देश को बांटने वाले बीज नहीं बोने देंगे- नागरिकता (संशोधन) कानून पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का ऐलान
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि नागरिकता (संशोधन) कानून के जरिए देश को बांटने वाले बीज पैदा किए गए हैं, वे इसे किसी हालत में बोने नहीं देंगे। कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि वह देश में बांटने वाली नीति के वह बीज नहीं बोने देना चाहते जो देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि, “इस सिलसिले में मध्य प्रदेश सरकार का भी वही रुख रहेगा जो बाकी कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों का है और इस बारे में पार्टी जो भी तय करेगी उस पर अमल किया जाएगा।”
दिल्ली में महिला प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में कमलनाथ ने कहा कि, “केंद्र के साथ टकराव का हमारा इरादा नहीं है और न ही इसका सवाल है। यह सवाल संघीय व्यवस्था का है। अगर सरकार संघीय व्यवस्था में विश्वास रखती तो इस कानून को लाने से पहले सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करती और उनकी राय इसमें शामिल करती।” कमलनाथ ने कहा कि, “बीजेपी सिर्फ असली मुद्दों से ध्यान भटकाने वाली राजनीति कर रही है।”
ध्यान रहे कि पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल के मुख्यमंत्रियों ने संकेत दिए हैं कि वे अपने राज्यों में नागरिकता (संशोधन) कानून को लागू नहीं करेंगे।
कमलनाथ ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “क्या हम ऐसा ही देश चाहते हैं? क्या हम असहिष्णु देश चाहते हैं? हमें देश के मूल्यों को याद रखना होगा। इस किस्म के नैरेटिव की एक उम्र होती है और वह खत्म हो जाते हैं,, जैसे कि 1977 की राजनीति खत्म हो गई थी। इसी तरह 400 सीटों वाली राजीव गांधी की राजनीति भी खत्म हुई थी। आज युवाओं की आकांक्षाएं बदल गई हैं, और वे आज की राजनीति को इस चश्मे से देख रहे हैं। लेकिन बीजेपी इसे एक खास डिजायन से बदल रही है।”
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलेगी। उन्होंने कहा, “जब भी आर्थिक मंदी आती है बीजेपी सरकार कोई न कोई बिल लेकर आ जाती है ताकि लोगों का ध्यान भटक जाए। बीजेपी लोगों के सोचने का नजरिया बदलने की कोशिश कर रही है। आज देश आर्थिक स्थितियों से परेशान है। हम दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी समाज हैं।”
उन्होंने कहा, “आज हर तरफ संकट है। बैंकिंग सैक्टर बुरे हाल में है, इसके एनपीए लगातार बढ़ रहे हैं, कर्ज दिए नहीं जा रहे हैं। निजी क्षेत्र को कर्ज कोई देना नहीं चाहता। निवेश का माहौल गिरा हुआ है। जब-जब इन मुद्दों को उठाया जाता है, सरकार ध्यान भटकाने के लिए कह देती है कि उन्हें तो 2014 में ऐसी ही व्यवस्था मिली थी।”
विपक्षी एकता पर कमलनाथ ने कहा, “अभी सिर्फ 6 महीने हुए हैं जब बीजेपी को संख्याबल मिला है। मैं मानता हूं कि अभी विपक्षी दलों के बीच कोआर्डिनेशन ज्यादा नहीं होता है। लेकिन एक संयुक्त रणनीति के लिए समूचे विपक्ष को एकसाथ आना होगा। कई राज्यों को डर है कि केंद्र उनके फंड न कम कर दे।”