भोपाल की प्रयोगशालाओं में कोरोना की क्वालिटेटिव आरटीपीसीआर जाँचें की जा रही हैं। इन जाँचों में सी.टी. वेल्यू की रिपोर्टिंग औचित्यहीन है। सी.टी. वेल्यू के लिये क्वांटिटेटिव आरटीपीसीआर किया जाना जरूरी है, जो एक अत्यंत जटिल प्रक्रिया है। प्रयोगशालाओं द्वारा केवल पॉजिटिव एवं निगेटिव व्यक्तियों की लाइन लिस्टिंग भेजी जाती है, इसमें सी.टी. वेल्यूज का उल्लेख नहीं होता। प्रयोगशालाओं द्वारा निजी तौर पर भी कोरोना जाँच में निगेटिव पाये गये व्यक्तियों को सी.टी. वेल्यू की जानकारी नहीं दी जाती है।
भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अगस्त-2020 में जारी निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि ऐसा विश्वसनीय शोध उपलब्ध नहीं है, जो प्रमाणिकता के साथ रोग की गंभीरता और संक्रामकता का सी.टी. वेल्यू से पारस्परिक संबंध स्थापित कर सके। जाँच किट की अलग-अलग सी.टी. वेल्यूज होती हैं, जिनके आधार पर व्यक्ति को पॉजिटिव या निगेटिव दर्शाया जाता है। यह कार्य प्रयोगशालाओं द्वारा भोपाल और भोपाल के बाहर भी किया जाता है। इसलिये सी.टी. वेल्यू के आधार पर पॉजिटिव अथवा निगेटिव निर्धारण के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिये गये हैं। भोपाल जिले में सतत पॉजिटिव प्रकरणों में सभी सी.टी. वेल्यू के प्रकरणों का सम्मिलित होना यह स्पष्ट करता है कि इस तरह के कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं।
पॉजिटिव केसेस आने के कारण कोई लैब सील नहीं
एक स्थानीय समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचार में उल्लेखित यह तथ्य कि एक विशेष लैब को ज्यादातर कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण सील कर दिया गया है, पूर्णत: गलत है। वास्तविकता यह है कि इस प्रयोगशाला ने नमूने एकत्र करने के लिये कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी। बिना अनुमति और जाँच के उक्त कार्य करना पूरी तरह से अवैधानिक है। इसलिये लैब बंद करना आवश्यक हो गया था। वे सभी एक दर्जन से अधिक निजी प्रयोगशालाएँ निर्बाध रूप से कोविड नमूनों को एकत्र कर जाँच कर रही हैं, जिन्होंने नमूना एकत्र करने के लिये अनुमति प्राप्त कर
ली थी।
प्रयोगशालाओं को जिला-स्तर से तकनीकी निर्देश नहीं
कोरोना जाँच प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय और राज्य-स्तर पर जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश हैं। किसी भी प्रयोगशाला को जिला-स्तर पर कोई तकनीकी निर्देश जारी नहीं किया गया है। भोपाल स्थित सभी आरटीपीसीआर प्रयोगशालाएँ राष्ट्रीय और राज्य-स्तर द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते हुए अपना कार्य करने के लिये स्वतंत्र हैं।