मध्यप्रदेश को स्वच्छता में देश में नंबर वन बनाना है, मास्क लगाकर, दूरी बनाकर कोरोना को हराना है -सीएम शिवराज सिंह चौहान
सुंदर, स्वच्छ, स्वस्थ, आधुनिक, झुग्गीमुक्त और रोजगार युक्त शहर बनायेंगे – मुख्यमंत्री श्री चौहान
मिशन नगरोदय के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जारी किये 3 हजार 112 करोड़ रूपये
स्व-रोजगार के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना शुरू होगी
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रोटी, कपड़ा और मकान, पढाई-लिखाई, दवाई और रोजगार का इंतजाम नगरीय विकास का विजन है। मुख्यमंत्री श्री चौहान मिशन नगरोदय के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 3,112 करोड़ 81 लाख रूपये लागत की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं में हितलाभ वितरित किये और नगरीय अधोसंरचनाओं का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी 407 नगरीय निकायों में किया गया।
नगरों के विकास के लिए 70 हजार करोड़ रूपये खर्च होंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वच्छता है तो स्वास्थ्य है और स्वास्थ्य है तो आनंद है। अत: प्रदेश को स्वच्छता में देश में नंबर वन बनाने के लिए हम सब को मिलकर संकल्प लेना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम सब मास्क लगाकर और दूरी बनाकर कोरोना को हराने का संकल्प भी ले। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वृक्षारोपण के लिए सभी को प्रेरित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में सबको स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना आरंभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगले पाँच वर्षों में नगरों के विकास के लिए 70 हजार करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। विकास और जन-कल्याण का कार्य लगातार जारी रहेगा। सड़क, बिजली, पानी, अडंरग्राउण्ड सीवेज और हर घर में नल से जल की व्यवस्था होगी।
कार्यक्रम से जुड़े सभी नगरीय निकाय
मोतीलाल नेहरू स्टेडियम भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओम प्रकाश सखलेचा, खजुराहो सांसद श्री वी.ड़ी. शर्मा, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीतेश व्यास सहित जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। वर्चुअल आधार पर आयोजित इस कार्यक्रम से सभी नगरीय निकाय जुड़े थे। कार्यक्रम में समस्त मंत्री, सांसद, विधायक भी कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े।
अधोसंरचना, पेयजल शुद्धिकरण और स्वच्छता पर तीन नए कार्यक्रम आरंभ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मिशन नगरोदय में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत करीब एक लाख 60 हजार से अधिक परिवारों को प्रथम एवं द्वितीय किस्त की राशि करीब 1602 करोड़ रूपये के वितरण की शुरूआत की। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में 407 नगरीय निकायों और 5 छावनी क्षेत्रों के एक लाख हितग्राहियों को 100 करोड़ रूपये वितरित किये गये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत नगरीय निकायों को विकास कार्यों के लिये करीब 810 करोड़ रूपये की राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना फेस-3 के अंतर्गत अमृत योजना, स्मार्ट सिटी और निकाय मद के 500 करोड़ रूपये की लागत के विकास कार्यों का भूमि-पूजन और शिलान्यास किया। नगरीय क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत और निर्माण के लिए 100 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि जारी की गयी। निकाय स्तर पर पंचवर्षीय विकास योजना का रोडमैप तैयार किया गया है। अगले पाँच वर्ष में नगरीय निकायों के विकास के लिये 44 हजार करोड़ रूपए के रोडमैप का विमोचन किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना फेस-4, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल शुद्धिकरण योजना और मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता मिशन आरंभ करने की घोषणा भी की।
शहीदों की जन्म-स्थली और कर्म-स्थली पर होंगे विशेष कार्यक्रम
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के अंतर्गत गतिविधियाँ आरंभ हो चुकी हैं। उन्होंने आजादी के योद्धाओं को नमन करते हुए कहा कि उनकी स्मृति में प्रदेश के सभी जिलों में कार्यक्रम होंगे। शहीदों की जन्म-स्थली और कर्म-स्थली पर विशेष कार्यक्रम किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहाने ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार मानते हुए कहा कि कोरोना के कठिन काल में आपदा को अवसर में बदलने का विजन और सामर्थ्य प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों से ही संभंव हो पाया।
आगले चार वर्ष में हर गरीब को मिलेगा घर या फ्लेट
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगले चार वर्षों में मध्यप्रदेश में कोई भी गरीब ऐसा नहीं होगा, जिसका अपना घर या फ्लेट न हो। नगरों में आवागमन की सुविधाजनक व्यवस्था के लिए सिटी बस सेवा, ई-रिक्शा और पार्किंग के बेहतर इंतजाम किए जाएंगे। पार्क, पुस्तकालय, दीनदयाल रसोई केन्द्रों की संख्या बढ़ाने, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों को विशेष सुविधाएँ, निराश्रितों के लिए शेल्टर होम्स, गुणवत्ता शिक्षा के लिए सीएम राइज स्कूल और चिकित्सा सुविधा के लिए संजीवनी मुहल्ला क्लीनिक की व्यवस्था की जा रही है।
अवैध कॉलोनियाँ होगी वैध
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर शहर का अपना मास्टर प्लान और आपदा प्रबंधन प्लान होगा। धार्मिक स्थलों के कायाकल्प, धरोहर के संरक्षण के लिए भी लगातार कार्य जारी हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई भी अवैध कॉलोनी विकसित नहीं होने दी जायेगी। इसके लिए शासकीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
अतिक्रमण हटाने में गरीबों को परेशान नहीं किया जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर कानून का राज चलेगा। किसी माफिया की मनमर्जी नहीं चलने दी जायेगी। भू-माफिया, कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। महिला सुरक्षा के लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध है। बहन-बेटियों पर ज्यादती करने वाले 72 लोगों को फाँसी की सजा सुनाई जा चुकी है। जीवन को सुखद बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ जारी हैं। नागरिकों को सामान्य गतिविधियों के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़े, इसके लिए आय प्रमाण-पत्र, खसरा-खतौनी की नकलें, बिल जमा कराने और विभिन्न अनुमतियाँ ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। शहरों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए भी अभियान जारी है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अतिक्रमण मुक्ति के लिए चलाये जा रहे अभियानों में गरीब व्यक्ति परेशान नहीं हो।
सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में संकट को अवसर में बदला गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा पूर्व में 75 हजार आवासहीनों को गृह प्रवेश करवाया गया। गरीबों के खाते में बिना बिचौलियों के राशि देना संभव हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पारदर्शी शासन व्यवस्था दी है।
आज सौगातों का दिन – मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि आज का दिन सौगातों का दिन है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की गरीब के प्रति संवेदनशीलता के परिणाम स्वरूप ही कोरोना की कठिन परिस्थितियों में प्रदेश के नागरिकों को विभिन्न राहतें मिलती रही। हर गरीब का अपना घर हो, उसे सभी मूलभूत सुविधाएँ मिले, यह मुख्यमंत्री श्री चौहान का निरंतर प्रयास रहा है। श्री सिंह ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है, जिसमें मुख्यमंत्री श्री चौहान नगरीय निकायों के लिये सौगातों की बौछार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 3 हजार करोड़ से अधिक राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से नगरीय निकायों को दी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), पी.एम. स्वनिधि, मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद और सड़कों की मरम्मत आदि के लिए राशि जारी की जा रही है। श्री सिंह ने बताया कि स्वच्छता में इंदौर और स्मार्ट सिटी में भोपाल देश में नम्बर वन है।
नगरीय विकास पर लघु फिल्म का हुआ प्रदर्शन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कन्या-पूजन कर कार्यक्रम का आरंभ किया। इस अवसर पर नारी सम्मान गीत प्रस्तुत किया गया। भोपाल नगर पालिका निगम द्वारा किये गये विकास कार्यों पर केन्द्रित प्रदर्शनी और नगरीय विकास को रेखांकित करती लघु फिल्म का प्रस्तुतिकरण भी हुआ। कार्यक्रम में पूर्व सांसद श्री आलोक संजर, पूर्व मंत्री श्री उमा शंकर गुप्ता, पूर्व विधायक श्री धुव्रनारायण सिंह और पूर्व महापौर श्री आलोक शर्मा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में भोपाल नगर निगम क्षेत्र के हितग्राहियों को हित लाभ भी वितरित किये गये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीय निकायों के पंचवर्षीय विकास के 44 हजार करोड़ रुपए के रोड मैप का विमोचन भी किया। इसके साथ ही भोपाल नगर निगम की पुस्तिका ‘विकास के सोपान’ का विमोचन भी किया गया।
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं का आव्हान करते हुए कहा कि आइये संकल्प लें हम देश के लिए जिएंगे
प्रदेश के विद्यार्थी स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य से होंगे रू-ब-रू
विद्यार्थी करेंगे शहीदों के तीर्थ स्थल अंडमान-निकोबार की यात्रा
आजादी के अमृत महोत्सव पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं का आव्हान करते हुए कहा कि आइये संकल्प लें कि हम देश के लिए जिएंगे। भारत माता की गरिमा, सम्मान, वैभव और जिन जीवन मूल्यों के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी उन्हें चरितार्थ करने, सभी देशवासियों के लिए अवसरों की समानता सुनिश्चित करने और प्रगति तथा विकास के नए आयाम स्थापित करने के लिए हरसंभव परिश्रम करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आजादी के अमृत महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर शौर्य स्मारक भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष और बलिदान से युवा पीढ़ी को परिचित कराने के लिए प्रतिवर्ष प्रदेश के कुछ चिन्हित विद्यार्थियों को शहीदों के तीर्थ स्थल अंडमान-निकोबार की यात्रा पर भेजा जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी में देश प्रेम, समर्पण और बलिदान की भावना बलवती होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह प्रयास होगा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में एन.सी.सी. और एन.एस.एस. आरंभ हों।
कार्यक्रम में खजुराहो सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री वी.डी. शर्मा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, पूर्व महापौर श्री आलोक शर्मा, फिल्म निर्माता तथा निर्देशक श्री प्रकाश झा, प्रमुख सचिव संस्कृति तथा जनसंपर्क श्री शिवशेखर शुक्ला और बड़ी संख्या एन.सी.सी तथा एन.एस.एस. के विद्यार्थी उपस्थित थे।
क्रांतिकारियों पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम का आरंभ कन्या पूजन से किया। इसके साथ ही महात्मा गांधी, सरदार पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की। महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और मध्यप्रदेश के क्रांतिकारियों पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा किया गया। इस अवसर पर वंदे मातरम का गायन हुआ और वैष्णव जन ते ….. भजन भी प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शौर्य स्तंभ पर पुष्पचक्र और भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
बारिश की बौछारों को आनंद उत्सव बनाया मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री श्री चौहान शौर्य स्मारक में आजादी के अमृत महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बारिश की बौछार होने पर मंच से नीचे विद्यार्थियों के बीच उतर आए और वहीं से विद्यार्थियों को संबोधित किया। कुछ मिनिट बाद बारिश थम गई, तो उन्होंने विद्यार्थियों से कहा देखो बारिश भी तुम से पराजित हो गई। इसके पहले कार्यक्रम के दौरान बूंदाबांदी शुरु होने और फिर बौछार तेज होने पर उन्होंने विद्यार्थियों को विचलित होते देख कहा, क्या आप यह बारिश झेल लेंगे, कार्यक्रम चलता रहे। विद्यार्थियों ने कहा हम सब सुनेंगे, तब मुख्यमंत्री श्री चौहान मंच के नीचे उतरे और विद्यार्थियों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बारिश की बौछारों को आनंद उत्सव बना दिया। उनके संबोधन से विद्यार्थी भी उत्साहित हो गए।
मुख्यमंत्री ने सुनाई स्वतंत्रता सेनानियों के शहीद होने की गाथा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित करने केलिए आभार मानते हुए कहा कि 12 मार्च को ही महात्मा गांधी द्वारा दांडी यात्रा आरंभ की गई थी। देश को आजादी अंग्रेजों ने तश्तरी में रखकर नहीं दी थी। अपितु हजारों- हजार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहूतियाँ दीं, तब जाकर देश स्वतंत्र हुआ। इसमें मध्यप्रदेश के रणबॉकुरों की शहादत भी सदैव स्मरणीय रहेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास लेखन में कई सेनानियों के नाम छूटे हैं। भूले-बिसरे इन सेनानियों को सम्मिलित करते हुए उनकी शहादत से भी आगे आने वाली पीढ़ी को परिचित कराना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चंद्रशेखर आजाद, शहीद भगत सिंह तथा अंडमान-निकोबार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर अंग्रेजों द्वारा की गई जुल्म और ज्यादतियों के बारे में भी विस्तार से बताया।
प्रदेश में होंगे व्यापक स्तर पर आयोजन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्वाधीनता संग्राम की स्मृतियों को सहेजने और संवारने के लिए उन सभी स्थानों पर जहाँ विदेशी आक्रान्ताओं से संघर्ष और उन्हें देश से बाहर खदेड़ने के लिए भारतीय जन ने शौर्य प्रदर्शित किया, वहाँ कार्यक्रम किये जाएंगे।
30 हजार सैनिकों के शौर्य की पहचान है शौर्य स्मारक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी देश की रक्षा करने और उसकी एकता को बनाए रखने के लिए हमारी सेनाओं ने अद्भुत शौर्य और बलिदान का परिचय दिया है। देश में स्वतंत्रता के बाद लगभग 30 हजार सैनिक विभिन्न युद्धों और संघर्षों में शहीद हुए हैं। इन शहीदों की स्मृति में स्मारक स्थापित करने का विचार 2010 में आया, तभी से शौर्य स्मारक के निर्माण की पहल हुई। शौर्य स्मारक में भारत माता की प्रतिमा भी स्थापित की गई।
खजुराहो सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि स्वतंत्र भारत की युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से अवगत कराने में आजादी के अमृत महोत्सव की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। श्री वी.डी. शर्मा ने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना। उन्होंने युवा पीढ़ी से देश की प्रगति और उन्नति के लिए संकल्प लेने का आव्हान किया। कार्यक्रम समापन राष्ट्र-गान से हुआ।
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एमपी की बालक-बालिकाओं की समान जन्म दर वाली पंचायत को दिया जायेगा 2 लाख रुपये का पुरस्कार
एक साल में विवाद और एफआईआर नहीं होने वाली पंचायत को भी मिलेगा दो लाख रुपए का पुरस्कार-
मध्यप्रदेश क्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
मध्यप्रदेश क्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 12 मार्च 2021 को घोषणा की है कि ऐसी ग्राम पंचायत, जहाँ बालक-बालिकाओं की जन्म दर का अनुपात समान है, को दो लाख रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी ग्राम पंचायत, जिसमें एक साल से विवाद न हुआ हो और न ही कोई एफआईआर दर्ज हुई हो, को भी दो लाख रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज सीहोर जिले के ग्राम खैरी सिलगेना में आयोजित कार्यक्रम में ये घोषणाएँ की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ग्राम खैरी सिलगेना में शिव यज्ञ में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों की भलाई के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम दिन-रात लोगों के विकास और कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कोरोना काल का उल्लेख करते हुए कहा कि संकट के समय में प्रदेश सरकार ने गरीबों, किसानों, मजदूरों और जरूरतमंदों को राहत देने का काम किया है। उन्होंने बताया कि ऐसे जरूरतमंद वर्गों के खातों में एक लाख 18 हजार करोड़ रुपये पेंशन, छात्रवृत्ति, किसान सम्मान निधि और अन्य राहत के रूप में जमा कराये गये हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना के साथ ही बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है। बेटियों के साथ होने वाली हिंसा और अपराध को रोकने के लिए कानून बनाया गया है। अभी तक 72 लोगों को इस कानून के तहत फाँसी की सजा सुनाई गई है। उन्होंने सभी से आव्हान किया कि बेटा-बेटी में फर्क न करें, दोनों एक समान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों और स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का ही परिणाम है कि प्रदेश में 56 प्रतिशत महिलाएँ चुनाव जीतकर आईं और बेहतर ढंग से पंचायतों और निकायों को चला रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गौ-संरक्षण के लिए सरकार के साथ समाज को भी आगे आना होगा, तभी इसके सार्थक परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जो गौ-शालाएँ जन-भागीदारी से संचालित हो रही हैं, उनके परिणाम बहुत अच्छे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराधियों और रसूखदार अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। अनेक शहरों में बड़े-बड़े अतिक्रमण हटाये गये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीब मेधावी बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित न रहें, इसके लिए सरकार आईटीआई, मेडिकल और अन्य तकनीकी पढ़ाई का खर्च उठायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बिगड़ते पर्यावरण पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सभी लोग पेड़ लगायें, विशेष रुप से जब बच्चों का जन्म-दिन हो या विवाह की वर्षगाँठ। साथ ही अनेक सभी विशेष अवसरों पर पेड़ लगाना चाहिए। इससे पर्यावरण में सुधार आयेगा। उन्होंने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ी को शुद्ध वातावरण देना है। इसलिए हम सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना होगा।
नक्षत्र वाटिका का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका का लोकार्पण कर पौध-रोपण भी किया। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है और जन-सेवा से जो पुण्य मिलता है, उससे बड़ा कोई पुण्य नहीं है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम के प्रारंभ में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, शांति और कल्याण की कामना की। सांसद श्री रमाकांत भार्गव और अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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एमपी में ग्रामीण कृषि विस्तार एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा 2020 के संबंध में वस्तुस्थिति
मध्यप्रदेश के प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मध्यप्रदेश, शासन,भोपाल के अन्तर्गत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के 791 एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के 72 इस प्रकार कुल 863 पदों हेतु भर्ती परीक्षा का आयोजन दिनाँक 10/2/2021 एवं 11/02/2021 को कुल तीन पालियों में किया गया था। उक्त परीक्षा में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी हेतु 19971 एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी हेतु 8132 अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन किया गया था। यह परीक्षा मध्यप्रदेश के 13 शहरों के 57 परीक्षा केन्द्रों में आयोजित की गई थी, जिसमें अभ्यर्थियों का उपस्थिति प्रतिशत 82.92 प्रतिशत रहा।
अगस्त 2015 से पी.ई.बी. द्वारा ऑनलाईन पद्धति से परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है एवं तत्समय से ही परीक्षा प्रणाली को और सुदृढ़, सुचितापूर्ण एवं पारदर्शी बनाये जाने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में परीक्षा समाप्ति के समय ही अभ्यर्थियों को उनके सही उत्तरों की संख्या/अंक प्रदर्शित किये जाते हैं। पूर्ण परीक्षा की समाप्ति के पश्चात् परीक्षा में आये प्रश्नों पर अभ्यर्थियों से आपत्तियां आमंत्रित की जाती हैं। नवम्बर-2020 से यह प्रक्रिया ऑनलाईन माध्यम से प्रारंभ की गई है। जिसमें पी.ई.बी. के पोर्टल पर प्रदर्शित लिंक के माध्यम से केवल अभ्यर्थी अपना रोल नम्बर, जन्मतिथि, परीक्षा तिथि एवं पाली को अंकित कर अपनी उत्तर पुस्तिका को मॉडल उत्तर कुंजी सहित देख सकता है तथा आपत्तिगत प्रश्नों पर ऑनलाइन अभ्यावेदन कर सकता है। तत्पश्चात आपत्तिगत प्रश्नों को विषय-विशेषज्ञों की कुंजी-समिति के समक्ष निर्णय हेतु रखा जाता है एवं समिति की अनुशंसा अनुसार निरस्त किये गये प्रश्नों/विकल्प परिवर्तन किए गए प्रश्नों के अनुसार अंकों में परिवर्तन किया जाता है। किसान कल्याण भर्ती परीक्षा हेतु प्रश्नों पर आपत्ति हेतु ऑनलाईन अभ्यावेदन प्रक्रिया दिनांक 17.02.2021 से प्रारंभ की गई थी एवं 07 दिवस पश्चात् दिनांक 23.02.2021 को समाप्त की गई।
पी.ई.बी. द्वारा आयोजित परीक्षाएँ, जो एक से अधिक पॉलियों में आयोजित की जाती हैं, में यह संभव है कि भिन्न-भिन्न पॉलियों में प्रश्नों के कठिनता स्तर भिन्न-भिन्न हों एवं अंतिम चयन सूची में किसी एक विशेष पॉली जिसमें तुलनात्मक रूप से सरल प्रश्न आये हों, से ही अभ्यर्थियों का चयन हो जाए। अतः पी.ई.बी. द्वारा पालियों में आए प्रश्नों के कठिनता स्तर के अनुसार अंकों को समरूप करने हेतु परीक्षा परिणाम में नार्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। जो एक सांख्यिकी सूत्र पर आधारित है, जिसमें पालियों में अभ्यर्थियों के औसत अंक एवं अंको के स्डेण्डर्ड डेविएशन का उपयोग किया जाता है। यह सांख्यिकी सूत्र मान. उच्च न्यायालय, मध्यप्रदेश द्वारा याचिका क्रमांक- 8083/2016, 8124/2016, 8434/2016 एवं 8609/2016 एवं अन्य में पारित आदेशों में भी अधिमान्य किया गया है।
वर्तमान में उक्त परीक्षा हेतु विषय-विशेषज्ञों की कुंजी समिति की बैठक एवं नार्मलाइजेशन प्रक्रिया संपन्न नहीं हुई है, इसके पश्चात ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जायेगा। समाचार-पत्रों में उल्लेख हो रहा है कि पी.ई.बी. द्वारा परीक्षाओं का संचालन अन्य राज्यों में ब्लैकलिस्टेड एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है, जिसके संबंध में लेख है कि पी.ई.बी. द्वारा अनुबंधित परीक्षा संचालन एजेंसी एवं प्रश्न-पत्र निर्माण एजेंसी का चयन पूर्णतः पारदर्शी टेण्डर प्रक्रिया के तहत किया गया जिसमें एजेंसियों द्वारा ब्लैकलिस्ट नहीं होने संबंधी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया है। दिनांक 17.02.2021 के उपरांत किसी एक विशेष क्षेत्र के अभ्यर्थियों को अधिक अंक प्राप्त होने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं। परीक्षा से संबंधित समस्त डाटा, सी.सी.टी.व्ही. फुटेज तथा सर्वर लॉग डिटेल की जॉच हेतु पी.ई.बी. द्वारा MPSEDC से सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। जिनके द्वारा संपूर्ण परीक्षा संचालन प्रक्रिया तथा डाटा ट्रांसफर की प्रणालियों का भी परीक्षण किया जा रहा है। जाँच प्रतिवेदन शीघ्र अपेक्षित है। जिसकी प्राप्ति के उपरांत ही पी.ई.बी. द्वारा उक्त परीक्षा के परीक्षा परिणाम घोषणा के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
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मध्यप्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लिए कम्प्यूटर कौशल विकास केन्द्र
पिछड़ी जनजाति की कन्याओं के शिक्षण के लिये विशिष्ट आवासीय विद्यालय
भोपाल में बैगा, भारिया और सहरिया के लिये संयुक्त सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना
प्रदेश के पिछड़ी जनजाति बहुल क्षेत्रों में रहने वाली बैगा, भारिया और सहरिया समुदाय की करीब 7 हजार कन्याओं की उत्कृष्ट शिक्षण व्यवस्था के लिये 16 कन्या शिक्षा परिसर संचालित किये जा रहे हैं। यह कन्या शिक्षा परिसर बालाघाट, मण्डला, डिण्डोरी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर और शिवपुरी जिले में संचालित किये जा रहे हैं।
कम्प्यूटर कौशल विकास केन्द्र
विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल क्षेत्रों में बैगा, भारिया और सहरिया युवाओं के कम्प्यूटर कौशल का प्रशिक्षण देने के लिये छिन्दवाड़ा, शहडोल, मण्डला, शिवपुरी एवं डिण्डोरी जिले में कम्प्यूटर कौशल केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। यह केन्द्र करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किये जा रहे हैं। प्रत्येक केन्द्र में प्रतिवर्ष 100 युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था रहेगी।
सांस्कृतिक केन्द्रों की स्थापना
विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के संस्कृति संवर्धन एवं संरक्षण के लिये श्योपुर, डिण्डोरी एवं छिन्दवाड़ा जिले में 17 करोड़ 70 लाख रुपये की लागत से सांस्कृतिक केन्द्र-सह-आजीविका संवर्धन केन्द्रों की स्थापना की जा रही है। इन केन्द्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा युवाओं को आजीविका के लिये प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था भी रहेगी। भोपाल में बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किये जाने के मकसद से संयुक्त सांस्कृतिक केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश में जनजाति कार्य विभाग द्वारा संयुक्त सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना पर करीब 18 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं।