मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कृषि विभाग का अमला भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों से निरंतर सम्पर्क में रहे। प्रदेश में वर्षा की स्थिति और उससे संबंधित पूर्वानुमान के आधार पर किसानों को खरीफ की फसल के संबंध में समझाइश दी जाए। यदि कम वर्षा की संभावना हो तो कम पानी में होने वाली वैकल्पिक फसल लेने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मौसम के पूर्वानुमान पर मंत्रालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। किसान कल्याण मंत्री श्री कमल पटेल बैठक में वर्चुअली सम्मिलित हुए। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह सहित मौसम विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जानकारी दी गई कि चंबल क्षेत्र में 44 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई है। क्षेत्र में 16 प्रतिशत बुवाई हुई है। सोयाबीन के रकबे में 10 लाख हेक्टेयर की कमी आयी है। मक्का की बुवाई सामान्य है।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में प्रदेश में वर्षा की संभावना है। प्रदेश के 16 जिलों में अब तक सामान्य वर्षा हुई है, जबकि 33 जिलों में वर्षा औसत से कम है। सामान्य से अधिक वर्षा केवल सिंगरौली जिले में दर्ज की गई है।