देश ही नहीं, विश्व भी होगा मध्यप्रदेश में बदलाव का साक्षी : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
देश ही नहीं, विश्व भी होगा मध्यप्रदेश में बदलाव का साक्षी : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
युवाओं में कौशल विकास के लिए भोपाल में बनेगा ग्लोबल स्किल पार्क
मध्यप्रदेश को विश्वास का प्रदेश बनाने के लिये प्रदेशवासियों का आव्हान
मुख्यमंत्री का मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर प्रदेश की जनता के नाम संदेश
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रदेश की जनता का आव्हान किया है कि वे आशाओं से भरे मध्यप्रदेश को विश्वास का प्रदेश बनाने में पूरी तन्मयता से जुट जाएं। मुख्यमंत्री ने नागरिकों को विश्वास दिलाया कि आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश एक बदला हुआ प्रदेश होगा, जिसका साक्षी देश ही नहीं, विश्व भी होगा। श्री कमल नाथ ने आज मंत्रालय के सामने सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में आयोजित मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह में प्रदेश की जनता के नाम यह संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कौशल विकास हो और उन्हें सम्मानजनक रोजगार मिले, इसके लिए राज्य सरकार भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि विकास के लिए हमने एक रोडमैप तैयार किया है, जिस पर सरकार अगले पाँच साल तक पूरी दृढ़ता के साथ काम करेगी।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रदेश की जनता के नाम संदेश देते हुए 63 साल पहले मध्यप्रदेश राज्य के निर्माण के बाद धार जिले के मांडू में पंडित जवाहरलाल नेहरू की एक सभा का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पंडित नेहरू ने कहा था कि ‘मध्यप्रदेश में तरक्की के अवसर हैं, मैं चाहता हूँ कि यहाँ की जनता आगे बढ़े लेकिन याद रखे कि आगे तो हम अपने आप से बढ़ते हैं। आपस में मिलकर, प्रेम से रहकर नए काम सीखें। अपना काम अच्छी तरह करें। इससे आपकी, आपके पड़ोसियों की और गाँव की तथा सबकी भलाई होगी और देश को भी लाभ होगा। श्री कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश आज पंडित नेहरू की आशाओं का प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है।
विकास का सही पैमाना है लोगों की खुशहाली
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास, जीडीपी दर अथवा अन्य आँकड़ों से परिभाषित नहीं होता। मेरा मानना है कि विकास का सही पैमाना है लोगों की खुशहाली। युवाओं को रोजगार मिले, खेती लाभदायी बने, प्राकृतिक संपदा का संतुलित दोहन होने के साथ ही शांति, शिक्षा, स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएँ हों। सर्वधर्म समभाव हो, शासन-प्रशासन जनोन्मुखी हो, लोगों का अपनी शक्ति में विश्वास हो, बुनियादी सुविधाओं के साथ शहर और गाँवों का समान विकास हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ऐसा ही मध्यप्रदेश बनाना चाह रहा हूँ। उन्होंने कहा कि समय के साथ नहीं चलने पर हम पिछड़ जाते हैं। मध्यप्रदेश देश-दुनिया का हम-कदम बने, इसके लिए शासन-प्रशासन को नए सकारात्मक परिवर्तनों के साथ जोड़ने का हम प्रयास कर रहे हैं।
प्रदेश के समग्र विकास के लिये रोडमैप तैयार
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए हमने एक रोडमैप तैयार किया है। खेती को आधुनिक बनाने के साथ किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने, खेती की मानसून पर निर्भरता को कम करने, सिंचाई, पेयजल, बिजली और सड़कों का निर्माण मजबूत नींव के साथ करने का हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि रोडमैप में हमने प्रदेश के सभी वंचित तबकों का सर्वांगीण विकास, महिलाओं का सशक्तिकरण, कानून के राज की स्थापना और सभी वर्गों को तरक्की के भरपूर अवसर उपलब्ध करवाना भी शामिल किया है। हम सत्ता का विकेन्द्रीकरण कर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के मौके ग्रामीणों को ही सौंपेंगे। साथ ही, उन्हें नैसर्गिक संपदा का अधिकार भी देंगे।
प्रदेश को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में अग्रणी बनाने के लिये उठाएंगे कड़े कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए हमें कड़े कदम भी उठाना पड़े, तो हम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि आज के बदलते संदर्भों में शिक्षा और ज्ञान के बीच बेहतर तालमेल हो, यह हमारी प्राथमिकता है। युवाओं को रोजगार मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के साथ ही सरकार प्रदेश में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाईयों में 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के लोगों को देना अनिवार्य करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने इंदौर में सम्पन्न मैग्नीफिसेंट एमपी का उल्लेख करते हुए कहा इससे निवेशकों का मध्यप्रदेश में विश्वास बढ़ा है। हमारी कोशिश है कि प्रदेश में वृहद, मध्यम, लघु, सूक्ष्म यानी हर स्तर के उद्योग स्थापित हों, जिससे प्रदेश का औद्योगिक विकास होने के साथ ही रोजगार की समस्या का भी समाधान होगा।
लोगों की शक्ति-सरकार की शक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं लोगों की शक्ति को सरकार की शक्ति मानता हूँ। जनादेश का सम्मान हो, उनके विश्वास पर सरकार खरी उतरे, इसके लिए हम अपनी सुस्पष्ट नीतियों, सभी वर्गों के कल्याण कार्यक्रमों और संकटों को अवसर के रूप में मानकर काम कर रहे हैं। हमारा यह भाव मध्यप्रदेश को अब आगे ही आगे बढ़ाएगा।