एमपी के बाढ़ प्रभावित गाँव और शहरों में 48 घंटे में व्यवस्था पुनर्स्थापित की जाए

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान ने कहा

साफ-सफाई, पेयजल और बिजली आपूर्ति को दें सर्वोच्च प्राथमिकता
नुकसान के आंकलन में गरीब परिवारों के प्रति उदारता और संवेदनशीलता का दृष्टिकोण रखें
प्रभावितों को आरबीसी 6-4 में उपलब्ध कराई जाएगी सहायता
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की प्रदेश में बाढ़ से निर्मित स्थिति की समीक्षा

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर बारिश कम हो गई है। अति-वृष्टि और बाढ़ से निर्मित स्थिति नियंत्रण में है। बाढ़ का पानी उतरते ही सभी प्रभावित गाँव और शहरों में 48 घंटे में व्यवस्था पुनर्स्थापित की जाए। साफ-सफाई, पेयजल और बिजली आपूर्ति की व्यवस्था बहाल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। राहत और पुनर्वास के कार्य भी तत्काल आरंभ हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान बाढ़ से हुई क्षति की व्यवस्थाओं को पुनर्स्थापित करने की कार्य-योजना तैयार करने के बारे में आज सुबह निवास कार्यालय पर बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम जनता को बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए हैं। यह सुनिश्चित करें कि हमारे कार्य से जनता में संतोष का भाव उत्पन्न हो। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित विभिन्न विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अति-वृष्टि और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत की त्वरित कार्यवाही के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, होमगार्ड, ऊर्जा और जल संसाधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बेहतर समन्वय और कर्त्तव्य के प्रति समर्पण का ही परिणाम है कि अति-वृष्टि और बाढ़ से प्रदेश में कोई जन हानि नहीं हुई। संतोष की बात यह है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल और बिजली आपूर्ति बहाल करने, क्षतिग्रस्त सड़कों, टूटे पुल-पुलिया सुधारने और स्वच्छता के लिए युद्ध स्तर पर कार्य आरंभ किया जाए। बीमारी नहीं फैले इसके लिए दवा छिड़काव और स्वास्थ्य परीक्षण आदि की व्यवस्था के लिए मेडिकल टीम गठित कर प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचायी जाये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति बहाल करने में मशीनों और आवश्यक अमले की कमी न हो। जरूरत होने पर अन्य जिलों से मशीनें और अमला उपलब्ध कराया जाए। कहीं पर भी संसाधनों की कमी नहीं आनी चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ और अति-वृष्टि से मकानों, घरों के सामान, फसलों और मवेशियों के नुकसान का आंकलन संवेदनशीलता के साथ पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित करें। नुकसान के आंकलन में गरीब परिवारों के प्रति उदारता का दृष्टिकोण रखा जाए। प्रभावितों को आरबीसी 6-4 में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित परिवारों के लिए आगामी कुछ दिनों की भोजन की व्यवस्था भी जिला प्रशासन करें। इसके बाद उन्हें सूखा राशन उपलब्ध कराया जा सकता है। जरूरतमंद लोगों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने और राहत कार्य में समाजसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस वर्ष असामान्य वर्षा हुई है। सुरक्षा की दृष्टि से बांधों का निरीक्षण आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि जल संसाधन विभाग और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण अपने अधीन आने वाले सभी छोटे-बड़े बांधों का सूक्ष्म निरीक्षण कराना सुनिश्चित करें।

बैठक में प्रदेश की प्रमुख नदियों के जल-स्तर, बांधों की स्थिति, बचाव कार्यों और राहत शिविरों की जानकारी दी गई। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री शैलेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री मलय श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास श्री अजीत केसरी, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री उमाकांत उमराव, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री मनीष सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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