मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की नई दिल्ली में जैट्रो के प्रबंध निदेशक से मुलाकात
प्रदेश में स्थापित जापानी कंपनियों से व्यापार का विस्तार करने का आग्रह
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की नई दिल्ली में जैट्रो के प्रबंध निदेशक से मुलाकात
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने प्रदेश में स्थापित जापानी कंपनियों से अपने व्यापार का विस्तार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश मित्र वातावरण बनाया गया है। नीतियों एवं नियमों में व्यापक परिवर्तन और उनका सरलीकरण किया गया है। श्री कमल नाथ ने आज नई दिल्ली में जापान विदेशी व्यापार संगठन (जैट्रो) के भारत स्थित मुख्य प्रबंध निदेशक श्री यासूयाकी मूराहाशी से मुलाकात के दौरान यह बात कही। मुख्यमंत्री ने जापानी निवेश की संभावना पर श्री मूराहाशी से विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मुलाकात के दौरान जैट्रो के प्रबंध निदेशक को बताया कि मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा, खाद्य प्र-संस्करण, टेक्सटाइल, गारमेंट के साथ-साथ लॉजीस्टिक हब में निवेश की अपार संभावनाएँ है। उन्होंने जापानी कंपनियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि प्रदेश में पूर्व से स्थापित जापानी कंपनियों के व्यापार विस्तार में राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिकरण के लिए सकारात्मक और भरोसे का वातावरण बनाया गया है। विभिन्न तकनीक के उद्योगों के लिए अलग-अलग नीतियाँ भी बनाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जापानी तकनीक पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। हमारी मंशा है कि इस तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग सम्पूर्ण भारत के साथ मध्यप्रदेश में भी हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जापानी निवेश की संभावना को लेकर शीघ्र ही मध्यप्रदेश के अधिकारियों और उद्योगपतियों का विशेष दल जापानी निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए जापान की यात्रा करेगा।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के पूर्व जैट्रो कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं अन्य निवेशकों को प्रदेश में औद्योगिकीकरण और निवेश की संभावनाओं के साथ ही सरकार द्वारा दी जा रही रियायतों और नीतियों की विस्तार से जानकारी दी गई।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती, अपर मुख्य सचिव एवं आवासीय आयुक्त श्री आई.सी.पी. केसरी, प्रमुख सचिव उद्योग डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव एवं जापानी विदेशी व्यापार संगठन के अधिकारी उपस्थित थे।