प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयान और हिंसक हमले उनकी छटपटाहट का प्रतीक
अधिकारियों पर दबाव डालकर, अपने मनमाने, अवैधानिक और गलत कामों को पूरा करवाना चाहते हैं भाजपा नेता : शोभा ओझा
भोपाल, 20 जनवरी 2020
मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में बताया कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कल रतलाम में अधिकारियों के विरुद्ध दिया गया भड़काऊ बयान और कल ही राजगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा महिला अधिकारी पर किया गया हमला, इस बात का सूचक है कि भाजपा और उसके नेता, नियोजित तरीके से प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों पर बेजा दबाव डालकर, उनसे बदतमीजी और बदसलूकी कर, अपने उन मनमाने, अवैधानिक और गलत कामों को उनसे पूरा करवाना चाहते हैं, जिनकी पिछले 15 सालों में उनको आदत पड़ गई है लेकिन अब कमलनाथ सरकार की सख्ती के चलते, उनकी मनमानी न चल पाने से उत्पन्न हताशा में, वे बुरी तरह से छटपटा रहे हैं।
आज जारी अपने वक्तव्य में श्रीमती ओझा ने उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए आगे कहा कि केवल गोपाल भार्गव ही नहीं, शिवराज सिंह चौहान, राकेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा आदि सभी नेता, प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों व पुलिस पर दबाव डालकर, अपने उन गलत कामों को पूरा करवाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनकी वजह से यह प्रदेश न केवल पूरे देश में बदनाम हुआ बल्कि यहां की तरक्की भी पूरी तरह से अवरुद्ध रही, पूरे 15 वर्षों तक यह प्रदेश बीमारू बना रहा और इसकी तुलना बिहार और झारखंड से होती रही।
अपने बयान में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि यह विडंबना ही है कि भाजपा के डेढ़ दशक लंबे कुशासन के दौरान, प्रदेश तो पिछड़ता चला गया लेकिन व्यापमं, डंपर, ई-टेंडरिंग, सिंहस्थ, पौधारोपण, अवैध उत्खनन, मध्याह्न भोजन, पेंशन आदि महाघोटालों के फलस्वरूप भाजपा नेताओं और उनके चहेतों के समृद्धि के महल तो खड़े होते रहे लेकिन प्रदेश का खजाना खाली हो गया।
भाजपा के पंद्रह वर्षीय कार्यकाल और उसके नेताओं की कार्यशैली पर उक्त तीखा हमला करते हुए श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि आज भाजपा के नेता फिर से उन्हीं दिनों को याद कर, कभी अधिकारियों को डराते-धमकाते हैं, कभी उनकी बल्ले से पिटाई करते हैं, कभी शहर में आग लगाने की बात करते हैं, कभी अधिकारियों की तुलना वेश्या से करते हैं तो कभी महिला अधिकारी के बाल खींचकर सरेआम उसे अपमानित करते हैं। भाजपा के ये नेता अपनी हरकतों से इस बात के लिए प्रतिबद्ध नजर आते हैं कि अगर अधिकारी उनके इशारों पर नहीं नाचेंगे तो वे अपना ऐसा ही दुर्व्यवहार आगे भी जारी रखेंगे।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि भाजपा नेताओं के उपरोक्त वर्णित तमाम दुस्साहसी प्रयासों के बावजूद, अब उनके कुत्सित और व्यक्तिगत स्वार्थों से परिपूर्ण मंसूबे, पूरे होने वाले नहीं हैं क्योंकि प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों, दलितों, शोषितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं को पता है कि प्रदेश में अब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार है, जो किसी भी अनुचित दबाव में नहीं आने वाली है और प्रदेश के सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध और दृढ़ संकल्पित भी है, जिसका सबूत सभी तरह के माफ़िया के विरुद्ध छेड़े गए अपने “शुद्ध के लिए युद्ध” अभियान के तहत की गई, अपनी कठोर दंडात्मक कार्यवाहियों के द्वारा उसने दे दिया है।