सीएए को लेकर माहौल बनाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जानबूझकर झूठ परोस रहे हैं, यदि कोई आतंकवादी पिछले डेढ़ वर्ष से उनकी रेकी कर रहा था, तो उन्होंने इसकी अभी तक कहां शिकायत दर्ज करायी, यह सार्वजनिक करें: नरेंद्र सलूजा
भोपाल, 24 जनवरी 2020
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कल इंदौर में एक कार्यक्रम में परिचर्चा में कह रहे थे कि पिछले डेढ़ वर्ष से एक आतंकी उनकी रेकी कर रहा था। साथ ही उनके घर पर रिनोवेशन के काम में लगे कुछ मजदूर संदिग्ध होकर बांग्लादेश के घुसपैठिए हैं, ऐसी उन्हें आशंका है।
सलूजा ने उनसे सवाल पूछते हुए कहा कि डेढ़ वर्ष पहले प्रदेश में भाजपा की सरकार ही थी। विजयवर्गीय पार्टी के कई जिम्मेदार पदों पर रह चुके हैं, वर्तमान में भी राष्ट्रीय महासचिव हैं, जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त हैं, ऐसे में यदि कोई आतंकी डेढ़ वर्ष से उनकी रेकी कर रहा था तो उसको लेकर उन्होंने पुलिस में या कहीं ओर कोई शिकायत दर्ज कराई थी, या नहीं, यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए?
साथ ही वे वह कह रहे हैं कि उनके घर पर चल रहे रिनोवेशन के काम में लगे मजदूर संदिग्ध होकर बांग्लादेशी घुसपैठिए हो सकते है, ऐसी उन्हें आशंका है तो यह बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के घर पर कैसे कोई संदिग्ध व्यक्ति काम करने आ सकता है और यदि वे उन्हें संदिग्ध लगे तो इसकी भी उन्होंने कही शिकायत दर्ज करायी है क्या? ऐसा कह कर तो वे खुद अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं?
यदि उनके आरोप सही हैं तो उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने इसके संबंध में कहां-कहां अभी तक शिकायत दर्ज करायी है ? और यदि कोई शिकायत इस संबंध में उन्होंने दर्ज नहीं करायी है तो यह कई सवाल खड़े कर रहा है और ऐसा लग रहा है कि सीएए को लेकर माहौल बनाने के लिए जानबूझकर वे इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। सीएए लागू होने के पूर्व इन सब मामलों में वह चुप क्यों थे, उन्हें स्पष्ट करना चाहिए?
सलूजा ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय सीएए को लेकर देशभर में जन जागरण अभियान चला रहे हैं, सीएए को लेकर बड़ी-बड़ी बातें और दावे कर रहे हैं और दूसरी तरफ उन्हीं के 67 समर्थकों द्वारा कल इंदौर में सीएए के विरोध में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया गया। इससे समझा जा सकता है कि कैलाश विजयवर्गीय सीएए को लेकर दावे बड़े-बड़े करें, जन जागरण अभियान चलाने की बात कहें और खुद के आसपास के लोगों को ही वह सीएए को लेकर समझा नहीं पाये, राजी नहीं कर पाए हैं और उनके आसपास के लोग ही सीएए के विरोध में हैं व पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।