भाजपा नेता राज्यपाल की छवि धूमिल न करें, संविधान की समझ न हो तो विशेषज्ञों से सलाह लें: अभय दुबे
भाजपा नेता राज्यपाल की छवि धूमिल न करें, संविधान की समझ न हो तो विशेषज्ञों से सलाह लें: अभय दुबे
भोपाल, 17 मार्च, 2020
प्रदेश कांगे्रस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने जारी एक बयान में बताया है कि मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री आये दिन राज्यपाल महोदय की छवि को धूमिल कर रहे हैं। निरंतर राज्यपाल को ज्ञापन देने के नाम पर आधारहीन और तथ्यहीन तरीके से भारत के संविधान के अनुच्छेदों की व्याख्या कर एक भ्रामक दुष्प्रचार कर रहे हैं।
श्री दुबे ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा अपनी निराशा का प्रदर्शन प्रदेश में चुनाव हारने के बाद से अब तक किया जा रहा है। पूर्ण बहुमत की कमलनाथ सरकार को आयोगों में नियुक्ति के सारे संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं। भाजपा नेताओं द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि संविधान के अनुच्छेद 163 एवं 166 के तहत नियुक्ति के अधिकार राज्यपाल को हैं।
बेहद हास्यास्पद है, जहां अनुच्छेद 163 में इस बात का उल्लेख है कि राज्यपाल को अपने कृत्यों का प्रयोग करने में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रधान मुख्यमंत्री होगा। वहीं अनुच्छेद 166 में यह स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है कि राज्य सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्यवाही राज्यपाल के नाम से की हुई कही जाएगी तथा राज्यपाल के नाम से किये गये और निष्पादित आदेशों को ऐसी रीति से अधिप्रमाणित किया जाएगा, जो राज्यपाल द्वारा बनाये जाने वाले नियमों में विनिर्दिष्ट की जाए और इस प्रकार अधिप्रमाणित आदेश या लिखित की विधि मान्यता पर इस आधार पर प्रश्न खड़ा नहीं किया जाएगा कि वह राज्यपाल द्वारा नहीं किया गया या राज्यपाल द्वारा निष्पादित आदेश या उनके द्वारा लिखित नहीं है।
भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव जो स्वयं भी मंत्री रहे है, उन्हें चाहिए कि वे फिर से भारत के संविधान के अनुच्छेद 163 और 166 का संविधान विशेषज्ञ की मदद से अध्ययन करें तथा मध्यप्रदेश सरकार के बिजनेस रूल्स को पढ़े और आये दिन संविधान की गलत व्याख्या करके राज्यपाल महोदय की छवि को धूमिल न करें।
कमलनाथ सरकार अपने प्रजातंत्रीय अधिकारों का प्रयोग करते हुए सभी नियुक्तियां विधि सम्मत कर रही है, जिसे उसका दायित्व मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता ने दिया है।