देश की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए, अपना झूठा दंभ छोड़कर, सक्षम और अनुभवी अर्थशास्त्रियों की सलाह ले केंद्र सरकार: शोभा ओझा

ऊलजलूल बयानों के माध्यम से अपनी बुद्धिमत्ता और संवेदनशीलता का परिचय दे रही हैं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन
देश की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए, अपना झूठा दंभ छोड़कर, सक्षम और अनुभवी अर्थशास्त्रियों की सलाह ले केंद्र सरकार: शोभा ओझा

भोपाल, 05 दिसम्बर, 2019
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने बयान में कहा की महंगाई और प्याज जैसे मुद्दों पर केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन सहित सभी भाजपा नेताओं की असंवेदनशीलता का स्तर को देखकर समूचा देश स्तब्ध है, अन्य पार्टियों की पूर्ववर्ती केंद्र सरकारों के समय जब प्याज के दाम बढ़ते थे तो भाजपा के नेता आसमान सिर पर उठा लेते थे, आज जब उन्हीं की सरकार है तो वो देश के लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से यह सलाह दे रहे हैं की वे प्याज न खाएं। नोटबंदी और अव्यावहारिक जीएसटी जैसे मोदी सरकार के गलत तुगलकी निर्णयों की वजह से देश में महंगाई, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी जैसी विकराल समस्याएं उत्पन्न हुई हैं जिनसे निपटने में पूरी तरह से अक्षम सिद्ध हो रही केंद्र सरकार की पोल महंगे प्याज के हालिया मुद्दे ने पूरी तरह से खोल दी है, केवल यही नहीं प्याज के मुद्दे ने, केन्द्रीय मंत्रियों सहित भाजपा नेताओं के बौद्धिक स्तर और जनता के प्रति उनकी संवेदनशीलता की पोल भी पूरी तरह से खोल कर दी है।

आज जारी अपने वक्तव्य में प्याज के मुद्दे पर भाजपा की संवेदनशीलता और केंद्र सरकार की अक्षम आर्थिक नीतियों पर उपरोक्त सवाल उठाते हुए श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि भारत जैसा विकासशील देश यूपीए सरकार के समय जीडीपी को लेकर चढ़ते क्रम में आगे बढ़ रहा था लेकिन आज भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में जीडीपी पिछली छह तिमाही में पूरी तरह से जमीन पर आ गई है। आश्चर्य है कि तथाकथित रूप से 18-18 घंटे काम करने वाले प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की जीडीपी तेजी से रसातल की ओर जा रही है।

अपने बयान में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि पिछली यूपीए सरकार के समय जब प्याज के भाव एक बार बढ़े थे, तब स्मृति ईरानी से लेकर कई भाजपा नेता, बड़े दुखी होकर देश की जनता के हित में तथाकथित रूप से लड़ाई लड़ रहे थे, आज वो चेहरे कहीं नजर नहीं आ रहे हैं, बल्कि इसके विपरीत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन, स्वयं प्याज न खाने का उदाहरण देते हुए, अप्रत्यक्ष रूप से जनता को भी यह सलाह दे रही हैं कि इस महंगाई में वो भी प्याज का सेवन बंद कर दें। अब जब प्याज और पेट्रोल एक भाव हो गए हैं, तब यह बात किसी से छिपी नहीं है कि केंद्र सरकार आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह से नाकारा सिद्ध हो गई है, किसी ने सच ही कहा है ‘अंधेर नगरी चैपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा।’

अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि ऊलजलूल बयानों के द्वारा अपनी ‘बुद्धिमत्ता’ का परिचय देने की बजाय केंद्रीय वित्तमंत्री को चाहिए कि वो अपना झूठा दंभ छोड़कर, सफल, सक्षम और अनुभवी अर्थशास्त्रियों की सलाह लें और पटरी से उतर चुकी देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का ठोस प्रयास करें, जिससे देश एक बार फिर विकास की दौड़ में दुनिया के अन्य विकासशील देशों के साथ बराबरी से दौड़ सके।

Exit mobile version