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सीएम एमपी ने कहा तीनों किसान कानूनों से किसानों को लाभ ही लाभ 18 दिसम्बर को 35 लाख किसानों के खातों में फसल नुकसानी के 1600 करोड़ रूपए डाले जाएंगे

 

मुख्यमंत्री एमपी शिवराज सिंह ने जबलपुर में किसान सम्मेलन को संबोधित किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार निरंतर किसानों के हित में काम कर रही है। तीनों किसान कानूनों से किसानों का लाभ ही लाभ है। आगामी 18 दिसम्बर को प्रदेश के 35 लाख किसानों के खातों में बाढ़ से उनकी फसलों को हुए नुकसान की मुआवजा राशि के रूप में 1600 करोड़ रूपए डाले जायेंगे। पिछली सरकार ने जो कर्ज की गठरी किसानों के सर पर लाद दी थी, हम उसे शीघ्र उतारेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज जबलपुर में किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, श्री बी.डी. शर्मा, श्री ओमप्रकाश धुर्वे, श्री गौरीशंकर बिसेन, श्री अजय विश्नोई आदि उपस्थित थे।
माफियाओं को मसल कर रख दूँगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सुशासन हमारी प्राथमिकता है। प्रदेश में गुंडों, बदमाशों एवं माफियाओं के खिलाफ सघन कार्यवाही चल रही है, मैं माफियाओं को मसल कर रख दूँगा। इनकी आर्थिक कमर तोड़ दी जाएगी। साथ ही भू-माफियाओं से पूरी जमीन भी वापस ली जाएगी।
विपक्षी किसानों के विरूद्ध पाप का प्राश्यचित्त करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की पिछली सरकार ने किसानों के विरूद्ध जो पाप किए थे उनका वे उपवास के माध्यम से प्राश्यचित्त करें। पिछली सरकार ने किसानों की फसल बीमा के प्रीमियम की 2200 करोड़ रूपए राशि जमा नहीं की, जिससे उन्हें फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पाया। हमारी सरकार ने वह राशि जमा कर किसानों को यह लाभ दिलवाया। पिछली सरकार ने किसानों के कर्ज माफी की घोषणा के बाद उनका कर्ज माफ नहीं किया तथा उनके सिर पर ब्याज की गठरी लादकर उन्हें डिफाल्टर बना दिया, हम उसे उतारेंगे।
किसान सम्मान निधि की सूची नहीं भेजी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पुरानी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के किसानों की सूची केन्द्र सरकार को नहीं भिजवाई, जिसके कारण मध्यप्रदेश के किसानों को मिलने वाली 6-6 हजार रूपए की राशि नहीं मिल पायी। हमारी सरकार ने न केवल प्रदेश के सभी किसानों की सूची तुरंत केन्द्र भिजवाई अपितु केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष किसानों को दिये जाने वाली 6-6 हजार रूपए की राशि के अतिरिक्त मध्यप्रदेश सरकार की ओर से 4-4 हजार रूपए की राशि देने की योजना भी बनाई। अब प्रतिवर्ष किसानों को कुल 10-10 हजार रूपए की सम्मान निधि दी जा रही है।

18 दिसम्बर को होगा मुआवजा वितरण समारोह
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 18 दिसम्बर को प्रदेश के हर जिले एवं पंचायत स्तर पर किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा वितरण करने के लिए समारोह आयोजित किए जाएंगे। इन समारोहों में जिला स्तर पर मंत्रीगण तथा पंचायतों पर जनप्रतिनिधिगण सम्मिलित होंगे। इनमें किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी वितरित किए जाएंगे।
किसान कानूनों ने किसान को उनकी मर्जी का मालिक बना दिया है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जो कृषि कानून बनाए हैं, वो किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक हैं। पहले कृषि कानून ने किसानों को उनकी मर्जी का मालिक बना दिया है। अब वे अपनी फसलों को मंडियों में, मंडियों के बाहर, अपने घर से, खेत-खलिहान से अथवा और कहीं भी, जहां उन्हें अच्छा लाभ मिले, बेच सकते हैं। विपक्षी यह भ्रांति फैला रहे हैं कि वर्तमान कृषि उपज मंडियां बंद हो जाएंगी, यह सरासर गलत है। सभी मंडियां पूर्वानुसार चालू रहेंगी। मध्यप्रदेश सरकार ने मंडी टैक्स घटाकर 50 पैसे कर दिया है।
अनुबंध से किसानों को मिलेगी सुरक्षा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दूसरे कृषि कानून में अब किसान किसी भी व्यापारी से फसल बोने के समय ही अनुबंध कर सकता है कि, वह व्यापारी को फसल किस कीमत पर बेचेगा। फसल की कीमत बढ़ जाने पर वह अनुबंध को समाप्त भी कर सकता है। इससे किसानों को दोहरा लाभ है। अनुबंध की गई कीमत की सुरक्षा तो उसे मिलेगी ही, यदि भाव बढ़ जाता है तो वह अनुबंध से बाहर निकलकर अधिक दाम पर अपनी फसल बाजार में बेच पाएगा। कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि अनुबंध करने से उनकी जमीन चली जाएगी, यह सरासर गलत है। किसानों की जमीन किसी ताकत पर किसानों से कोई नहीं ले सकता।
“स्टॉक लिमिट” हटाने से बढ़ेगी फसलों की बिक्री
तीसरे कृषि कानून द्वारा व्यापारियों के लिए “स्टॉक लिमिट” खत्म किए जाने से फसलों की बिक्री बढ़ेगी। व्यापारी जितनी चाहे उपज किसानों से खरीद सकेगा। इससे किसानों को अधिक लाभ होगा। इस प्रकार तीनों किसान कानून किसानों के हित में हैं।
किसानों ने हाथ उठाकर किया कृषि कानूनों का समर्थन
सम्मेलन के अंत में उपस्थित सभी किसानों ने दोनों हाथ उठाकर केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया।
कार्यक्रम में श्री बी.डी. शर्मा आदि ने भी किसानों को संबोधित किया।

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