मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्यप्रदेश विधान सभा में 22 दिसम्बर, 2022 को अपनी सरकार पर लगाए गए आरोपों पर दिए गया पूरा उत्तर लगभग जस का तस.
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल काँग्रेस के आरोप-पत्र को असत्य का पुलिंदा,उसमें कोई दम नहीं है, लचर है, बेकार है और कुछ नहीं मिला तो आपने कुछ भी बिन्दु और मुद्दे बनाकर आरोप-पत्र पेश कर दिया। सदन के नेता और मुख्यमंत्री ने इस आरोप-पत्र को सिरे से खारिज करते हुए सदन में प्रभावी तरीके से उत्तर दिया।
मध्यप्रदेश विधान सभा में सदन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल काँग्रेस के आरोप-पत्र को असत्य का पुलिंदा,उसमें कोई दम नहीं है, लचर है, बेकार है और कुछ नहीं मिला तो आपने कुछ भी बिन्दु और मुद्दे बनाकर आरोप-पत्र पेश कर दिया। सदन के नेता और मुख्यमंत्री ने इस आरोप-पत्र को सिरे से खारिज करते हुए सदन में प्रभावी तरीके से उत्तर दिया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्यप्रदेश विधान सभा में 22 दिसम्बर, 2022 को अपनी सरकार पर लगाए गए आरोपों पर दिए गया पूरा उत्तर लगभग जस का तस. सदन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित मंत्रिपरिषद् के प्रति अविश्वास प्रकट का प्रस्ताव अस्वीकृत हुआ.अपराह्न 1.30 बजे विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई.
सदन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित मंत्रिपरिषद् के प्रति अविश्वास प्रकट का प्रस्ताव अस्वीकृत हुआ.अपराह्न 1.30 बजे विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई.
मध्यप्रदेश विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल काँग्रेस के नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविन्द सिंह और अन्य सदस्यों ने बुधवार,21 दिसंबर, 2022 को सदन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित मंत्रि-मंडल के प्रति अविश्वास प्रकट करते हुए लगाए गए आरोपों पर प्रभावी तरीके से उत्तर दिया।
एमपीपोस्ट, 22 दिसम्बर, 2022 ,भोपाल। सदन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विधान सभा त्रयोदश सत्र मध्यप्रदेश विधान सभा गुरुवार, 22 दिसम्बर, 2022 विधान सभा पूर्वाह्न 11.02 बजे जैसे ही समवेत हुई.11:03 बजे मंत्रि-परिषद पर अविश्वास के प्रस्ताव पर चर्चा का पुनर्ग्रहण के दौरान मध्यप्रदेश विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल काँग्रेस के नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविन्द सिंह और अन्य सदस्यों ने बुधवार,21 दिसंबर, 2022 को सदन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित मंत्रि-मंडल के प्रति अविश्वास प्रकट करते हुए लगाए गए आरोपों पर प्रभावी तरीके से उत्तर दिया।
सदन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित मंत्रि-परिषद के प्रति अविश्वास प्रकट पर मध्यप्रदेश विधान सभा के स्पीकर गिरीश गौतम ने सदन में मध्यप्रदेश विधान सभा की प्रक्रिया नियम 143 (3) के तहत इस प्रस्ताव पर पंचदश विधान सभा त्रयोदश सत्र मध्यप्रदेश विधान सभा गुरुवार, 22 दिसम्बर, 2022 विधान सभा पूर्वाह्न 11.02 बजे जैसे ही समवेत हुई.11:03 बजे मंत्रि-परिषद पर अविश्वास के प्रस्ताव पर चर्चा का पुनर्ग्रहण किया
मध्यप्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष ने कहा की अविश्वास प्रस्ताव पर अभी तक 12 घंटे 12 से अधिक मिनट चर्चा हो चुकी है. जिसमें दोनों पक्षों के कुल 45 सदस्यों द्वारा विस्तार से अपनी बात मध्य रात्रि 12:37 बजे तक कार्यवाही में रखी जा चुकी है. इस चर्चा में नेता प्रतिपक्ष सहित 30 कांग्रेस एवं 1 बसपा सहित, कुल 31 विपक्ष के सदस्यगण, शासन की ओर से 8 मंत्रीगण एवं 6 भाजपा सदस्य सहित कुल 14 सदस्यगण ने भाग लिया गया.
अब मंत्रि-परिषद पर अविश्वास के प्रस्ताव पर चर्चा का पुनर्ग्रहण होगा, श्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री चर्चा का उत्तर देंगे.
सदन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैं आज अपनी बात प्रारंभ करूं, उसके पहले गुरू गोविंद सिंह के चरणों में नमन करना चाहता हूं. इसी सप्ताह 21 से लेकर 27 दिसम्बर तक, पूरे विश्व का सिख समुदाय शहीदी दिवस मनाता है और हम जानते हैं कि धर्म की रक्षा की खातिर गुरू गोविंद सिंह के साहबजादों को चमकौढ़ गढ़ी की लड़ाई में उन्होंने अपनी शहादत दी थी और दो छोटे बेटे, उनको दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था. गुरू गोविंद के बच्चे, उमर में थे अभी कच्चे, मगर थे सिंह के बच्चे, धर्म इमान के सच्चे, गरज कर बोल उठे थे यूं सिंह मुंह उठे हो ज्यों, रखो ईटें भरो गारा, चुनो दीवार हत्यारों उखड़ती सांस बोलेगी, हमारी लाश बोलेगी, हमारे देश की जय हो, पिता दशमेश की जय हो, हमारे पंथ की जय हो, श्री गुरूग्रंथ की जय हो. ( मेजों की थपथपाहट) पूरा सिख समुदाय शहीदी मनाता है. मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूं और उनके इन शब्दों को दोहराना चाहता हूं –
देश शिवा पर मोहे ईहे,
शुभ कर्मन ते कभुं ना टरूं,
डरों अरि सौं जब जाय लड़ौं
निश्चय कर अपनी जीत करौं.
हमने यह भी तय किया है कि 19 से 24 दिसम्बर की अवधि में बीर बाल दिवस, मध्यप्रदेश में मनाया जायेगा, प्रधान मंत्री जी ने भी इसकी घोषणा की है. आज नेता प्रतिपक्ष नहीं हैं, मैं उनका बहुत आदर करता हूं. लेकिन अभी मुझे संसदीय कार्य मंत्री जी ने बताया कि उनकी माता जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. भगवान उनकी माता जी को जल्दी स्वस्थ्य, वह दीर्घायु हों और लम्बी आयु दें. लेकिन माननीय अध्यक्ष महोदय कल कमल नाथ जी भी नहीं थे. अगर डॉ. गोविंद सिंह जी होते तो पूछता कि अविश्वास प्रस्ताव जब वह जाये तो क्या सबसे सलाह करके लाये ? अकेले ले आये और मुझे आश्चर्य होता है. कमलनाथ जी कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, पूर्व मुख्यमंत्री हैं, कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे हैं, चुनाव में भी कांग्रेस के नेता और चेहरा हैं, जितनी मेरी जानकारी है और जो हम लोग समझते है. कल वे विदिशा जिले में थे और वहां वे कह रहे थे, वह वीडियो मेरे पास भी आ गया है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लोग, आज ही करवा रहे हैं क्योंकि उन सभी को कैलाश विजयवर्गीय जी के यहां शादी में जाना है.
यह बात सच थी कि हम कैलाश जी के यहां जाना चाहते थे. मेरी भी इच्छा थी, बाकी मित्रों की भी इच्छा थी कि हम कैलाश जी के यहां जायें लेकिन जब हमने अपने प्रतिपक्षी सदस्यों के मन यह तड़प देखी कि हमें बोलना है, तो तय किया कि सदन चले और जब तक सभी सदस्य न बोल लें, तब तक चले. लेकिन उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी कि ये सब तो शादी में जाने वाले हैं.
हम इस सदन को लोकतंत्र का पवित्र मंदिर मानते हैं. यदि जरूरत पड़े तो रिश्ता निभाने की बात को छोड़कर भी, हम इस सदन में हाजि़र रहते हैं
लेकिन कमलनाथ जी कहां हैं, ये उनका लोकतंत्र के प्रति विश्वास है ? यह सदन ईंट-गारे का भवन नहीं, लोकतंत्र का मंदिर है. कल से हमने बड़े ध्यान से हमारे सभी मित्रों की बात सुनी है, ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव, मैंने तो देखा ही नहीं. यदि अविश्वास की बात करें तो कांग्रेस में कौन, किस पर विश्वास करता है, यह समझ में ही नहीं आता है. कई बार नेता प्रतिपक्ष को, हमने कल भी देखा था कि नेता प्रतिपक्ष क्या कर रहे थे और बाकी क्या कर रहे थे और फिर कैसे अंदर आये लेकिन मैं, आज इस पर भी नहीं जाऊंगा.
मैं, प्रारंभ से प्रारंभ करना चाहता हूं. बड़ी कसक प्रकट हो रही थी, सरकार जाने की, सरकार तोड़ दी, सरकार गिरा दी लेकिन मैं, आज कहना चाहता हूं कि क्या हमने सरकार गिरायी ? 11 दिसंबर को गिनती का दिन था, रात के 11 बजे भारतीय जनता पार्टी 111 सीटों पर आगे थी और कांग्रेस 112 सीटों पर आगे थी. रात के 2 बजे तक हमने चुनाव परिणाम देखे और जो परिणाम आये, उसमें हमारी 109 सीटें थीं और कांग्रेस की 114 सीटें थीं. हम पर यह आरोप लगाया गया कि हमने सत्ता की खातिर सरकार तोड़ दी.
आज मैं, यहां प्रकट करना चाहता हूं कि रात में, मैं, यह निश्चय करके सोया था कि सुबह ही मैं इस्तीफा दे दूंगा. हमारी पार्टी के भी मित्र थे, सुबह सभी इकट्ठे हुए थे. कई मित्रों का यह जोर देकर कहना था कि बहुमत तो उनका भी नहीं है. हम Give Up न करें. शाम तक इंतजार करें, परंतु निर्दलीय मित्र थे, जो बाकी साथी थे, उनमें से हमारे पास आ रहे थे. आज यहां शेरा भाई बैठे हैं क्या
श्री शिवराज सिंह चौहान- ने कहा मेरे तय करने के बाद भी स्वर्गीय नंदकुमार चौहान जी के साथ ये आये थे. जहां मैं सी.एम. हाऊस में था. एक नहीं अनेक सदस्य रास्ते में थे. भूपेन्द्र जी गवाह हैं. इनकी होटल में लोग आ गए थे. मुझे कहा गया, जोर देकर कहा गया कि इस्तीफा नहीं देना है लेकिन माननीय अध्यक्ष महोदय, मैंने कहा कि मेरा कॉन्शियस एलॉऊ नहीं करता है. सीट कांग्रेस की ज्यादा हैं और यह सरकार उनको बनाने दें. हमें यदि तोड़नी होती तो हम बनने ही नहीं देते लेकिन हमने फैसला किया, मैंने इंतजार नहीं किया, जोड़ा-तोड़ी की परवाह नहीं की. उसके लिए समय नहीं लिया सीधे उतरकर गया और मैंने मीडिया को कहा कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं. मैंने रास्ते से कमलनाथ जी को फोन किया कि आपको बधाई आपकी 114 सीटें हैं और मैं सीधे जाकर राज्यपाल जी को इस्तीफा देकर आया. मीडिया के मित्र गवाह हैं उन्होंने मुझसे प्रतिक्रिया पूछी तो मैंने यही कहा कि Now I am Free लेकिन, उसके बाद आज मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं कि हमारे मन में अगर यह नियत होती कि कैसे भी सत्ता में बने रहें ऐन केन प्रकारेण. उनको अपनी सरकार बनानी थी, लेकिन यह भारतीय जनता पार्टी है हमने तय किया कि अब तक जो प्रतिपक्षी मित्र रहे हैं उनको सत्ता में आने का अवसर मिलना चाहिए.
मैं शपथ ग्रहण समारोह में था और प्रसन्नता के भाव से सबसे मिला “क्या हार में, क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं, कर्तव्य पथ पर जो मिला यह भी सही वह भी सही” हमने वहां जाकर बधाइयां दीं और उसके बाद मुझे उम्मीद थी कि कांग्रेस अब 15 सालों के बाद सत्ता में आई है बहुत अच्छी सरकार चलाएगी, बहुत ढ़ंग से सरकार चलाएगी. वादे पूरे करेगी, वचन निभाएगी और उसके बाद भी मैं चुप नहीं बैठा. अब हेलीकॉप्टर की बात हो रही थी कि मैं हेलीकॉप्टर से जाता हूं तो मैं मुख्यमंत्री हूं तो हेलीकॉप्टर से जाता हूं. मैं कमलनाथ जी तो हूं नहीं कि मुख्यमंत्री न हूं तो भी मुझे हेलीकॉप्टर मिल रहा है. मैं जब मुख्यमंत्री नहीं था तो मैं तो बाय रोड जाया करता था. आज सदन में डॉ. गोविन्द सिंह जी नहीं हैं. वह कल सर्किट हाऊस में कमरे की बात कह रहे थे कि उनको कोई दूसरा कमरा मिल गया.
हम भी गए थे यशपाल जी बैठे हैं. मैं रात को ट्रेन से मंदसौर उतरा था. बीच में मैंने रोड से यात्रा की थी और वहां उतरकर जब हम सर्किट हाऊस में पहुंचा तो मुझे तो यह लगा कि मैं 13 साल मुख्यमंत्री रहा हूं मुझे ठीक-ठाक जगह मिल ही जाएगी, लेकिन कमरे में बड़ा ताला जड़ा था. मुझे कहा गया कि आपको उधर वाले कमरे में रुकना है. मैं तो जाने लगा लेकिन यशपाल जी थोड़े नाराज हुए, सुधीर गुप्ता जी भी थे इन्होंने कहा कि आप पूर्व मुख्यमंत्री हैं. मैंने इन्हें कहा कि अरे छोड़ो छाड़ो काहे के पूर्व मुख्यमंत्री.
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैं नेता प्रतिपक्ष जी के सम्मान से रुकने की व्यवस्था करूंगा, बाकी विधायकों के मान की भी चिंता करूंगा, लेकिन हमें दूसरा कमरा दिया गया, हम उसमें रुक गए. उसमें क्या दिक्कत है. हम लड़ते रहे. अब आप तो धरना वरना देते होंगे दो चार घंटे का हम तो 48-48 घंटे बैठते थे.
मैं अपना यह संकल्प व्यक्त करना चाहता हूं कि चाहे किसी भी स्थिति में रहें मध्यप्रदेश की जनता हमारे रोम-रोम में रमी है. हमारी हर सांस में बसी है और उनकी सेवा के लिए जिन्दगी है. हम जियेंगे तो उनके लिए मरेंगे तो उनके लिए यह केवल कहने के लिए नहीं है, लेकिन सरकार क्यों गई आप एक बार सोचो? प्रतिपक्ष के मित्रों सोचो? सरकार गई क्यों. आपने पांच महापाप किए. आज मैं गिनाना चाहता हूं.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा यह बात बार-बार कही गई और हमारे साथियों के बारे में कही गई.
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा उत्तर जरुर दूंगा. मेरा निवेदन है कि मैंने शांति से सभी को सुना है, गोविन्द सिंह जी भी बैठे थे. स्वस्थ लोकतंत्र की परम्परा यही है कि स्वस्थ बहस हो. हम सवाल पूछें और जवाब भी सुनें. पहली चीज जिसका कष्ट और कसक मेरे मन में है. कमलनाथ जी की सरकार ने भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण कर दिया. मैं यह कभी नहीं कहता कि भ्रष्टाचार कभी बिलकुल नहीं था. लेकिन मैं दावे के साथ कहता हूँ कि वर्ष 2003 तक भी काँग्रेस की सरकार थी. कभी कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग में पैसा नहीं लिया गया. इतिहास में यह पहली बार हुआ था कि कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग में भी पैसे लिए गए. चारों तरफ चर्चा का विषय है. अनेकों अफसर बदल दिए गए.
श्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन को बताया की लोकायुक्त में मामला चल रहा है. दिल पर हाथ रखकर यह कह दो कि यह होता था कि नहीं होता था.
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की 165 दिन में 450 से अधिक आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले हुए हैं. 15 हजार से ज्यादा ट्रांसफर किए गए. वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बना दिया गया था. यह ऑन रिकार्ड मैं कह रहा हूँ. वहां बैठकर कौन पैसे गिनते थे. किसके पैसे फिर बाद में इन्कम टैक्स के छापे में बरामद हुए. जो एक्स सीएम का वह ऑडियो वायरल हुआ, उनके ओएसडी का, कौन नहीं जानता दुनिया में, मैं पूछना चाहता हूँ. मध्यप्रदेश की धरती पर यह पहली बार हुआ है. उसके कारण भ्रष्टाचार की विष बेल ऐसी फैली, ऐसी पनपी कि पूरे मध्यप्रदेश में त्राहि-त्राहि मच गई. हम इस विष बेल को काटने की कोशिश कर रहे हैं. आज मैं इस सदन में कहना चाहता हूँ कि जब तक उस विष बेल की जड़ में मठा डालकर पूरी तरह से समाप्त नहीं कर देंगे, हम चैन से नहीं बैठेंगे.
यह पहला पाप था. अगर पूछना चाहते हैं तो मैं बताना चाहता हूँ. एक नहीं अनेकों मामले हैं. आप कह रहे हैं कि प्रमाण बताओ. सिंचाई परियोजना में महाघोटाला किया गया. विधायक नहीं बैठते थे यह जाते थे, टाइम नहीं मिलता था, चलो-चलो. ठेकेदार या बड़ा आदमी आ गया तो कहते थे आओ-आओ. तय होता था कि कौन को.
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा एक मिनट, आप धैयपूर्वक सुन लें. टेंडर की शर्तों में बांध की नींव तक निर्माण होने के बाद पाईप लाईन के पैसों का भुगतान का प्रावधान था लेकिन आपकी सरकार ने मापदण्ड शिथिल कर दिये और गलत तरीके से कुल 877 करोड़ 57 लाख रूपया भुगतान किया है, आपने किया है, आपकी सरकार ने किया है. माननीय कमलनाथ जी की सरकार ने किया है.
छिंदवाड़ा कॉम्प्लेक्स पाईप लाईन वितरण प्रणाली के उपयोग में आने वाली सामग्री बिना पूरी सामग्री प्राप्त किये ही 2 हजार करोड़ रूपया एडवांस दे दिए गये. 2 हजार करोड़ रूपया. आप प्रमाण मांग रहे हो. माननीय अध्यक्ष महोदय, मौके पर एक चौथाई सामग्री भी प्राप्त नहीं हुई. एक और मैं सदन के माध्यम से, जनता के दरबार में भी यह बात ले जाना चाहता हॅूं. प्रिस्क्राइप्ड पाईप प्रणाली में कौन से पाईप लगेंगे, पहले तय था. सिंचाई परियोजना में इन्होंने 18 निविदाएं वर्ष 2019 में आमंत्रित कीं और उनकी शर्तों में दिनांक-25.4.2019 को संशोधन किया. पहले यह प्रावधान था कि जो प्रिस्क्राइप्ड पाईप लाईन बिछायी जाएगी, उसमें एमएस एवं डीआई पाईप बिछाये जायेंगे लेकिन ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिये बंदरबांट करके बदल दिया गया और संदिग्ध गुणवत्ता की जीआरपी पाईप लगाने का प्रावधान आपकी सरकार ने किया जबकि यूनिफाईड शेड्यूल्ड एफ्रेड में आयटम के रूप में यह शामिल नहीं था, क्यों किया भैया. घटिया पाईप फूटते ही किसानों के खेतों में पानी नहीं जाता. सरकार आते ही हमने बदल दिया और हमने तय किया कि बेहतर पाईप ही लगाएं जाएंगे, घटिया पाईप लगाने का कोई स्थान नहीं होगा. आप उदाहरण पूछ रहे थे, सबूत पूछ रहे थे, जब सरकार जा रही थी. उस समय आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल देने के लिये, इस्तीफा देने के 15 मिनट पहले 63 करोड़ का मोबाइल का सौदा कर डाला. कमाल की सरकार, कमाल की सरकार.
प्राइवेट वेयर हाउस को खरीद केन्द्र बनाकर चहेते लोगों को उपकृत करने का काम भी किया था, तो आपकी सरकार ने किया था. कृषि यंत्र खरीदी के मामले में घोटाला हुआ. आईफा अवॉर्ड में भी घोटाला. उद्योगपतियों पर दबाव डाला गया. कोई कंपनी थी पता नहीं कौन-सी. कौन-सी कंपनी थी.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैं यह नहीं बोलता कि प्रमाण की बात नहीं होगी. अगर आप कहोगे, तो प्रमाण के ऑडियो टेप भी सामने रख दिये जाएंगे. मैं कोई भी बात कह रहा हॅू तो पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हॅू.
जो दूसरा बड़ा पाप किया, जिसका मैं आज जिक्र करना चाहूंगा. निर्दोषों पर कार्यवाही. नेता प्रतिपक्ष जी, कमल नाथ जी, दिग्विजय सिंह जी, मैं सबका आदर करता हॅूं. व्यक्तिगत रूप से मानवीय गरिमा का सम्मान होना चाहिए. वह 3 दिन पहले आए और उन्होंने कहा कि लोगों पर असत्य केस बनाए जा रहे हैं, प्रताडि़त किया जा रहा है. सरकार आते ही क्या हो गया था, इनको. चुन-चुन के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर मामले लादे गए. प्रकरण बनाए गए. डॉ. नरोत्तम मिश्रा कल बता रहे थे कि उनके परिवार के लोग बंद थे. चाहे विजय शाह जी हों, भूपेन्द्र सिंह जी हों, विश्वास सारंग हों, संजय पाठक हैं कि नहीं आज, हालत यह हो गई थी कि एयरपोर्ट से निकलना था तो खेतों से दौड़-दाड़ के पता नहीं कैसे पुलिस से बच बचाकर भाग के आया और फोन किया. खदानें बंद कर दो. रिसोर्ट तोड़ दो. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की 80 दुकानें, कई वर्ष पहले की, आपने पूरी तरह से तबाह करवाई.
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा आज मैं कह रहा हूँ. आरिफ भाई सामने बैठे हुए हैं. मैं भगवान से दुआ करता हूँ कि उनको लंबी उम्र मिले, वे सतायु हों. वे स्वस्थ हों. हम उनके साथ खड़े हैं. लेकिन मैं अपने विधान सभा क्षेत्र में एक वरिष्ठ कार्यकर्ता के घर गया था, क्योंकि वह शांत हो गया था, उसका स्वर्गवास हो गया था. मैं उनके यहां बैठने गया था. एक शिक्षक भी वहां मुझसे मिलने के लिए आ गए. जिनकी मृत्यु हुई थी, वे उस शिक्षक के ससुर थे. मैं वहां से गया और वे शिक्षक सस्पेंड हो गए. मैंने आरिफ भाई से कहा कि उसका क्या दोष है. उसको क्यों सस्पेंड किया. उसको बहाल कर दो. वह बहाल नहीं हुआ. मैंने कमलनाथ जी से कहा कि निकालना है, बदला लेना है तो मुझसे ले लो, गरीब मास्टर से क्यों बदला ले रहे हो. कई दिन तक मैंने कोशिश की, लेकिन मैं उसको न्याय नहीं दिला पाया. उसका अपराध केवल यह था कि मैं जहां बैठने गया था, वहां वह आ गया था, क्योंकि मरने वाले व्यक्ति उसके ससुर थे. किसने शुरू किया ? मुझे कई बार कह रहे थे, 16 साल में हमने पहले आपको ऐसा नहीं देखा. मैंने शुरू नहीं किया.
आज मैं बताना चाहता हूँ. जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना, मैं मार्गदर्शन लेने दिग्विजय सिंह जी के पास गया कि आप दस साल मुख्यमंत्री रहे हैं. मुझे बताइये. एक बार ब्रीफ कर दीजिए, कौन-कौन सी चीजें हुई हैं. बाकी कैसे बेहतर करनी चाहिए क्योंकि मैंने हमेशा मानवीय गरिमा का सम्मान किया है. उस समय भी जब मुझसे यह पूछा गया कि ईओडब्ल्यू, फलाना-ढिमका, मैंने कहा, देखो कोई विद्वेषपूर्वक कार्यवाही किसी के खिलाफ नहीं होगी. हम इसके लिए नहीं आए हैं. हमने हमेशा मानवीय गरिमा का सम्मान किया है. लेकिन हमारे एक नहीं, अनेक कार्यकर्ताओं पर केस लादे गए. अब कोई दोस्त है तो उसका होटल ही साफ कर दो क्योंकि हमारी सरकार है. अब हम रूकेंगे नहीं.
हमने भी कार्यवाही की, लेकिन इसके कारण नहीं की. गुण्डों पर कार्यवाही की, दबंगों पर कार्यवाही की, माफियाओं पर कार्यवाही की और मैं आज कह रहा हूँ कि कोई इसको अहंकार न कहे. यह मन की तड़प है, जो गुण्डे हैं, बदमाश हैं, माफिया हैं, अवैध कब्जा करने वाले हैं, दूसरों की जिन्दगी से खेलने वाले हैं, क्या उनको छोड़ा जाना चाहिए. नहीं छोड़ा जाना चाहिए. आज मैं कहना चाहता हूँ कि गुण्डे, माफिया, जनता की जिंदगी से खेलने वाले, कोई भी हों, नहीं बचेंगे. कोई उनको नहीं बचा सकता. यह हमारा संकल्प है. उन पर कार्यवाही होगी. हम निर्दोषों पर कार्यवाही नहीं करेंगे, निर्दोषों को हम छेड़ेंगे नहीं और दोषियों को हम छोड़ेंगे नहीं. भोपाल में ही अभी 40 एकड़ जमीन मुक्त कराई थी. मैं गया था, रामेश्वर शर्मा जी बैठे हैं. उनके क्षेत्र में गया था. वहां गरीबों के मकान बना रहे हैं. हम माफियाओं से छुड़ाएंगे. गरीबों के मकान बनाएंगे. इंदौर में भी बनाएंगे. उज्जैन में भी बनाएंगे. जो समाज के दुश्मन हैं, उनको हम नहीं छोड़ सकते, लेकिन आपने तो हमारे कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही की थी.
तीसरा पाप जो किया, वह भी मैं आपको बताना चाहता हूँ. योजनाओं को बंद कर दिया गया. एक नहीं, अनेक योजनाओं को बंद करने का काम किया. आज बाला बच्चन जी मुझे नहीं दिख रहे हैं. डॉ. हिरालाल अलावा जी बैठे हैं और ओमकार सिंह मरकाम जी भी बैठे हैं क्या, मेरे ओमकार भाई, आपके क्षेत्र में भी बैगा समाज के लोग रहते हैं. बैगा, सहरिया, भारिया, इन तीन अत्यन्त पिछड़ी जनजातियों के लिए हमने तय किया था कि इनकी स्थिति अत्यन्त दयनीय है, बहनों की, और इसलिए पोषण भत्ते के नाम पर 1 हजार रुपये महीना इनको दिया जाए. क्या हमने गलत किया था. क्या हमने पाप किया था. सरकार आते ही हिरालाल जी सुन लेना, आप जनजाति के बड़े पैरोकार हैं, आपने कभी आवाज उठाई बैगा, सहरिया, भारिया इनके 1,000 रुपये क्यों बंद कर दिए गए. ओमकार जी कल कह रहे थे…
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा ”तू न इधर-उधर की बात न कर, यह बता कि कारवां क्यों लुटा.” क्यों बंद की गई यह बताओ, आपने कभी आवाज उठाई और आज मैं कह रहा हूं इस सदन में कल आपने एक मामला उठाया था.
अध्यक्षीय व्यवस्था
सदन की मान्य संसदीय परम्परा एवं शिष्टाचार यह है कि सदन के नेता बोल रहे हों तो कोई सदस्य खड़ा नहीं होगा, परंतु यदि कोई सदस्य भाषण के संबंध में कोई जानकारी चाहता है या हस्तक्षेप करना चाहता है तो माननीय सदन के नेता के बैठने पर ही आसंदी की अनुमति से ऐसा कर सकेगा. यदि सदन के नेता अपने स्थान पर न बैठे हों तो वह सदस्य वापस अपनी सीट पर बैठ जाएगा और sकोई व्यवधान नहीं करेगा. सदन की गरिमा और सार्थक चर्चा के लिए माननीय सदस्य ही संसदीय शिष्टाचार का पालन करेंगे ऐसी मेरी अपेक्षा है.
मंत्रि-परिषद पर अविश्वास का प्रस्ताव
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मेरे पास सबसे बड़ा प्रमाण है सहरिया, बैगा और भारिया बहनें जिनके खाते में पैसा नहीं पहुंचा जब तक इनकी सरकार थी, हमारी सरकार ने फिर से डालना शुरू कर दिया.
हां आडिट करा लेंगे. अच्छा, दूसरी बात यह बता दो माननीय मरकाम जी ने एक बात कल उठाई थी सोनकी बाई की, मैं तुरंत निर्देश दे रहा हूं इसी सदन से कि श्री मनीष रस्तोगी, कलेक्टर से बात करें और सोनकी बाई को ढूढ़ें, गाड़ी भेजें, बुलवाएं, अस्पताल में भर्ती करवाएं, पूरा इलाज़ करवाएं.
यह मैंने इसलिए कहा कि हमारे माननीय विधायक साथी एक पैर में बीमारी थी, दूसरे का इंतजार करते रहें. जल्दी हम इसलिए करना चाहते हैं कि वह यह न करें कि कहीं और, कहीं हाथ में भी हो जाय. अध्यक्ष महोदय, यह पूरा सदन बैठा है, रोज सैंकड़ों गरीबों का इलाज भारतीय जनता पार्टी की सरकार करवाती है. हम करवाते हैं.
रास्ते में जहां मिलते हैं वहां से लाकर इलाज करवाते हैं. सोनकी बाई का भी इलाज होगा.
इनको सहायता में भी दिक्त हो रही है.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा आप चिंता मत कीजिए, जो जरूरतमंद कोई भी होगा, उसका इलाज किया जाएगा, उसमें कोई भेदभाव नहीं होगा. वैसे ही करते हैं मेरे पास जो आता है मैं कभी निराश नहीं भेजता हूं.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा इन्होंने दूसरी योजना बंद की सम्बल योजना. 75 लाख लोगों के नाम काट दिये गये. गरीब का सहारा बनने वाली थी सम्बल योजना. सज्जन भाई आपके क्षेत्र के लोगों के नाम भी कटे होंगे
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैं एक बात पूछना चाहता हूं कि मेरिट में जो बच्चे आते थे नम्बर लेकर 75 परसेंट उन मेधावी बच्चों को हम लेपटॉप देते थे, ताकि उच्च शिक्षा के लिये काम आ सके. वह लेपटॉप देना बंद क्यों किया. मेधावी बच्चों ने क्या बिगाड़ा था.
श्री शिवराज सिंह चौहान- बच्चों का लेपटॉप बंद कर दिया. पंच परमेश्वर योजना आपने बंद की.पंचायतों का पैसा रोक दिया. पंच परमेश्वर बंद करके आपने सीमेंट कांक्रीट की सड़कें तक गांव में नहीं बनने दीं. कितनी योजनाओं के नाम बता दूं.. फसल बीमा योजना का पैसा नहीं भरा आपने .
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा आपने फसल बीमा योजना के प्रीमियम की राशि भी आपने किसान की नहीं भरी थी. एक नहीं कई जन हितैषी और लोक कल्याणकारी योजनाओं को आपने बंद किया.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा एक नहीं अनेकों गरीबों की और किसानों की योजनाएं बंद करने का पाप कांग्रेस ने किया और चौथी बात आप ध्यान से सुन लेना.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा तीन चीजें और, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जल जीवन मिशन प्रारम्भ किया और जल जीवन मिशन इसलिये कि गांवों में पाईप से लाईन बिछाकर घरों में टोंटी वाला नल लगाकर पानी दें ताकि हर घर में पानी आए. आपने जल जीवन मिशन योजना अपने यहां प्रारम्भ ही नहीं की. क्या दिक्कत थी इसमें. गरीबों के घर में पानी जाता. माताओं,बहनों को दिक्कत नहीं होती.
इसमें केन्द्र सरकार का 50 परसेंट और 50 परसेंट राज्य सरकार का पैसा होता है आपने स्टेट का फंड नहीं दिया.
मैं जो कह रहा हूं जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं.
मैं प्रमाण दूंगा आपको.
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा अनेकों विषय हैं, मैं जल्दी आगे बढ़ना चाहता हूं. मैंने कहा आपने प्रधान मंत्री आवास योजना में केन्द्र सरकार ने जितने मकान दिये थे आपने कटौती कर दी. 2 लाख से ज्यादा मकान आपने वापिस किये. आपको 40 प्रतिशत देना था, आपने शेयर नहीं दिया, गरीब मकानों से वंचित हुआ. माननीय अध्यक्ष महोदय, किसान सम्मान निधि प्रधान मंत्री 6 हजार रूपये दे रहे थे, अपना क्या जाता था, हमको तो केवल सूची ही देनी थी, आपने पूरी सूची नहीं दी. कई किसानों को किसान सम्मान निधि से आपने वंचित करने का काम किया और माननीय अध्यक्ष महोदय, एक बात और अंत में जो आपसे हुई वह थी सत्ता का अहंकार, जहां जाते थे, कैसे नहीं सुनोगे, करना पड़ेगा, कई जगह तो कार्यकर्ता ही कलेक्टर के दरवाजों में लात मारकर घुस जाते थे, हमारी सरकार है, यह ठीक नहीं होता और इसलिये माननीय अध्यक्ष महोदय, सरकार हमने नहीं गिराई, हम तो चुपचाप अपना काम कर रहे थे, सरकार गिरी उस अहंकार के कारण जब आपने सिंधिया जी के ऊपर वाहें तान दी की उतर जाओ सड़क पर, आत्म सम्मान को चोट पहुंचाई, तब परेशान होकर जो कल आपके साथी थे जो आज हमारे मित्र हैं आपको छोड़कर आये, इसलिये सरकार बनी और दूसरी बात कही जा चुकी है लेकिन मैं फिर ऑन रिकॉर्ड कहना चाहता हूं, कोई मेहरबानी पर नहीं आये, हमने जनादेश प्राप्त किया, उप चुनाव लड़े और उपचुनाव लड़कर पहले प्रभुराम चौधरी कितने वोटों से जीते थे.
श्री प्रभुराम चौधरी– 10 हजार.
श्री शिवराज सिंह चौहान– और अब कितने वोटों से जीते.
श्री प्रभुराम चौधरी– 64 हजार से जीते.
श्री शिवराज सिंह चौहान– तुलसी सिलावट कितने से जीते.
श्री तुलसी सिलावट– 54 हजार.
श्री शिवराज सिंह चौहान– गोविंद सिंह राजपूत कितने से जीते.
श्री गोविंद सिंह राजपूत– पहले 21 हजार से अब 41 हजार से.
श्री शिवराज सिंह चौहान– यह बैठे हैं दत्तीगांव कितने से जीते.
श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव– 32 हजार से.
श्री शिवराज सिंह चौहान– और प्रद्युम्न सिंह कितने से जीते भैया बताओ.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर– 34 हजार से.
श्री शिवराज सिंह चौहान– महेन्द्र सिंह कितने से जीते.
श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया– 53 हजार से.
श्री शिवराज सिंह चौहान– माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं यह इसलिये कहलवा रहा हूं कि अगर आपके काम पवित्र होते.
अध्यक्ष महोदय– डंग रह गये.
श्री शिवराज सिंह चौहान– डंग कितने से जीते.
श्री हरदीप सिंह डंग– 30 हजार से.
श्री शिवराज सिंह चौहान– पहले यह 500 वोटों से जीता था. मैं यह इसलिये कह रहा हूं कि आपके काम ठीक होते तो इस घटना के बाद कि आपकी सरकार गिराकर लोग इधर आ गये, जनता बुरी तरह से हमको पराजित करती, लेकिन भारी बहुमत से जीत का जनादेश प्राप्त करके फिर हमने यह सरकार बनाई और इसलिये यह कहना गलत है.अच्छा आपको भी धन्यवाद महाराज, बहुत विद्ववान हो आप, प्रणाम आपको. कोविड की बात की, आपने आरोप पत्र में कहा
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा आपने कोविड की बात की कि कोविड में हम लोग केवल महिमा मंडन करते रहे.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा आपने कोविड के महिमा मंडन की बात की, मैं एक तो चिंता भी प्रकट कर रहा हूं पक्ष से प्रतिपक्ष से कि चीन में कोविड के कारण अभी हालत काफी खराब है और वेरीएंट भी चीन का आपने आज समाचारों में देखा होगा अपने देश में आया है तो फिर सावधान रहना है.
मैंने तो 23 मार्च को रात को 8 बजे शपथ ली और रात को 9 बजे में वल्लभ भवन पहुंच गया. वहां कोविड की हमने बैठक की और मुझे आश्चर्य हुआ कि इतनी भयानक महामारी जिसके बारे में पहले से समाचार आ रहे थे, प्रधानमंत्री जी ने अनेकों उपाय किये, उनका मजाक भी तब उड़ाया गया कि ये थाली बजवा रहे हैं, घंटा बजवा रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने अवेयर करने की कोशिश की, जब कोई तैयारी नहीं थी. अभी डॉ. गोविन्द सिंह जी नहीं है, उन्होंने कहा कि फलाना अस्पताल ले लिया,
दिन और रात अगर दिल से कांग्रेस के मित्रों से भी पूछेंगे तो वह दो साल इस बार जो सरकार चलाई उसमें पौने दो साल तो केवल कोविड से लड़ाई लड़ते ही गुजर गये, 550 बैठकें मैंने रोज की हैं. हम वर्चुअल बैठक करते थे और वर्चुअल बैठक मैंने अस्पताल से भी नहीं छोड़ी, जब मैं खुद कोविड से इफेक्टेड रहा.
उन्होंने बताया सभी सी.एम.एच.ओ. को निर्देश दे दिये गये हैं, जनता को अभी सलाह दी जा रही है कि भीड़ भरी जगह अब मास्क लगाना प्रारंभ करें, बूस्टर डोज लगवाने का काम करें और अब लगभग हर सप्ताह हम फिर समीक्षा करेंगे. लेकिन मैं यह निवेदन कर रहा था कि उस समय दिन और रात एक ही काम था, हम टेस्ट करें, आइसोलेट करें, उनका फिर इलाज करने का काम करें. मैं उसके बहुत विस्तार में नहीं जा रहा हूं, लेकिन उस समय जो उपाय समझ आये, सरकार ने पूरी शिद्दत के साथ किये. हमने क्रायसिस मैनेजमेंट कमेटियां बनाई, क्रायसिस मैनेजमेंट कमेटियों में केवल सरकारी अफसर और मंत्री नहीं थे, हमने पंचायत स्तर पर, ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर कमेटियां बनाकर जनता को इन्वॉल्व किया. जब ज्यादा लोगों को रखने की जरूरत पड़ी तो हमने कई जगह कोविड केयर सेंटर अनेकों स्थान पर बनाये,यहां तक कि कई ग्राम पंचायतों में बनाये, स्कूलों में बनाये, कोविड केयर सेंटर्स ने भी काफी अच्छा काम किया है.
जब दूसरा दौर आया जो महा भयानक था और सचमुच में उसमें तो हम भी बुरी तरह से हिल गये थे, क्योंकि उस समय ऑक्सीजन की जो जरूरत थी, उसकी गंभीरता आपने भी महसूस की होगी, क्योंकि जितने लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत थी, यह सच था कि उतनी ऑक्सीजन की व्यवस्था हम लोगों के पास नहीं थी, क्योंकि कभी जरूरत वैसी पड़ी नहीं थी. लेकिन आप जानते हैं, उस समय हम ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिये प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देते हैं. ऑक्सीजन एक्सप्रेस चली और ट्रेनों से टेंकर लादकर ऑक्सीजन प्रदेशों में लाये गये. हवाई जहाज से खाली टेंकर वापिस भेजने का काम हुआ और दिन और रात लगभग 12 दिन मुझे कहते हुए महिमा मंडित नहीं होना है, लेकिन दिन और रात सोए नहीं, केवल एक ही चिंता थी क्योंकि जगह-जगह से यह समाचार आते थे कि अब एक घण्टा की ऑक्सीजन, आधे घण्टे की ऑक्सीजन, उस समय सांसे थम जाती थी. लेकिन मैं अपने सारे डॉक्टर्स को, कोविड के लड़ाई लड़ने वाले हमारे कोरोना वॉरियर्स को, हमारे कई मित्रों ने उसमें मदद की, मैं उनको हृदय से धन्यवाद देता हूं, मिल जुलकर हमने उस लड़ाई को लड़ने की कोशिश की और दूसरी लहर पर भी हम काबू पाने में सफल हुए. पूरी शिद्दत से, पूरी ईमानदारी से कोविड की लड़ाई लड़ने का काम हम लोगों ने किया.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया अब मैं इस पूरे सदन का ध्यान चूँकि जनजाति समाज की स्थितियों पर आपने आरोप-पत्र पर अपनी बात कही हैं. मैं निवेदन करूँगा कि आप मेरी बात को ध्यान से सुनने की कृपा करें. मैं इधर सामने भी कहना चाहूँगा. मेरे प्रिय मित्रों, मैं जनजातियों की बात कर रहा हूँ, एक नहीं, अनेकों कदम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने जनजातीय समाज, आदिवासी भाइयों और बहनों के कल्याण के लिए उठाये. यह अलग बात है कि राजनैतिक कारणों से आप उनका जिक्र न करो या भ्रम पैदा करने की कोशिश करो, तो मैं बहुत से कदमों के बारे में आज बात नहीं करूँगा लेकिन मुझे यह कहते हुए गर्व है कि भोपाल में यहां की शासिका थीं, यहां की रानी थीं- रानी कमलापति. उनकी प्रतिमा भोपाल में अगर लगाई तो इस सरकार ने, भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लगाई. इन्दौर में टंट्या मामा की प्रतिमा भंवरकुआं चौराहे पर लगवाई, नहीं तो बड़े शहरों में तो केवल कुछ लोगों की, विशेषकर एक खान-दान से संबंधित उनकी प्रतिमाएं लगा करती थीं, हमने टंट्या मामा की प्रतिमा लगाई, हमने भीमानायक की प्रतिमा लगाई, शंकर शाह, रघुनाथ शाह, रानी दुर्गावती हो और हमने छिन्दवाड़ा कॉलेज का नाम भी राजा शंकर शाह जी के नाम पर रखने का काम किया हैमण्डला कॉलेज का नाम भी राजा हृदय शाह के नाम पर रखने का काम किया है. हमने हर जगह स्मारक बनाने की कोशिश की है. ‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा.’ जनजातीय हमारे क्रांतिकारियों को सम्मानित करने का काम कभी उधर की सरकार ने नहीं किया, किया है तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है.
श्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन को बताया नैतिकता का तकाजा है कि मैं आदिवासी भाई-बहनों की बात कर रहा हूँ, मुझे कम से कम ध्यान से सुन तो लो. पैसा एक्ट की बहुत बात हुई, बार-बार चर्चाएं हुईं. मैं सामने वालों से पूछना चाहता हूँ और मैं बताऊंगा कि मैंने क्या किया ? क्या पैसा के नियम कभी कांग्रेस की सरकार में बनाए गए ? आप झुनझुना पकड़ा दो और उसके बाद उसे क्रियान्वित ही नहीं करो.
मुझे गर्व है मध्यप्रदेश की धरती पर पेसा एक्ट और उसके नियम लागू किए तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लागू किए
श्री शिवराज सिंह चौहान – आप 18 साल की बात कर रहे, मैं 18 हजार बता रहा हूं
श्री शिवराज सिंह चौहान – पहले मैं 18 साल का सुनाऊंगा, बाद में पेसा सुनो माननीय अध्यक्ष महोदय, 18 साल में जनजातीय क्षेत्र में, आदिवासी क्षेत्रों में अगर सड़के बनाई तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पीने का पानी लाई तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने18 साल की सुनना पड़ेगा और हीरालाल जी, ये जितने आश्रम शालाएं हैं. जितने आदिवासी क्षेत्र हैं जितनी आश्रम शालाएं खोलीं शिवराज सिंह चौहान ने जितने छात्रावास खोले, शिवराज सिंह चौहान ने, स्कूल खोले तो शिवराज सिंह चौहान ने. आदिवासी बेटा बेटियों को सायकिल दी तो शिवराज सिंह चौहान ने. सिंचाई की योजनाएं दीं शिवराज सिंह चौहान ने
श्री शिवराज सिंह चौहान– मैं बहुत विनम्रता के साथ कह रहा हूं कि आप आंकड़े उठाकर देख लेना कि हमारी सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में कितने हाईस्कूल खोले, कितने हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले, कितनी आश्रम शालाएं खोलीं, कितने छात्रावास खोले, अरे और तो और आपको दहेज के लिये टीम मिली हीरालाल जी वह पढ़े-लिखे बच्चों की टीम उनको पढ़ाने लिखाने का काम शिवराज सिंह चौहान ने किया है मुख्यमंत्री छात्र गृह योजना बनाकर के, वह भी मैंने किया है. कांग्रेस ने नहीं किया है. आप गलत जगह पर पहुंच गये हो.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहामेरा निवेदन यह है कि हमारे आदिवासी हिरालाल अलावा की तरह डॉक्टर बन सकें, इसलिये उनकी फीस भी भरवाने का काम मामा कर रहा है, आदिवासी बेटा, बेटी विदेशों में पढ़ रहे हैं.
श्री शिवराज सिंह चौहान:- मेरी प्रार्थना है कि गरीबों की बात हो रही है. पेसा में हमने जमीन के अधिकार, जंगल के अधिकार, एक नहीं उनकी परम्पराओं और जीवन मूल्यों के संरक्षण के अधिकार दिये हैं, कम से कम वह तो सुन लें. पहली चीज जमीन का अधिकार, हमने पेसा के नियमों में तय किया है कि हर साल ग्राम सभा में, आप जानते हैं, मैं बहुत विस्तार में नहीं जा रहा हूं, ग्राम सभा बनेगी, ग्राम सभाएं बन रही हैं, लगातार मैं मॉनिटरिंग कर रहा हूं. संबंधित 16 जिलों के कलेक्टरों की मैं बैठकें कर रहा हूं कि ग्राम सभा के गठन से लेकर बाकी चीज जो जाये.जमीन के अधिकार में हर साल पटवारी और बीट गार्ड, खसरे और अक्स की नकल, बी-1 की नकल सीधे ग्राम सभा में रखेगा. ताकि कोई आदिवासी की जमीन इधर से उधर ना कर पाये. धन्ना की जमीन पन्ना के नाम पर हो जाये और पता ही नही चले. अब यह नहीं होगा. पूरा रिकार्ड ग्राम सभा में रखा जायेगा. कई बार छल से, कपट से बेइमानी से जनजाति भाई-बहनों की जमीन और एक षडयंत्र और मैं विशेषकर अपने आदिवासी मित्रों को कहना चाहता हूं, एक षड़यंत्र और चल रहा है, आदिवासियों की जमीन अगर खरीदना है तो कैसे भी किसी आदिवासी बेटी से शादी लो और उसके नाम से जमीन खरीद लो और वह जमीन अपने नाम हो जाये. यहां तक की कई जगह सरपंची का चुनाव लड़ाने के लिये भी इस तरह का षड़यंत्र करते हैं. ऐसे षड़यंत्रों से सावधान रहें, यह आदिवासी समाज को बहुत नुकसान पहुंचायेगा. अब तय किया है कि छल वल से अगर कोई ऐसी जमीन ले ली गयी तो ग्राम सभा, उसमें हस्तक्षेप करेगी और वह जमीन वापस दिलाने में महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी. यह पेसा में प्रावधान किया गया है.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा – हमने पेसा के जो नियम बनाये हैं, उन नियमों में अगर गांव के अधिकार क्षेत्र में, यदि कोई गिट्टी की खदान, कोई रेत की खदान, गौण खनिज होगा, तो उस पर पहला अधिकार आदिवासी जनजातीय समिति का होगा, यह प्रावधान है.
मैं, कहना चाहता हूं कि आदिवासी बेटा-बेटी कोई क्रेशर नहीं लगा सकते क्या, कोई गिट्टी के काम में नहीं आ सकते क्या, रेत के काम में नहीं आ सकते क्या, हमने ये प्रावधान करने का काम किया है. माननीय अध्यक्ष महोदय, पेसा के अंतर्गत हमने यह फैसला किया है कि अगर मजदूरों को कोई लेकर जाता है तो कई बार पता ही नहीं चलता कि कहां चले गए ,कई बार मुसीबत में फंसते हैं, बंधुआ मजदूर बन जाते हैं, कई तरह की दिक्कतों का समाना करना पड़ता. अब बिना ग्राम सभा को जानकारी दिये, कोई भी एजेंट हो या कोई एजेंसी हो, इन भाई-बहनों को बाहर नहीं ले जा सकती और कोई ले जायेगा तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी, इस बात का प्रावधान किया है.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा पेसा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर, मैं, चाहता हूं कि विधायक भी जानें पेसा क्या है.
श्री शिवराज सिंह चौहान– सदन का नेता बोलना चाहता है पेसा पर लेकिन मुझे कदम-कदम पर टोका जा रहा है. मध्यप्रदेश की विधान सभा की अपनी एक गरिमा है ऐसा कभी नहीं हुआ. ऐसी रोका-टोकी कभी नहीं हुई. ऐसा थोड़ी होता है.
श्री शिवराज सिहं चौहान– मैं यह कहना चाहता हूं कि मेरे आदिवासी भाई-बहनों को भी आप सुनने दो. आप भी अगर नहीं समझे हैं तो पेसा समझ लो मेरे भाई और समझ रहे हो तो मैं आपका सहयोग चाहता हूं. आप जाओ और लोगों को समझाओ. पेसा में हमने तय किया है कि अगर गांव में कोई बाहर से भी आएगा तो उसको सूचना देनी पड़ेगी कि वह क्यों आया है. मनमर्जी से कोई नहीं घुस पाएगा. क्योंकि कई ऐसे इरादों वाले लोग जिनका भाव ठीक नहीं रहता है वह भी आ जाते हैं इस बात का प्रावधान पेसा में किया गया है. दो वनोपज होती हैं एक तेंदूपत्ता और दूसरा हमारी गौण वनोपज होती है जिसमें हर्रा, बहेड़ा, आंवला, महुआ, महुए का फूल, महुए की गुल्ली, करंज का बीज, नीम की निबोली अलग-अलग तरह की वनोपज आती हैं. हमने यह प्रावधान किया है कि अगर ग्रामसभा चाहेगी तो तेंदूपत्ता तोड़ने का काम ग्रामसभा करेगी. तेंदूपत्ता तोड़े, तेंदूपत्ता सुखाए और तेंदूपत्ता बेचे. यह ऐतिहासिक अधिकार ग्रामसभा को देने का काम किया है और केवल इतना ही नहीं हमने सीधे वन विभाग से यह कहा है लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दें. ट्रेनिंग देनी पड़ेगी, थोड़ा सा सिखाना पड़ेगा. नए-नए भाई-बहन आए तो एकदम कैसे बेचेंगे. कोई बिचौलिया आकर कम दामों पर न खरीद ले जाए और इसीलिए पूरी तरह से प्रशासकीय अमला उनको ट्रेनिंग देने का काम, संरक्षण का काम करेगा. दो तीन साल में सारी चीजें ठीक हो जाएंगी. हमने अभियान चलाकर यह कोशिश की है कि ग्रामसभा की बैठक हो जाए और ग्रामसभा तेंदूपत्ता तोड़ने का काम करे. यह केवल तेंदूपत्ता तोड़ने का काम नहीं है, वनोपज संग्रहण का काम नहीं है.
मैं एक बार छिंदवाड़ा जिले में गया था. वहां पाताल कोट में अचार की चिरौंजी बहुत अच्छी होती है. वह तोड़कर बीनकर लेकर आते थे. सस्ते दामों पर बिक जाती थी, आने पौने दामों पर बिक जाती थी. हमने तय किया कि वनोपज संघ खरीदेगा लेकिन, अब तय किया है कि इस वनोपज का महुए के फूल सहित संग्रहण का काम ग्रामसभा करेगी. किस रेट पर बेचना है जो कि तर्कसंगत हो उसका काम भी ग्रामसभा करेगी. उसमें से जो आमदनी आएगी वह ग्रामसभा का खाता खोलेगी उसके पास आएगी. मजदूरी देने काम यह सारे के सारे काम वनोपज के ग्रामसभा को देने का ऐतिहासिक फैसला अगर किया गया है तो पेसा के अंतर्गत किया गया है. हमारी परम्पराएं, नई दारू की शराब की दुकान किसी भी गांव में ग्रामसभा की अनुमति के बिना नहीं खोली जाएगीं यह प्रावधान भी किया गया है कि ग्रामसभा अगर चाहे तो सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने पर वह प्रतिबंध लगा सकती है, यह प्रावधान भी किया गया है कि ग्रामसभा अगर चाहे तो किसी दिन को ड्राई डे भी घोषित कर सकती है.
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैं उस पर भी आऊंगा. मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूँ कि मुझे केवल भाषण नहीं देना है. यह जो अविश्वास प्रस्ताव है मैं अच्छा और तू बुरा के बजाए इसका जनहित में भी उपयोग हो जाए उसकी मैं कोशिश कर रहा हूँ. इसलिए मैं एक-एक मुद्दे को रेखांकित करने का काम करुंगा. अनेकों प्रावधान हैं अगर मैं बोलूंगा तो घंटों पेसा पर ही बोल सकता हूँ. लेकिन मैं आपका भी सहयोग चाहता हूँ. मेरे जो विधायक साथी हैं पक्ष के प्रतिपक्ष के उन दोनों से कहना चाहता हूँ पेसा किसी के खिलाफ नहीं है. मुझे पता चला है कि यह आग लगाने की भी कोशिश हो रही है कि पेसा तो बाकी लोगों के खिलाफ है और यह काम भी कांग्रेस ही करती है. सामाजिक समरसता के साथ …
हम पेसा को लागू करने का काम करेंगे. मेरी प्रार्थना है.
जो विधायक हैं मैं उनका सहयोग भी चाहता हूँ. मैं कई गांवों में गया हूँ मैं अनेकों स्थानों पर पेसा ढंग से समझाने के लिए गया हूँ. मैं प्रतिबद्ध हूँ कि पेसा के नियमों को जमीन पर लागू करके अपने आदिवासी भाई और बहनों का आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण करूं. पेसा के कारण एक नई समृद्धि और विकास का मार्ग…
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कह मैं इस आशंका को भी निर्मूल करना चाहता हूँ. पंचायतें करेंगी गांव के विकास के काम. गांव में सड़क बनाना, गांव में निर्माण के काम करना, विकास के काम करना. पंचायत के अधिकार अपने स्थान पर सुरक्षित हैं उनके पास जो पैसा आएगा उन्हीं के गांव में रहेगा.
लेकिन कृपया करके गलतफहमी मत फैलाइए, भ्रम मत फैलाइए. इससे किसी भी मछुआरे का कोई नुकसान नहीं है. कुछ लोग यह प्रयास भी कर रहे हैं कि इन्होंने पेसा एक्ट लागू कर दिया, अब हम ढीमर, भोई, माझी उस समाज को भड़काने का काम करें. उनका भी कोई अहित नहीं है. किसी का कोई अहित नहीं है. मैं सभी माननीय सदस्यों से यह निवेदन करना चाहता हॅूं कि पेसा एक्ट लागू हुआ है तो उसको जमीन पर ठीक ढंग से उतारने में कृपया करके हम सब मिलकर काम करें, हमें सहयोग करने की कृपा करें ताकि मैं और तू में न उलझें. जनजाति समाज का सही अर्थों में आदिवासी भाई-बहनों का हम कल्याण का काम कर सकें.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा अब आप चिंता मत कीजिए. रूढि़यां, परम्परा वह सब अक्षुण्ण रखी जाएंगी और बनाए रखने के लिए जो आवश्यक व्यवस्थाएं हैं वह सब सारी की सारी की जाएंगी. हमारी परम्पराएं हैं, हमारे जीवन मूल्य, हमारी संस्कृति उसको अक्षुण्ण बनाए रखने के हर एक प्रयास किए जाएंगे. आप निश्चिंत रहें. मैं मानता हॅूं कि यह एक बहुत महत्वपूर्ण काम करने का सौभाग्य हमें मिला है, उसको हम किसी भी हालत में अधूरा नहीं छोडे़ंगे. अधूरा छोड़ने का काम नहीं करेंगे. आग्रह मेरा इतना ही है कि हम सब मिलकर उसको कोई गलतफहमी और भ्रम पैदा किए बिना जमीन पर ढंग से उतर जाए, इसका प्रयास करें.
श्री शिवराज सिंह चौहान अब मैं निवेदन करना चाहता हॅूं. कल काफी चर्चा हुई और हम पर कहा गया कि किसानों के मामले में हमारी नीति, हमारी नीयत उस पर कई तरह के सवाल उठाये गये. मैं पूरी विनम्रता के साथ कहना चाहता हॅूं कि कल कर्जा माफी पर काफी चर्चा हुई है और इसलिए मैं बहुत विस्तार में उसमें नहीं जाऊंगा लेकिन मैं केवल रेखांकित करना चाहता हॅूं. अगर टोकाटोकी नहीं करेंगे, तो जल्दी रेखांकित करके मुझे आगे बढ़ने का मौका मिल जाएगा.
श्री शिवराज सिंह चौहान मैं फिर दोहराना चाहता हॅूं कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इनके नेता श्री राहुल गांधी जी ने जो बात कही थी, वह टेलीविज़न पर दिखाई गई. ऑडियो है, वीडियो है. तय किया था कि 10 दिन में और उन्होंने गिनकर कहा था 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 10 दिन में अगर कर्जा माफ नहीं किया, तो मुख्यमंत्री बदल दूंगा, यह उन्होंने कहा था. यह ऑन रिकार्ड है माननीय अध्यक्ष महोदय.
श्री शिवराज सिंह चौहान आपने कर्जा माफी का कचरा कर दिया पूरा. कर्जा माफी आपने सबकी कही थी, फिर लोग छांट दिए उसमें से. हरा, सफेद, गुलाबी अलग-अलग रंग-रंग के आवेदन पत्र भरे गए. किसान आवेदन पत्र भरने में भटकता रहा. फिर पहले सब कर्जा माफ, फिर कहा कि केवल सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंकों का होगा. प्राइवेट बैंक आपने बाहर कर दिये फिर कह दिया, केवल एक खाते का ही होगा…
श्री शिवराज सिंह चौहान अगर ये सरकार ईमानदारी से कर्ज माफी करती तो 53 हजार करोड़ के कर्जा माफ होते, 11 हजार करोड़ इन्होंने जवाब दिया था, यह बात सत्य है, लेकिन 11 हजार करोड़ केवल स्वीकृत हुए थे, केवल 7 हजार करोड़ रुपये आपने कर्जा माफी का दिया है. …
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कर्जा माफ होना था 53 हजार करोड़ रुपये का और लाली पॉप पकड़ाया 7 हजार करोड़ का, ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं है और 7 हजार करोड़ आपने कर्जा माफ की बात की. हमने 17 हजार करोड़ रुपया फसल बीमा योजना में किसान को बांट दिया. यह आंकड़े हैं. आपने किसानों को डिफाल्टर कर दिया और तरुण जी, यह बात स्वीकार करना कि आपने कर्जा भी चीन्ह-चीन्ह कर माफ किया. जहां कांग्रेस के विधायक थे वहां आपने कर दिया, बाकी जगह आपने छोड़ दिया. कई जगह आपने नहीं किया.
केवल जहां उप चुनाव थे वहां किया, जहां कांग्रेस के विधायक थे. ऐसा कहीं होता है क्या. जहां उपचुनाव थे वहां कर दो. जहां कांग्रेस के विधायक थे वहां थोड़ा कर दो. इससे बड़ा धोखा हो नहीं सकता. किसान डिपाल्टर हो गए. किसन कर्जदार हो गए और आज मैं कह रहा हूं ब्याज के कारण डिफाल्टर होने के कारण जो ब्याज का बोझ किसानों के मत्थे आया वह ब्याज अब यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार भरवाएगी जो डिफाल्टर होने के कारण हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा भारतीय जनता पार्टी ने जो-जो घोषणाएं कीं सब पूरी की थीं. एक बार आप सुन लें किसानों की सरकार कैसी होती है.
श्री शिवराज सिंह चौहान मैं कह रहा हूं केवल इन ढाई सालों में किसानों को जो दिया है वह जानने का अधिकार आपको भी है. आप सुनिए, शून्य ब्याज दर पर किसानों को अल्पावधि फसल ऋण हमने दिया 44,244 करोड़ रुपये, किसानों को खेती के लिए बिजली कनेक्शन में अनुदान हमने दिया 35,972 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ हमने दिया 15,196 करोड़ रुपये और हमने उसमें जोड़ दिया मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ अभी 6,352 करोड़ रुपये हुआ है, अभी फिर डालने वाला हूं किसानों के खाते में, फिर पैसा जाएगा, फसल बीमा योजना की राशि का भुगतान एक किश्त दी 3,372 करोड़ रुपये की तत्काल सरकार बनते ही. दूसरी दी 6,016 करोड़ रुपये की और पिछले साल 7,752 करोड़ रुपये फिर फसल बीमा योजना के खाते में डाले.
श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया की फसलों के नुकसान पर आपने राहत की राशि बांटी नहीं थी, केवल 25 परसेंट दी थी. कई किसानों को एक पैसा नहीं मिला. हमने पिछले साल 3,867 करोड़ रुपये डाले. सरकारी बैंकों को आपने बदनाम किया था.
श्री शिवराज सिंह चौहान — फसलों के नुकसान पर राहत की राशि 3,867 करोड़ रुपये, सहकारी बैंकों को प्रदत्त राशि जो आपने कर्जा माफी के नाम पर नहीं दी थी वह हमने दी 800 करोड़ रुपये. उद्यानिकी फसलों की बीमा राशि का प्रदाय, हमने किया 193 करोड़ 66 लाख रुपया, सोलर पंप योजना में किसानों को अनुदान 111 करोड़ रुपया, एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में 3491 करोड़ रुपया, 2 लाख 12 हजार 464 करोड़ रुपया हमने किसानों के खाते में दिया. आपने केवल ऊंट में मुहं में जीरा जैसा कर्जा माफ कर दिया. अब जनता फैसला करेगी कि किसानों की सरकार कौन-सी थी. आपकी थी या हमारी है भारतीय जनता पार्टी की.
मैं एक निवेदन और करना चाहता हूं शिक्षा के बारे में, आपने कई तरह के सवाल उठाए हैं. आप पहले अपनी सरकार के कार्यकाल को देख लो. पहले के कार्यकाल को भी देख लो. हां, हां, मैं पढ़ा हूं. मैं विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि पूरी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का अपराध हुआ था तो कांग्रेस की सरकार में हुआ था. गुरुजी रख दिये. आपने रखे गुरुजी 500 रुपये में, आपने रखे शिक्षा कर्मी, कर्मी कल्चर खड़ा करके आपने बच्चों के भविष्य को चौपट और बर्बाद करने का पाप किया है. हमने वह शिक्षा कर्मी हो चाहे गुरुजी हो, पूरे अध्यापक बनाए. आज उनकी सैलरी सम्मानजनक है. आज 35000, 40000, 45000 रुपया उनको सैलरी मिल रही है. शिक्षकों की भर्ती का काम लगातार जारी है. 1 लाख भर्तियां मैंने कही है, अब तक 113000 की योजना बन चुकी है. 15 अगस्त तक शिक्षकों की भी भर्ती होगी. पुलिस में भी भर्ती होगी. कोई विभाग नहीं छुटेगा. भर्तियों का काम जारी है.
एक जो नवाचार किया है, उसका मैं जिक्र करना चाहूंगा. हमने सीएम राइज स्कूल खोलने का फैसला किया है ताकि गरीबों के किसानों के, निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के बेटा बेटियों की पढ़ाई ढंग से हो सके और इसलिए पूरे मध्यप्रदेश में सीएम राइज स्कूल बनाने का कार्य प्रारंभ हमने किया है. अच्छा भवन 30 से लेकर 38 करोड़ रुपए का.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा वहां प्लेग्राउंड और स्कूल से भी लेने के लिए बस जाएगी गांव में और बस बच्चों को लेकर आएगी, 20-25 गांवों के सेंटर में एक सीएम राइज स्कूल होगा. बच्चे ढंग से पढ़ेंगे. स्मॉर्ट क्लॉस ऐसी की वहां बैठकर दिल्ली, मुम्बई और भोपाल के भी अच्छे शिक्षक हमारे बच्चों को पढ़ा सकें. यह कर रही है तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है.
उन्होंने बताया चिंता मत करो, बिल्कुल देंगे. सीएम राइज स्कूल जहां भी मापदण्ड में आएगा, वहां जरूर खोला जाएगा. आप चिंता मत कीजिए. यह तो आप स्वीकार कर लीजिए कि सीएम राइज स्कूल बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाएंगे. एक बात और, मैं गर्व के साथ कह रहा हूं देश में सबसे पहले यह हुआ है. पहली बार हुआ है. अंग्रेज चले गये. अंग्रेजी छोड़ गये और कांग्रेस ने भी अंग्रेजी का हउव्वा खड़ा कर दिया. हालत यह हो गई कि बड़े बड़े लोगों के बच्चे राजनेता, उद्योगपति और बाकी सब लोग वह तो इंग्लिश मीडियम स्कूल में चले गये. गांव का धन्नू, पन्ना, कल्लू, लल्ला, मन्ना, जुम्मन उसके बेटा बेटी कहां जाएंगे? अंग्रेजी भाषा के रूप में मैं अंग्रेजी का विरोध नहीं हूं. अंग्रेजी सीखें. बुरी बात नहीं है. लेकिन अंग्रेजी ऐसी लाद दी गई कि अंग्रेजी के बिना करियर बनेगा ही नहीं और इसके कारण हमारे गांव में रहने वाले अनुसूचित जाति हो, अनुसूचित जनजाति हो, किसान हो, गरीब हो, उनके बेटा बेटी प्रतियोगी परीक्षाओं में पीछे पिछड़ते चले गये. मैं एक बच्चे को जानता हूं जो मेरे पास आया. उसका मेडिकल कॉलेज में एडमिशन हुआ, बाद में एक साल में उसने मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी. मैंने उससे पूछा कि बेटा, तुमने यह पढ़ाई छोड़ी क्यों? तो उसने कहा मामा, अंग्रेजी मुझे समझ में नहीं आती तो मैं हीन भावना से ग्रसित हो गया, इसलिए मैं पढ़ाई छोड़कर ही आ गया. बच्चे हीन भावना से ग्रस्त होते थे. अंग्रेजी का मतलब टेलेंट नहीं है. अंग्रेजी का मतलब विद्वता नहीं है. अपनी मातृ भाषा में भी पढ़ाई हो सकती है और दुनिया का हर देश, चीन में चीनी में पढ़ाई होती है, जर्मनी में जर्मन में पढ़ाई होती है, फ्रांस में फ्रेंच में पढ़ाई होती है. हमने तय किया है कि मध्यप्रदेश की धरती पर मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी भाषा में की जायेगी, ताकि गरीबों के बेटा-बेटी, किसानों के बेटा-बेटी, निम्न मध्यम वर्ग के बेटा-बेटी, वह भी आयें और बच्चे ढंग से पढ़ने का काम कर सकें. अध्यक्ष महोदय, अनुसूचित जाति समाज, हमारे पिछड़े समाजों में आता है और इसलिये हमने एक नहीं अनेकों योजनाएं अनुसूचित जाति के समाज लिये बनाने का काम किया है. उन योजनाओं के विस्तार में मैं नहीं जाऊंगा. एक नहीं, एक दर्जन योजनाएं, उन पर हम काम कर रहे हैं और 5 फरवरी को संत रविदास जी की जयंती पर फिजिकली उन सबको उन योजनाओं का लाभ सार्वजनिक रुप से देने का काम करेंगे. उनकी जिंदगी बदलने का भी काम होगा. अनुसूचित जाति हो, अनुसूचित जनजाति हो, पिछड़े वर्ग के बारे में कल भूपेन्द्र सिंह जी ने विस्तार से चर्चा की थी. मैं उस पर चर्चा नहीं करना चाहता. उस समय भी पिछड़े वर्ग को छलने का काम किया गया था. आप ही थे, जिन्होंने यह फैसला किया, स्टे तो लिया ही नहीं था. स्टे हो जाने दिया और बाद में पीएससी के संदर्भ में एक फैसला आया था, तो क्या आप पीएससी में भी इसको लागू कर देंगे 27 परसेंट की जगह 14 परसेंट नहीं दिया जाये. कल बात हो गई है. इसलिये उसमें मैं बहुत विस्तार में नहीं जाना चाहता और सामान्य वर्ग के गरीबों के कल्याण के लिये भी हमने सामान्य वर्ग आयोग बनाया है. ईडब्ल्यूएस वाले आरक्षण को लेटर और स्प्रिट में हमने लागू करने का काम किया है. हमने किसी को भी 10 परसेंट दिया है, यशपाल सिंह जी आप जानते हैं. हम किसी वर्ग को छोड़ने नहीं वाले. सब समाज को लिये साथ में, आगे है बढ़ते जाना. अब आप रोजगार पर सवाल उठा रहे थे. मैं कहना चाहता हूं कि मैंने शासकीय नौकरियों में भर्ती की बात अभी विस्तार से आपके सामने कही है. कल यह बात आई थी कि रोजगार कहां है. मेरे प्रिय मित्रों, महीने में एक दिन अब हम रोजगार दिवस के रुप में..
उन्होंने बताया मेरी सरकार होते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग सब के हित सुरक्षित रहेंगे. यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, किसी का अहित नहीं होने दिया जायेगा.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा निवेश के बारे में कल बड़ी चर्चा हुई. रोजगार के बारे में चर्चा हुई. महीने में एक दिन हम रोजगार दिवस के रुप में मनाते हैं मध्यप्रदेश में और जितनी योजनाएं हैं, स्वरोजगार की होती हैं. उन योजनाओं का लाभ सूची के साथ कार्यक्रम करके, आप कहते हैं कि ईवेंट कर रहे हो, हम ईवेंट नहीं करते. लोगों को भटकना न पड़े, इसलिये हम कार्यक्रम करते हैं. हमने तय किया था पिछले साल 12 जनवरी को. 12 जनवरी को विवेकानन्द जयंती पर कि हम 2 लाख नौजवानों को स्वरोजगार की योजनाओं का हर साल लाभ देंगे. मुझे आज बताते हुए खुशी है कि ढाई लाख से ज्यादा बच्चों को हम स्वरोजगार योजना का लाभ हर महीने दे रहे हैं. रोजगार दिवस आयोजित करके, कार्यक्रम करके..
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हम प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, एक नहीं,मैं उस विस्तार में जाऊंगा, तो समय बहुत लगेगा. एक दर्जन योजनाओं के माध्यम से हम ढाई लाख से ज्यादा बच्चों को रोजगार हर महीना दे रहे हैं. हम शासकीय नौकरियों में भी रोजगार देंगे. हम निवेश के माध्यम से भी रोजगार लायेंगे और हम स्वरोजगार के माध्यम से भी रोजगार देंगे. मुझे कहते हुए गर्व है कि स्टार्टअप के क्षेत्र में हमारे बच्चे चमत्कार कर रहे हैं. 2500 से ज्यादा स्टार्ट अप प्रारम्भ हो चुके हैं. सज्जन सिंह वर्मा जी जानते होंगे कि इन्दौर में कितने स्टार्ट अप प्रारम्भ हुए. उनमें यूनिकॉर्न भी बन गया. 8-8 हजार करोड़ की कम्पनियां मध्यप्रदेश के बच्चों ने बना ली हैं और इसलिये हमने योजना बनाकर जिन बच्चों के पास इनोवेटिव्ह आइडियाज हैं, उनमें पैसा लगाकर उनके स्टार्टअप को आगे बढ़ाने का काम शुरू किया है. कल हमें यह कहा जा रहा था कि बड़ी विदेश यात्राएं कर लीं. रोजगार कर लिया. मेरे प्रिय मित्रों, पिछले केवल तीन सालों में कोविड के बावजूद, कोरोना के बावजूद, कोविड के कठिन काल में 447 बड़ी औद्योगिक इकाईयां स्थापित की हैं जिनमें 8500 करोड़ का निवेश और 32 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. मेसर्स हितिज, कैलाश ग्रेन मिल्स, मेसर्स डाबर, मेसर्स सालिस, मेसर्स जी कामर्शियल, मेसर्स जिंदल, Mayur uniquoters , भैरव बायो फ्यूल, सिद्धांत फार्मा, विहान इंटरप्राइजेज, Highrise इंडस्ट्रीज, हिन्दुस्तान टैब्स. यह पूरी सूची है और जितू जी, इन्दौर को को जानते हो. टी.सी.एस. कौन लेकर आया. इन्फोसिस कौन लेकर आया. सिम्बायसिस कौन लेकर आया. Narsee monjee indore कौन लेकर आया. आटोमोबाईल सेक्टर की कंपनी कौन लेकर आया.टेक्सटाईल की कंपनियां कौन लेकर आया. अगर लाये तो हमारे इन्वेस्टर्स समिट के परिणामों के कारण हमने रोजगार का माहौल बनाया और उसके कारण आज नहीं कई वर्षों से निवेश लगातार आ रहा है और अब फिर आप सुन लें, फिर हमारा इन्वेस्टर्स समिट होने वाला है. प्रवासी भारतीय सम्मेलन 8,9,10 तारीख को इन्दौर में होगा. 80 से ज्यादा देशों के लोग आएंगे फिर 11 और 12 को इन्वेस्टर्स समिट होगा. इस बार तो मैं विदेश गया ही नहीं तीन सालों में. एक बार सोचा था जाने का तो आप लोगों ने पिछड़े वर्ग में आप लोगों ने टांग अड़ाई तो मैंने दौरा केंसिल कर दिया. मैं यहीं रह गया लेकिन मैं कहता हूं कि पूरी शिद्दत से, पूरी गंभीरता से निवेश के नये अवसर मध्यप्रदेश में कैसे सृजित हों और एक बात बताना चाहता हूं आन रिकार्ड मैंने कहा है. जब कमलनाथ जी के समय इन्दौर में निवेश का कार्यक्रम हुआ था निवेश का तब मुझे पत्रकारों ने पूछा था आलोचनात्मक दृष्टिकोण से पूछा था कि शायद मैं कोई उल्टी-पुल्टी बात कहूंगा लेकिन मैंने तब कहा था कि यह मध्यप्रदेश है. मुख्यमंत्री कोई भी हो. उनके नेतृत्व में हो रहा है तो उनके नेतृत्व में हो. मैं इन्वेस्टर्स से यह कहना चाहूंगा. अपील करके मैंने कहा था कि मध्यप्रदेश से बेहतर राज्य निवेश के लिये कोई नहीं है. आईये, मध्यप्रदेश में निवेश कीजिये तब श्री कमलनाथ जी मुख्यमंत्री हुआ करते थे. ये कोई ऐसे मुद्दे हैं जिनमें पक्ष और विपक्ष में, सत्ता आनी-जानी है. मतभेद कभी नहीं होने चाहिये. इनमें मिलकर काम करने का हमको प्रयास करना चाहिये. मिलकर काम करने का सोचना चाहिये. रोजगार,रोजगार,रोजगार, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और अक्टूबर में बेरोजगारी की दर के हमेशा आंकड़े आते हैं. मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की दर 0.8 प्रतिशत देश में सबसे कम थी. राज्यों की जो रैकिंग होती है उसके अनुसार हमारे प्रयास निरंतर निवेश के मामले में भी मेरे मित्रों, जारी रहेंगे. आप चिंता मत कीजिये. आपने अर्थव्यवस्था के कई सवाल उठाए थे. ऐसा हो गया. कर्जा ले लिया और आपने तो यह भी कह दिया था कि बी.जे.पी. कार्यालय में खाना खिला दिया. धन्य हो महाप्रभु, कहां से आपने ज्ञान प्राप्त किया है. मैं पूरी जिम्मेदारी और दावे के साथ कहता हूं कि बी.जे.पी. कार्यालय में एक नया पैसा कभी सरकार का कार्यकर्ताओं को खिलाने में नहीं लगाया गया. आप तो अंधेरे मे लट्ठ मारते रहते हो.
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहामैं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं कि बी.जे.पी. कार्यालय में खाना खिलाने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
पूरी जिम्मेदारी के साथ मैं कह रहा हूं बीजेपी कार्यालय में कभी सवाल ही पैदा नहीं होता. .
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा अर्थव्यवस्था की बात कर रहे थे, कर्जा ले लिया, फलाना कर लिया, ढिमका कर लिया. मुझे कहते हुये आनंद और प्रसन्नता है कि मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास की दर 19.76 प्रतिशत है देश में सबसे ज्यादा आज आर्थिक विकास की दर है तो वह मध्यप्रदेश की है. मुझे कहते हुये गर्व है और मैं उसके लिये मध्यप्रदेश की जनता का हृदय से आभार प्रकट करता हूं कि हम यहां तक पहुंचे. आप कह रहे थे कि आर्थिक हालत बड़ी खराब है, मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ आपको बता रहा हूं, हमने कभी भी खाली खजाने का रोना नहीं रोया, हमने कोशिश की फंड्स जुटाने की. मध्यप्रदेश का जो सकल घरेलू उत्पाद पहले मध्यप्रदेश का हिस्सा 3.6 प्रतिशत हुआ करता था….
राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा भारत के सकल घरेलू उत्पाद में मध्यप्रदेश का हिस्सा पहले 3.6 प्रतिशत हुआ करता था जो अब बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया है. माननीय अध्यक्ष महोदय, पर केपिटा इनकम कभी मध्यप्रदेश की होती थी केवल 13 हजार रूपया, अब बढ़कर मध्यप्रदेश की पर केपिटा इनकम हो गई है 1 लाख 37 हजार रूपया, लगातार हम जनता की जिंदगी बदलने का गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं. आप कह रहे थे कि कर्ज ही कर्ज ले लिया. माननीय अध्यक्ष महोदय, जब आपकी सरकार थी तब भी आपने कर्ज लिया, क्योंकि कर्ज लेने का एक मान्य सिद्धांत है कि जीडीपी का आप कितने प्रतिशत तक कर्जा ले सकते हो, 3.5 प्रतिशत, तरूण जी यहां बैठे हैं आपने भी कर्जा लेने का काम किया उसके हिसाब से आपने भी मध्यप्रदेश की जब आपकी सरकार थी तब आपने भी कर्जा लेने का काम किया है. कर्जा लेना और कर्जा लेकर क्योंकि हमने जब भी कर्जा लिया पूंजीगत कामों के लिये लिया, पूंजीगत व्यय आपके समय था 30 हजार करोड़, हम उसको बढ़ाकर 48 हजार करोड़ रूपया तक ले गये, हमने कर्जा लेकर घी नहीं पिया, हमने कर्जा लेकर विकास के कामों में लगाया, हम सड़कें बना रहे हैं, हम सिंचाई की योजनायें बना रहे हैं, हम पीने का पानी ला रहे हैं, हम गरीबों के मकान बना रहे हैं तो कर्जा हमने लिया, लेकिन जो निश्चित सीमा है उसको क्रास करके हम कभी ऊपर नहीं गये और मध्यप्रदेश से ज्यादा कर्जा की बात करें तो राजस्थान में भी मध्यप्रदेश से ज्यादा कर्जा है, वहां तो कांग्रेस की सरकार है.
श्री शिवराज सिंह चौहान -ने कहा मैं यह भी कह रहा हूं कि आपने भी 34 हजार करोड़ के आसपास कर्जा लिया था,अरे तुलनात्मक बात तो की जायेगी.
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मेरे प्रिय मित्र केंद्र सरकार ने कोविड के दौरान कुछ मापदंड तय किये थे कि अगर यह सुधार करोगे तो आपको 0.5 परसेंट और कर्जा लेने का मौका मिलेगा, यह सुधार करोगे तो फिर 0.5 परसेंट और आपको कर्जा लेने का मौका मिलेगा. मध्यप्रदेश ने बेहतर सुधार किये, यह सबके लिये थे केवल मध्यप्रदेश के लिये नहीं थे. कोविड की विशेष परिस्थितियों में यह तय किया गया था कि सरकार कोविड की परिस्थिति से मुकाबला भी करे और गरीबों की मदद भी हो जाये और बाकी काम भी न रूके इसलिये 3.5 परसेंट की सीमा का उल्लंघन इन शर्तो पर हो सकता है. मध्यप्रदेश की सरकार एक भी शर्त के बाहर नहीं गई है और हमारी आर्थिक स्थिति आज भी पूरी तरह से बेहतर है, नियंत्रित है और फाईनेंशियल मैनेजमेंट के मामले में आज भी मध्यप्रदेश का नाम लिया जाता है और इसलिये यह कहना गलत है कि हमने कर्जा ज्यादा ले लिया है, कर्जे के कारण भूचाल आ जायेगा परेशानी आ जायेगी. आप चिंता मत कीजिये, मध्यप्रदेश सुरक्षित रहेगा.
मध्यप्रदेश में प्रगति और विकास के लिये एक नहीं अनेकों काम चल रहे हैं, भविष्य में हमारा मध्यप्रदेश और आगे बढ़े उसके लिये कानून और व्यवस्था की स्थिति हो, अब उस पर भी कई तरह के सवाल खड़े किये गये थे, डॉ.नरोत्तम मिश्र,गृहमंत्री जी ने कल बहुत प्रभावी ढंग से एक-एक तर्क के साथ, तथ्यों के साथ, पूरी ताकत के साथ अपनी बात सदन में यहां रखी थी.
मैं रिपीटेशन नहीं करना चाहता हूं लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहता हूं कि हमें यह कहते हुए गर्व है कि डकेतों का सफाया हुआ है, हम यह कहते हुए गर्व हैं कि नक्सलियों को, कल नरोत्तम जी ने बताया कि एक साल में छ:-छ: नक्सली मारे गये, सिमी के नेटवर्क को हमने ध्वस्त किया है और यह हमारा अपना मध्यप्रदेश ही राज्य है, जहां हमने यह तय किया है कि अगर किसी मासूम बिटियां की तरफ कोई गलत नजर से देखेगा, दुराचार करेगा तो सीधे फांसी के फंदे पर लटकाया जायेगा और मध्यप्रदेश में केवल यह किया ही नहीं गया है बल्कि हमने कानून बनाया है और इसीलिये आप देखेंगे एक दो नहीं हमने अनेकों लोगों को इस कानून से 41 प्रकरणों में मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है.
हमारी बच्चियों और बहनों को फुसलाकर और बहलाकर धर्मांतरण का पाप किया जाता था, उस धर्मांतरण को प्रतिबंधित करने के लिये हमने कानून बनाया, मध्यप्रदेश की धरती पर लोभ, लालच, भय, प्रलोभन से धर्मांतरण किसी भी कीमत पर नहीं किया जा सकता है और इसीलिये पिछले दो सालों में 113 लव जिहाद के प्रकरण दर्ज कर आरोपियों को जेल भेजने का काम किया गया है.
अगर आप आंकड़े देखेंगे तो हमारी सरकार बनने के बाद मैं नरोत्तम मिश्र, गृहमंत्री जी को बधाई देता हूं कि वर्ष 2020 से लेकर अब तक भू माफियाओं से 23 हजार एकड़ जमीन मुक्त कराई गई है, केवल भूमि मुक्त नहीं कराई है बल्कि भू माफिया को जेल की सलाखों के पीछे भी भेजा गया है. 206 भू माफियाओं को एन.एस.ए. के अंतर्गत जेल भेजा है, 529 का जिला बदर किया गया है, रेत माफिया को कुचलते हुए 12 हजार से अधिक से ज्यादा वाहन हमने राजसात किये हैं. 2 लाख घन मीटर रेत जप्त की गई है और कई अपराधियों के खिलाफ एन.एस.ए. तथा जिला बदर की कार्यवाही की गई है.
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मिलावट माफिया के खिलाफ कड़ा प्रहार करते हुए, 1600 अपराध दर्ज किये गये हैं. 3,500 अपराधियों को गिरफ्तार करते हुए 150 लोगों के खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की गई है और चिटफंड माफिया पर नकेल कसते हुए 1,000 करोड़ रुपये की राशि 1.50 लाख निवेशकों को वापस कराने का काम किया है, तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है, दबंगों और माफियाओं के खिलाफ मैंने पहले ही कह दिया है, इनके खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी. माननीय अध्यक्ष महोदय, भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी शिद्दत से, पूरी गंभीरता के साथ मध्यप्रदेश को लगातार आगे बढ़ाने के काम में लगी हुई है, हम उसमें कभी कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं और इसलिए मध्यप्रदेश का, जो आने वाले मध्यप्रदेश का रोडमैप हमने बनाया है, वह आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश है, अधोसंरचना का विकास हो, अब हम केवल सड़कें नहीं बना रहे हैं, अटल एक्सप्रेस-वे बन रहा है, हम नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनाने वाले हैं. सड़कों के मामले में, यातायात के मामले में, केवल सड़क मार्ग का नहीं बल्कि आकाश मार्ग का भी उपयोग करके रोप-वे, मेट्रो ट्रेन जैसी चीजें भी मध्यप्रदेश की धरती पर आ रही हैं, सिंचाई का रकबा हमने बढ़ाकर अभी 45 लाख हेक्टेयर किया है, इसको 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उसके लिए हम तेजी से काम करने का प्रयास कर रहे हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मेरा प्रतिपक्ष के मित्रों से भी यह निवेदन है कि वे केवल आरोप लगाने का काम न करें, रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएं. लेकिन मध्यप्रदेश हम सबका है. आइये, हम सब मिलकर, एक बेहतर मध्यप्रदेश, एक समृद्ध मध्यप्रदेश बनाने के काम में लगें. आपका जो आरोप-पत्र है, वह पूरी तरह से असत्य का पुलिंदा है और उसमें कोई दम नहीं है, लचर है, बेकार है और कुछ नहीं मिला तो आपने कुछ भी बिन्दु और मुद्दे बनाकर आरोप-पत्र पेश कर दिया. मैं इस आरोप-पत्र को सिरे से खारिज करता हूँ, इसमें कोई दम नहीं है. धन्यवाद,
सदन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित मंत्रिपरिषद् के प्रति अविश्वास प्रकट का प्रस्ताव अस्वीकृत हुआ.अपराह्न 1.30 बजे विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई.