दलित आदिवासी बैकवर्ड विरोधी हैं नरेन्द्र मोदी — भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव मुकुल वासनिक
गरीबों के आरक्षण को खत्म करने के भाजपाई षडयंत्र का हुआ पर्दाफश
संविधान पर भाजपा के षडयंत्रकारी हमले का कांग्रेस करेगी डटकर विरोध
भोपाल, 17 फरवरी, 2020
दशकों से भाजपा व संघ परिवार दलित आदिवासी बैकवर्ड विरोधी रहा है। दलितों पर अत्याचार, आदिवासियों के जल जंगल जमीन पर हमला व बैकवर्ड क्लास के अधिकारों को कुचलना भाजपा का डीएनए है। यह बात भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव मुकुल वासनिक ने 17 फरवरी 2020 को भोपाल में एक पत्रकारवार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि कि एक बार फिर भाजपा, मोदी सरकार, उत्तराखंड भाजपा सरकार ने मिलकर देश के संविधान तथा एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण के मौलिक अधिकार पर शरारतपूर्ण, षडयंत्रकारी व घिनौना हमला बोला है। इसका जीता जागता सबूत उत्तराखंड भाजपा सरकार की सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड सरकार बनाम अवधेश कुमार में दी गई दलील है, जिसमें साफ तौर से कहा गया, कि एससी, एसटी वर्गो को संविधान में सरकारी नौकरियों में आरक्षण का मौलिक अधिकार नहीं है। यहां तक भी कहा गया कि एससी, एसटी वर्गो को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के प्रति सरकारों की कोई संवैधानिक जवाबदेही नहीं है।
मुकुल वासनिक ने कहा कि भाजपा सरकार की संविधान और एससी, एसटी दलील को सुप्रीम कोर्ट ने भी दुर्भाग्यवश 7 फरवरी 2020 के फैसले में स्वीकार कर लिया था, अपने निर्णय में यह कहा कि सरकारी नौकरी में आरक्षण देना या न देना सरकार की मर्जी है।
श्री वासनिक ने कहा कि मोदी सरकार आरक्षण व्यवस्था तोडने पर संसद को गुमराह कर रही है। आरक्षण पर पुर्नविचार और खत्म करने की मांग भाजपा व संघ परिवार के मोहन भागवत व मनमोहन वेद ने रखी है। मोदी सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सब प्लान खत्म कर दलितों पर कुठाराघात कर रही है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक दलितों पर बेहिसाब हिंसा के मामले बढे हैं।