बकायादारों से निरंतर सम्पर्क कर नगद वसूली की कार्रवाई जारी
मध्यप्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा पुराने अधिनियमों वेट, केन्द्रीय विक्रय कर, प्रवेश कर आदि से संबंधित बकाया राशि वसूल करने के लिये विशेष वसूली अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में अधिक से अधिक नगद वसूली किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। नगद वसूली के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वसूली योग्य बकायादारों की सूचियां वृत्त स्तर पर गठित वसूली दलों को उपलब्ध करायी गयी है। वसूली दलों द्वारा बकायादारों से निरंतर सम्पर्क कर अधिक से अधिक नगद वसूली की कार्यवाही की जा रही है।
वसूली अधिकारियों के विशेष प्रयासों से माह दिसम्बर 2022 तक में नगद वसूली 146 करोड़ 31 लाख की गई जबकि पिछले वित्तीय वर्ष के माह दिसम्बर, 2021 तक कुल नगद वसूली राशि रू. 52 करोड़ 62 लाख थी। इस प्रकार नगद वसूली 178 प्रतिशत ज्यादा की गई है। वृत्तवार टॉप 20 वसूली योग्य बकायादारों का चिन्हांकन सितम्बर, 2022 में किया जाकर, इन बकायादारों से बकाया राशि प्राथमिकता के आधार पर वसूल की जा रही है।
वाणिज्यिक कर आयुक्त श्री लोकेश कुमार जाटव ने अभियान को सफल बनाने के लिए सभी संभागीय उपायुक्तों एवं वृत्त प्रभारियों को विस्तृत दिशा निर्देश दिये हैं।
कर निर्धारण प्रकरणों में मांग पत्र निर्वाह के 30 दिवस के अंदर यदि मांग की राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो मांग पत्र जारी करने वाले अधिकारी द्वारा राजस्व वसूली प्रमाण-पत्र (आर.आर.सी.) जारी किया जाता है। जिन कर निर्धारण आदेशों में अतिरिक्त मांग सृजित की गई है, उनकी तामीली कराकर शत-प्रतिशत आर.आर.सी. जारी किए जाने का अभियान चलाया जा रहा है।
भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 146 एवं 147 के प्रावधानों के तहत मांग पत्र जारी किये जाने एवं चल-अचल संपत्ति की कुर्की एवं नीलामी की कार्यवाही किए जाने के प्रावधानों के तहत वसूली अधिकारियों द्वारा ऐसे बकायादारों, जिनके व्यवसाय बंद हैं, इससे संबंधित व्यक्तियों (फर्म मालिक/ भागीदार/संचालकों आदि) की चल-अचल सम्पत्तियों की खोज कर कुर्की एवं नीलामी की कार्यवाही की जा रही है। संभाग स्तर पर इस कार्य की मॉनिटरिंग प्रभारी संभागीय उपायुक्तों द्वारा की जा रही है।
मध्यप्रदेश वेट अधिनियम, 2002 की धारा-28(1) सहपठित वेट नियम, 46 के अंतर्गत बैंक एवं देनदारों को निर्धारित प्ररूप-36 जारी कर वसूली की कार्यवाही की जा रही है। अभी तक लगभग 135 बकायादारों के बैंक खाते अवरूद्ध किए गए हैं।
अपीलीय प्राधिकारी (उपायुक्त) स्तर पर जिन अपील प्रकरणों में 50 लाख से ज्यादा कर/शास्ति/ ब्याज आदि की राशि निहित है और इसी प्रकार अपीलीय प्राधिकारी (अपर आयुक्त।) स्तर पर जिन अपील प्रकरणों में एक करोड़ से ज्यादा कर/शास्ति/ब्याज आदि की राशि निहित है, ऐसे बकायादारों के लंबित अपील प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निर्वतन किये जाने हेतु अपीलीय प्राधिकारियों द्वारा कैम्प किए जा रहे हैं।
अन्य राज्यों/वृत्तों को भेजी गई आर.आर.सी. के संबंध में संबंधित राज्यों/वृत्तों से आपसी समन्वय स्थापित कर बकाया वसूली की कार्यवाही की जा रही है। जिन बकाया प्रकरणों में विभिन्न माननीय न्यायालयों से बकाया राशि स्थगित है, उनमें यथासंभव स्थगन समाप्त कराए जाने की कार्यवाही भी की जा रही है।