भारतीय संस्कृति सदैव प्रकृति के साथ सामंजस्य और सह-अस्तित्व की संस्कृति- शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव, संस्कृति,जनसम्पर्क और पर्यटन विभाग मध्यप्रदेश शासन

भारत भवन में संस्कृति और प्रकृति समारोह का शुभारंभ

संस्कृति,जनसम्पर्क और पर्यटन विभाग मध्यप्रदेश शासन के प्रमुख सचिव एवं भारत भवन के न्यासी सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा है कि मानव सभ्यता की वाहक भारतीय संस्कृति सदैव प्रकृति के साथ सामंजस्य और सह-अस्तित्व की संस्कृति रही है। कोविड-19 के संकटकालीन समय मे इसकी प्रासंगिकता अधिक बढ़ी है। इसे ध्यान में रखकर प्रकृति और संस्कृति के अंतर संबंधों पर आधारित यह सांस्कृतिक समारोह आयोजित किया गया है। श्री शुक्ला भारत भवन में आयोजित “संस्कृति और प्रकृति” समारोह में संस्कृति और संगीत प्रेमियों को संबोधित कर रहे थे। श्री शुक्ला और प्रसिध्द शास्त्रीय गायिका सुश्री कौशिकी चक्रबर्ती ने दीप प्रज्जवलित कर आठ दिवसीय समारोह का शुभारंभ किया। श्री शुक्ला ने कहा कि अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करे और उसे सहेजते हुए भावी पीढ़ी को सौपे। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने समारोह में सभी कला प्रेमियों का अभिनंदन भी किया।

भारत भवन में समारोह के पहले दिन संयोजक श्री प्रवीण शेवलीकर और साथियों ने वायलिन सप्तक की संगीतमय प्रस्तुति दी। इसके बाद शास्त्रीय संगीत गायिका सुश्री कौशिकी चक्रबर्ती ने क्लासिकल गायकी समा बांध दिया। हारमोनियम, वीणा और तबला की थाप पर ख्याल और ठुमरी गायन का उत्कृष्ट नमूना पेश किया। शास्त्रीय संगीत की धुनों पर दर्शक मंत्रमुग्ध हुए।

भारत भवन द्वारा पहली बार समारोह का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। अब संगीत और कला प्रेमी भारत भवन के यूट्यूब पेज https://youtube.com/channel/UCvBi-NbcL7_m0OOstSD9APA और फेसबुक पेज www.facebook.com/bharatbhavan123 पर आयोजन का लुत्फ उठा सकते है।

समारोह के दौरान परंपरागत चित्रांकन शिविर और जनजातीय चित्र कृतियों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। प्रदर्शनी में श्रीमती भूरी बाई, श्री जनगढ़ सिंह श्याम, श्री नर्मदा प्रसाद टेकाम, इंदूबाई मरावी, श्री अनिल बारिया और शांता भूरिया सहित 24 कलाकारों की 28 पेंटिंग्स लगायी गयी है। यह प्रदर्शनी 21 नवंबर तक दर्शकों के लिए प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहेगी। सोमवार को साप्ताहिक अवकाश रहेगा।

समारोह के दूसरे दिन शुक्रवार को शाम 6.30 बजे श्री गौरव हजारिका के संयोजन में बिहू लोकनृत्य की प्रस्तुति होगी। इसके बाद सुश्री सुजाता महापात्र और सहयोगी कलाकारों द्वारा ओडिसी समूह नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी। कार्यक्रम में सभी का प्रवेश निःशुल्क रहेगा। कोविड-19 के लिए शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।

इस अवसर पर संचालक संस्कृति श्री अदिति कुमार त्रिपाठी, प्रशासनिक अधिकारी श्री प्रेम शंकर शुक्ल सहित कला और संगीत प्रेमी उपस्थित रहें।

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