मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है की आज मैं अपनी पूरी टीम के साथ जिसमें सीएस, डीजीपी भी हैं राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम में बैठा हूं। दोनों मंत्री कल से ही बांध स्थल पर मौजूद हैं। हमारे कमिश्नर, आईजी, इरीगेशन के इंजीनियर, चीफ इंजीनियर समेत पूरा आ अमल बांध स्थल पर ही मौजूद है। सुबह से हम विशेषज्ञ से सलाह ले रहे हैं। प्रोफेसर गोयल जी आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर है, इस मामले के विशेषज्ञ माने जाते हैं उनसे भी हमने एडवाइज ली है। रिटायर्ड चीफ इंजीनियर से भी एडवाइस ली है। मेरी बात प्रधानमंत्री जी, गृहमंत्री जी , केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से भी हुई है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा सभी का यह मत है कि जनता की सुरक्षा को देखते हुए ऐसी स्थिति में बांध में पानी का रहना उचित नहीं है। इसलिए हमने फैसला किया है कि बांध को कट करके हम पानी निकालेंगे। बांध खाली करेंगे। कट करने का काम प्रारंभ कर दिया गया है और हमने उसके पूर्व ही सभी 18 गांव पूरी तरह से खाली करवा लिए हैं। गांव में कोई भाई बहन ना रहे इसलिए हमारी पूरी टीम में घूम रही है। कलेक्टर, एसपी, एडीएम एसडीएम तहसीलदार, नायब तहसीलदार उनके साथ साथ हमारे पुलिस के जवान, होमगार्ड के जवान एसडीआरएफ की टीमें, एनडीआरएफ की टीम, आर्मी के कालम सब फील्ड में तैनात हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि पानी निकलने वाला है। कोई गांव में ना रहे। हमने यह व्यवस्था भी की है की पशु कोई गांव में ना रह जाए। गाय बैल भैंस बकरी बकरा इनको भी निकालने की व्यवस्था की गई है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैंने जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की है। दोनों क्षेत्र के सांसद गण, धरमपुरी के विधायक से भी मेरी बात हुई। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से मेरी बात हुई, संघ के स्वयंसेवकों से मेरी बात हुई, मैंने सब से अपील की है कि इस समय कोई भी व्यक्ति भाई-बहन गांव में ना जाए, इसमें सहयोग करें। प्रभावित भाइयों बहनों और बेटे बेटियों के भोजन की और बाकी सारी व्यवस्था की जा रही है। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि हर जिंदगी सुरक्षित रहे और पानी बाहर निकल जाए। ताकि बाद में निश्चिंत होकर लोग अपने अपने गांव में वापस आ पाए। इसमें हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। क्योंकि यह जनता की जिंदगी का मामला है। मैं मेरे सभी 18 गांव और उन गांव की टोली मजरे भी हैं उनके भाई बहनों से प्रार्थना करना चाहता हूं कृपया कर सहयोग करें, किसी भी हालत में अपने गांव अभी ना जाएं। मैं भी कंट्रोल रूम में बैठा हूं। हर परिस्थिति पर नजर रखे हुए हूं। मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर इन कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलेंगे.