कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्ययोजना विकसित की जाएगी – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
कोरोना पर गठित राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक
नोबल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी सहित विशेषज्ञों ने दिए सुझाव
एमपीपोस्ट,15,अप्रैल 2021,। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के विस्तार को देखते हुए नियंत्रण के लिए जन जागरूकता के साथ-साथ इलाज संबंधी व्यवस्था के लिए सभी प्रयास जारी हैं। इस आपदा और चुनौती का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र के साथ-साथ वरिष्ठ चिकित्सकों, जनसंचार क्षेत्र में दीर्घ अनुभव रखने वाले व्यक्तियों, मेडिकल एसोसिएशन, नर्सिंग होम एसोसिएशन और जनसरोकार से जुड़े व्यक्तियों के सुझाव लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए गठित राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग ले रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सलाहकार समिति से प्राप्त सुझावों के आधार पर कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्ययोजना विकसित की जाएगी।
बैठक में नोबल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति श्री के.जी. सुरेश, वरिष्ठ पत्रकार श्री शरद द्विवेदी, सीआईआई मध्यप्रदेश के चेयरमैन श्री सौरभ सांगला, सेवा भारती भोपाल के क्षेत्र संगठन मंत्री श्री रामेन्द्र सिंह, मध्यप्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जीतेन्द्र जामदार, एम्स भोपाल के निर्देशक डॉ. सरमन सिंह, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनूप निगम तथा वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. निशांत खरे (इंदौर) तथा भोपाल के डॉ. राजेश सेठी, डॉ. अभिजीत देखमुख और डॉ. एस.पी. दुबे सम्मिलत हुए।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के नियंत्रण और जनजागरूकता के लिए संचालित की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण दिया। समिति सदस्यों द्वारा कोरोना संक्रमण के प्रबंधन के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।
समाज की सोच को बदलने की आवश्यकता
नोबल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी ने कोरोना संक्रमण के प्रबंधन और इस संबंध में जागरूकता के लिए समाज की सोच को बदलने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रभावी जनसंचार रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है। सामाजिक चेतना जगाने के लिए धर्मगुरूओं का सहयोग लेने, आपदा प्रबंधन के साथ-साथ सूचनाओं के संबंध में सटीक व सही जानकारियों के प्रसार की प्रभावी व्यवस्था विकसित करनी होगी। सही समय पर टेस्ट की व्यवस्था और कोरोना संक्रमण के विरूद्ध बेहतर कार्य कर रहे लोगों को सम्मान के लिए भी आवश्यक कार्य किया जाना चाहिए।
संस्थाओं, कार्यालयों में गठित हो कोविड रिस्पांस टीम
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति श्री के.जी. सुरेश ने संस्थाओं, कार्यालयों में कोविड रिस्पांस टीम गठित करने का सुझाव दिया। कोविड प्रभावित परिवारों को आवश्यकतानुसार सहयोग प्रदान करने में यह टीम प्रभावी होगी। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड आदि का सहयोग लेने का भी सुझाव दिया। श्री के.जी. सुरेश ने कहा कि अफवाहों पर नियंत्रण लगाने और सही स्थिति सामने लाने के लिए फैक्ट चेक की व्यवस्था, रेडिया जॉकी, आर.जे., टी.वी. एंकर आदि को भी कोरोना से संबंधित संदेशों के प्रचार-प्रसार में सहयोगी बनाना होगा। इसके साथ ही मीडिया में सनसनी के स्थान पर संवेदनशील रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करना होगा।
श्रमिकों के पलायन को रोकने लिए प्रभावी प्रयास आवश्यक
सीआईआई मध्यप्रदेश के चेयरमैन श्री सौरभ सांगला ने कहा कि श्रमिकों का पलायन न हो इसके लिए प्रभावी प्रयास आवश्यक हैं। प्रदेश में जिन छोटी जगहों पर औद्योगिक गतिविधियां अधिक हैं वहां पर्याप्त अस्पताल सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। श्री सांगला ने कहा कि जिन उद्योगों के पास खाली या आधे भरे ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, वे ऐसे सिलेंडर यदि राज्य शासन को सौंपते हैं तो अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति में सहयोग मिलेगा।
ऑक्सीजन सेचुरेशन के संबंध में एडवाइजरी जरूरी
मध्यप्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जीतेन्द्र जामदार ने कहा कि ऑक्सीजन सेचुरेशन के संबंध में एडवाइजरी जारी कर इसे 92 प्रतिशत निर्धारित करने की आवश्यकता है। इससे ऑक्सीजन का किफायती उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा। डॉ. जामदार ने मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज के फाइनल ईयर के विद्यार्थियों का उपयोग करने संबंधी सुझाव भी दिया। निजी अस्पतालों को आवश्यक अधोसंरचना का विस्तार करने के सरल लोन उपलब्ध कराने, स्कूल, शादी हॉल आदि का भी कोविड केयर सेंटर के रूप में उपयोग करने और रेमडेसिविर के साथ-साथ अन्य समान प्रभावी इंजेक्शनों की उपलब्धता जिलों और अस्पतालों में सुनिश्चित करने के सुझाव दिए।
कोविड सेंटरों की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो
सेवा भारती भोपाल के क्षेत्र संगठन मंत्री श्री रामेन्द्र सिंह ने कोविड सेंटरों की जानकारी आसानी से उपलब्ध कराने के लिए एप्लीकेशन विकसित करने, जिला चिकित्सालयों को सशक्त करने, जिला स्तर पर जनजागरण अभियान में सामाजिक संगठनों को जोड़ने और टीकाकरण अभियान को गति देने की आवश्यकता बताई।
सोशल वैक्सीन है मास्क
एम्स भोपाल के निर्देशक डॉ. सरमन सिंह ने कहा कि यह सोशल बीमारी अधिक है और मास्क इस बीमारी का सोशल वैक्सीन है। डॉ सिंह ने ट्रेकिंग को बढ़ाने, ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और होम क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों को सभी आवश्यक सामग्री घर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था स्थापित करने की आवश्यकता बताई। इससे उनके घर से निकलने की संभावना और आवश्यकता को पूर्णत: शून्य किया जा सकेगा। जिससे संक्रमण फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।
मास्क के लिए बच्चों की गुहार पर केन्द्रित हो मनुहार अभियान
इंदौर के डॉ. निशांत खरे ने माइक्रो कंटेनमेंट स्ट्रेटर्जी का ठीक से पालन करने, मास्क के लिए लोगों को भावनात्मक स्तर पर प्रेरित करने के उद्देश्य से बच्चों की ओर से गुहार पर आधारित मनुहार अभियान चलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई लंबी और असाधारण है। अत: इसे जनांदोलन बनाना होगा।
मैदानी स्तर पर काम करने वालों का मनोबल बनाए रखें
वरिष्ठ पत्रकार श्री शरद द्विवेदी ने कहा कि पैनिक कंट्रोल पर नियंत्रण आवश्यक है। इसके लिए संक्रमण रोकने के लिए जारी गतिविधियों के सकारात्मक पक्ष को मीडिया में अधिक प्रभावी तरीके से रखना होगा। मैदानी स्तर पर काम करने वाली टीम का मनोबल बनाए रखना और उन्हें निरंतर प्रोत्साहित करना भी आवश्यक है। बाजारों के ऑड-ईवन सिस्टम पर संचालन और सही समय पर जाँच की व्यवस्था के संबंध में भी सुझाव दिए गए।
पैरामेडिकल और नगर निगम कर्मियों की संक्रमण से सुरक्षा आवश्यक
भोपाल के डॉ. राजेश सेठी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के विरूद्ध लड़ाई लंबी है। हेल्थ केयर वर्कर, नगर निगम के कर्मचारी आदि मैदानी स्तर पर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। इनकी संक्रमण से बेहतर सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय जरूरी हैं। अत: इन कार्यकर्ताओं को बेहतर किट और बचाव सामग्री उपलब्ध कराना आवश्यक है। इसके साथ ही इनके इलाज के लिए भी अभी से विशेष व्यवस्था करना होगी।
टीकाकरण की न्यूतनम आयु को कम करना आवश्यक
डॉ. अभिजीत देशमुख ने टीकाकरण के लिए न्यूनतम आयु 45 वर्ष को कम करने की आवश्कता बताई। डॉ. एस.पी. दुबे ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए पहल आवश्यक है। डॉ. अनूप निगम ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध वरिष्ठ चिकित्सकों तथा सलाहकारों की भी सेवाएं ली जानी चाहिए। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजों में विद्यमान कम्युनिटी मेडिसीन विभाग की विशेषज्ञता का उपयोग हॉट स्पॉट एरिया को चिन्हित करने में किया जाना चाहिए। डॉ. निगम में एम्बूलेंस संचालन व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता भी बताई।