मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन में आत्म-निर्भरता संबंधी मंत्री समूह ने दिया प्रस्तुतीकरण
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में मध्यप्रदेश जल्दी से जल्दी आत्म-निर्भरता हासिल करे, जिससे कि संकट के समय प्रदेश के अन्य राज्यों से ऑक्सीजन न मंगानी पड़े।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में निर्माणाधीन ऑक्सीजन इकाइयों का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। कार्य गुणवत्तापूर्ण हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के समक्ष आज मंत्रालय में ‘मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन’ में आत्म-निर्भरता संबंधी मंत्री समूह ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया। लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, सहकारिता मंत्री श्री अरविंद सिंह भदौरिया, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ला आदि उपस्थित थे।
उज्जैन एवं ग्वालियर में सिलेण्डर ऑक्सीजन निर्माण इकाइयाँ
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की प्रस्तुति में बताया गया कि उज्जैन एवं ग्वालियर में बड़े सिलेंडर की निर्माण इकाइयाँ लगाई जा रही हैं। पीएसए प्लांट लगाने, एलएमओ प्रोडक्शन एवं स्टोरेज तथा फ्लोमीटर निर्माण इकाइयाँ लगाने का कार्य किया जा रहा है। जिन जिलों में एएसयू नहीं है वहाँ एएसयू लगाए जाने की योजना है।
भोपाल, सागर व इंदौर में ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की प्रस्तुति में बताया गया कि भोपाल, सागर व इंदौर में 200-200 टन के ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाए जाने हैं। एएसयू की क्षमता व गुणवत्ता के ऑडिट एवं मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जा रही है।
34 जिला चिकित्सालयों में 6 के.एल. के एलएमओ प्लांट
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश के 34 जिला चिकित्सालयों में 6 के.एल. क्षमता के लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। साथ ही हर जिला चिकित्सालय में पीएसए होंगे। वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में 11184 ऑक्सीजन सर्पोटेड बैड्स तथा मेडिकल कॉलेजेस में 4193 ऑक्सीजन बैड्स हैं। शासकीय चिकित्सालयों में 2887 ऑक्सीजन बैड्स तथा मेडिकल कॉलेजेस में 866 ऑक्सीजन बैड्स बढ़ाए जा रहे हैं।
निजी चिकित्सालयों में 30% बैड्स पर ऑक्सीजन पाइन लाइन अनिवार्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के निजी चिकित्सालयों में 30% बेड्स पर ऑक्सीजन पाइप लाइन अनिवार्य होगी। दूरस्थ क्षेत्रों के लिए ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर्स की व्यवस्था रहेगी। ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर्स का निरंतर रख-रखाव किया जाए। बताया गया कि प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में 6019 बड़े ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर्स हैं। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा 5 व 10 लीटर के 5970 कंसेन्ट्रेटर्स भिजवाए गए हैं। कंसेन्ट्रेटर्स प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं हैल्थ एण्ड वैलनेस सेंटर्स को भिजवाए जाएंगे।
मेडिकल कॉलेजों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन क्षमता बढ़ेगी
चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रस्तुति में बताया गया कि जबलपुर, ग्वालियर, शहडोल एवं रतलाम मेडिकल कॉलेजों में एलएमओ की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
क्रायोजेनिक टैंकर किराए पर लिए जाएंगे
परिवहन विभाग की प्रस्तुति में बताया गया कि प्रदेश में लगभग 20 क्रायोजेनिक टैंकर्स किराए पर लेने की योजना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस पर कार्य करने के निर्देश दिए।
ऑक्सीजन संयंत्रों एवं कंसेन्ट्रेटर्स की मरम्मत का प्रशिक्षण
तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग की प्रस्तुति में बताया गया कि विभाग द्वारा ऑक्सीजन संयंत्रों के संचालन, मरम्मत और रख-रखाव के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। प्रथम बैच में 57 व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया गया है। आगामी बैच में 502 को प्रशिक्षण दिया जाएगा।