मध्यप्रदेश में डिजिटल यूनिवर्सिटी
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा
उच्च शिक्षा में विद्यार्थी सुविधा और अकादमिक गुणवत्ता पर फोकस : डॉ. यादव
200 स्मार्ट क्लास रूम और 10 डिजिटल स्टूडियो की स्थापना होगी
लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम बनेगा
1500 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर, लाइब्रेरियन, स्पोर्ट्स ऑफिसर्स की होगी भर्ती
विद्यार्थियों की शिकायत को हल करने ऑनलाइन प्लेटफार्म होंगे प्रारंभ
एमपीपोस्ट, 17 मार्च 2022 ,भोपाल। मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के बाद मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा में वर्चुअल माध्यम के प्रभावी उपयोग और अकादमिक गुणवत्ता पर फोकस किया जाएगा। शासकीय महाविद्यालयों में 200 स्मार्ट क्लासरूम और 10 संभागों में डिजिटल स्टूडियो की स्थापना की जाएगी। ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम लांच किया जाएगा। विद्यार्थियों की शिकायत को हल करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म की शुरूआत की जायेगी। सभी महाविद्यालयों में आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस तीनों विषयों की पढाई की व्यवस्था होगी। इस वर्ष 1500 से अधिक सहायक प्राध्यापकों, क्रीड़ा अधिकारियों और लाइब्रेरियन की भर्ती की जाएगी। विद्यार्थियों के लिए 6 हजार ई-मॉड्यूल्स का निर्माण होगा और अधिकतम विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिले, इस पर प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा। प्रदेश में डिजिटल यूनिवर्सिटी, स्किल यूनिवर्सिटी खोलने के लिए कांसेप्ट नोट बनाया जा रहा है। डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए एक टीम आईआईटी, केरल का जल्द ही दौरा करेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत परंपरागत उच्च शिक्षा को अधिक रोजगारमूलक और कौशलयुक्त बनाने का प्रयास किया गया है। वैकल्पिक और वोकेशनल विषयों को प्रारंभ किया गया है। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने जैविक खेती, पर्सनालिटी डेवलपमेंट जैसे विषयों को चुना है। विश्वविद्यालय स्तर पर प्रारम्भ किए गए कृषि पाठ्यक्रमों को विद्यार्थियों ने सराहा है। प्रदेश के 150 शासकीय महाविद्यालय का गुणवत्ता अध्ययन केन्द्र के रूप में उन्नयन किया गया है। साथ ही 200 महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ की प्लेसमेंट और उद्यमिता सेल की स्थापना की गई है।
डीजी लाकर होंगे प्रारंभ
मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस वर्ष 200 महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए जाएंगे। ई-कंटेंट के निर्माण को प्राथमिकता पर लिया गया है। अभी तक प्रमुख 36 विषय के 800 ई-मॉड्यूल्स तैयार किए गए हैं। कुल 6 हजार ई-मॉड्यूल्स के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। दस संभाग में डिजिटल स्टूडियो की स्थापना की जाएगी। विद्यार्थियों के सर्टिफिकेट, डिग्री आदि रखने के लिए डीजी लॉकर की व्यवस्था प्रारंभ की जा रही है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के तीन वर्ष के दस्तावेज को डीजी लॉकर में अपलोड कर दिया है। डीजी लाकर के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्टिफिकेट, डिग्री आदि का ऑनलाइन सत्यापन किया जा सकता है।
उद्योगों के साथ एमओयू
प्रदेश में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, भोपाल एवं रीवा विश्वविद्यालय में इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई है। इन सेंटर को एमएसएमई विभाग की स्टार्ट अप नीति के साथ जोड़ा जा रहा है। अभी तक 200 महाविद्यालय ने उद्योगों के साथ साझेदारी कर युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदाय करने के लिए एमओयू किये हैं। महाविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। स्वामी विवेकानंद कैरियर गाइडेंस योजना की वेबसाइट का निर्माण किया गया है। वेबसाइट पर छात्रों को कैरियर संबंधी, एमओयू, कैरियर अवसर मेला एवं समस्त योजनाओं की जानकारी एवं व्यक्तित्व विकास से सम्बंधित नवाचार एवं प्रशिक्षण की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम भी प्रारंभ होगा
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों के ऑनलाइन अध्यापन के लिए ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जा रहा है, जिसमें विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक टॉपिक पर ऑनलाइन वीडियो लेक्चर, टीचिंग मटेरियल, टॉपिक संबंधी अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करने के लिए रिफरेन्स लिंक आदि होंगे। सम्बंधित मॉडयूल में स्टूडेंट एनरोलमेंट, ऑनलाइन एम्.सी.क्यू टेस्ट एवं ऑनलाइन असाइनमेंट अपलोड करने की सुविधा भी छात्रों के लिए उपलब्ध होगी।
एनआईआरएफ (NIRF) के लिए 26 महाविद्यालय का चयन
मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि एनआईआरएफ के लिए नैक से A+, A ग्रेड प्राप्त महाविद्यालय, सभी स्वशासी महाविद्यालय, कुल 26 महाविद्यालय का चयन किया गया है। इन महाविद्यालयों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
वर्तमान में 104 शासकीय महाविद्यालय एवं 30 निजी महाविद्यालय नैक द्वारा प्रत्यायित हैं। सत्र 2021-22 में प्रदेश के 6 शासकीय महाविद्यालय में नैक मूल्यांकन हुआ, जिसमें शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय, उज्जैन को A+ ग्रेड (सर्वाधिक GPA 3.48) प्राप्त हुआ। वर्तमान में 7 शासकीय महाविद्यालय A ग्रेड प्राप्त हैं।
प्रथम चरण में 56 महाविद्यालय, द्वितीय चरण में 120 और तृतीय चरण में 100 महाविद्यलय को नैक ग्रेड के लिए चयनित किया जा रहा है। वर्ष 2023 तक प्रदेश के अधिक से अधिक पात्र महाविद्यालयों को नैक द्वारा प्रत्यायित किये जाने का लक्ष्य है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर को देश के टॉप-100 शैक्षणिक संस्थानों में शामिल करने के लिए कार्य-योजना बनाई गई है।
नवाचारों का अनुपम उदाहरण है उज्जैन का माधव विज्ञान महाविद्यालय
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह शासकीय महाविद्यालय में किए जा रहे नवाचारों का अनुपम उदाहरण शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय, उज्जैन है। महाविद्यालय में शून्य बजट पर एक बड़ा और 6 छोटे वनस्पति उद्यान विकसित किए गए हैं। यहाँ एक हजार से अधिक वृक्ष और पौधे हैं जो लगभग 600 टन ऑक्सीजन प्रतिवर्ष उत्पादित करते हैं। महाविद्यालय में शून्य बजट पर 22 लाख लीटर क्षमता की जल संरचना विकसित की गई है और 400 किलो वॉट का सोलर एनर्जी का संयंत्र लगाया गया है जिससे प्रतिमाह 4 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। महाविद्यालय में एनर्जी स्वराज संस्थान के सहयोग से बिजनेस इक्विपमेंट् सेंटर, एनर्जी स्वराज आश्रम की स्थापना की गई है। विद्यार्थियों को यहाँ सोलर उपकरणों की मरम्मत, निर्माण आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने छह स्टार्टअप भी स्थापित किए हैं।
प्रोजेक्ट और फील्ड वर्क के लिए 15 विभाग से होगा एमओयू
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट और फील्ड वर्क से सम्बंधित सहयोग प्राप्त करने के लिये उच्च शिक्षा विभाग शीघ्र ही राज्य शासन के विभिन्न विभाग से एमओयू करेगा। कृषि एवं किसान-कल्याण विभाग, उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, पर्यावरण, पशुपालन, संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, पर्यटन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से इस सम्बन्ध में प्रारंभिक स्तर की चर्चा की गई है।