दलित युवक की मौत पर राजनीति करने गए भाजपा नेताओं को यदि दलित युवक की चिंता थी तो उसके घर सांत्वना देने जाते, उसके परिजनों की मदद करते
लेकिन राजनीतिक सभा करते रहे, सभा स्थल पर शोक अवधि के दौरान पत्नि को बुलाकर
भाजपा नेता भाषण बाजी करते रहे, मुस्कुराते रहे, हार फूल पहन कर स्वागत कराते रहे।
भाजपा ने मंदसौर की तरह सागर में भी खेली घृणित राजनीति, मृतक की पत्नि को शोक से उठाकर सभा स्थल पर बैठाकर मृतक के ससुर व जेठ के विरोध में खड़ा किया: नरेन्द्र सलूजा
भोपाल, 28 जनवरी, 2020
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि सागर के धर्मश्री निवासी धन प्रसाद अहिरवार के साथ 14 जनवरी को सागर में मिट्टी का तेल डालकर जलाने की घटना हुई थी। इस घटना के सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार भी कर लिया गया था। युवक के परिजनों को सरकार ने आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई और पीड़ित युवक का सरकारी खर्च पर इलाज भी कराया। भाजपा पहले दिन से इस मामले पर बयानबाजी कर क्षेत्र का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने में लगी हुई है और उनकी बयानबाजी के बावजूद क्षेत्र में शांति रही तो आज माहौल बिगाड़ने तमाम भाजपा नेतागण सागर पहुंच गये। उम्मीद थी कि आज सारे भाजपा नेता मृतक के घर जाएंग,े परिजनों को सांत्वना प्रदान करेंगे, परिजनों की आर्थिक मदद करेंगे लेकिन दलित युवक की मौत पर राजनीति करने वाले भाजपा नेता एक बड़ा मंच सजा कर जंगी सभा करने बैठ गए। जिस पर बैठकर वे खूब मुस्कुराते रहे और सामने मृतक की पत्नि को बैठाकर लंबे-चैड़े राजनीतिक भाषण देते रहे और सागर पहुंचकर हार फूलों से खुद का स्वागत कराते रहे, बेहद शर्मनाक है, यही इनका चरित्र है। दलित युवक की मौत पर राजनीति कर अपने राजनीतिक दुकान चमकाने के लिए तमाम भाजपा नेता आज सागर गए, इनको दलित युवक की मौत का कोई दुख नहीं है, इन्हें तो सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटी सेकी थी, इसलिए इन्होंने यह आयोजन रखा।
भाजपा ने आज बेहद घृणित राजनीति खेली। मृतक युवक के परिवार में फूट डाल दी। मृतक की भोली-भाली पत्नि को गुमराह कर व बहला-फुसला कर 13 दिनों के शोक के दौरान राजनीतिक सभा स्थल पर लाकर जमकर भाषण बाजी करते रहे और उसके ससुर और जेठ के खिलाफ बयान दिलाते रहे। ठीक उसी तरह जिस तरह उन्होंने मंदसौर गोली कांड के दौरान शहीद हुए किसान भाईयों के परिजनों को 13 दिन के भीतर ही भोपाल उपवास स्थल पर बुलाया था।
सलूजा ने कहा कि आज दलित हितेषी होने का ढोंग कर रहे शिवराज अपने शासन काल में दलित एवं आदिवासी भाईयो के ऊपर हुए अपराधों को शायद भूल गये हैं। वे भूल गये है कि उनके शासन काल के दौरान मध्यप्रदेश दलित एवं आदिवासियों पर होने वाले अपराधों व अत्याचारों में देश में शीर्ष पर हुआ करता था। जिसके गवाह एनसीआरबी के उस समय के आंकड़े है।