सिकल सेल रोग के परीक्षण के लिए चलाएँ सघन अभियान : राज्यपाल श्री पटेल
रोगियों को मिले बेहतर चिकित्सा सुविधा
एमपीपोस्ट, 20 फरवरी 2022 ,भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने खजुराहो प्रवास के दौरान रविवार को सीएससी केन्द्र खजुराहो का अवलोकन कर स्वास्थ्य गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्र के विभिन्न कक्षों तथा आयुष चिकित्सा केन्द्र का भी अवलोकन किया और संबंधित स्टाफ से स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों की जानकारी ली। कलेक्टर श्री संदीप जी आर, सीएमएचओ एवं अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।
राज्यपाल श्री पटेल ने सिकल सेल रोग के परीक्षण के लिए सघन कैम्प आयोजित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिकल सेल की सर्वे जाँच में जिस परिवार में रोगी पाए जाएं उस परिवार के पूरे सदस्यों की जाँच चिकित्सक स्वयं जाकर करें। उन्होंने कहा कि जनजातीय बहुल क्षेत्रों में इस रोग से पीड़ित का प्रतिशत सर्वाधिक है। ऐसे क्षेत्रों में फोकस कर जाँच अभियान संचालित करें। उन्होंने बताया कि सिकल सेल के नियंत्रण के लिए प्रदेश में संवेदनशील प्रयास शुरू हुए हैं। सर्वेक्षण में जनजाति बहुल बस्ती का कोई भी सदस्य नहीं छूटे।
राज्यपाल श्री पटेल ने 10 से 19 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों के लिये संचालित उमंग स्वास्थ्य केन्द्र के अवलोकन के बाद आरकेएसके काउंसलर से चर्चा की। काउंसलर ने किशोरियों की समस्याओं, शारीरिक परिवर्तन और दिये जाने वाले परामर्श की जानकारी दी। काउंसलर ने बताया कि ग्राम स्तर पर साथिया संगठन से जुड़ी महिलाएँ, किशोरियों से चर्चा करती हैं और उन्हें परामर्श देती है। जरूरत अनुसार किशोरियों को चिकित्सकों की मदद दिलाई जाती है। राज्यपाल श्री पटेल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए किये जा रहे अच्छे कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि किशोर-किशोरियों पर ध्यान देने के लिए संचालित प्रोग्राम सार्थक हैं। इस कार्य में साथिया द्वारा की जा रही सामाजिक सेवा भी तारीफ के काबिल है।
राज्यपाल श्री पटेल ने चिकित्सालय के अवलोकन के बाद चिकित्सकों से चर्चा में उपचार के लिए आ रहे रोगी और भर्ती मरीजों की जानकारी ली। उन्होंने प्रीमेच्योर बच्चों की उपचार की जानकारी भी ली। चिकित्सकों ने बताया कि आशा कार्यकर्ता, गर्भवती महिलाओं की जानकारी लेकर कुपोषण के संबंध में उन्हें परामर्श देती हैं। कुपोषित बच्चों को राजनगर स्वास्थ्य केन्द्र भेजकर ऑब्जर्वेशन में रखकर प्रतिदिन उनका वजन लिया जाता है। श्रमिक महिलाओं को प्रसव के बाद योजना की राशि नियमानुसार दी जाती है। टी.बी. के मरीज आने पर जरूरत अनुसार आवश्यक टेस्ट कराये जाते हैं।