देशप्रमुख समाचारराज्‍य

मध्यप्रदेश में मसालों के निर्यात में विशेष फोकस,उत्पादन और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन

– मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मसालों के उत्पादन और प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए बुरहानपुर में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला का किया शुभारंभ
30 अप्रैल को बुरहानपुर के हर गाँव में होगा जल महोत्सव

 

एमपीपोस्ट, 13 मार्च 2022 ,भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की विकास दर, करंट प्राइजेस पर देश में सबसे अधिक रही है। यह 19.7 प्रतिशत है। इसमें सबसे अधिक योगदान कृषि का है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी परम्परागत फसलों के साथ अधिक लाभ वाली फसलें लेने के लिए किसानों को निरंतर प्रोत्साहित कर रहे हैं। बुरहानपुर ने मसाला फसलों के उत्पादन में विशेष स्थान बनाया है, यहाँ हल्दी, अदरक, धनिया, प्याज का बड़ी मात्रा में उत्पादन हो रहा है। केला, गन्ना और कपास में भी बुरहानपुर अग्रणी है। फसलों के विविधीकरण से किसान का आर्थिक सशक्तिकरण संभव होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान बुरहानपुर में मसाला फसलों के उत्पादन, प्र-संस्करण और प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को आज निवास कार्यालय से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की गई है। इसमें सिंचाई सुविधाओं के विस्तार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिंचाई का रकबा बढ़ने से उत्पादन बहुत अधिक बढ़ा है। मध्यप्रदेश, गेहूँ के उत्पादन में देश में प्रथम है। बुरहानपुर जिला नगदी फसल लेने वाला जिला माना जाता है। यहाँ फल, फूल और औषधियों की खेती को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मसालों के उत्पादन में देश का विश्व में सदियों से नाम रहा है। दुनिया के कई देश में भारत से मसाले जाते रहे हैं, इसमें दक्षिण के राज्य आगे रहे हैं। अब जिस गति से मध्यप्रदेश में मसालों की खेती हो रही है, उससे निश्चित ही बुरहानपुर सहित प्रदेश भी मसालों के निर्यात में अपना विशेष स्थान बनाएगा। इसके लिए उन्नत तकनीक का उपयोग कर उत्पादन के साथ पैकेजिंग, क्वालिटी कंट्रोल, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान देना आवश्यक है। किसानों के साथ शासकीय एजेंसी और कृषि विशेषज्ञों को परस्पर समन्वय से कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देना समय की आवश्यकता है। खेती में कीटनाशक और फर्टिलाइजर के बढ़ते उपयोग से मानव स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। पशुपालन और खेती को समन्वित कर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा सकता है। पारम्परिक रूप से बनने वाली गोबर की खाद और गौ-मूत्र से बनने वाले कीटनाशक का उपयोग फसलों के लिए सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मसालों की खेती के साथ प्राकृतिक खेती में भी बुरहानपुर अपना विशेष स्थान स्थापित करेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन में हर घर में नल से जल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 30 अप्रैल को बुरहानपुर जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में पानी पंचायत का आयोजन किया जाएगा। जिले के प्रत्येक गाँव में जल महोत्सव भी होगा।

कार्यशाला में सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल, पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस सहित जन-प्रतिनिधि और अधिकारियों ने भाग लिया। बुरहानपुर के प्रभारी एवं पशुपालन एवं डेयरी तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल कार्यशाला में वर्चुअली सम्मिलित हुए। दो दिवसीय कार्यशाला में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर एवं जबलपुर, केन्द्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान भोपाल, प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय पुणे, स्पाइस बोर्ड केरल और भारतीय मसाला अनुसंधान केन्द्र केरल के विशेषज्ञ शामिल हुए।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button