मध्यप्रदेश में कोरोना नियंत्रण के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लिए अनेक त्वरित निर्णय,एम.पी. का अर्थ है ‘मास्क पहनो’
36 हजार बिस्तरों की व्यवस्था, प्रतिदिन 40 हजार टेस्टिंग, जाँचों की दरें तय
कोरोना के विरूद्ध युद्ध में जुड़े 34 हजार से अधिक वॉलेंटियर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वास्थ्य आग्रह के समापन पर मीडिया से की चर्चा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य आग्रह के समापन पर मीडिया से
बातचीत करते हुए बताया की कोरोना संक्रमण के संबंध में जन-जागृति के लिए आरंभ किए गए ‘स्वास्थ्य आग्रह’ अभियान को मिले जन-समर्थन से मैं अभिभूत हूँ। यह युद्ध समाज के सहयोग के बिना नहीं लड़ा जा सकता। राज्य शासन हरसंभव व्यवस्थाएँ कर रहा है, पर समाज का सहयोग आवश्यक है। स्वास्थ्य आग्रह अभियान में सभी राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनों, रहवासी संघों, व्यापार संघों, कर्मचारी संगठनों आदि का सहयोग और समर्थन मिला। कोरोना के विरूद्ध अभियान में जनता को सहभागी बनाने के लिए आरंभ की गई कोरोना वॉलेंटियर योजना में अब तक 34 हजार से अधिक लोगों ने अपना पंजीयन कराया है। प्रदेश की जनता के इस सहयोग से यह स्पष्ट है कि सरकार और समाज साथ-साथ हैं। कोरोना हारेगा और मानवता जीतेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन अंतिम उपाय है। देश-दुनिया सहित मध्यप्रदेश में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राज्य सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है, नियंत्रण के हरसंभव प्रयास जारी है। जिलों के आपदा प्रबंधन समूह स्थानीय परिस्थितियों के संबंध में चौकस हैं। आवश्यकता होने पर स्थिति पर नियंत्रण के लिए अंतिम विकल्प के रूप में लॉकडाउन लगाने या बढ़ाने के संबंध में विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण के साथ टेंडेंसी को बताया महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के विरूद्ध युद्ध के लिए चार टी – टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण का मंत्र दिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसमें एक टी और सम्मिलित करने की आवश्यकता है। वह है टेंडेंसी अर्थात हमें कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना होगा। यह आवश्यक है कि सभी व्यक्ति मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, बार-बार हाथ धोने की आदत बना लें। इन सावधानियों को लगातार अपनाना आवश्यक है। यह भाव विकसित करना होगा कि यदि हम ये सावधानियाँ नहीं अपना रहे हैं तो हम कोई पाप या अपराध कर रहे हैं। ‘मेरी सुरक्षा मेरा कवच’ का भाव सभी व्यक्तियों में होना चाहिए।
एम.पी. का अर्थ है ‘मास्क पहनो’
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को कोरोना के भय और प्रकोप से मुक्त करना है, एम.पी. का अर्थ है ‘मास्क पहनो’। हम मास्क पहन कर ही इस भय और कोरोना के प्रकोप से मुक्त हो पाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान मिंटो हॉल में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास 6 अप्रैल से आरंभ स्वास्थ्य आग्रह के समापन अवसर पर मीडिया प्रतिनिधियों से संवाद कर रहे थे।
कोरोना वॉलेंटियर हर पल करेंगे सहयोग
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण के विरूद्ध अभियान में जुड़े कोरोना वॉलेंटियर्स को चार भागों में बांटा गया है। ये हैं – वैक्सीनेशन स्वयं-सेवक, चिकित्सा सुविधा स्वयं-सेवक, मास्क जागरूकता स्वयं-सेवक और मोहल्ला टोली संगठन स्वयं-सेवक। वैक्सीनेशन स्वयं-सेवक, वैक्सीनेशन सेंटर वालेंटियर, वैक्सीनेशन प्रेरक और वैक्सीनेशन हेल्पर के रूप में सहयोग देंगे। चिकित्सा सुविधा स्वयंसेवक लोगों को चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी देने और चिकित्सा के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने में सहयोग देंगे। मास्क जागरूकता स्वयं-सेवक मास्क वितरण, मास्क लगाने के लिए टोकने और प्रेरित करने तथा बिना मास्क लगाए घूमने वालों को रोकने जैसी गतिविधियाँ संचालित करेंगे। मोहल्ला टोली संगठन स्वयं-सेवक होम क्वारेंटाइन और संस्थागत क्वारेंटाइन में मदद करेंगे। इसके साथ ही वे अपने मोहल्ले, गली, कॉलोनी में कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में दायित्व निभाएंगे।
कोरोना के नि:शुल्क इलाज के लिए उपलब्ध होंगे 15 हजार बिस्तर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम सभी को मिलकर जनता तक ये संदेश पहुँचाना है और स्वयं भी इसका पालन करना है कि ‘मास्क नहीं तो बात नहीं’, ‘मास्क नहीं तो सामान नहीं’ और ‘मास्क नहीं तो आना-जाना नहीं’। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए और प्राप्त सुझावों के आधार पर पिछले 24 घण्टों में सरकार ने कोरोना नियंत्रण के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जो इस प्रकार हैं –
कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या को 24 हजार से बढ़ाकर 36 हजार किया जायेगा।
कोविड मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या को बढ़ाकर 15 हजार किया जायेगा।
प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक संचालित किए जायेंगे।
प्रतिदिन 40 हजार संदिग्ध मरीजों की नि:शुल्क कोरोना टेस्टिंग की जायेगी।
भोपाल में एल.एन. अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित कर उसे कोविड मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए रिजर्व करेंगे।
भोपाल में पीपुल्स हॉस्पिटल में कोविड मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए 300 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं।
आम जनता की सुविधा के लिए सरकार ने निजी अस्पतालों या जाँच केन्द्रों पर विभिन्न प्रकार की जाँचों की अधिकतम दरें तय की गई हैं। आरटीपीसीआर के 700 रुपये, रेपिड एन्टीजन टेस्ट के 300 रुपये, सी.टी. स्केन के 3 हजार रुपये, ए.बी.जी. टेस्ट के 600 रुपये, डी- डाईमर टेस्ट के 500 रुपये, प्रो-कैल्सीटोनिन टेस्ट के एक हजार रुपये, सी.आर.पी. टेस्ट के 200 रुपये, सीरम फैरिटिन टेस्ट के 180 रुपये और आई.एल.- 6 टेस्ट के एक हजार रुपये निर्धारित किए गए हैं। यदि घर से सेंपल लेना हो तो उसके लिए सभी श्रेणियों में 200 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकेगा।
रेमिडीसिवर इंजेक्शन के उपयोग के सम्बन्ध में मानक प्रक्रिया (एसओपी) एवं प्रोटोकॉल निर्धारित किया जाएगा। इससे रेमिडीसिवर के अनावश्यक उपयोग पर लगाम लगेगी और अभाव दूर होगा। शासकीय स्तर पर रेमिडीसिवर इंजेक्शन खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। गरीब तथा मध्यम वर्ग को यह इंजेक्शन नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।
हॉस्पिटल एडमिशन प्रोटोकॉल तैयार कर लागू किया जायेगा। इसका लाभ यह होगा कि हर पात्र मरीज को अस्पताल में दाखिल होने की सुविधा मिलेगी तथा जिन्हें भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है वे घर पर ही आइसोलेट रहकर उपचार कर सकेंगे।
कोविड संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए लोकहित में छत्तीसगढ़ राज्य से आने-जाने वाली यात्री बस वाहनों का परिवहन 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
प्रदेश के जिन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है वहॉं ”किल कोरोना -2” अभियान प्रारंभ किया जायेगा। इसके अंतर्गत घर-घर जाकर सर्वे करते हुए संभावित मरीजों को चिन्हांकित किया जायेगा।
मास्क, ऑक्सीजन, दवाएँ आदि की कालाबाजारी और अनावश्यक मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
होम आइसोलेटेड मरीज घर के बाहर न निकलें और प्रोटोकाल का पालन करें, इसकी सख्त व्यवस्था बनाई जाएगी।
कोरोना वालेंटियर्स को परिचय-पत्र प्रदान किये जाएंगे।
सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता की रियल टाइम जानकारी आम जनता को आसानी से उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी।
आयुषमान भारत योजना के हितग्राहियों का सभी पात्र अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज होगा।
सरकारी अस्पतालों में दवाएँ, चिकित्सा जाँच और स्वास्थ्य अमले की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित होगी।
अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता की लगातार निगरानी की जायेगी।
दस लाख मास्क का जनता में वितरण होगा।
‘स्वास्थ्य आग्रह’ में प्राप्त हुए उपयोगी सुझाव
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि ‘स्वास्थ्य आग्रह’ के दौरान राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनों, रहवासी संघों, व्यापार संघों, कर्मचारी संगठनों, डॉक्टर्स एसोसिएशन, मेडिकल एसोसिएशन आदि से उपयोगी सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें से प्रमुख हैं –
मीडिया में कोरोना से बचाव के लिए सकारात्मक खबरें भी प्रसारित होना चाहिए।
कोरोना संक्रमण से जूझकर जीतने वाले योद्धाओं की कहानियों को प्रसारित किया जाना चाहिए।
कोरोना स्वयं-सेवकों को ऑटो जनरेटेड परिचय-पत्र प्रदान किये जाने चाहिए।
मास्क नहीं पहनने, डिस्टेंसिंग नहीं रखने और कोरोना से बचाव के उपाय नहीं अपनाने पर कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है, इस बारे में जन-जन को जागरूक किया जाना चाहिए।
ग्रामीण अंचलों में मोबाइल वैन द्वारा कोरोना से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार हो।
आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट 24 घंटे में मिल सके, इस संबंध में व्यवस्था बनाई जाए।
दुकानों पर ‘’मास्क नहीं तो-सामान नहीं’’ के स्लोगन लगवाये जाएँ।
साप्ताहिक हाट बाजार को अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार किया जाए।
प्रत्येक जिले में कोविड-मित्र डेस्क की स्थापना की जाए।
निजी चिकित्सालयों को कोविड के रेपिड एंटीजन टेस्ट एवं आरटीपीसीआर की अनुमति प्रदान की जाए।
अत्यंत अल्प लक्षण वाले रोगियों के घर पर उपचार का प्रोटोकाल जारी किया जाए।
प्रायवेट चिकित्सालयों में जाँच, इलाज के लिए रेट लिस्ट अस्पतालों में चस्पा की जाए।
प्रदेश की क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाए।
प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर कोरोना के घर पर किए जा सकने वाले उपचार की कोरोना-किट रखने की व्यवस्था हो।