शराब को लेकर शिवराज झूठ परोस रहे हैं, नौटंकी और राजनीति कर रहे हैं
कांग्रेस ने तत्कालीन शिवराज सरकार की शराब को लेकर की वास्तविकता उजागर
उप दुकान खोलने का निर्णय अवैध शराब की बिक्री रोकने, उससे होने वाली जनहानि को रोकने व इसके कारण होने वाले विवाद को रोकने के लिये लिया गया है, अधिसूचना में स्पष्ट कि जहाँ अवैध शराब की तस्करी की रिपोर्ट, वही उप दुकान को मंजूरी: नरेन्द्र सलूजा
भोपाल, 10 जनवरी, 2020
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निरंतर शराब को लेकर नौटंकी व राजनीति कर रहे हैं, जनता को भ्रमित व गुमराह कर झूठ परोस रहे हैं। जब उनकी पार्टी सत्ता में थी और वह 13 वर्ष तक मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार ने शराब व्यवसाय को खूब बढ़ावा दिया और शराबबंदी की घोषणा कर अपने वादे से पलट गए।
उप दुकान खोलने का निर्णय अवैध शराब की बिक्री रोकने, उससे होने वाली जनहानि को रोकने व इसके कारण होने वाले विवाद को रोकने के लिये लिया गया है, अधिसूचना में स्पष्ट कि जहाँ अवैध शराब की तस्करी की रिपोर्ट, वही उप दुकान को मंजूरी मिलेगी। यह निर्णय एक अच्छे उद्देश्य के साथ लिया गया है। नर्मदा नदी के आसपास व धार्मिक स्थल के आसपास उप दुकान को अनुमति नहीं मिलेगी।
आज जब शिवराज व भाजपा सत्ता में नहीं है, विपक्ष में है तो शराब के विरोधी बनकर जनता को भ्रमित व गुमराह कर रहे हैं और अपनी सरकार में वे शराब के सबसे बड़े हिमायती थे। आज कह रहे हैं कि उनकी सरकार में शराब के उत्पादन में कमी की गई, एक भी शराब की दुकान को बढ़ाया नहीं गया और वह धीरे-धीरे शराब बंदी के पक्ष में थे।
कांग्रेस ने उनके इस सफेद झूठ का खुलासा करते हुए कहा कि वर्तमान मंत्री जीतू पटवारी का एक प्रश्न क्रमांक 2688 जो कि 25 जुलाई 2017 को उन्होंने विधायक के रूप में पूछा था। शिवराज सिंह चौहान जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। तत्कालीन विधायक जीतू पटवारी ने जब उस समय के वित्त मंत्री जयंत मलैया से शराब दुकानों व शराबबंदी को लेकर प्रश्न पूछा था। उस प्रश्न के उत्तर में प्रदेश के तत्कालीन वित्त मंत्री जयंत मलैया द्वारा दिए गए उत्तर में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि प्रदेश में वर्ष 2003 में 2211 देशी एवं 581 विदेशी शराब की दुकानें संचालित होती थी। वहीं वर्ष 2016 -17 में बढ़कर 2594 देषी एवं 1089 विदेशी मदिरा शराब की दुकानें संचालित हो रही है। इसी प्रश्न के उत्तर में उस समय के वित्त मंत्री ने स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया है कि सरकार शराबबंदी के पक्ष में नहीं है।
इस उत्तर से शिवराज सिंह चौहान व उनकी सरकार की झूठ की पोल खुल रही है, उनकी वास्तविकता उजागर हो रही है कि अपनी सरकार के समय तो उन्होंने शराब को खूब बढ़ावा दिया, शराबबंदी से वह मुकर गये और विपक्ष में आने के बाद शराब के विरोध का झूठा झंडा बुलंद कर जनता को भ्रमित व गुमराह कर रहे हैं। नर्मदा नदी के आसपास उन्होंने शराब बंदी की घोषणा की थी लेकिन सच्चाई सभी को पता थी, यहाँ भाजपा सरकार में शराब की बिक्री जोरों पर जारी रही।
ऐसे कई झूठ पिछले 10 माह में प्रदेश की जनता ने विपक्ष में आने के बाद शिवराज सिंह चौहान व भाजपा के देख लिये है।