भारत में अब मूल्य आधारित ध्येय-निष्ठ पत्रकारिता – मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान,भारत शीघ्र ही सारी दुनिया का नेतृत्व करेगा-सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत
भारत में अब मूल्य आधारित ध्येय-निष्ठ पत्रकारिता – मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश श्री शिवराज सिंह चौहान
पत्रकारिता में राष्ट्रवादी परंपरा का वाहक है स्वदेश समाचार-पत्र : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
आज स्वदेश-बोध की जागृति हो रही है
भारत शीघ्र ही सारी दुनिया का नेतृत्व करेगा
हमें वैश्विक एकता को प्राप्त करना है : सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत
मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं डॉ. मोहन भागवत ग्वालियर में स्वदेश के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए
एमपीपोस्ट, 27, नवम्बर 2021,भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत में अब मूल्य आधारित ध्येय-निष्ठ पत्रकारिता के युग की शुरूआत हुई है। स्वदेश समाचार-पत्र गत 50 वर्षों से यह कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय विचार एवं सटीक समाचार इस समाचार-पत्र की विशेषताएँ हैं। व्यवसायवादी एवं स्वार्थ-आधारित पत्रकारिता के कठिन दौर में भी स्वदेश ने पत्रकारिता के मूल्यों को नहीं छोड़ा। मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं डॉ. मोहन भागवत आज जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के अटल विहारी वाजपेयी सभागार में स्वदेश समाचार-पत्र समूह के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आजादी के पहले पत्रकारिता का ध्येय था कि राष्ट्र को कैसे स्वतंत्र किया जाए। आजादी के बाद पत्रकारिता में वामपंथी विचारधारा ने प्रमुख स्थान प्राप्त कर लिया और राष्ट्रवादी पत्रकारिता को संकीर्ण एवं समुदाय आधारित माना जाने लगा। स्वदेश ने प्रारंभ से ही राष्ट्रहित को सर्वोपरि माना। स्वदेश सच्चे अर्थों में पत्रकारिता में राष्ट्रवादी परंपरा का वाहक है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि अंग्रेजों के समय में हमारे मन का औपनिवेशीकरण हो गया था। आज भारत में स्वदेश-बोध की जागृति हो रही है। सारी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। दुनिया को भारत से एक नये रास्ते की अपेक्षा है। इस दायित्व को भारत अवश्य ही पूर्ण करेगा। भारत विश्वगुरू बनेगा और सारी दुनिया का नेतृत्व करेगा।
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि आज जहाँ दुनिया के अधिकांश देशों की सोच उपभोग एवं स्वार्थ आधारित है, वहीं भारत एकात्मवादी है। भारत के पास एक सोच है कि सारे विश्व का अस्तित्व एक है। हमारे लिये कोई पराया नहीं है, सारी दुनिया एक परिवार है। हमें इसी वैश्विक एकता को प्राप्त करना होगा। भारत को एकात्म, अखंड और सुरक्षित रहना ही होगा।
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि कोई भी संस्कृति तब तक विकास नहीं कर सकती जब तक वह अपने स्व को न पहचाने। अंग्रेजों ने हमें हमारे स्व से दूर करने का प्रयास किया परंतु अब हमने अपने स्व को पहचान लिया है। आज स्वदेश बोध की जागृति हो रही है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण स्वदेश के समूह संपादक श्री अतुल तारे ने दिया। आभार प्रदर्शन श्री प्रांशु शेजवलकर ने किया। समारोह में श्री कृष्ण त्रयंबक तांतेड़ ‘अन्ना जी’ एवं श्री अशोक सक्सेना को सम्मानित किया गया। कलाकारों द्वारा देश-भक्ति पूर्ण गीत “मैं रहूँ या ना रहूँ भारत ये रहना चाहिए” की भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम में जल संसाधन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य-विकास मंत्री श्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, आरएसएस के मध्य क्षेत्र संघ संचालक श्री अशोक सोनी, श्री यशवर्धन आदि उपस्थित थे।