भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने ही खोल दी, भाजपा और संघ के सांप्रदायिक एजेंडे की पोल : शोभा ओझा

भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने ही खोल दी, भाजपा और संघ के सांप्रदायिक एजेंडे की पोल : शोभा ओझा

भोपाल, 28 जनवरी, 2020
मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में बताया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सहित भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा अपनी केन्द्र सरकार की विफलताओं को छिपाने के उद्देश्य से, छोटे-छोटे छद्म मुद्दों के सांप्रदायीकरण का प्रयास, देश के प्रति गैर जिम्मेदाराना और निंदनीय है, शिवराज सिंह ने आज अपने ट्वीट के माध्यम से धार्मिक भावनाएं भड़काने का जो कुत्सित प्रयास किया है, वह प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के उस एजेंडे को ही आगे बढ़ाने का प्रयास कहा जाएग, जिसकी पोल आज भाजपा के ही विधायक नारायण त्रिपाठी ने खोल दी है।

आज जारी अपने वक्तव्य में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि आष्टा के मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने के विषय में, शिवराज सिंह का ट्वीट धार्मिक भावनाएं भड़काने का प्रयास है, जो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और संघ को खुश करने के उद्देश्य से किया गया है। जबकि हकीकत यह है कि प्रशासन द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों के अनुसार रात्रि 10ः00 बजे से सुबह 6ः00 बजे तक ध्वनि प्रसारण यंत्रों के उपयोग पर पाबंदी लगाई गई है, जिसका किसी धार्मिक स्थल विशेष से कोई संबंध नहीं है, जैसा जिक्र शिवराज सिंह ने अपने ट्वीट में किया है।

श्रीमती ओझा ने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि शिवराज सिंह द्वारा उठाया गया उपरोक्त मुद्दा हो या केन्द्र में मोदी व अमित शाह द्वारा उछाला गया सीएए और एनआरसी का मुद्दा हो, इन सभी छद्म मुद्दों की पोल देश की उस जागरूक जनता के सामने खुल चुकी है, जो अब यह समझने लगी है कि इन मुद्दों की आड़ में, गिरती जीडीपी, अवरूद्ध विकास, गरीबी, और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों को दबाने का निंदनीय प्रयास किया जा रहा है।

अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि केवल आम जनता ही नहीं बल्कि भाजपा के जागरूक लोग भी अब भाजपा सरकार की विभाजनकारी नीतियों के विरोधी हो गये हैं और अब धीरे-धीरे, वे अपने तानाशाही नेतृत्व के विरोध में मुखर होने को व्याकुल हैं, इसी का आगाज करते हुए भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने देश की एकता, अखंडता और संविधान की रक्षा के पक्ष में विभाजनकारी ताकतों के विरूद्ध विद्रोह का बिगुल बजा दिया है।

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