एमपी को बिजली बैंकिंग व्यवस्था को डिफॉल्ट के दायरे से बाहर रखने का केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान
- मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की केन्द्रीय मंत्री श्री आर.के. सिंह से भेंट ओंकारेश्वर में दुनिया के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट सहित नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश की प्रगति पर हुई चर्चा केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने ट्रांसमिशन लॉस कम करने पर म.प्र. की सराहना की बिजली बैंकिंग व्यवस्था को डिफॉल्ट के दायरे से बाहर रखने का अनुरोध
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की केन्द्रीय मंत्री श्री आर.के. सिंह से भेंट
ओंकारेश्वर में दुनिया के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट सहित नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश की प्रगति पर हुई चर्चा
केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने ट्रांसमिशन लॉस कम करने पर म.प्र. की सराहना की
बिजली बैंकिंग व्यवस्था को डिफॉल्ट के दायरे से बाहर रखने का अनुरोध
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज केन्द्रीय ऊर्जा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह से श्रम शक्ति भवन नई दिल्ली में भेंट कर प्रदेश के वर्तमान ऊर्जा परिदृश्य से अवगत कराया और ऊर्जा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह को बताया कि मध्यप्रदेश ने एक साल में ट्रांसमिशन लॉस को 41 प्रतिशत से घटा कर 20 प्रतिशत तक ला दिया हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर में दुनिया का सबसे बड़ा 600 मैगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर प्लांट निर्माणाधीन है, जिसमें अब तक 300 मैगावाट के पी.पी.ए. समझौते किये जा चुके हैं। निकट भविष्य में मुरैना और छतरपुर जिलों में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जानी है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में ऊर्जा परियोजनाओं में ऊर्जा भंडारण की क्षमता भी विकसित की जा रही है, जिसमें अतिशेष ऊर्जा उत्पादन का भंडारण कर, कमी होने पर इसका उपयोग किया जा सकेगा। प्रदेश में सौर और वायु ऊर्जा पर आधारित हाइब्रिड संयंत्रों पर भी काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि बिजली की मांग पूरी करने के लिए राज्य बिजली बैंकिंग व्यवस्था पर निर्भर हैं। बिजली बैंकिंग व्यवस्था में मध्यप्रदेश अपनी अतिशेष विद्युत दूसरे राज्यों को देता है। फसलों की बोनी और सिंचाई के समय अधिक मांग होने पर उन राज्यों से बिजली वापस ली जाती है। इस बैंकिंग व्यवस्था में किसी भी प्रकार का वाणिज्यिक लेने-देन शामिल नहीं है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बिजली बैंकिंग व्यवस्था को डिफॉल्ट के दायरे से बाहर रखने का अनुरोध किया। उन्होंने प्राप्ति (PRAAPTI) पोर्टल पर राज्य के डिस्कॉम और उत्पादक कम्पनियों को एक्सेस प्रदान करने का भी अनुरोध किया, जिससे बिजली और भुगतान के आंकड़ों से संबंधित सूचनाएँ समय पर अपडेट की जा सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि सितम्बर माह में मध्यप्रदेश अपने ऊर्जा संयंत्रों का मेंटेनेन्स करता है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से मेंटेनेन्स के संबंध में भी अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया।
केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने ट्रांसमिशन लॉस कम करने पर मध्यप्रदेश की सराहना की। साथ ही मुख्यमंत्री श्री चौहान को सभी मुद्दों पर हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।