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मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई में सीएए को एमपी की जनता अस्वीकार करती है- नरेंद्र सलूजा

 

ऐसे किसी भी संविधान विरोधी व जन विरोधी कानून को जनता पर थोपना हिटलर शाही व तानाशाही का प्रतीक।
भाजपा इसके समर्थन में झूठे व प्रायोजित कार्यक्रम आयोजित करना बंद कर , तत्काल इसे वापस ले – नरेंद्र सलूजा

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि आज मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई में भोपाल की सड़को पर केंद्र सरकार द्वारा लागू नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए ) के विरोध में निकले “संविधान बचाओ शांति मार्च “ में उमड़े ऐतिहासिक अपार जनसमूह से भाजपा के लिये यह स्पष्ट संदेश है कि जनता को यह काला क़ानून अस्वीकार है और इसे जनता पर थोपना हिटलर शाही व तानाशाही का प्रतीक है।
भोपाल में वर्षों बाद एक ऐसा जनसैलाब सड़कों पर देखने को मिला , जो वर्षो-वर्ष याद रहेगा और इसमें शामिल विभिन्न वर्गों के व धर्मों के लाखों लोगों की उपस्थिति ने बता दिया है कि जनता में इस क़ानून को लेकर गहरा आक्रोश है और वह इसके विरोध में है।
इस मार्च में स्वेच्छा से विभिन्न धर्मों के व वर्गों के लाखों लोग हाथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लिये व गांधी टोपी लगाये ,गांधीवादी तरीके से शामिल हुए और सभी की मांग यह थी जल्द से जल्द इस संविधान विरोधी कानून को वापस लिया जाये।यह कानून देश को बांटने वाला है ,समाज को बांटने वाला है और भारतीय संविधान की मूल भावना के भी विपरीत है।
इस कानून का विरोध देशभर में हो रहा है ,विभिन्न राज्यों में हो रहा है , इसका विरोध समाज का हर वर्ग कर रहा है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी आज शांति मार्च में स्पष्ट संदेश दे दिया कि ऐसा कोई भी कानून जो जनता को स्वीकार नहीं होगा ,जन विरोधी होगा ,संविधान विरोधी होगा ,वह कांग्रेस की सरकार में मध्यप्रदेश में कभी लागू नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह जन भावना के साथ हैं।
भाजपा को भी अब इस सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए कि समाज को बांटने वाले इस संविधान विरोधी कानून को देश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी और जनता यह सच्चाई भी समझ चुकी है कि भाजपा वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह तरह के कानून ला रही है।
भाजपा को जन भावनाओं का सम्मान करते हुए अब इस कानून को अविलंब वापस लेना चाहिए और इसके समर्थन में झूठे , प्रायोजित कार्यक्रम आयोजित करना बंद करना चाहिये।

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