रिलायंस समूह के सासन पावर प्रोजेक्ट पर बकाया 450 करोड़ पर दी गयी 4 साल की मोहलत पर सरकार पर तमाम आरोप लगाने वाली भाजपा यह सच्चाई जान ले कि यह निर्णय प्रदेश हित में लिया गया है
यह छूट भी भाजपा सरकार के समय बनी निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी-2014 के नियमो के तहत ही दी गयी है – नरेंद्र सलूजा
भोपाल -7 फरवरी 2020
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि रिलायंस समूह के प्रदेश के सिंगरौली स्थित सासन पावर प्रोजेक्ट पर शासन के बकाया 450 करोड़ को लेकर , इसको चुकाने की मोहलत 1 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष करने पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से लेकर भाजपा के तमाम नेता इसे उद्योगपतियो के हित का निर्णय बताते हुए इसे प्रदेश विरोधी निर्णय बता कर तमाम आरोप लगा रहे हैं।जबकि वास्तविकता यह है कि यह निर्णय प्रदेश हित में ही लिया गया है और भाजपा सरकार के समय बनी निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी के नियमो के तहत ही लिया गया है।
सलूजा ने बताया कि यह पावर प्रोजेक्ट वर्ष 2013 से मध्य प्रदेश को कुल बिजली की आवश्यकता की 17 से 18% तक बिजली की आपूर्ति करता है।27 हजार करोड़ के निवेश के इस प्रोजेक्ट से प्रदेश को प्रति यूनिट सिर्फ 1.53 रुपये की दर पर बिजली उपलब्ध होती है।यदि यह प्लांट बंद होता है या बिजली अन्य स्थान से खरीदनी पड़ती है तो उसकी बाजार दर 4 रुपये से लेकर 5 रुपये प्रति यूनिट के आसपास पड़ती है।इस दर से बिजली खरीदने पर मध्य प्रदेश को करीब 2800 करोड़ प्रतिवर्ष का नुकसान होता है।यदि वर्ष 2013 से अभी तक जोड़ा जाए तो प्रदेश को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध होने से करीब 10500 करोड रुपए की बचत अभी तक हुई है।
जो भाजपा नेता इस निर्णय को उद्योगपतियों को खजाना लुटाने वाला व प्रदेश विरोधी बता रहे हैं , वह यह सच्चाई जान लें कि यह निर्णय भाजपा सरकार में बनी निवेश प्रोत्साहन पालिसी- 2014 की की कंडिका 13 अनुसार ही लिया जाकर , केवल 4 वर्ष के लिए 450 करोड़ चुकाने की मोहलत प्रदान की गई है।इस पॉलिसी में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि 500 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली कंपनी को 12 साल तक की छूट मिल सकती है , जिससे वह बकाया चुका सके।इसी नियम के तहत प्रोजेक्ट को राहत प्रदान की गई है।इन 4 सालों में भी प्रोजेक्ट से ब्याज की राशि ली जाएगी और पांचवे साल से इस राशि का भुगतान भी पावर प्रोजेक्ट शासन को करेगा।यह राशि माफ नहीं की गई है।
भाजपा सिर्फ़ झूठ बोलकर भ्रम फैला रही है।