मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में मॉडल राज्य होगा : केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर
किसानों को पुरानी दर पर डीएपी की आपूर्ति होगी : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक में कृषि अधोसंरचना और अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। कृषि मंत्रालय के केन्द्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी इसमें सम्मिलित हुए।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में कई प्रांतों से आगे है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र के कार्य सभी किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने में सक्षम हैं और कृषि के क्षेत्र को गौरवान्वित करने वाले हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कृषि अधोसंरचना के लिए एक लाख करोड़ की राशि के साथ महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत की थी। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत 10 हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव राज्यों से प्राप्त हो चुके हैं और इसमें से 5 हजार करोड़ के प्रस्ताव बैंकों द्वारा स्वीकृत हुए हैं। मध्यप्रदेश द्वारा इसमें सर्वाधिक परियोजनाएँ 1,000 करोड़ रुपए की भागीदारी के साथ की गई है, जो सराहनीय है।
एग्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के उपयोग में म.प्र. देश में अग्रणी
श्री तोमर ने कहा कि सर्वाधिक परियोजनाओं में ऋण की उपलब्धता मध्यप्रदेश को हुई है। एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान सम्मान-निधि योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में मध्यप्रदेश अच्छा कार्य कर रहा है। मध्यप्रदेश किसानों के जीवन स्तर के उन्नयन के कार्य में अग्रणी है। श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन प्रारंभ कर रही है। इस मिशन के माध्यम से किसान के साथ मिलकर ऐसे कार्यकलाप होंगे जिसमें फसल कटाई, बुवाई, फसल बीमा मुआवजा, भूमि का रकबा, नामांतरण आदि के कार्य पारदर्शी हो जाएँगे।
मध्यप्रदेश मॉडल राज्य बनेगा
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि मध्यप्रदेश मिशन मोड पर कृषि विकास के लिए कार्य करते हुए तेजी से आगे बढ़ेगा और मध्यप्रदेश मॉडल राज्य बनेगा। श्री तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसान मित्र प्रशिक्षित किए जाएँ। उन्होंने कहा कि गिरदावरी के लिए एप के विकास के साथ ही इस प्रणाली का ऐसा उपयोग हो कि किसान तक इसकी उपयोगिता की बात पहुँचे। हम किसान का भरोसा बढ़ाने का प्रयास करें। किसानों को भी इस कार्य में रूचि लेनी होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान मित्र की भागीदारी से श्रेष्ठ मॉडल विकसित कर अपनाया जाए।
कृषि अधोसंरचना विस्तार के लिए निरंतर प्रयास
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज केंद्रीय मंत्री श्री तोमर के साथ कृषि विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई है। मध्यप्रदेश में एग्री इंफ्रा फंड का बेहतर उपयोग किया गया है। करीब 1000 करोड़ रुपये के अलग-अलग कार्यों जैसे कोल्ड स्टोरेज चैन प्रारंभ करने, वेयर हाउस निर्माण आदि के लिए 600 करोड़ रुपये की राशि विमुक्त की जा चुकी है। इन नए अधोसंरचनात्मक कार्यों से किसानों को लाभ होगा। आज केन्द्र सरकार की कृषि संबंधी योजनाओं की समीक्षा भी हुई है। मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र के नवाचारों पर भी चर्चा हुई है।
किसानों को खाद और उर्वरक की आपूर्ति
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि खाद की उपलब्धता के बारे में भी चर्चा हुई है। प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री ने आश्वस्त किया है कि डीएपी 1200 रुपए बोरी की दर से ही किसानों को उपलब्ध होगी। इसकी दर 2400 रूपये प्रति बोरी हो जाने के बाद भी सब्सिडी बढ़ाकर किसानों को पुरानी दर पर ही डीएपी देने की व्यवस्था होगी। किसानों को बढ़ी हुई दर से मुक्ति मिलेगी और खाद, उर्वरक की निर्बाध रूप से आपूर्ति संभव होगी।
अतिरिक्त मूंग की खरीदी का आग्रह
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मूंग की खरीदी के लिए भी चर्चा हुई है। प्रदेश में मूंग की बंपर पैदावार को देखते हुए भारत सरकार से अतिरिक्त मूंग खरीदी के लिए स्वीकृति देने का अनुरोध किया गया है। इससे किसानों का हित होगा।
गिरदावरी कार्य के लिए एप विकसित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि अब तक गिरदावरी का कार्य मैनुअली हो रहा है। इसके डिजिटल तरीके को अपनाने के बारे में हम काफी आगे बढ़ चुके हैं। अनेक ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिनसे किसान को अपने रोजमर्रा के कार्यों में आसानी होगी। मध्यप्रदेश में आदर्श व्यवस्था लागू हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर द्वारा दिए जा रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
मध्यप्रदेश का प्रजेंटेशन
बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी ने प्रजेंटेशन में बताया कि राजस्व गिरदावरी का अवलोकन अब किसान भी एप के माध्यम से कर सकेंगे। प्रदेश में 260 लाख हेक्टेयर गिरदावरी का इलेक्ट्रानिक रिकार्ड है। पूर्व में सम्पन्न गिरदावरी की जानकारी रखी गई है। प्रदेश की 99 प्रतिशत फसलें डिजीटाइज हैं। इस वैज्ञानिक पद्धति से किसानों को जोड़ने के प्रयास निरंतर किए जा रहे हैं। एम.पी. किसान एप किसानों को नवीन तकनीक से अवगत करवायेगा। डीआईएस तकनीक से फसल उत्पादकता का आंकलन भी किया जा सकेगा। बैठक में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल भी मौजूद थे।