस्‍ट्रीब्‍यूशन सेक्‍टर स्‍कीम (RDSS) का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
22. प्रदेश ने नवकरणीय ऊर्जा स्‍थापना क्षमता की दृष्टि से अभूतपूर्व वृद्धि प्राप्‍त की है। मैंने अपने विगत बजट भाषण में, प्रदेश के नीमच जिले में 500 मेगावाट, आगर जिले में 550 मेगावाट एवं शाजापुर जिले में 450 मेगावाट की सौर पार्क परियोजनाओं का विकास किये जाने का उल्‍लेख किया था। मुझे यह अवगत कराते हुये खुशी है कि, आगर जिले की 550 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना से उत्पादन शुरु हो गया है।

23. ओंकारेश्‍वर में नर्मदा नदी पर स्थित बाँध के बैक वाटर पर 100 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सौर पार्क स्‍थापित हो गया है। चंबल क्षेत्र में 1 हजार 400 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना विकसित की जा रही है, जिसके एक अंश को ऊर्जा भण्‍डारण सहित हाईब्रिड परियोजना के रूप में विकसित किया जायेगा।

24. ऊर्जा क्षेत्र के लिए वर्ष 2024-25 में रूपये 19 हजार 406 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है, जो कि वर्ष 2023-24 से रूपये 1 हजार 46 करोड़ अधिक है।
सिंचाई
25. वर्ष 2003 में प्रदेश में उपलब्‍ध सिंचाई सुविधा की स्थिति के संबंध में यह कहना पर्याप्‍त होगा कि ”टूटी फूटी कश्‍ती और एक खुश्‍क समंदर देखा था”। प्रदेश में कृषि उत्‍पादन को बढ़ाने के लिये सिंचाई की सुविधा के विस्‍तार के साथ जल के इष्‍टतम उपयोग की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने की दिशा में हमारी सरकार ने उल्‍लेखनीय कार्य किये हैं।
26. प्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में समृद्ध एवं सतत विकास एवं कृषि को लाभ का व्‍यवसाय बनाने के उद्देश्‍य से सिंचाई अंतर्गत क्षेत्रफल को वर्ष 2025-26 तक 65 लाख हेक्टेयर एवं वर्ष 2028-29 तक 1 करोड़ हेक्टेयर किये जाने का लक्ष्‍य है। वर्तमान में लगभग 50 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता निर्मित हो गई है। शेष लक्ष्य की पूर्ति हेतु विभिन्न सिंचाई परियोजनायें निर्माण के पृथक-पृथक चरणों में हैं।

27. “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” के उद्देश्य की पूर्ति के लिये 133 वृहद एवं मध्‍यम प्रेशराइज्ड सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली आधारित परियोजनायें निर्माणाधीन हैं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर लगभग 48 लाख हेक्टेयर सिंचाई की क्षमता निर्मित होगी। इसी प्रणाली का उपयोग कर प्रदेश, पूर्व निर्मित सिंचाई परियोजनाओं के अतिशेष जल से अतिरिक्त सिंचाई क्षेत्र विकसित करने की दिशा में अग्रसर है।

28. केन-बेतवा लिंक परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत रूपये 44 हजार 605 करोड़ है, बुन्‍देलखंड क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये वरदान है। परियोजना के पूर्ण होने पर प्रदेश के 10 जिलों के 1 हजार 900 ग्रामों में 8 लाख 11 हजार हेक्‍टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा के साथ-साथ 41 लाख की आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त 130 मेगावाट विद्युत उत्‍पादन भी होगा।

29. मध्यप्रदेश ने राजस्थान के साथ एम. ओ. यू. कर पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना के निर्माण की सैद्धांतिक सहमति बनाई है। इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों में 4 लाख हेक्टेयर नवीन सिंचाई क्षमता निर्मित होगी तथा पेयजल एवं उद्योग के लिये भी जल उपलब्ध होगा।

30. नर्मदा जल विवाद न्‍यायाधिकरण के द्वारा मध्‍यप्रदेश को आवंटित 18.25 एम.ए.एफ. नर्मदा जल का उपयोग सुनिश्चित करने के लिये सिंचाई परियोजनाओं का क्रियान्‍वयन तेजी से किया जा रहा है। नर्मदा घाटी की समस्‍त सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने पर लगभग 28 लाख 41 हजार 111 हेक्‍टेयर भूमि सिंचित होगी।

31. सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण व संधारण के लिये वर्ष 2024-25 में रूपये 13 हजार 596 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

 

कृषि एवं सम्‍बद्ध क्षेत्र
32. सिंचाई सुविधा बढ़ने से कृषि उत्‍पादन में वृद्धि हुई है। खेतों में लहलहाती फसल किसानों की आशाओं का मूल होती है। हमारी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने, उत्‍पादकता की लागत कम करने, योग्‍य भाव दिलाने, कृषि आधारित जोखिमों को कम करने तथा नुकसान की भरपाई करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। किसान परिवार अपने परिश्रम से देश की जनता को खाद्यान उपलब्‍ध कराते हैं, उनके इस समर्पण के प्रति, हमारी सरकार पूरी संवेदना व सम्‍मान रखती है।
“कल के नये सबेरे हम हैं, धरती की संतान हैं,
श्रम से हम तकदीर बदलते, मानवता के अभिमान हैं।’’
33. अध्‍यक्ष महोदय, सदन को यह अवगत कराते हुये हर्ष है कि पूरे देश में हमारा प्रदेश दलहन उत्‍पादन में प्रथम तथा खाद्यान्‍न व तिलहन उत्‍पादन में दूसरे स्‍थान पर है।
34. प्रदेश के किसानों के सफल प्रयासों के परिणामस्‍वरूप खरीफ 2023 में प्रदेश का कुल उत्‍पादन 300 लाख मैट्रिक टन रहा एवं रबी वर्ष 2023-24 में कुल उत्‍पादन 393 लाख मैट्रिक टन अनुमानित है।
35. हमारी सरकार ने श्री अन्न उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन गठित किया है। राज्य सरकार द्वारा श्री अन्‍न के उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि के लिये फेडरेशन के माध्यम से उपार्जित किये जा रहे कोदो-कुटकी पर प्रति किलोग्राम 10 रूपये की अतिरिक्त राशि भी दी जायेगी। जिला डिंडोरी में श्री अन्‍न अनुसंधान केन्‍द्र की स्‍थापना प्रस्‍तावित है।
36. हमारी सरकार द्वारा मिट्टी की गुणवत्‍ता के परीक्षण एवं सुधार के लिये मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं को कृषक उत्पादक संगठन एवं कृषि स्नातक उद्यमियों के माध्यम से संचालित करने का नवाचार किया जा रहा है। इससे एक ओर जहां कृषि उत्‍पादन में वृद्धि होगी वहीं दूसरी ओर इन प्रयोगशालाओं से कृषि क्षेत्र में शिक्षित युवाओं को स्‍व-रोजगार भी उपलब्‍ध होगा। इस योजना में विगत वर्ष के बजट प्रावधान में 5 गुना वृद्धि करते हुये वर्ष 2024-25 में रूपये 50 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
37. क़ृषि क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के क्रम में जिला उज्‍जैन में चना तथा जिला ग्‍वालियर में सरसों अनुसंधान संस्‍थान की स्‍थापना प्रस्‍तावित है।
38. अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 1 हेक्टेयर तक के भूमिधारकों को 5 हॉर्सपावर तक के विद्युत पंप उपयोग पर निःशुल्क विद्युत आपूर्ति तथा अटल कृषि ज्‍योति योजना अंतर्गत 10 हॉर्सपावर तक के किसानों को ऊर्जा प्रभार में सब्सिडी दी जा रही है। इस हेतु वर्ष 2024-25 में रूपये 11 हजार 65 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
39. प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना अंतर्गत किसानों को केन्‍द्र सरकार द्वारा वर्ष में रूपये 6 हजार की सहायता राशि उपलब्‍ध कराई जाती है। राज्‍य सरकार द्वारा भी मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के माध्‍यम से रूपये 6 हजार प्रतिवर्ष की सहायता राशि उपलब्‍ध कराई जा रही है। इस प्रकार दोनों योजनाओं से प्रति वर्ष प्रति किसान रूपये 12 हजार की सम्मान निधि लगभग 82 लाख किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना में रूपये 4 हजार 900 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है ।
40. कृषकों को उनकी उपज का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त हो सके, इसके लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के अतिरिक्‍त गेहूँ उपार्जन पर रूपये 125 प्रति क्विटंल बोनस दिया जा रहा है। इस योजना में राशि रूपये 1 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
41. प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए हमारी सरकार हमेशा कृषकों के साथ खड़ी रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्‍तर्गत खरीफ 2023 में 97 लाख 71 हजार एवं रबी 2023-24 में 80 लाख 96 हजार कृषक बीमित हुये। वर्ष 2024-25 में इस योजना अंतर्गत रूपये 2 हजार करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्‍तावित है।
42. कृषि क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश को प्रोत्‍साहित कर, विविधिकृत फसलों की बाजार आधारित खरीदी सुनिश्चित कराने तथा जलवायु आधारित अनूकूल फसलों को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से प्रारंभ की गई, फसल विविधीकरण योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 के बजट में रूपये 20 करोड़ की राशि प्रस्‍तावित है।
43. किसानों को शून्‍य प्रतिशत ब्‍याज पर अल्‍पकालीन 
फसल ऋण उपलब्‍ध कराये जाने के उददेश्‍य से बजट में रूपये 600 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। इस योजना से लगभग 32 लाख से अधिक कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।
44. प्राकृतिक खेती, जलवायु परिवर्तन की चिंताओं को कम करने के लिये पर्यावरण पुर्नस्थापन जैसे लाभों के अलावा किसानों की आय बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है। यह पद्धति मिट्टी की जैव विविधता में सुधार करने में मदद करती है। प्राकृतिक खेती प्रोत्साहन एवं विस्तार के लिये वर्ष 2024-25 में रूपये 30 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
45. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत 5 करोड़ 37 लाख हितग्राहियों को नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराया जा रहा है।
46. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में अब तक लगभग 89 लाख हितग्राहियों को नि:शुल्‍क गैस कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराया गया है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले ऐसे हितग्राही, जो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभ से वंचित रह गये हैं, उन्‍हें राज्य सरकार की गैर-उज्ज्वला योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। इन दोनों योजनाओं में वर्ष 2024-25 के लिए राशि रूपये 520 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
47. ”सहकार से सम़ृध्दि” की परिकल्‍पना को साकार करने हेतु हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है। वर्ष 2023-24 में किसानों को रूपये 19 हजार 946 करोड़ का फसल ऋण वितरण किया गया है, जो कि वर्ष 2022-23 की तुलना में रूपये 1 हजार 490 करोड़ अधिक है। वर्ष 2024-25 में 23 हजार करोड़ फसल ऋण वितरण का लक्ष्‍य है।
48. पशुपालकों एवं गौसंवर्धन के विकास एवं संरक्षण के लिए हमारी सरकार सदैव कृत-संकल्पित रही है। पशुपालकों एवं गौसंवर्धन से संबंधित योजनाओं में पिछले वर्ष के बजट प्रावधान रूपये 335 करोड़ की तुलना में वर्ष 2024-25 में 76 प्रतिशत वृद्धि करते हुये रूपये 590 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
49. प्रदेश में, मई, 2023 से प्रारंभ 406 चलित पशुचिकित्‍सा इकाईयों द्वारा अब तक 5 लाख 46 हजार से अधिक पशुओं को घर-पहुंच चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। चलित पशु कल्‍याण सेवा योजना में रूपये 82 करोड़ की राशि प्रस्‍तावित है।
50. मध्यप्रदेश के दुग्‍ध उत्‍पादकों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से नवीन योजना “मुख्‍यमंत्री सहकारी दुग्‍ध उत्‍पादक प्रोत्‍साहन योजना” प्रारंभ की जा रही है। योजना अंतर्गत दुग्ध उत्पादकों को सहकारी समितियों के माध्यम से संगठित कर दुग्ध उपार्जन दर के अतिरिक्त प्रति लीटर के मान से प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करायी जायेगी। योजना अंतर्गत प्रारंभिक रूप से रूपये 150 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
51. प्रदेश में कुल 2 हजार 190 गौ-शालाओं का संचालन किया जा रहा है। इन गौ-शालाओं में लगभग 3 लाख गौ-वंश का पालन हो रहा है। गौ-शालाओं में पशु आहार के लिये उपलब्‍ध कराई जाने वाली राशि प्रति गौ-वंश प्रति दिन रूपये 20 को दोगुना कर रूपये 40 किया जा रहा है। इस योजना में लगभग तीन गुना वृद्धि करते हुये वर्ष 2024-25 के बजट में रूपये 250 करोड़़ का प्रावधान प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2024-25 को गौ-वंश रक्षा वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है।
52. कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिये उद्यानिकी सेक्टर अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के महत्वपूर्ण घटक जैसे सूक्ष्म सिंचाई, फसल विस्तार, संरक्षित खेती, बागवानी, मधुमक्खी पालन जैसी इकाईयों की स्थापना हेतु हमारी सरकार विशेष ध्यान दे रही है, जिससे सम्मानजनक जीविकोपार्जन के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
53. किसानों की आय में वृद्धि करने में खाद्य प्रसंस्‍करण का भी महत्‍वपूर्ण योगदान है। प्रदेश की उद्योग संवर्धन नीति अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को विशेष पैकेज दिया जा रहा है। सामान्यतः उद्योगों को दी जानी वाली पूंजीगत सहायता की तुलना में इन इकाईयों को डेढ़ गुना पूंजीगत सहायता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को 5 वर्षों तक मंडी शुल्क में शत-प्रतिशत तथा विद्युत टैरिफ में रूपये 1 प्रति यूनिट की छूट भी दी जा रही है।
54. प्रदेश में उपलब्‍ध 4 लाख 42 हजार हैक्‍टेयर जलक्षेत्र में से 4 लाख 40 हजार हेक्‍टेयर जलक्षेत्र मछली पालन अन्‍तर्गत लाया जा चुका है। वर्ष 2023-24 में 3 लाख 82 हजार मैट्रिक टन मत्‍स्‍य उत्‍पादन तथा लगभग 215 करोड़ मत्‍स्‍य बीज का उत्‍पादन किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। मुझे यह अवगत कराते हुये प्रसन्‍नता है कि, अहमदाबाद में आयोजित ग्‍लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के सिवनी जिले को बेस्‍ट इनलेण्‍ड डिस्ट्रिक्‍ट का प्रथम पुरस्‍कार तथा बालाघाट जिले की प्राथमिक सरस्‍वती मछुआ सहकारी समिति को मछुआ सहकारी समिति की श्रेणी में व्दितीय पुरस्‍कार प्राप्‍त हुआ है।
55. कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिये वर्ष 2024-25 में रूपये 66 हजार 605 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है जो गत वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है।
स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं का विस्‍तार एवं उन्‍नयन
56. ”स्‍वास्‍थ्‍य” मानव जीवन की पूंजी है। हमारी सरकार स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में निवेश को निरंतर बढ़ा रही है। मैंने, अपने पिछले बजट भाषण में कहा था कि हमारी सरकार प्रदेश में इण्डियन पब्लिक हेल्‍थ स्‍टेण्‍डर्ड (IPHS) के मापदंडों को लागू करेगी। सदन को अवगत कराते हुये मुझे प्रसन्‍नता है कि इन मापदंडों के पालन की दिशा में हमारी सरकार ने 46 हजार से अधिक नवीन पदों का सृजन किया है। प्रदेश में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की व्‍यापक पहुंच हो, इसलिए संस्‍थागत व्‍यवस्‍था को भी मजबूत बनाया गया है।
57. हमारी सरकार चिकित्‍सा शिक्षा की उपलब्‍धता को बढ़ाने एवं चिकित्‍सा सुविधा को प्रत्‍येक नागरिक तक पहुंचाने हेतु कृत-संकल्पित है। प्रदेश में वर्ष 2003 में मात्र 5 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय ही संचालित थे। हमारी सरकार के अथक प्रयासों से वर्तमान में 14 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संचालित हैं। वर्ष 2024-25 में 3 और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय – मंदसौर, नीमच एवं सिवनी में संचालित हो जायेंगे। इसके पश्चात् आगामी 2 वर्षों में 8 और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संचालित करने हेतु भी हमारी सरकार प्रयासरत है।
58. प्रदेश के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में 2 हजार 275 स्नातक स्तर की सीट्स तथा 1 हजार 262 स्नातकोत्तर स्तर की सीट्स उपलब्ध हैं। नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन के उपरांत इन सीटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी तथा नवीन सीटों की संख्या स्नातक स्तर पर 3 हजार 605 एवं स्नातकोत्तर स्तर पर 1 हजार 507 हो जायेंगी।
59. हमारी सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों को बेहतर चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध कराने को दृष्टिगत रखते हुये, आयुष्‍मान भारत योजना का दायरा और भी अधिक विस्‍तृत किया है। इस योजना अन्‍तर्गत अब तक लगभग 1 करोड़ 8 लाख परिवारों के 4 करोड़ 1 लाख सदस्यों के आयुष्‍मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। आयुष्मान हितग्राहियों के लिये नवीन हेल्थ बेनिफिट पैकेज – 2022 लागू किया गया है, जिसमें पूर्व की 1 हजार 670 चिकित्सा प्रक्रियाओं को विस्तारित करते हुये अब 1 हजार 952 प्रक्रियाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है। राज्य में अब 1 हजार से भी अधिक चिकित्सालयों को योजना के अंतर्गत संबद्ध किया गया है। इस योजना हेतु कुल राशि रूपये 1 हजार 381 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो गत वर्ष की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक है।
60. हमारी सरकार राज्य के नागरिकों को निःशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निरंतर प्रयासरत है। निजी-भागीदारी के माध्यम से “वेट लीज मॉडल” अंतर्गत जिला चिकित्सालयों में 132 प्रकार की, तथा “हब एण्ड स्पोक मॉडल” के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 45 प्रकार की जाँच सुविधायें उपलब्ध करायी गई हैं।
61. प्रदेश में गंभीर रोगियों को आपात स्थिति में उचित समय पर उच्‍च स्‍तरीय चिकित्‍सा उपचार उपलब्ध कराने हेतु ”पी.एम. श्री एअर एम्‍बुलेंस सेवा” योजना प्रारंभ की गई है।
62. प्रदेश के शासकीय चिकित्‍सालयों में उपचार के दौरान दुर्भाग्य से मृत्‍यु हो जाने पर पार्थिव शरीर, परिजनों को सम्‍मानपूर्वक सौंप कर, घर तक पहुंचाने के लिये ”मध्यप्रदेश शांति वाहन सेवा” प्रारंभ की गई है।
63. ‘आयुष’ चिकित्‍सा पद्धति से उपचार की सुविधा को प्रदेश में विस्‍तारित किया जा रहा है। वर्ष 2023-24 में 1 करोड़ 37 लाख जनसंख्‍या का आयुष पद्धति से उपचार किया गया है। प्रदेश में बालाघाट, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम एवं मुरैना में आयुर्वेद चिकित्सालय प्रारंभ किये जायेंगें। प्रदेश में 800 आयुष आरोग्‍य मंदिर का संचालन भी प्रारंभ किया गया है।
64. स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के लिए वर्ष 2024-25 हेतु रूपये 21 हजार 444 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है, जो कि वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान से 34 प्रतिशत अधिक है।
महिला एवं बाल विकास
65. किसी भी परिवार, समाज, प्रदेश के प्रभावशाली व सर्वांगीण विकास के लिए महिलाओं के सशक्तिकरण जैसा कोई उपाय नहीं है। हमारी सरकार द्वारा कन्‍या रत्‍न की पहली किलकारी से लेकर उनके सम्‍पूर्ण जीवन के लिए कल्‍याणकारी योजनायें एवं कार्यक्रम लागू किये जा रहे हैं।
66. अध्‍यक्ष महोदय, मुझे सदन को अवगत कराते हुए खुशी है कि हमारे यशस्‍वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी द्वारा प्रतिपादित महिला सशक्तिकरण की प्राथमिकता के दृष्टिगत हमारी सरकार द्वारा गत वित्‍तीय वर्ष में प्रारंभ की गई ”लाड़ली बहना योजना” को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सराहा गया है। कई राज्य इस योजना को अंगीकृत कर रहे हैं| यह योजना प्रदेश की सबसे बड़ी डायरेक्‍ट बेनीफिट ट्रांसफर (DBT) योजना है।
67. लाड़ली लक्ष्‍मी योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ से 48 लाख 3 हजार बालिकाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मियों को आत्‍मनिर्भर बनाने एवं उनकी उच्‍च शिक्षा सुनिश्चित करने की परिकल्पना को यह योजना साकार कर रही है।
68. हमारे प्रदेश के नौनिहाल हमारे देश का सुनहरा भविष्य बनेंगे। हमारी सरकार इन नौनिहालों को आंगनबाडी़ केन्‍द्र के माध्यम से पोषण की सुरक्षा एवं प्री-स्कूल शिक्षा मुहैय्या करा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी की अभिप्रेरणा से सक्षम आंगनबाडी़ एवं पोषण 2.0 योजना के अंतर्गत 11 हजार 706 केन्द्रों को सक्षम आंगनबाडी़ केन्‍द्र में उन्‍नत किया जा रहा है।
69. प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्‍याय महाअभियान (PM-JANMAN) अंतर्गत विशेष जनजाति क्षेत्रों में 217 आंगनबाडी़ भवनों का निर्माण किया जा रहा है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में आंगनबाडी़ केन्‍द्रों के भवन निर्माण के लिये रूपये 150 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
70. हमारी सरकार प्रदेश की महिलाओं को गरिमापूर्ण जीवन उपलब्‍ध कराने के लिए प्रतिबध्‍द है। लाडली लक्ष्मी एवं लाडली बहना योजना से हमारी बहन – बेटियां न केवल अपनी छोटी-छोटी आवश्‍यकताओं को पूरा करने में समर्थ हुई हैं, बल्कि बैंकिंग प्रणाली से जुड़़ने का अवसर पाकर उनमें वित्तीय जागरूकता का संचय भी हो रहा है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्‍त, आत्‍मनिर्भर बनने, परिवार के निर्णयों में उनकी सशक्त भूमिका और सामाजिक सम्मान में वृद्धि – सरकार के प्रयासों को फलीभूत कर रही है | इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का ही परिणाम है कि प्रदेश में बाल विवाह में निरंतर कमी आ रही है और जन्‍म के समय लिंगानुपात 927 से बढ़कर 956 हो गया है।
71. महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए वर्ष 2024-25 हेतु रूपये 26 हजार 560 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है, जो कि वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान से 81 प्रतिशत अधिक है।
72. हमारी सरकार महिलाओं एवं बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिये शासन के लगभग सभी विभागों में योजनायें संचालित कर रही है, जिसे जेण्डर बजट के रूप में संकलित किया जाता है। वर्ष 2024-25 में जेण्‍डर बजट में 1 लाख 21 हजार 997 का प्रावधान है, जो गत वर्ष 2023-24 के प्रावधान 1 लाख 2 हजार 976 करोड़ के प्रावधान से 19 हजार 21 करोड़ अधिक है।
शिक्षा
73. शिक्षा, अज्ञान का तिमिर मिटाकर, ज्ञान का दीप जलाती है । सर्वसंसाधन युक्‍त स्‍कूल बच्‍चों के संतुलित शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास की मजबूत नींव रखेगा। बच्‍चों के सर्वांगीण विकास की सोच के साथ हमने सी.एम राईज का सपना बुना। वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत लगभग 150 सी.एम राईज विद्यालय नवीन भवन में संचालित होंगे। इन विद्यालयों में 1 किलोमीटर से अधिक दूर रह रहे प्राथमिक शाला एवं 2 किलोमीटर से ज्यादा दूर रह रहे अन्‍य कक्षा के बच्‍चों के लिये परिवहन व्यवस्था लागू की गई है। सी.एम.राईज विद्यालयों के लिये रूपये 2 हजार 737 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
74. प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय विद्यालयों में नई शिक्षा नीति के तहत अभी तक 1 हजार 500 विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं संचालित की जा चुकी हैं। वर्ष 2024-25 में लगभग 3 हज़ार 200 प्राथमिक शालाओं में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं प्रारंभ की जावेंगी।
75. विद्यार्थियों में कौशल विकास एवं एमर्जिंग ट्रेण्‍डस के दृष्टिगत ए.आई, मशीन लर्निंग, कोडिंग आधारित शिक्षा उपलब्‍ध कराई जाएगी। शासकीय स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की उपलब्धता के साथ खेल, नृत्य, संगीत शिक्षकों के 11 हज़ार पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही की जा रही है।
76. पीएम श्री योजना अंतर्गत 730 विद्यालयों को चिन्हित किया गया है, जिनमें शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के साथ भौतिक संसाधनों का उन्नयन भी किया जायेगा। प्रदेश के बैगा, भारिया, सहरिया जैसी विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के बच्‍चों को बेहतर शिक्षा उपलब्‍ध कराने हेतु पी.एम. जन-मन योजना के अन्‍तर्गत इस वर्ष 22 नवीन छात्रावास प्रारंभ किये जायेंगे।
77. समेकित छात्रवृत्ति योजना अन्‍तर्गत शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में कक्षा-1 से 12 तक अध्ययनरत लगभग 64 लाख विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। इस वर्ष लगभग 63 लाख विद्यार्थियों को निःशुल्‍क गणवेश एवं लगभग 87 लाख विद्यार्थियों को निःशुल्‍क पाठ्य-पुस्तकें दी जायेंगी।
78. शिक्षा के जीवन चक्र का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव उच्च शिक्षा है | हम स्कूल शिक्षा में गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही उच्च शिक्षा की दिशा में भी सार्थक कदम उठा रहे हैं। मुझे यह बताते हुए हर्ष है कि, वर्तमान में मध्‍यप्रदेश का सकल पंजीयन अनुपात 28.9 है, जो राष्‍ट्रीय सकल पंजीयन अनुपात 28.4 से अधिक है।
79. उच्‍च शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिये प्रारंभ की गई पी.एम. उषा परियोजना के लिये, मैं, इस सदन के माध्‍यम से, माननीय प्राधानमंत्री जी का धन्‍यवाद ज्ञापित करता हूँ। इस योजना अंतर्गत प्रदेश के लिए 565 करोड़ रूपये की कार्ययोजना स्‍वीकृत की गई है। प्रत्‍येक जिले में पूर्व से संचालित एक महाविद्यालय को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्‍सीलेंस में उन्नयन किया जा रहा है। इन महाविद्यालयों के लिये 2 हजार से अधिक नवीन पद भी सृजित किये गये हैं।
80. प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए उच्‍च शिक्षा सुगम बनाने हेतु तीन नवीन शासकीय विश्‍वविद्यालयों यथा क्रांति सूर्य टंट्या भील विश्‍वविद्यालय खरगौन, तात्‍या टोपे विश्‍वविद्यालय गुना एवं रानी अवंतीबाई लोधी विश्‍वविद्यालय सागर की स्‍थापना की गई है। इसके अतिरिक्त 2 निजी विश्‍वविद्यालयों की स्‍थापना भी प्रदेश में हुई है।
81. विश्‍व बैंक परियोजना के माध्‍यम से 247 महाविद्यालयों में राशि रूपये 244 करोड़ का बजट प्रावधान कर भौतिक एवं अकादमिक अधोसंरचना विकास के कार्य कराये जा रहे हैं।
82. हमारी सरकार ”हर हाथ को काम” की अवधारणा पर कार्य कर रही है। युवाओं को तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के माध्‍यम से रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराये जा रहे हैं।
83. प्रदेश में वर्तमान में कुल 268 शासकीय आई.टी.आई. संचालित हैं। इस वर्ष 22 नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ की जायेंगी, जिनसे 5 हजार 280 अतिरिक्त सीट्स की वृद्धि होगी। देवास, छिंदवाडा एवं धार को ग्रीन स्किलिंग आई.टी.आई. में विकसित कर सोलर टेक्‍नीशियन एवं इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक पाठ्यक्रम प्रांरभ किये गये हैं ।
84. विद्यार्थियों को विशिष्‍ट कौशल एवं आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रत्‍येक संभाग में स्थित इंजीनियरिंग/पॉलीटेकनिक महाविद्यालय में कोडिंग लैब की स्‍थापना की जायेगी।
85. मुख्‍यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में 61 हज़ार से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को लगभग रूपये 450 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित की गई है।
86. शिक्षा क्षेत्र के लिये वर्ष 2024-25 में रूपये 52 हजार 682 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
खेल एवं युवा कल्‍याण
87. युवाओं के शारीरिक व मानसिक क्षमताओं की वृद्धि तथा उनमें टीम भावना विकसित करने में खेलों की अहम भूमिका है। प्रदेश में अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर की खेल सुविधाओं को विस्‍तारित किया जा रहा है। मैनें अपने पिछले बजट भाषण में अवगत कराया था कि, भोपाल को स्‍पोर्ट्स हब बनाने तथा प्रदेश में स्‍पोर्ट्स टूरिज्‍म को बढ़ाने हेतु नाथू बरखेड़ा, भोपाल में अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स कॉम्‍पलेक्‍स का निर्माण व अन्‍तर्राष्ट्रीय स्तर के स्‍पोर्ट्स साइंस सेन्‍टर की स्‍थापना की जायेगी। मुझे यह बताते हुये खुशी है कि, नाथू बरखेड़ा में अन्‍तर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी टर्फ एवं पैवेलियन का निर्माण लगभग पूर्णता पर है।
88. मुझे सदन में यह अवगत कराते हुये गौरव का अनुभव हो रहा है कि 19वें एशियाई खेल में प्रदेश के खिलाडियों ने 6 स्‍वर्ण सहित 14 पदक जीते। पैरा एशियन खेलों में 1 स्‍वर्ण सहित 4 पदक अर्जित कर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। पेरिस में आयोजित होने वाले ओलंपिक एवं पैरा ओलंपिक खेलों में प्रदेश के 5 खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभागिता की जा रही है।
89. शासकीय सेवा में नियुक्ति की चयन परीक्षा के लिए प्रदेश के युवाओं द्वारा जमा किये जाने वाले आवेदन शुल्‍क के भार को कम करने के लिये राज्‍य शासन द्वारा एक नवीन नीति बनाई जायेगी।
90. खेल एवं युवा कल्‍याण विभाग के लिये वर्ष 2024-25 में रूपये 586 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
जनजाति, अनुसूचित जाति
91. प्रदेश की जनजाति एवं उनकी संस्‍कृति, प्रदेश की धरोहर है। हमारी सरकार का प्रयास है कि, उनकी विशिष्‍ट जीवन शैली, संस्‍कृति व परिवेश को अक्षुण्ण रखते हुए उन्‍हें समाज की मुख्‍य धारा से जोड़ें। इसी क्रम में, पेसा अधिनियम, वन अधिकार अधिनियम जैसे कानूनों में संरक्षण व अधिकार दिए गए हैं। इसके साथ विद्यार्थियो को छात्रवृत्ति, नि:शुल्‍क शिक्षा, रोजगार प्रशिक्षण, रोजगार में प्राथमिकता, विविध आर्थिक सहायता, बस्‍ती विकास योजना, देवारण्‍य योजना जैसी योजनाओं से इस वर्ग के जीवन स्‍तर में सुधार आया है।
92. अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत का विस्तार (पेसा अधिनियम), के तहत पेसा नियम, नवम्बर, 2022 से प्रदेश में लागू है। यह नियम, प्रदेश की कुल 5 हजार 210 ग्राम पंचायतों तथा 11 हजार 783 ग्रामों में लागू है। प्रदेश में इन नियमों के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का उपयोग जनजातीय वर्ग के हितों के संरक्षण के लिये अत्यंत प्रभावशाली साबित हो रहा है।
93. हमारे संवेदनशील प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विशेष आभार है कि, उन्होंने विशेष पिछड़़ी जनजातियों के बाहुल्‍य क्षेत्र में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्‍याय महा अभियान (पी.एम. जनमन) योजना लागू की है। इस योजना के अंतर्गत हमारे प्रदेश में बहुउद्देश्‍यीय केन्‍द्र, ग्रामीण आवास, ग्रामीण सड़क, समग्र शिक्षा एवं विद्युतीकरण कार्यों के लिये रूपये 1 हजार 607 करोड़ के प्रावधान प्रस्तावित हैं।
94. जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक सुविधा उपलब्‍ध कराने हेतु कुल 94 सी.एम.राईज विद्यालय जनजातीय क्षेत्रों में स्‍वीकृत किये गये हैं। इन विद्यालयों के माध्‍यम से छात्रों को शैक्षणिक एवं अन्‍य विधाओं की शिक्षा दी जायेगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 38 विद्यालयों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाकर उनमें शैक्षणिक गतिविधियां प्रारंभ कर दी जायेंगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सी.एम.राईज विद्यालयों हेतु 667 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
95. हमारी सरकार विशेष पिछ़ड़ी जनजातियों (बैगा, भारिया एवं सहरिया) को निःशुल्क आहार उपलब्‍ध कराने हेतु कृत-संकल्पित है। इन जनजातीय परिवारों को रूपये 1 हजार 500 प्रतिमाह के मान से आहार अनुदान के रूप में सहायता राशि उपलब्‍ध करायी जाती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में आहार अनुदान योजना के अंतर्गत रूपये 450 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
96. हमारी सरकार जनजातीय वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थियों के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य को और भी बेहतर बनाने हेतु संकल्पित है। इन वर्गों के विद्यार्थियों को जे.ई.ई, क्‍लैट एवं नीट जैसी महत्‍वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु अच्‍छी से अच्‍छी कोचिंग सुविधा उपलब्‍ध कराने को ध्‍यान में रखते हुये बजट में प्रावधान किया जा रहा है। आकांक्षा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10 करोड़ 42 लाख का प्रावधान प्रस्तावित है।
97. जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावासों को और भी बेहतर बनाने हेतु अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के कार्य किये जा रहे हैं। छात्रावासों के विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण एवं मार्गदर्शन हेतु 24 x 7 मित्र हैल्पलाइन प्रारंभ की गई है। छात्रावासों में विद्यार्थियों के लिये कम्प्यूटर की शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।
98. जनजातीय वर्ग की गौरवपूर्ण परम्‍पराओं एवं उन्‍नत संस्‍कृति को संरक्षित रखने एवं प्रदर्शित करने हेतु भी हमारी सरकार सतत प्रयासरत है। छिंदवाड़ा में बादल भोई स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं जबलपुर में श्री शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह संग्रहालय का निर्माण एवं विस्‍तारीकरण किया जा रहा है।
99. वर्ष 2023-24 में प्री एवं पोस्‍ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत 505 करोड़ 66 लाख की राशि वितरित की गई है। इन्‍ही मदों में वर्ष 2024-25 में रूपये 728 करोड़ की छात्रवृत्ति का भुगतान अनुमानित है। आवास सहायता योजनान्‍तर्गत वर्ष 2023-24 में 1 लाख से अधिक विद्यार्थियो को लाभान्वित कर रूपये 156 करोड़ का भुगतान किया गया है। वर्ष 2024-25 में इसी योजना अंतर्गत रूपये 200 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। वर्ष 2023-24 में विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति अंतर्गत 10 विद्यार्थियो को रूपये 2 करोड़ 89 लाख की छात्रवृत्त्‍िा वितरित की गई। वर्ष 2024-25 के लिये रूपये 6 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
100. जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विस्तार हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इस क्रम में सोण्डवा उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना अलीराजपुर, निवाली उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना बड़वानी, महेश्वर जानापाव उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना (खरगौन, धार, इन्दौर), सेंधवा उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना बड़वानी, धार उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना धार, नर्मदा झाबुआ-पेटलावद-थांदला-सरदारपुर उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना सम्मिलित हैं। इन सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने पर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 2 लाख 53 हजार 120 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
101. प्रदेश के जनजाति क्षेत्रों की अधोसंरचना विकास के लिये सिंचाई के साथ-साथ सड़क, पेयजल एवं ऊर्जा की लगभग रूपये 10 हजार 700 करोड़ से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
102. हमारी संवेदनशील सरकार ने अनुसूचित जनजाति वर्ग को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिये अनुसूचित जनजाति उपयोजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 हेतु रूपये 40 हजार 804 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित किया है, जो कि वर्ष 2023-24 से रूपये 3 हजार 856 करोड़ अधिक है।
अनुसूचित जाति कल्याण
103. प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग को बेहतर जीवन उपलब्‍ध कराने के लिये हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है। अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को विदेश अध्‍ययन छात्रवृत्ति, प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति, पोस्‍ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, आवास भत्‍ता योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। इस वर्ग के युवाओं को रोजगार से जुड़े कौशल प्रशिक्षण दिया जाकर प्रशिक्षण‍र्थियों को रोजगार भी उपलब्‍ध कराया गया है।
104. प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत पूर्व से चयनित 1 हजार 34 अनुसूचित जाति बाहुल्‍य आदर्श ग्राम के अतिरिक्त 619 नवीन चयनित ग्रामों को भी योजना में सम्मिलित किया गया है।
105. मैंने अपने पिछले भाषण में सदन को अवगत कराया था, कि सागर में संत रविदास स्मारक स्थापित किया जायेगा। मुझे अवगत कराते हुये हर्ष है कि, स्मारक निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। इसके अतिरिक्त हमारी सरकार संत रविदास की जनकल्याणकारी भावनाओं एवं उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिये प्रदेश के 30 जिलों में संत रविदास स्मारक भी निर्मित करेगी।
106. अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं के स्वरोजगार हेतु संत रविदास स्‍व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर आर्थिक कल्‍याण योजना, सावित्री बाई फुले स्‍व-सहायता समूह योजना, मुख्‍यमंत्री अनुसूचित जाति वित्‍त पोषण योजना संचालित की जा रही हैं।
107. हमारी सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा एवं संसाधन उपलब्ध कराने हेतु कृत-संकल्पित है। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, शिष्यवृत्ति, गणवेश, छात्रावास सुविधा आदि के लिये वर्ष 2024-25 में रूपये 1 हजार 427 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
108. अनुसूचित जाति के छात्रावासों में बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु हमारी सरकार सतत् रूप से प्रयास कर रही है। छात्रावासों में नियमित शैक्षणिक गतिविधियों के साथ पाठ्येत्तर गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
109. हमारी संवेदनशील सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिये अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 हेतु रूपये 27 हजार 900 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्‍त, घुमन्‍तु और अर्द्धघुमन्‍तु कल्‍याण
110. हमारी सरकार, प्रदेश के पिछड़ा एवं अल्‍पसंख्‍यक वर्ग के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिये सभी आवश्‍यक कदम उठा रही है। महोदय, पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए हमारी सरकार ने रोजगार मूलक आर्थिक सहायता की नवीन योजना वर्ष 2022-23 में प्रारंभ की है, जिसे निरंतर रखा गया है। इस वर्ग के विभिन्‍न परम्‍परागत व्‍यवसायों को संरक्षित करने एवं इन व्‍यवसायों में आधुनिक तकनीकी का समावेश कर इन्‍हें सम्‍मानजनक पहचान तथा बाजार उपलब्‍ध कराने की दिशा में हमारी सरकार प्रयत्‍नशील है।
111. पिछड़ा एवं अल्‍पसंख्‍यक वर्ग के युवाओं के शैक्षणिक विकास के लिये प्री एवं पोस्‍ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, विदेश अध्‍ययन छात्रवृत्ति, संघ एवं राज्‍य लोक सेवा आयोग प्रतियोगी परीक्षा प्रोत्‍साहन, मेधावी पुरस्‍कार योजना, अल्‍पसंख्‍यक सेवा राज्‍य पुरस्‍कार, छात्र गृह योजना एवं विदेश में रोजगार उपलब्‍ध कराने हेतु प्रशिक्षण आदि योजनाओं को निरंतर रखा जा रहा है।
112. हमारी सरकार पिछड़ा एवं अल्‍पसंख्‍यक वर्ग तथा विमुक्‍त, घुमन्‍तु और अर्द्धघुमन्‍तु वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा एवं संसाधन उपलब्ध कराने हेतु कृत-संकल्पित है। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, शिष्यवृत्ति, गणवेश, छात्रावास सुविधा आदि के लिये वर्ष 2024-25 के बजट में आवश्यक प्रावधान प्रस्तावित है।
113. पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण एवं विमुक्‍त, घुमन्‍तु और अर्द्धघुमन्‍तु समुदाय के लिये रूपये 1 हजार 704 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
सामाजिक न्याय
114. समाज का ऐसा निराश्रित वर्ग जिसके जीवन यापन में कठिनाई है, उनके लिए हमारा बजट ”आकांक्षाओं के बीच आश्‍वासन है, आश्‍वासनों के बीच विश्‍वास है”।
115. गरीब परिवार की बेटियों के सम्‍मानपूर्ण वैवाहिक कार्यक्रम हेतु मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह योजना में पिछले वर्ष के बजट अनुमान रूपये 75 करोड़ में 3 गुना से अधिक वृद्धि की जाकर इस वर्ष रूपये 250 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
116. हमारी सरकार, विभिन्न प्रकार की जन-कल्‍याणकारी योजनायें यथा, राष्‍ट्रीय विधवा पेंशन योजना, राष्‍ट्रीय नि:शक्‍त पेंशन योजना, राष्‍ट्रीय परिवार सहायता योजना, समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, मुख्‍यमंत्री कन्‍या अभिभावक पेंशन योजना, बहु विकलांग एवं मानसिक रूप से दिव्‍यांग व्‍यक्ति को आर्थिक सहायता, मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह एवं निकाह योजना आदि संचालित कर रही है। इन योजनाओं में वर्ष 2023-24 में 57 लाख से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। पेंशन एवं कल्‍याणकारी योजनाओं हेतु वर्ष 2024-25 में रूपये 4 हजार 421 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है।
117. हमारे प्रदेश के संवेदनशील मुख्‍यमंत्री माननीय डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्‍व व मार्गदर्शन में नशामुक्ति के लिए प्रदेश में, नशा मुक्‍त भारत अभियान के लिए विभिन्‍न गतिविधियां संचालित हैं। हमारी सरकार, यह विश्‍वास दिलाती है कि :-
मेहनत की राह पर चलते रहेंगे,
गरीबी के अंधेरे को, रोशनी में बदलते रहेंगे।

उद्योग व व्‍यापार
मध्‍यप्रदेश – आकर्षक औद्योगिक गंतव्‍य
118. राज्‍य की मजबूत अधोसंरचना, अनुकूल नीति एवं निवेश मित्र परिवेश के फलस्‍वरूप औद्योगिकीकरण की गति में तेजी आई है। हमारा प्रदेश अनेक प्रकार की निवेश प्रोत्‍साहन सहायता के माध्‍यम से औद्योगिक वृद्धि को गति देने में अग्रणी रहा है तथा उद्योग अनुकूल नीतियों के माध्‍यम से अपनी अर्थव्‍यवस्‍था को विस्‍तारित करने में समर्थ हुआ है। राज्‍य ने ऑटो तथा ऑटोपुर्जों, वस्‍त्र अद्योग, पर्यटन, आई.टी., स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल, कौशल विकास, फार्मास्‍यूटिकल, अक्षय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी तथा वेयरहाउसिंग सहित ऐसे थ्रस्‍ट सेक्‍टर चिन्हित किये हैं, जो आर्थिक वृद्धि को आवश्‍यक गति प्रदान करते हैं। हमारा प्रदेश शांतिपूर्ण श्रमिक बल तथा स्थिर औद्योगिक परिवेश भी प्रदान करता है।
119. उज्‍जैन में मार्च, 2024 में प्रथम रीजनल इंडस्‍ट्री कॉन्‍क्‍लेव आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 283 औद्योगिक इकाईयों को लगभग 508 हेक्‍टेयर भूमि आवंटन के आशय पत्र/आवंटन आदेश जारी किये गये। इसमें लगभग रूपये 12 हजार 170 करोड़ का निवेश एवं 26 हजार से अधिक नवीन रोजगार उपलब्‍ध होना संभावित है। इसके अतिरिक्‍त विभिन्‍न जिलों में 10 हजार 64 करोड़ के निवेश से स्‍थापित होने वाली 61 औद्योगिक इकाईयों का लोकार्पण/भूमिपूजन किया गया। इन इकाईयों के माध्‍यम से 17 हजार से अधिक नवीन रोजगार सृजित होंगे। वर्ष 2023-24 में 535 एम.एस.एम.ई एवं वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों में लगभग रूपये 14 हजार 853 करोड़ का पूंजी निवेश तथा लगभग 33 हजार 143 व्‍यक्तियों को नवीन रोजगार संभावित है।
120. प्रदेश के धार जिले में पी.एम. मित्रा पार्क माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 5 एफ – फार्म टू, फाईबर टू, फैक्टरी टू, फैशन टू, फॉरेन से प्रेरित है तथा इसका उद्देश्‍य कपड़ा उद्योग की सम्‍पूर्ण मूल्‍य श्रंखला के लिए एकीकृत वृहद्ध एवं आधुनिक परिधान औद्योगिक अधोसंरचना का निर्माण करना है। इस परियोजना मे रूपये 25 हजार करोड़ का निवेश एवं 1 लाख प्रत्‍यक्ष तथा 2 लाख अप्रत्‍यक्ष रोजगार सृजन संभावित है। यह परियोजना “मेक इन इंडिया” और “मेक फॉर द वर्ल्‍ड” की परिकल्‍पना की ओर अग्रसर है।
121. सीतापुर, जिला मुरैना में मेगा लेदर फुटवेयर एवं एक्सेसरीज़ की सम्‍पूर्ण मूल्य श्रंखला को बड़े पैमाने पर एकीकृत कर आधुनिक औद्योगिक अधोसंरचना सुविधा विकसित की जा रही है। उज्‍जैन स्थित विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाईस पार्क की स्थापना की गई है, जिससे मेडिकल उपकरणों के आयात पर निर्भरता कम होगी।
122. प्रदेश में औद्योगिक निवेश के अनुकूल वातावरण निर्मित करने हेतु ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ एवं ‘ईज ऑफ लिविंग’ के अंतर्गत कुल 2 हजार 427 अनुपालनों को कम अथवा समाप्‍त किया गया है। इसी प्रकार, राज्‍य के 24 अधिनियमों के 48 प्रावधानों को अपराधमुक्‍त किया गया है।
123. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र के अनुरूप एक जिला एक उत्‍पाद योजना अंतर्गत प्रदेश के प्रत्‍येक जिले के एक उत्‍पाद को राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहचान दिलाते हुए इन उत्‍पादों की पहुंच ग्‍लोबल मार्केट तक बनाने हेतु हमारी सरकार प्रयासरत है।
124. मुझे यह बताते हुये हर्ष है कि, डॉ. मोहन यादव जी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार नवीन औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति तैयार कर रही है। प्रदेश में और अधिक औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्‍य से आगामी वर्ष के प्रारंभ में ग्‍लोबल इनवेस्‍टर्स समिट का आयोजन किया जायेगा।
125. सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम क्षेत्र, प्राथमिक क्षेत्र के बाद रोजगार का सबसे बड़ा सृजनकर्ता है। प्रदेश में डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्‍व में हमारी सरकार एम.एस.एम.ई. के विकास के लिये एक सहायक और उद्योग मित्र वातावरण के निर्माण हेतु बहु-आयामी पहल करने के लिये प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार ने सूक्ष्‍म एवं लघु उद्योगों के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास के लिये क्‍लस्‍टर विकास के दृष्टिकोण को प्रमुख रणनीति के रूप में अपनाया है।
126. राज्‍य क्‍लस्‍टर योजना में वर्ष 2023-24 में 9 क्‍लस्‍टरों को विकास अनुमति प्रदान की गई है। इन क्लस्टरों में 365 इकाईयों की स्‍थापना होगी, जिससे 9 हजार से अधिक प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष रोजगार सृजित होंगे एवं रूपये 1 हजार करोड़ से अधिक का निवेश संभावित है।

127. प्रदेश में युवा उद्यमियों के लिये स्‍टार्टअप वातावरण मजबूत हुआ है। प्रदेश के 1 हजार 104 नवीन स्‍टार्टअप द्वारा मान्‍यता प्राप्त की गई है। जिनमें महिलाओं द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टार्टअप 666 है। इसी प्रकार 16 नवीन इनक्‍यूबेटरों की स्‍थापना हुई है।
128. युवाओं को स्‍वरोजगार से जोड़ने हेतु नवाचार के रूप में प्रदेशव्‍यापी रोजगार दिवस का आयोजन कर वर्ष 2023-24 में विभिन्‍न स्‍वरोजगार योजनाओं अंतर्गत लगभग 21 लाख हितग्राहियों को रूपये 14 हजार 500 करोड़ की ऋण राशि वितरित की गई।
129. गत वर्ष मुख्‍यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत 16 हजार 331 हितग्राहियों के प्रकरणों में रूपये 1 हजार 56 करोड़ की ऋण राशि वितरित की गई। इस योजना को अधिक प्रभावी एवं व्‍यापक बनाने की कार्यवाही की जा रही है।
130. हथकरघा एवं हस्‍तशिल्‍प क्षेत्र, रोजगार के अवसरों के सृजन का एक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र है। प्रदेश के बुनकरों एवं शिल्पियों की प्राचीन उत्‍कृष्‍ट बुनाई कला की सुप्रसिद्ध परम्‍परा को समृद्ध बनाने, हथकरघा बुनकरों एवं शिल्पियों को सतत् रोजगार उपलब्‍ध कराने तथा नये लोगों को हथकरघा/हस्‍तशिल्‍प उद्योग से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार की बदलती मांग के अनुरूप, उत्‍पादों की गुणवत्‍ता व डिजाइन में सुधार हेतु उन्‍नत प्रशिक्षण, उत्‍पाद विकास एवं तकनीकी उन्‍नयन हेतु सहायता दी जा रही है।
131. उद्योग क्षेत्र के लिये वर्ष 2024-25 में रूपये 4 हजार 190 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2023-24 से लगभग 40 प्रतिशत अधिक है।
ग्रामीण विकास
132. प्रदेश के ग्रामों का समग्र विकास, हमारी सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक किये गये विकास कार्यों के सुपरिणाम स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहे हैं। यद्यपि हमारी यह यात्रा अभी अधूरी है, पर इस अधूरी पहल में छिपा है सुनिश्चित परिणाम।
133. यह सदन, यशस्‍वी प्रधानमंत्री जी का ह्रदय से आभार व्‍यक्‍त करता है कि उन्‍होंने अपने तीसरे कार्यकाल की शपथ लेने के तत्‍काल बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के अगले चरण की घोषणा की है। हमारी सरकार का यह प्रयास होगा कि माननीय प्रधानमंत्री जी की इस घोषणा का हमारे प्रदेश को अधिक से अधिक लाभ प्राप्‍त हो। वर्ष 2024-25 के बजट में इस हेतु रूपये 4 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
134. ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को सुदृढ़ बनाने एवं ग्रामवासियों के जीवन को उन्‍नत बनाने के लिये ग्रामीण सड़क संपर्क एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के बजट में रूपये 1 हजार 800 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। इसके साथ ही इन सड़कों के नवीनीकरण एवं उन्‍नयन के लिये भी रूपये 900 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
135. ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍व–सहायता समूहों के माध्‍यम से परंपरागत एवं नवीन क्षेत्रों में स्व-रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराये जाते हैं। प्रदेश के स्‍व-सहायता समूहों को ऑन-लाईन पोर्टल के माध्‍यम से बैंक ऋण स्‍वीकृत कराने में हमारा प्रदेश वर्ष 2020-21 से लगातार देश में प्रथम स्‍थान पर रहा है। प्रदेश के 89 महिला स्‍व-सहायता समूहों को “नमो ड्रोन दीदी योजना” अंतर्गत ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। स्‍व-सहायता समूहों को राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिये विभिन्‍न प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में जेम, अमेजॉन एवं फ्लिपकार्ट के माध्‍यम से ऑन-लाईन मार्केटिंग भी शुरू की गई है। राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन योजनान्‍तर्गत वर्ष 2024-25 के बजट में रूपये 800 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।
136. महात्‍मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में वर्ष 2024-25 में 20 करोड़ मानव दिवस के सृजन का लक्ष्‍य रखा गया है। योजनान्‍तर्गत वर्ष 2024-25 में रूपये 3 हजार 500 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
137. प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना अंतर्गत शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के विद्यार्थियों के पोषण स्तर में सुधार करने हेतु निश्चित कैलोरी के साथ पका हुआ मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के द्वारा वर्ष 2023-24 में लगभग 42 लाख बालक/बालिकाओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया है। हमारी सरकार ने इस योजना के अंतर्गत रसोईयों के मानदेय को रूपये 400 प्रतिमाह से बढ़ाकर रूपये 3 हजार 400 प्रतिमाह किया है। योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिये रूपये 1 हजार 400 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
138. ग्रामीण क्षेत्र में जल ग्रहण संरचनाओं का निर्माण कर कृषि के लिये पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिये वर्ष 2024-25 में 1 हजार जल ग्रहण संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिये रूपये 300 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
139. स्वस्थ जीवन के प्रमुख कारकों में स्वच्छता एक महत्वपूर्ण कारक है। स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 अंतर्गत समस्त ग्रामों में ओ. डी. एफ. के स्थायित्व को बनाये रखते हुये ग्रामों में तरल एवं ठोस अपशिष्ट के उचित प्रबंधन से ग्रामों को ओ. डी. एफ. प्लस के मानकों के अनुरूप बनाया जाना है। स्वच्छ भारत मिशन योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिये रूपये 500 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
140. ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन कार्य किये गये हैं। अभियान अंतर्गत जल संरचनाओं, घाटों एवं धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई एवं जीर्णोद्धार का कार्य किया गया है। इस अभियान में जनता की उत्‍साहपूर्ण व सकारात्‍मक भागीदारी को देखते हुए हमारी सरकार ने प्रत्‍येक वर्ष ऐसे अभियान को संचालित करने का निर्णय लिया है।
141. हमारी सरकार द्वारा पंचायत सचिवों को सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है। ग्राम रोज़गार सहायकों के मानदेय को प्रतिमाह रूपये 9 हजार से बढ़ाकर रूपये 18 हजार किया गया है।
142. पंचायतों के सर्वांगीण विकास के लिये हमारी सरकार सदैव प्रतिबद्ध रही है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास के लिये वर्ष 2024-25 में राशि रूपये 27 हजार 870 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
नगरीय विकास
143. प्रदेश के शहरों की सीमाओं में निरंतर विस्‍तार एवं शहरी जनसंख्‍या में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2047 तक लगभग 50 प्रतिशत आबादी शहरों में होगी, ऐसा अनुमान है। शहरी जनसंख्‍या को मूलभूत सुविधायें उपलब्‍ध कराने के लिए हमारी सरकार, सुनियोजित रीति से अनेक विकास कार्यक्रम संचालित कर रही है।
144.स्‍वच्‍छ भारत मिशन में हमारा प्रदेश तथा हमारे शहर अग्रणी हैं। हमारे नगरीय निकाय स्वच्छता कार्यक्रमों में नये आयाम स्थापित कर रहे हैं। स्‍वच्‍छ भारत मिशन 2.0 के अंतर्गत प्रदेश के सभी शहरों में ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन एवं अपशिष्‍ट जल प्रबंधन के लिये आगामी 5 वर्षों में राशि रूपये लगभग 5 हजार करोड़ का निवेश किया जायेगा।
145. अध्‍यक्ष महोदय, मुझे सदन को अवगत कराते हुये गौरव हो रहा है कि माननीय मुख्‍यमंत्री जी के ऊर्जावान नेतृत्‍व में सुनियोजित रीति से किये गये कार्यों के परिणामस्‍वरूप प्रदेश को पी.एम. स्‍वनिधि योजना में प्रथम स्‍थान, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्‍वयन में देश में दूसरा स्थान प्राप्‍त हुआ है। स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण-2023 में इन्‍दौर को सातवीं बार देश का सबसे स्‍वच्‍छ शहर तथा भोपाल को देश की स्‍वच्‍छतम राजधानी होने का सम्मान प्राप्‍त हुआ है।
146.पेयजल, नागरिकों की मूलभूत आवश्‍यकता है। अमृत 2.0 के अन्‍तर्गत सभी नगरीय निकायों में पेयजल और 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सीवेज योजनाओं का विस्‍तार किया जायेगा।
147. प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में सभी निकायों को सम्मिलित किया गया है। अभी तक 7 लाख 73 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्‍व में भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्‍तार किया जा रहा है। इससे लाभार्थी परिवारों को गरिमापूर्ण जीवन जीने तथा सामाजिक एवं आर्थिक उन्‍नति करने का अवसर प्राप्‍त होगा।
148. प्रदेश में शहरी यातायात व्‍यवस्‍था को सुगम और पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकने के लिए प्रदेश के 15 शहरों में लगभग 1 हजार 200 आधुनिक और आरामदायक बसों का संचालन किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि इंदौर एवं भोपाल में मेट्रो रेल का संचालन शीघ्र प्रारंभ किया जाये।
149. पी. एम. ई-बस योजनांतर्गत 6 शहरों यथा इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्‍वालियर, उज्‍जैन एवं सागर में भारत सरकार की सहायता से 552 ई-बसों का संचालन किया जायेगा।
150. प्रदेश में शहरी अधोसंरचना के उन्‍नयन एवं विकास हेतु कायाकल्‍प योजना अंतर्गत रूपये 1 हजार 200 करोड़, नगरीय क्षेत्र में अधोसंरचना निर्माण योजना अंतर्गत रूपये 1 हजार 100 करोड़ तथा मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना अंतर्गत रूपये 1 हजार 700 करोड़ के वृहद स्तर पर निर्माण कार्य प्रगतिरत हैं।
151. प्रदेश के शहरों के मास्‍टर प्‍लान की सड़कों के उन्‍नयन एवं विकास हेतु इस वर्ष रूपये 250 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है।
152. प्रदेश के उज्‍जैन तथा जबलपुर शहरों का सिटीज 2.0 प्रतिस्‍पर्धा में चयन किया गया है। इसके अंतर्गत इन दोनों शहरों को 3 वर्षों में राशि रूपये 135 करोड़ प्रति शहर भारत सरकार से प्राप्‍त होगी।
153. नगरीय निकायों में जन भागीदारी के माध्‍यम से अधोसंरचना विकास हेतु मुख्‍यमंत्री जन सहभागिता निर्माण योजना तथा प्रदेश के शहरी क्षेत्र में नागरिकों के स्‍वस्‍थ जीवन यापन हेतु उपयुक्‍त वातावरण प्रदान करने के लिये नगर वनीकरण योजना प्रस्‍तावित है।
154. वर्ष 2028 में उज्‍जैन में सिंहस्‍थ मेला आयोजित होना है। इस आयोजन में देश एवं विदेश से बड़ी संख्‍या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। इस विशाल आयोजन की तैयारी में क्षेत्र के 10 जिलों की आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने की कार्यवाही इसी वित्तीय वर्ष से प्रारंभ कर दी गई है। इस हेतु वर्ष 2024-25 में रूपये 500 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्‍तावित है।
155. ‘संरक्षित जल, सुरक्षित कल’ के सूत्रवाक्‍य को समक्ष में रखकर हमारी सरकार ने सम्‍पूर्ण प्रदेश के जल स्‍त्रोतों के संरक्षण एवं पुर्नजीवन के लिए दिनांक 5 जून से 16 जून की अवधि में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ चलाया। इसमें जन सहभागिता से कुएं, बावड़ी, नदी, घाटों एवं मंदिरों की साफ-सफाई एवं जीर्णोद्धार, नालों के पानी के जल संरचनाओं में मिलने से पहले शोधन जैसे कार्य हाथ में लिए गए। इस अभियान में जनता की उत्‍साहपूर्ण व सकारात्‍मक भागीदारी को देखते हुए हमारी सरकार ने प्रत्‍येक वर्ष ऐसे अभियान को संचालित करने का निर्णय लिया है।
156. राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार नगरीय निकायों को मूलभूत सेवाओं हेतु वर्ष 2024-25 में रूपये 1 हजार 111 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है जो वर्ष 2023-24 से रूपये 269 करोड़ अधिक है।
157. नगरीय विकास के लिये वर्ष 2024-25 हेतु रूपये 16 हजार 744 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है जो कि वर्ष 2023-24 से रूपये 1 हजार 836 करोड़ अधिक है।
डिजिटल मध्यप्रदेश
158. हमारा देश दुनिया का आई. टी. हब बन रहा है | तेज़ी से वृद्धि कर रहे आई. टी. क्षेत्र में व्याप्त असीम संभावनाओं का लाभ हमारे प्रदेश के युवाओं को भी मिल रहा है| इन्दौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर में स्थापित आई. टी. उद्योगों में 1 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहा है।
159. प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी निवेश प्रोत्‍साहन नीति 2023 के तहत आई. टी. कम्‍पनियों को विभिन्‍न प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। मुझे यह बताते हुए हर्ष है कि मध्‍यप्रदेश में इन्‍फोसिस, टी. सी. एस., एक्‍सेंचर, परसिसटेन्‍ट एवं कॉग्निजेन्‍ट जैसी देश की 5 बड़ी आई. टी. कम्‍पनियाँ कार्यरत हैं।
160. विभिन्न शासकीय योजनाओं में हितग्राहियों को सीधे बैंक खाते में राशि हस्तांतरित की जाती है। इसी क्रम में प्रदेश में विकसित यूनिफाईड पेमेंट पोर्टल (यूनि-पे) के माध्यम से लगभग 26 करोड़ संव्यवहार किये गये हैं, जिससे हितग्राहियों को रूपये 31 हजार 500 करोड़ का डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) किया गया है।
161. प्रदेश में नागरिकों को पारदर्शिता व तत्परता के साथ ऑन-लाइन रूप से विभिन्न विभागों की सेवायें प्रदाय की जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि कई सेवायें नागरिकों को वाट्सएप एवं अन्य एप के माध्यमों से भी उपलब्ध होंगी।
162. डिजिटल भारत – डिजिटल मध्यप्रदेश के दौर में विभिन्न विभागों ने आई. टी. का उपयोग बढ़ाने हेतु कई नवाचार किये हैं। हमारी सरकार ने नागरिकों के हितों का ध्यान रखते हुये राजस्व विभाग में साइबर तहसील स्थापित कर अभूतपूर्व परिवर्तन किया है। अब नामांतरण की प्रक्रिया फेसलेस, कान्टेक्ट लेस एवं पेपरलेस हो गई है। मुझे यह अवगत कराते हुये अत्यंत हर्ष है कि नामांतरण आदेश की सत्य प्रति वाट्सएप पर भी प्राप्त हो रही है।
163. पंजीयन की प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुये नवीन संपदा पोर्टल का क्रियान्वयन 4 जिलों में प्रारंभ कर दिया गया है। संपदा 2.0 पोर्टल के माध्यम से आम नागरिक घर बैठे अपनी संपत्ति तथा अन्य अभिलेखों का पंजीयन करा सकेंगे।
164. एकल नागरिक डेटाबेस (SCDB) परियोजना के अंतर्गत नागरिकों का एकल नागरिक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। जिससे सरकारी सेवायें प्रदान करते समय नागरिकों से बार-बार दस्‍तावेज नहीं मांगे जायेंगे।
165. प्रदेश में ई-गवर्नेंस एप्लीकेशन्स एवं विभागों/संस्थाओं के डाटा को सुरक्षित एवं विश्वसनीय तरीके से संकलित एवं संरक्षित करने तथा सहजता से साझा करने के उद्देश्य से स्टेट डाटा सेन्टर (SDC) स्थापित है। SDC में 500 से अधिक एप्लीकेशन्स का संधारण एवं संचालन किया जा रहा है।
166. राज्‍य में ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन केन्‍द्र स्‍थापित किया गया है। राज्‍य में खसरे, नक्‍शों और प्रशासनिक सीमाओं के एकीकृत डेटाबेस के संधारण हेतु जियो पोर्टल विकसित किया गया है। जी.आई.एस. के उपयोग से जियो-रिफ्रेन्सड डाटा प्राप्‍त किया जाना सहज हो गया है, जिससे योजनाओं की प्‍लानिंग अधिक तथ्‍यपरक हो गई है।
167. शासन एवं विधायी कार्य को गति प्रदान करने के उद्देश्‍य से माननीय मुख्‍यमंत्री जी के मार्गदर्शन में ई-विधान, ई-कैबिनेट एवं ई-विधायक ऑफिस बनाने की कार्ययोजना तैयार की जाकर शीघ्र क्रियान्वयन किया जायेगा। ई-विधायक ऑफिस योजना अंतर्गत प्रति विधायक रूपये 5 लाख की राशि उपलब्ध कराई जायेगी।
168. वित्‍तीय संव्‍यवहार को एण्‍ड टू एण्‍ड सॉल्‍यूशन के लिये फेस-लेस, कॉन्‍टैक्‍ट-लेस एवं पेपर-लेस बनाने की अवधारणा के अंतर्गत आई.एफ.एम.आई.एस नेक्‍स्‍ट जेन (IFMIS-Next Gen) की परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
169. प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्‍थाओं के कम्‍प्‍यूटरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। पैक्‍स संस्‍थाओं के अभिलेख डिजिटलाईज्‍ड करने से इन संस्‍थाओं की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आयेगी, जिसका लाभ प्रत्‍यक्ष रूप से प्रदेश के किसानों को होगा। पैक्‍स संस्‍थाओं के कम्‍प्‍यूटरीकरण के लिए रूपये 32 करोड़ का प्रावधान रखा गया है ।
वन एवं पर्यावरण
170. प्रदेश एवं देश की परिस्थितिकीय सुरक्षा (ईकोल़ॉजिकल सिक्योरिटी) सुनिश्चित करने के लिये वनों का संरक्षण एक महत्‍वपूर्ण घटक है। हमारे प्रदेश का वन क्षेत्र 95 हजार वर्ग किलोमीटर है, जो प्रदेश के भू-भाग का 31 प्रतिशत तथा देश के कुल वन क्षेत्र का लगभग 12 प्रतिशत है। वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन में मध्‍यप्रदेश, देश का अग्रणी राज्‍य है।
171. विगत वर्षों में प्रदेश में वन्‍य प्राणियों के संरक्षण के नये कीर्तिमान स्‍थापित हुये हैं। बाघ, तेंदुआ, घड़ियाल, भेड़िया एवं गिद्धों की संख्‍या में हमारा प्रदेश अव्वल रहा है। हमारा प्रदेश अब चीता राज्‍य भी है। हमारी सरकार इन प्राकृतिक संसाधनों को और विकसित करने तथा पर्यटकों के लिये आकर्षक बनाने हेतु निरंतर प्रयासरत है।
172. प्रदेश में वर्ष 2023-24 में 7 हजार 537 हेक्‍टेयर क्षेत्र में बांस रोपण एवं 21 हजार 455 मानक बोरा तेंदूपत्‍ता संग्रहण का कार्य किया गया। तेंदूपत्‍ता संग्रहण पारिश्रमिक दर रूपये 3 हजार से बढ़ाकर रूपये 4 हजार प्रति मानक बोरा की गई है।
173. प्रधानमंत्री जन-मन योजना के अंतर्गत 221 वन धन केन्‍द्रों के विरूद्ध ट्राईफेड से 57 केन्‍द्रों की स्‍वीकृति प्राप्‍त हो चुकी है। इन केन्द्रों के माध्‍यम से लघु वनोपज का प्रसंस्करण एवं संवर्धन हो सकेगा, जिससे स्‍वसहायता समूहों की आय में वृद्धि होगी।
174. हमारी सरकार का प्रयास है कि विभिन्‍न विकासात्‍मक गतिविधियों से होने वाले कार्बन उत्‍सर्जन को कम किया जाये, जिससे वर्ष 2070 तक नेट जीरो के राष्‍ट्रीय लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में मध्‍यप्रदेश अपना समुचित योगदान दे सके।
175. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा तथा प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश में जन सहयोग से “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत इंदौर जिले में 51 लाख पौधे लगाने का संकल्‍प लिया गया है।
176. वन एवं पर्यावरण के लिये वर्ष 2024-25 में रूपये 4 हजार 725 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2023-24 से रूपये 782 करोड़ अधिक है।
संस्कृति, धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व
177. प्रदेश के विभिन्‍न सांस्‍क़ृतिक समूहों को राज्‍य शासन द्वारा प्रोत्‍साहन दिया जा रहा है। इन समूहों द्वारा प्रदेश व देश के विभिन्‍न स्‍थलों तथा विदेशों में भी अपनी उत्‍कृष्‍ट कला का प्रदर्शन कर प्रदेश का सम्‍मान बढ़ाया है।
178. प्रदेश में अद्वैत वेदान्त दर्शन के लोक व्यापीकरण के उद्देश्य से ओंकारेश्वर को एकात्मता के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। एकात्म धाम प्रकल्प के अन्तर्गत “अद्वैतलोक” में आचार्य शंकर की 108 फुट ऊँची एकात्मता की प्रतिमा स्‍थापित की गई है। साथ ही आचार्य शंकर के जीवन दर्शन पर आधारित संग्रहालय’ एवं ‘आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान’ की स्थापना की जा रही है।
179.उज्‍जैन में आध्‍यात्मिक सांस्‍कृतिक विकास अभिमुख समागम “विक्रमोत्‍सव” का आयोजन 29 फरवरी 2024 से 09 अप्रैल 2024 की अवधि में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी द्वारा विश्‍व की पहली वैदिक घड़ी का लोकार्पण किया गया।
180. हमारी सरकार द्वारा युगयुगीन भारत के कालजयी महानायकों की तेजस्विता का संग्रहालय वीर भारत न्यास स्थापित किया जा रहा है। वीरभारत संग्रहालय की स्थापना के माध्यम से भारत की सभ्यता के संरक्षकों के योगदान को सहेजने के ऐतिहासिक कार्य में मध्यप्रदेश ने अपने कदम बढ़ा दिये हैं। यह देश और दुनिया का अपनी तरह का पहला संग्रहालय होगा।
181. भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान प्रदेश के विभिन्‍न स्‍थानों से पथ गमन किया। हमारी सरकार का यह संकल्‍प है कि राज्‍य की सीमाओं के अंतर्गत राम पथ गमन के अंचलों के विभिन्‍न स्‍थलों को चिन्‍हांकित कर उनका विकास किया जायेगा।
182. हमारा प्रदेश धन्य है कि भगवान श्री कृष्ण के युग परिवर्तनकारी संदेशों से उपकृत रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा श्री कृष्ण पाथेय योजना की घोषणा की गई है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में श्री कृष्ण पथ के पुनरावेषण और संबंधित क्षेत्रों के साहित्य, संस्कृति तथा संस्कार का संरक्षण, संवर्धन किया जाना प्रस्तावित है।
183. प्रदेश में विभिन्‍न स्‍थलों पर स्‍थापित प्राचीन मंदिरों को संरक्षित करने हेतु हमारी सरकार कृत-संकल्पित है।
184. मुख्‍यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अन्‍तर्गत 7 लाख 80 हजार 765 वरिष्‍ठ नागरिकों को रेलमार्ग अथवा वायुयान से विभिन्न धार्मिक स्थलों की नि:शुल्‍क यात्रा कराई गई। इस योजना हेतु वर्ष 2024-25 में रूपये 50 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
185. वर्ष 2024-25 में संस्कृति विभाग के लिये रूपये 1 हजार 81 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2023-24 के व्यय से ढाई गुना है।
पर्यटक सुविधायें
186. हिंदुस्‍तान के दिल मध्‍यप्रदेश ने सदैव ही “अतिथि देवो भव:” के संस्‍कारों का परिपोषण किया है। प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हमारा प्रदेश सदियों से अपनी समृद्ध संस्‍कृति, गौरवशाली इतिहास, शिल्‍प–कला, दर्शनीय स्‍थल एवं विविध वन्‍य जीवन के लिये दुनिया भर के पर्यटकों के लिये आकर्षण का केन्‍द्र है। वर्ष 2023 में मध्‍य प्रदेश में 11 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ, जो कि एक कीर्तिमान है।
187. हमारी सरकार, पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए, ग्रामीण संस्‍कृति एवं ग्राम जीवन के अनुभव, साहसिक पर्यटन, जल पर्यटन एवं पर्यटन अधोसंरचनाओं को विकसित कर रही है।
188. प्रदेश के प्रमुख धार्मिक एवं अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थलों तक हवाई सुविधा को और अधिक सुलभ बनाने हेतु पी.एम. श्री हेली एवं वायु पर्यटन सेवा प्रारंभ की गई है। साथ ही कम दरों पर विमान सेवा उपलब्‍ध कराने के लिए, रीजनल कनेक्‍टीविटी योजना के तहत, देश के महत्‍वपूर्ण नगरों के मध्‍य संचालित विमान सेवा को और विस्‍तारित किया जाएगा। प्रदेश में विमानन अधोसंरचना को भी विस्तारित किया जा रहा है।
189. वर्ष 2024-25 में पर्यटक सुविधाओं हेतु रूपये 666 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2023-24 से रूपये 100 करोड़ अधिक है।
संस्‍थागत
गृह
190. दिनांक 1 जुलाई, 2024 से 3 नये कानून क्रमशः भारतीय न्‍याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023; एवं भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम, 2023 प्रभावशील हुये हैं। इनके प्रभावी क्रियान्‍वयन हेतु पुलिस बल को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है। नवीन कानूनों के निर्माण एवं इनके क्रियान्‍वयन के प्रयासों पर यह सदन हमारे माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का ह्रदय से आभार व्‍यक्‍त करता है।
191. पुलिस कर्मियों की आवास समस्‍या को हल करने के लिये मुख्‍यमंत्री पुलिस आवास योजना के अंतर्गत आवासों का निर्माण किया जा रहा है। योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 में रूपये 367 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
192. पुलिस व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिये रिक्‍त पदों की पूर्ति के लिये आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। लगभग 7 हजार 500 पुलिस कर्मियों की नवीन भर्ती की कार्यवाही अंतिम चरण में है। नवीन भर्ती होने से पुलिस बल को और अधिक सक्षम बनाया जा सकेगा।
193. गृह विभाग के लिए वर्ष 2024-25 में रूपये 11 हजार 292 करोड़ का बजट प्रस्‍तावित है, जो कि गत वर्ष 2023-24 से रूपये 1 हजार 43 करोड़ अधिक है।

 

जेल
194. हमारी सरकार जेलों के लिये “सुधारात्‍मक सेवायें एवं बन्‍दीगृह अधिनियम, 2024” ला रही है। नवीन अधिनियम भारत सरकार द्वारा बनाये गये मॉडल प्रिजन एक्‍ट के तर्ज पर तैयार किया गया है। नवीन अधिनियम में आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करने हेतु विशेष प्रावधान किये गये हैं।
195. हमारी सरकार कैदियों के कल्‍याण के लिये भी संवेदनशील रही है। कुशल एवं अकुशल तथा कृषि कार्य में लगे कैदियों की पारिश्रमिक दरें क्रमश: रूपये 120 प्रति दिवस एवं रूपये 72 प्रति आधा दिवस को बढ़ाकर क्रमशः रूपये 154 प्रति दिवस एवं रूपये 92 प्रति आधा दिवस की गई हैं। कैदियों के खाद्यान की गुणवत्ता में वृद्धि के उद्देश्‍य से वर्तमान प्रावधान में रूपये 25 करोड़ की वृद्धि की गई है।
196. हमारी सरकार ऐसे गरीब कैदी जो जुर्माना/अर्थदण्ड नहीं भर पाने के कारण जेल में सजा काट रहे हैं, उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिये ऐसे बन्दियों के जुर्माना एवं दण्ड भरेगी। इसके लिये हमारी सरकार द्वारा इस वर्ष से “गरीब कैदियों को वित्तीय सहायता” की नवीन योजना प्रारंभ की जा रही है।
श्रम
197. प्रदेश के श्रमिक वर्ग की खुशहाली तथा उनके उज्‍जवल भविष्‍य सुनिश्चित करना हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। हमारी सरकार द्वारा संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के हित में कल्‍याणकारी योजनाओं, जैसे प्रसूति सहायता, शिक्षा, चिकित्‍सा, विवाह, अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता आदि को संचालित किया जा रहा है। इन योजनाओं में योजना प्रारंभ से 61 लाख 84 हजार हितग्राहियों को लगभग रूपये 9 हजार 246 करोड़ के हितलाभ प्रदान किये गये हैं। मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण संबल योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 67 लाख से अधिक अंसगठित श्रमिकों का पंजीयन है, जिन्‍हें योजना अंतर्गत पात्रतानुसार हितलाभ दिये जा रहे है। वर्ष 2024-25 के बजट में संबल योजना अंतर्गत रूपये 600 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

राजस्‍व
198. राजस्व विभाग द्वारा लंबित राजस्व प्रकरण (नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, अभिलेख दुरस्ती, नक्शे पर तरमीम) के निराकरण के लिये माननीय मुख्यमंत्री जी की सुशासन की सोच से प्रेरित होकर राजस्व महाअभियान का आयोजन 15 जनवरी, 2024 से 10 मार्च, 2024 तक की अवधि में किया गया है। राज्य, जिला, तहसील स्तर पर प्रतिदिन प्रकरणों की मॉनिटरिंग हेतु राजस्व महाअभियान डैशबोर्ड बनाया गया है। अभियान की अवधि में 30 लाख से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
199. राज्‍य की प्रशासनिक इकाईयों के परिसीमन एवं युक्तियुक्तकरण के मार्गदर्शी सिंद्धातों को निर्धारित करने हेतु मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया जा रहा है। प्रदेश की भौगौलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर और अधिक जनोन्‍मुखी व सुलभ प्रशासन उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से, वर्तमान प्रशासनिक इकाईयों के पुनर्गठन के संबंध में इस आयोग द्वारा अनुशंसायें की जाएंगी।
200. डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण परियोजना के अंतर्गत ग्राम में उपलब्‍ध स्‍थानीय युवा के माध्‍यम से नवीन तकनीक (जियो फेंस) का उपयोग कर प्रत्‍येक खसरे की फसल गिरदावरी कराई जायेगी।
खनिज साधन
201. सदन को अवगत कराते हुये मुझे गर्व हो रहा है, कि भारत सरकार, खान मंत्रालय नई दिल्‍ली द्वारा दिनांक 22 जनवरी, 2024 को नेशनल माईनिंग कॉन्‍क्‍लेव में खनिज क्षेत्र में सर्वाधिक मुख्‍य खनिज ब्‍लॉक की नीलामी का कार्य किये जाने के लिए खनिज साधन विभाग, मध्यप्रदेश को प्रथम पुरस्‍कार से सम्मानित किया गया है।
202. हमारी सरकार ने खनिजों के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिये 40 इलेक्ट्रॉनिक चेक गेट (मानव रहित) स्थापित करने की परियोजना स्वीकृत की है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत भोपाल जिले में 3 तथा रायसेन जिले में 1 स्थान पर चेक गेट, अगस्त माह के अंत तक स्थापित कर लिया जायेगा। इस वर्ष के अंत तक परियोजना को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जायेगा। इसके साथ ही प्रदेश में अवैध उत्खनन को रोकने के लिये ‘उपग्रह और ड्रोन आधारित’ परियोजना भी प्रारंभ की गई है, जिसमें प्रदेश की सभी खदानों की जियो-रिफ्रेंसिंग कर खदानों की सभी गतिविधियों पर निगरानी की जायेगी।
परिवहन
203. हमारी सरकार ने दिनांक 1 जुलाई, 2024 से प्रदेश में अंतर्राज्यीय सीमाओं पर संचालित परिवहन जाँच चौकियों को बंद करने का निर्णय लिया है। इनके स्थान पर नई व्यवस्था लागू की जा रही है, जिसके तहत क्रमबद्ध रूप से 45 रोड सेफ्टी एवं इंफोर्समेंट प्वाईंट तथा 94 रोड सेफ्टी एवं इंफोर्समेंट मोबाईल यूनिट स्थापित किये जायेंगे। इस व्यवस्था से राजस्व संग्रहण में वृद्धि एवं मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों का और प्रभावी ढंग से पालन सुनिश्चित हो सकेगा।
शासकीय सेवक कल्‍याण
204. हमारी सरकार व शासकीय सेवकों का पारस्‍परिक रिश्‍ता सदैव ही सहयोगात्‍मक, सृजनात्‍मक तथा संवादपूर्ण रहा है। ऐसे सौहार्दपूर्ण संबंधों से सरकार की विकास व जन-कल्‍याण की यात्रा में सहजता रहती है। हमारी सरकार की शासकीय सेवकों से संबंधित कल्‍याणकारी नीतियों के कारण ही समस्‍त शासकीय सेवक पूर्ण ऊर्जा, निष्‍ठा व समर्पण से अपने दायित्‍वों का निर्वहन कर रहे हैं।
205. राष्‍ट्रीय पेंशन योजना के अभिदाताओं को निवेश के लिये बेहतर विकल्‍प उपलब्‍ध कराये गये हैं। पुरानी पेंशन योजना के सदस्‍यों के लिये लागू पेंशन नियम को भी अधिक व्‍यवहारिक व सहज बनाया जाकर पेंशन स्‍वीकृति एवं भुगतान की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा रहा है।
206. विगत कुछ वर्षों से शासकीय सेवकों की पदोन्‍नति की प्रक्रिया बाधित रहने से शासकीय सेवको को वित्‍तीय हानि न हो, इस दृष्टि से पूर्व से लागू तीन उच्‍च वेतनमान दिये जाने की योजना को और विस्‍तारित कर 35 वर्ष की सेवा उपरांत चौथा उच्‍च वेतनमान की योजना भी लागू की गई है।
207. मैने अपने पिछले बजट भाषण में उल्‍लेख किया था कि शासकीय सेवकों को देय भत्‍तों का सातवें वेतनमान के परिप्रेक्ष्‍य में पुनरीक्षण के लिये समिति का गठन किया गया है। इस समिति का प्रतिवेदन प्राप्‍त हो चुका है, जिस पर शीघ्र ही निर्णय लिया जायेगा।
208. राज्य के शासकीय सेवकों के सामान्य भविष्य निधि के अंतिम भुगतान प्राधिकार पत्र जारी करने की ऑन-लाईन व्यवस्था विकसित की जा रही है, जिससे शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति पर उनकी सामान्य भविष्य निधि की राशि का भुगतान त्वरित रूप से हो सकेगा।
कर-प्रस्ताव
209. गत वर्ष के बजट की तरह इस बजट में भी कोई नवीन कर अधिरोपित करने अथवा किसी भी कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है।

पुनरीक्षित अनुमान 2023-24
210. पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां रूपये 2 लाख 31 हजार 733 करोड़ तथा राजस्व व्यय रूपये 2 लाख 31 हजार 112 करोड़ अनुमानित है। राजस्व आधिक्य का पुनरीक्षित अनुमान रूपये 621 करोड़ है। माननीय प्रधानमंत्री जी के हम आभारी हैं, कि केन्द्रीय करों से हिस्से के रुप में बजट अनुमान की तुलना में रूपये 6 हजार 519 करोड़ की राशि अधिक प्राप्त हुई।
211. राजकोषीय घाटे का पुनरीक्षित अनुमान 54 हजार 450 करोड़ है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.60 प्रतिशत है।
बजट अनुमान 2024-25
राजस्व प्राप्तियां
212. वर्ष 2024-25 में कुल राजस्व प्राप्तियों का बजट अनुमान 2 लाख 63 हजार 344 करोड़ है। राजस्व प्राप्तियों में राज्य करों से प्राप्तियां 1 लाख 2 हजार 97 करोड़ तथा केन्द्रीय करों में प्रदेश के हिस्से के अंतर्गत प्राप्तियां 95 हजार 753 करोड़ अनुमानित हैं। कर भिन्न राजस्व प्राप्तियां 20 हजार 603 करोड़ तथा केन्द्र सरकार से सहायक अनुदान अंतर्गत प्राप्तियां 44 हजार 892 करोड़ अनुमानित है।
213. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व एवं गैर कर-राजस्व में वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान की तुलना में लगभग 21 प्रतिशत अधिक अनुमान है।
214. राजस्व प्राप्तियों का वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान 2 लाख 25 हजार 710 करोड़ रहा है, जिसमें 37 हजार 634 करोड़ की वृद्धि कर वर्ष 2024-25 के लिये 2 लाख 63 हजार 344 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
कुल व्यय
215. वर्ष 2024-25 के लिये कुल विनियोग की राशि 3 लाख 65 हजार 67 करोड़, राजस्व व्यय 2 लाख 61 हजार 644 करोड़ तथा पूंजीगत परिव्यय 64 हजार 738 करोड़ प्रस्तावित है। सामाजिक-आर्थिक उत्थान की योजनाओं के लिये वर्ष 2024-25 के लिये समग्र रूप से बजट अनुमान 1 लाख 74 हजार 376 करोड़ है। विभागवार बजट अनुमान खण्ड – 1 में उपलब्ध है।
216. वर्ष 2023-24 का कुल व्यय बजट अनुमान 2 लाख 81 हजार 554 करोड़ का है, जिसमें 44 हजार 829 करोड़ की वृद्धि कर वर्ष 2024-25 के लिये 3 लाख 26 हजार 383 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
शुद्ध लेन-देन
217. वर्ष 2024-25 की कुल प्राप्तियां 3 लाख 30 हजार 193 करोड़ तथा कुल व्यय 3 लाख 26 हजार 383 करोड़ अनुमानित होने से वर्ष का शुद्ध लेन-देन 3 हजार 810 करोड़ है एवं अंतिम शेष 92 करोड़ का अनुमान है।
218. शुद्ध लेन-देन के लिये वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान 107 करोड़ का है। वर्ष 2024-25 के लिये 3 हजार 810 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
राजकोषीय स्थिति
219. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा 3 प्रतिशत प्रस्तावित है एवं ऊर्जा क्षेत्र में अपेक्षित कतिपय सुधारों के करने पर अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत की सीमा स्वीकृत की जा सकेगी। हमें पूरा विश्वास है कि जो भी सुधार निर्धारित किये जायेंगे उसे हम पूरा कर यह अतिरिक्त सीमा की स्वीकृति प्राप्त करेंगे। उपरोक्त को ध्यान में रखकर बजट अनुमान तैयार किया गया है। वर्ष 2023-24 के लिये भारत सरकार द्वारा विशेष पूंजीगत सहायता योजना में रूपये 9 हजार 500 करोड़, 50 वर्षीय दीर्घकालिक ब्याज रहित ऋण सहायता प्राप्त होने का अनुमान है। यह ऋण सहायता, राजकोषीय घाटे की सीमा से पृथक है।
220. वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा 62 हजार 564 करोड़ अनुमानित है, जो कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.11 प्रतिशत अनुमानित है। इस वर्ष 1 हजार 700 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित है।
221. यह एक मान्‍यता है कि ‘बजट’ महज आंकडों का ही खेल है, परन्‍तु हमारी सरकार के बजट के आंकडों की सत्‍यता व सफलता, प्रदेश की जनता की जीवनशैली में सकारात्‍मक परिवर्तन, उनके चेहरे पर संतोष व सुकून की आभा में दिखता है। मैं, यह बताना चाहूँगा कि ‘बजट’ को तैयार करना पक्षियों द्वारा घोंसला बनाने की प्रक्रिया जैसा है:-
वह ढेर सारे तिनकों, बहुत सारी मेहनत
और अखंडित लगन से बनाती है, एक घोंसला,
जिसमें वह पालती है, अपने नौनिहालों को,
और मांगती है दुआ कि, उसके अपने बच्‍चे
सुरक्षित रहें, सुख से रहें।
222. सकारात्‍मक उर्जा में अनुप्राणित, यह बजट, प्रदेश की जनता को समर्पित है। बजट में बहुमुखी विकास की तड़प है, संकल्‍प है, विकास का विश्‍वास है, सदाशयता, समरसता की अनुभूति है, आध्‍यात्मिकता है, प्रगति की निरंतर निर्बाध धारा है। मेरा अनुरोध है कि, आयें, हम सभी बजट प्रस्‍तावों का समर्थन करें, स्‍वागत करें, बजट मंथन से निकले अमृत का सदुपयोग कर प्रदेश को संपूर्ण रूप से विकसित होने में भागीदार बनें।
223. महोदय, मैं माननीय मुख्‍यमंत्री, मंत्रि-परिषद के साथियों, माननीय विधायकों, उद्योग व व्‍यवसाय जगत के महानुभावों, अर्थशास्त्रियों का आभारी हूँ जिनके परामर्श से बजट को विकासोन्‍मुख तथा कल्‍याणकारी स्‍वरूप दिया जा सका है। मैं, वित्‍त विभाग के समस्‍त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी आभारी हूँ जिन्‍होंने अथक परिश्रम, प्रतिबद्धता से बजट को तैयार कर प्रस्‍तुत करने में सहयोग किया है।
महोदय, मैं, हमारी सरकार के बजट प्रस्‍तावों को प्रदेश के लिए इस कामना के साथ प्रस्‍तुत कर रहा हूँ कि:-
“हर दिन, सुदिन
हर मास, मुधमास हो,
हर घड़ी, हर पल, हदय में
परम हर्ष, उल्‍लास हो।
जिदंगी प्‍यार से भरी हो
परस्‍पर स्‍नेह हो, सद्भाव हो
हर कदम पर
नई आशा, नया विश्‍वास हो।’’

।। जय हिन्‍द जय मध्‍यप्रदेश ।।
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