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हनुमान चालीसा पाठ के धार्मिक आयोजन पर भाजपा का विरोध अनुचित व संकुचित मानसिकता का प्रतीक: सुरेश पचौरी

हनुमान चालीसा पाठ के धार्मिक आयोजन पर भाजपा का विरोध अनुचित व संकुचित मानसिकता का प्रतीक: सुरेश पचौरी

भोपाल, 30 जनवरी, 2020
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह के हनुमान चालीसा के पाठ के धार्मिक आयोजन पर दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भारतीय संस्कृति की यह विशेषता है कि हम महापुरूषों की जयंती पर उनकी आत्मा की शांति के लिए शांति पाठ का आयोजन करते हैं। इसी तारतम्य में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर आज हनुमान चालीसा का पाठ एवं हनुमान चालीसा के सवा करोड़ जप का आयोजन किया जा रहा है।

श्री पचौरी ने आगे कहा कि गांधी जी परम वैष्णव थे और उनका प्रसिद्ध भजन था, ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए, जो पीर पराई जाने रे’। वहीं हनुमान चालीसा में भी कहा गया है ‘संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलवीरा।’

गांधी जी की पुण्यतिथि पर उनकी राष्ट्र भक्ति को याद करना और इस अवसर पर हनुमान चालीसा के पाठ एवं सवा करोड़ जप द्वारा हनुमान जी की राम भक्ति को याद करना एक सुखद संयोग है। महात्मा गांधी के राम और धर्म से जुड़े विचार मानवतावादी हैं और उनके राम राज्य की मूल धारणा भी यही है और यह धार्मिक आयोजन प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की भलाई, उन्नति व खुशहाली के संकल्प के लिये हो रहा है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर हनुमान चालीसा का पाठ कराये जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा की गई टिप्पणी संकुचित मानसिकता का प्रतीक व निंदनीय हैं। इस पुनीत धार्मिक कार्य को राजनीति से जोड़ना बेमानी व अनुचित है।

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